निम्नलिखित में से कौन एक प्रकार की ज्वारीय ऊर्जा है? - nimnalikhit mein se kaun ek prakaar kee jvaareey oorja hai?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

प्रश्न 1. तीन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कौन सी फसल उगाई जाती है?

उत्तर: काली मृदा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पाई जाती है। काली मृदा पर मुख्य रूप से कपास की खेती होती है।

प्रश्न 2. पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर: पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है। इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ हैं:

  • इस मृदा में रेत, सिल्ट और मृत्तिका के विभिन्न अनुपात पाये जाते हैं।
  • इस मृदा में पानी को रोकने की अच्छी क्षमता होती है।
  • यह मृदा धान की खेती के लिये बहुत उपयुक्त होती है।

प्रश्न 3. पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?

उत्तर: पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिये ये उपाय किये जा सकते हैं:

  • समोच्च जुताई
  • सीढ़ीनुमा खेत

प्रश्न 4. जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दें।

उत्तर: जैव संसाधन: जो संसाधन जैव मंडल से मिलते हैं उन्हें जैव संसाधन कहते हैं। उदाहरण: मनुष्य, वनस्पति, मछलियाँ, प्राणिजात, पशुधन, आदि।

अजैव संसाधन: जो संसाधन निर्जीव पदार्थों से मिलते हैं उन्हें अजैव संसाधन कहते हैं। उदाहरण: मिट्टी, हवा, पानी, धातु, पत्थर, आदि।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए:

प्रश्न 1. भारत में भूमि उपयोग के प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960 – 61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है?

उत्तर: भारत में भू उपयोग का प्रारूप:

स्थाई चारागाहों के अंतर्गत भूमि कम हो रही है, जिससे पशुओं के चरने के लिये जगह कम पड़ रही है। यदि परती भूमि और अन्य भूमि को भी शामिल कर लें तो भी शुद्ध बोये गये क्षेत्र का हिस्सा 54% से अधिक नहीं है।

किसी राज्य की भौगोलिक संरचना के आधार पर शुद्ध बोये जाने वाले क्षेत्र का प्रारूप एक राज्य से दूसरे राज्य में बदल जाता है। पंजाब की भूमि समतल होने के कारण यहाँ 80% क्षेत्र शुद्ध बोये जाने वाले क्षेत्र के अंतर्गत आता है। लेकिन अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और अंदमान निकोबार द्वीप समूह की भूमि समतल नहीं होने के कारण इन क्षेत्रों में 10% क्षेत्र ही शुद्ध बोये जाने वाले क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

गैर कानूनी ढ़ंग से जंगल की कटाई और निर्माण कार्य में तेजी आने से ऐसा हो रहा है। जंगल के आसपास एक बड़ी आबादी रहती है जो वन संपदा पर निर्भर करती है। इन कारणों से वनों में ह्रास हो रहा है।

प्रश्न 2. प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग कैसे हुआ है?

उत्तर: प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के कारण भारत के लोगों की आमदनी बढ़ी है, जिससे हर चीज की मांग भी बढ़ी है। उत्पादों की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए और भी अधिक संसाधनों की जरूरत पड़ती है। इससे संसाधनों का उपभोग बढ़ा है।


निम्नलिखित में से कौन सी ज्वारीय ऊर्जा एक प्रकार की है?

इसे सुनेंरोकेंज्वारीय ऊर्जा एक अक्षय ऊर्जा है जो समुद्र के ज्वार और धाराओं के प्राकृतिक उत्थान और पतन द्वारा संचालित होती है। इनमें से कुछ तकनीकों में टर्बाइन और पैडल शामिल हैं। ज्वार-भाटा के बढ़ने और गिरने के दौरान समुद्र के पानी के उभार से ज्वारीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। ज्वारीय ऊर्जा ऊर्जा का अक्षय स्रोत है।

ज्वारभाटे से प्राप्त उर्जा को क्या कहते हैं *?

इसे सुनेंरोकेंज्वारीय शक्ति या ज्वारीय ऊर्जा जल विद्युत का एक रूप है जो ज्वार से प्राप्त ऊर्जा को मुख्य रूप से बिजली के उपयोगी रूपों में परिवर्तित करती है। समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा की उर्जा को उपयुक्त टर्बाइन लगाकर विद्युत शक्ति में बदल दिया जाता है।

पुनः पूर्ति योग्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसारे खनिज पदार्थ, जल संसाधन, वन, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकृत या पुनः वन्य जीवन, राजनीतिक सीमाओं के अंदर सारी भूमि उत्पन्न किया जा सकता है, उन्हें नवीकरण योग्य अथवा और 12 समद्री मील (22.2 किमी.) तक महासागरीय पुनः पूर्ति योग्य संसाधन कहा जाता है।

विश्व का पहला ज्वारीय ऊर्जा स्टेशन कहाँ बनाया गया?

इसे सुनेंरोकेंदुनिया का पहला ज्वारीय बिजली संयंत्र (240,000 किलोवाट) फ्रांस में रेंस नदी (13.5 मीटर के ज्वारीय अंतर) के मुंह पर 1 9 66 में बनाया गया था। जापान में दस मीटर से अधिक की ज्वारीय अंतर के साथ कोई जगह नहीं है, अनियोजित। ज्वारीय बिजली उत्पादन भी।

समुद्र से हम कौन सी तीन ऊर्जा उत्पन्न करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसागर के अन्य मानव उपयोगों में व्यापार, यात्रा, खनिज दोहन, बिजली उत्पादन और नौसैनिक युद्ध शामिल हैं, वहीं आनंद के लिए की गयी गतिविधियों जैसे कि तैराकी, नौकायन और स्कूबा डाइविंग के लिए भी सागर एक आधार प्रदान करता है। इन गतिविधियों मे से कई गतिविधियां सागरीय प्रदूषण का कारण बनती हैं।

निम्नलिखित में से कौन सा प्राकृतिक संसाधन नहीं है?

Step by step video solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts & scoring excellent marks in Class 10 exams….निम्नलिखित में से कौन-सा प्राकृतिक संसाधन नहीं है?

Questionनिम्नलिखित में से कौन-सा प्राकृतिक संसाधन नहीं है?
Subject Biology (more Questions)
Class 10th
Type of Answer Video

निम्न में से कौन ज्वारीय ऊर्जा का प्रकार है?

ज्वारीय शक्ति या ज्वारीय ऊर्जा जल विद्युत का एक रूप है जो ज्वार से प्राप्त ऊर्जा को मुख्य रूप से बिजली के उपयोगी रूपों में परिवर्तित करती है। समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा की उर्जा को उपयुक्त टर्बाइन लगाकर विद्युत शक्ति में बदल दिया जाता है।

ज्वारीय तरंग ऊर्जा क्या है?

ज्वारीय ऊर्जा (Tidal Energy) इस परिघटना को ज्वार-भाटा कहते हैं। ज्वार-भाटे में जल के स्तर के चढ़ने तथा गिरने से ज्वारीय ऊर्जा प्राप्त होती हैज्वारीय ऊर्जा का दोहन सागर के किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध का निर्माण करके किया जाता है। बाँध के द्वार पर स्थापित टरबाइन ज्वारीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित कर देती है

ज्वारीय भित्ति कहाँ उत्पन्न होती है?

ज्वार-भित्ति (Tidal Bore) - महासागरीय ज्वारीय लहरों के प्रभाव से नदियों के जल के एक दीवार के रूप में ऊपर उठ जाने पर ज्वारीय भित्ति का निर्माण होता है। भारत की हुगली नदी में ज्वारीय भित्ति का निर्माण सामान्यतया होता रहता है।

ज्वारीय ऊर्जा की सीमाएं क्या है?

Solution : ज्वार-भाटा/ज्वारीय ऊर्जा के दोहन की सीमाएँ - <br> (i) समुद्र के मुहाने पर ऐसे स्थान बहुत कम हैं जहाँ पर बाँध बनाए जा सकें। <br> (ii) ज्वारीय ऊर्जा का दोहन समुद्र में न्यून व उच्च ज्वार के बीच के स्तर पर निर्भर करता है जो कभी-कभी इतना अधिक भी नहीं होता कि जिससे विद्युत का उत्पादन किया जा सके।