नदियों की वांछनीय ता क्या है - nadiyon kee vaanchhaneey ta kya hai

नदियों का अन्ग्रेजी में अर्थ

नदियों (Nadiyon) = rivers

Nadiyon के पर्यायवाची: नदियों, सरिताओं,

नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है जिसका स्रोत प्रायः कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा किसी सागर अथवा झील में गिरती है। नदी शब्द संस्कृत के नद्यः से आया है। संस्कृत में ही इसे सरिता भी कहते हैं। नदी दो प्रकार की होती है- सदानीरा या बरसाती। सदानीरा नदियों का स्रोत झील, झरना अथवा हिमनद होता है और वर्ष भर जलपूर्ण रहती हैं, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती हैं। गंगा, यमुना, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, अमेज़न, नील आदि सदानीरा नदियाँ हैं। नदी के साथ मनुष्य का गहरा सम्बंध है। नदियों से केवल फसल ही नहीं उपजाई जाती है बल्कि वे सभ्यता को जन्म देती हैं अपितु उसका लालन-पालन भी करती हैं। इसलिए मनुष्य हमेशा नदी को देवी के रूप में देखता आया है।
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।

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नदियों का पर्यायवाची, synonym of Nadiyon in Hindi

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हिन्दी शब्दकोश से वांछनीयता शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

१. संज्ञा / अवस्था

अर्थ : आवश्यक होने की अवस्था या भाव।

उदाहरण : इस पद के लिए आवश्यकता से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हुए।
इस काम को करने के लिए मुझे तुम्हारी आवश्यकता नहीं है।

पर्यायवाची : अपेक्षा, आवश्यकता, काम, गरज, ग़रज़, जरूरत, ज़रूरत, दरकार

Required activity.

The requirements of his work affected his health.
There were many demands on his time.
demand, requirement

चौपाल

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[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी ‘बंगाल का शोक’ के नाम से जानी जाती थी?
(क) गंडक
(ख) कोसी
(ग) सोन
(घ) दामोदर
उत्तर- (घ) दामोदर

(ii) निम्नलिखित में से किस नदी की द्रोणी भारत में सबसे बड़ी है?
(क) सिंधु
(ख) ब्रह्मपुत्र
(ग) गंगा
(घ) कृष्णा
उत्तर- (ग) गंगा

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी पंचनद में शामिल नहीं है?
(क) रावी
(ख) सिंधु
(ग) चेनाब
(घ) झेलम
उत्तर- (ख) सिंधु

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी में बहती है?
(क) सोन।
(ख) यमुना
(ग) नर्मदा
(घ) लूनी
उत्तर- (ग) नर्मदा

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा अलकनंदा व भागीरथी का संगम स्थल है?
(क) विष्णु प्रयाग
(ख) रूद्र प्रयाग
(ग) कर्ण प्रयाग
(घ) देव प्रयाग
उत्तर- (घ) देव प्रयाग

प्र० 2. निम्न में अंतर स्पष्ट करें।
(i) नदी द्रोणी और जल संभर
उत्तर- नदी द्रोणी और जल संभर में अंतर-

नदियों की वांछनीय ता क्या है - nadiyon kee vaanchhaneey ta kya hai

(ii) वृक्षाकार और जालीनुमा अपवाह प्रतिरूप।
उत्तर- वृक्षाकार और जालीनुमा अपवाह प्रतिरूप में अंतर-

नदियों की वांछनीय ता क्या है - nadiyon kee vaanchhaneey ta kya hai

(iii) अपकेंद्रीय और अभिकेंद्रीय अपवाह प्रतिरूप।
उत्तर- अपकेंद्रीय और अभिकेंद्रीय अपवाह प्रारूप में अंतर-

नदियों की वांछनीय ता क्या है - nadiyon kee vaanchhaneey ta kya hai

(iv) डेल्टा और ज्वारनदमुख।
उत्तर-

नदियों की वांछनीय ता क्या है - nadiyon kee vaanchhaneey ta kya hai

नदियों की वांछनीय ता क्या है - nadiyon kee vaanchhaneey ta kya hai

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
(i) भारत में नदियों को आपस में जोड़ने के सामाजिक-आर्थिक लाभ क्या हैं?
उत्तर- भारत की नदियाँ दो प्रकार की हैं। एक प्रकार की नदी जिसमें सालों भर पानी रहता है और दूसरे प्रकार की नदी जिसमें सालों भर पानी नहीं रहता है। भारत की नदियाँ प्रतिवर्ष जल की विशाल मात्रा वहन करती हैं लेकिन समय व स्थान की दृष्टि से इसका वितरण समान नहीं है। वर्षा ऋतु में अधिकांश जल बाढ़ में व्यर्थ हो जाता है और समुद्र में बह जाता है। इसी प्रकार जब देश के एक भाग में बाढ़ होती है तो दूसरा भाग सूखाग्रस्त होता है। यदि हम नदियों को आपस में जोड़ दें तो बाढ़ और सूखे की समस्या भी हल हो जाएगी। पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध होने के कारण पीने के पानी की समस्या भी हल हो जाएगी हजारों, करोड़ों रुपयों की बचत होगी और पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी तथा किसानों की आर्थिक हालत सुधरेगी।

(ii) प्रायद्वीपीय नदी के तीन लक्षण लिखें।
उत्तर- प्रायद्वीपीय नदी के निम्नलिखित तीन लक्षण हैं
(i) प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ समतल भागों से होकर नहीं बहती हैं, इसलिए इनसे नहरें नहीं निकाली जातीं।
(ii) प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में सालों भर पानी नहीं रहता।
(iii) प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ टेढ़ी-मेढ़ी नहीं बहती अर्थात विसर्प नहीं बनातीं।

प्र० 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125 शब्दों से अधिक में न दें:
(i) उत्तर भारतीय नदियों की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ क्या हैं? ये प्रायद्वीपीय नदियों से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर- भारत की अधिकांश नदियाँ हिमालय से निकलती हैं। इसलिए अधिकांशतः नदियों में सालों भर पानी रहता है। कुछ नदियाँ पठारी भागों से निकलती हैं जो गर्मी के दिनों में सूख जाती हैं। उत्तर भारत की नदियाँ अधिकांशतः मैदानी भागों में बहती । हैं, जिसके कारण इन नदियों से नहरें निकाली जा सकती हैं। उत्तर भारत की अधिकांशतः नदियाँ गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ हैं। सिंधु नदी अरब सागर में और गंगा तथा ब्रह्मपुत्र बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
दक्षिण भारत की नदियाँ उत्तर भारत की नदियों से भिन्न हैं। दक्षिण भारत की नदियों में सालों भर पानी नहीं रहता और न ही ये नदियाँ समतल भागों में बहती हैं। इसलिए इन नदियों में न नावें चलाई जा सकती हैं, और न ही नहरें निकाली जा सकती हैं। जबकि उत्तर भारत की नदियों की स्थिति ठीक इसके विपरीत है।

(ii) मान लीजिए आप हिमालय के गिरिपद के साथ-साथ हरिद्वार से सिलीगुड़ी तक यात्रा कर रहे हैं, इस मार्ग में आने वाली मुख्य नदियों के नाम बताएँ। इनमें से किसी एक नदी की विशेषताओं का भी वर्णन करें।
उत्तर- हिमालय के गिरिपद के साथ-साथ हरिद्वार से सिलीगुड़ी तक यात्रा करने पर इस मार्ग में आने वाली मुख्य नदियाँ टोंस, गोमती, सरयू, रामगंगा, शारदा, गंडक, बुढ़ी गंडक, कमला, बागमती, कोसी, गंगा आदि प्रमुख हैं। उत्तरांचल के उत्तरकाशी जिले में 3900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित गंगोत्री हिमनद गंगा का उद्गम स्रोत है। यहाँ इसे भागीरथी कहते हैं। गंगा ने मध्य हिमालय और लघु हिमालय को काटकर सँकरे महाखड्डू बनाए हैं। देवप्रयाग में भागीरथी, अलकनंदा से मिलती हैं। यहीं से दोनों की संयुक्त धारा का नाम गंगा हो जाता है। हरिद्वार के निकट गंगा मैदान में प्रवेश करती है। यहाँ से पहले यह दक्षिण दिशा में तथा पुनः दक्षिण-पूर्व और पूर्व दिशा में बहती हैं और आगे चलकर भागीरथी और हुगली नाम की दो वितरिकाओं में बँट जाती है। गंगा की कुल लम्बाई 2525 कि.मी. है। उत्तरांचल और उत्तर प्रदेश में 1560 कि.मी., बिहार में 445 कि.मी. तथा पश्चिम बंगाल में 520 कि.मी. की दूरी में गंगा बहती है। गंगा द्रोही केवल भारत में लगभग 8.6 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है।

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नदियों की वांछनीयता क्या है?

नदियों की वांछनीयता बेहद विस्तृत है। नदियां जीवनदायिनी हैं। नदियों के तटों पर अनेक संस्कृतियां फली-फूली हैं। विश्व जितने भी सांस्कृतिक एवं उन्नत नगर रहे हैं वह नदियों के किनारे ही विकसित हुए हैं।

नदी की तीन अवस्थाएं कौन कौन से हैं?

नदी अपने जीवन काल में युवा अवस्था (Youth stage), प्रौढ़ अवस्था (Mature stage) तथा वृद्धावस्था (Old stage) से गुजरती है। इन अवस्थाओं का सम्बन्ध उसके कछार के ढाल से होता है। अपनी युवावस्था तथा प्रौढ़ावस्था में नदी अपने कछार में भूआकृतियों (Land forms) का निर्माण करती है। उनका परिमार्जन (Modify) करती है।

नदियों की विशेषता क्या है?

नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का उत्तम स्त्रोत होती हैं। नदियां न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलू एवं उद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है। बड़ी नदियों का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है।

नदी का निर्माण कैसे होता है?

नदियों का जन्म कैसे होता है? - Quora. प्रकृति द्वारा विकसित एवं लगातार परिमार्जित मार्ग पर बहते पानी की अविरल धारा ही नदी है। बरसात उसे जन्म देती है। वह सामान्यतः ग्लेशियर, पहाड़ अथवा झरने से निकलकर सागर अथवा झील में समा जाती है।