उस वक्र का नाम क्या है जो आर्थिक समस्या दर्शाता है? - us vakr ka naam kya hai jo aarthik samasya darshaata hai?

प्रश्न 1.आर्थिक क्रियाओं के अध्ययन के सन्दर्भ में अर्थशास्त्र को दो शाखाओं-व्यष्टि और समष्टि में किस अर्थशास्त्री ने विभाजित किया ?

(A) मार्शल

(B) रिकार्डो

(C) रैगनर फ्रिश

(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर( D) इनमें से कोई नहीं 

प्रश्न 2.व्यष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत निम्न में से किसका अध्ययन किया जाता हैं ? 

(A) व्यक्तिगत इकाई

(B) आर्थिक समग्र

(C) राष्ट्रीय आय

(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (D) इनमें से कोई नहीं. 

प्रश्न 3. निम्न में से कौन-सी आर्थिक क्रियाएँ अर्थशास्त्र की अध्ययन सामग्री के अन्तर्गत सम्मिलित की जाती हैं ?

(A) असीमित आवश्यकताओं से जुड़ी आर्थिक क्रियाएँ

(B) सीमित साधनों से जुड़ी आर्थिक क्रियाएँ

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (C) (A) और (B) दोनों 

प्रश्न 4. निम्न में से किन आधार स्तम्भ पर आर्थिक समस्याओं का ढाँचा खड़ा है ?

(A) असीमित आवश्यकताओं

(B) सीमित साधन

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (C) (A) और (B) दोनों  

प्रश्न 5.  माइक्रोज' जिसका अर्थ छोटा होता है, निम्न में से कौन-सा शब्द है

(A) अरवी

(B) ग्रीक

(C) जर्मन

(D) अंग्रेजी

उत्तर (B) ग्रीक. 

प्रश्न 6. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है ?

(A) मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त होती हैं 

(B) साधन सीमित होते हैं

(C) दुर्लभता की समस्या चयन को जन्म देती है

(D) उपर्युक्त सभी

उत्तर (C) दुर्लभता की समस्या चयन को जन्म देती है. 

प्रश्न 7. साधन की प्रमुख विशेषताएँ कौन-सी हैं ? 

(A) यह मानव आवश्यकताओं की तुलना में सीमित हैं

(B) इनका वैकल्पिक प्रयोग सम्भव है

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (C) (A) और (B) दोनों. 

प्रश्न 8. अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या कौन-सी है ?

(A) साधनों का आवण्टन 

(B) साधनों का कुशलतम उपयोग

(C) आर्थिक विकास

(D) इनमें से सभी

उत्तर (D) इनमें से सभी. 

प्रश्न 9. आर्थिक क्रियाओं के निम्न में से कौन-से प्रकार हैं ?

(A) उत्पादन

(B) उपयोग

(C) विनिमय व निवेश

(D) इनमें से सभी

उत्तर (D) इनमें से सभी. 

प्रश्न 10. आर्थिक समस्या मूलतः किस तथ्य की समस्या है ?

(A) चुनाव की

(B) उपभोक्ता चयन की

(C) फर्म चयन की

प्रश्न 11. अर्थव्यवस्था को वर्गीकृत किया जा सकता है:

(A) पूँजीवादी के रूप में

(B) समाजवादी के रूप में

(C) मिश्रित के रूम में 

(D) इनमें से सभी

उत्तर (D) इनमें से सभी. 

प्रश्न 12. निम्न में से किस अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र का सह-अस्तित्व होता है ?

आर्थिक समस्या का कथन है कि किसी भी अर्थव्यवस्था के सीमित संसाधन मानव की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते। इसका मानना है कि मानव की आवश्यकताएँ असीमीत हैं, जबकि उनको पूरा करने के साधन कम होते हैं। 'आर्थिक समस्या' को ही 'मूलभूत आर्थिक समस्या' भी कहते हैं।

इसके कारण तीन प्रश्न उठते हैं-

  • (१) क्या पैदा किया जाय?
  • (२) कैसे पैदा किया जाय?
  • (३) किसके लिए पैदा किया जाय?

अर्थशास्त्र में माँग (demand) किसी माल या सेवा की वह मात्रा होती है जिसे उस माल या सेवा के उपभोक्ता भिन्न कीमतों पर खरीदने को तैयार हों। आमतौर पर अगर कीमत अधिक हो तो वह माल/सेवा कम मात्रा में खरीदी जाती है और यदि कीमत कम हो तो अधिक मात्रा में। इसलिए अक्सर किसी क्षेत्र के बाज़ार में किसी माल/सेवा की माँग को उसके माँग वक्र (demand curve) के रूप में दर्शाया जाता है।[1][2][3]

किसी शहर के बाज़ार में कई सब्ज़ियाँ बिकती है। कई उत्पादक भिन्न प्रकार की सब्ज़ियाँ बेचने और कई उपभोक्ता सब्ज़ियाँ खरीदने आते हैं। बिकने वाली सब्ज़ियों में से एक गोभी है। देखा गया है कि -

  • अगर गोभी की कीमत 5 ₹/किलो है, तो प्रतिदिन लगभग 100 किलो गोभी बिक जाती है।
  • अगर गोभी की कीमत घटकर 4 ₹/किलो हो जाए, तो बाज़ार में और भी ग्राहक गोभी खरीदने के इच्छुक हो जाते हैं और प्रतिदिन लगभग 200 किलो गोभी बिक जाती है।
  • अगर गोभी की कीमत और भी घटकर 3 ₹/किलो हो जाए, जो प्रतिदिन 300 किलो गोभी बिकने लगती है।
  • अगर गोभी की कीमत 2 ₹/किलो हो जाए, जो प्रतिदिन 400 किलो गोभी बिकती है।
  • अगर गोभी की कीमत 1 ₹/किलो हो जाए, जो प्रतिदिन 500 किलो गोभी बिकती है।

इन तथ्यों के आधार पर इस बाज़ार में गोभी की माँग का एक वक्र (ग्राफ) बनाया जा सकता है, जो चित्र 1 में दर्शाया गया है। इस चित्र में लम्ब अक्ष (P) पर ₹/किलो में कीमत है, और क्षितिज अक्ष (Q) पर गोभी बिकने की किलो में मात्रा है। इसी तरह अर्थव्यवस्था में हर माल या सेवा का एक माँग वक्र बनाया जा सकता है।

एक सब्ज़ी बाज़ार। किसी भी सब्ज़ी के लिए अधिक कीमत पर उपभोक्ता कम खरीदता है और कम कीमत पर अधिक।

माँग वक्र केवल एक उपभोक्ता के लिए भी देखा जा सकता है और यह उपयोगिता (utility) पर आधारित है, यानि वह संतुष्टि जो किसी उपभोक्ता को किसी माल या सेवा के उपभोग से मिलती है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति को भूख लगी हो, तो उसे रोटियाँ खाने से संतुष्टि मिलती है। उसके द्वारा खाई जाने वाली प्रथम रोटी उसे बहुत संतुष्टि देती है, दूसरी रोटी उस से ज़रा कम संतुष्टि देती है, और तीसरी उस से भी कम। यह चीज़ किसी भी माल या सेवा की खपत में दिखती है। यदि पेट्रोल महंगा जो तो उपभोक्ता उसका प्रयोग बचकर करता है। वही जब थोड़ा-सा सस्ता हो जाए, तो उसका प्रयोग अधिक खुलकर करता है। अगर पेट्रोल बिलकुल मुफ्त कर दिया जाए, तो उसकी खपत पर उपभोक्ता कोई भी अंकुश नहीं लगाता। यह तथ्य ह्रासमान प्रतिफल के सिद्धांत (law of diminishing returns) के नाम से जाना जाता है - किसी भी माल या सेवा की उपयोगिता उसकी बढ़ती मात्रा में खपत से घटती जाती है। यही घटती उपयोगिता उस उपभोक्ता द्वारा कीमत देने की सम्मति में दिखती है। अधिक कीमत पर उपभोक्ता कम खरीदता है और कम कीमत पर अधिक।

माँग में विशेष परिस्थितियाँ[संपादित करें]

माँग का सिद्धांत सार्वभौम नहीं है। निम्नांकित चार अवस्थाओं में वस्तुओं का मूल्य बढ़ जाने पर भी वस्तुओं की माँग में वृद्धि होती है :

  • (क) भविष्य में वस्तु का पूर्ति में कमी होने की संभावना की स्थिति में,
  • (ख) शान-शौकत के प्रदर्शन के लिये,
  • (ग) जीवनयापन के लिये वस्तु की अनिवार्यता के कारण तथा
  • (घ) अज्ञानता के कारण।

माँग निम्नांकित तत्वों से प्रभावित होती है --

  • (१) आय में परिवर्तन,
  • (२) जनसंख्या में परिवर्तन
  • (३) द्रव्य की मात्रा में परिवर्तन,
  • (४) धन के वितरण में परिवर्तन,
  • (५) व्यापार की स्थिति में परिवर्तन,
  • (६) अन्य प्रतिस्पर्द्धी वस्तुओं के मूल्यों में परिवर्तन
  • (७) रुचि तथा फैशन में परिवर्तन और
  • (८) ऋतुपरिवर्तन।

मूल्यपरिवर्तन के कारण होने वाली माँग की मात्रा में परिवर्तन उपभोक्ता की आय, वस्तु के मूल्यस्तर, आय के अंश का संबंद्ध वस्तुश पर विनियोजन, वस्तु के प्रयोगों की मात्रा, स्थानापन्न वस्तुओं की उपलब्धि, वस्तु के उपभोग की स्थगन शक्ति, समाज में संपत्ति के वितरण, समाज के आर्थिक स्तर, संयुक्त माँग (Joint Demand) की स्थिति तथा समय के प्रभाव पर निर्भर करती है। माँग की लोच का अध्ययन उत्पादकों, राजस्व विभाग, एकाधिकारी उत्पादकों तथा संयुक्त उत्पादन (Joint Production) के लिये विशेष महत्वपूर्ण है। माँग की लोच निकालने का प्रो॰ फ्लक्स का निम्नलिखित सिद्धांत विशेष व्यवहृत होता है:

माँग की लोच = माँग में प्रतिशत वृद्धि /मूल्य में प्रतिशत वृद्धि

किसी वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप उस वस्तु की माँगी गई मात्रा में होने वाले परिवर्तन की माप को ही माँग की लोच कहा जाता है।

कौन सा वक्र आर्थिक समस्या दर्शाता है?

उत्तर- उत्पादन सम्भावना वक्र की मान्यताएँ निम्नलिखित हैं : (i) उत्पादन के साधनों की स्थिर मात्रा - उत्पादन के साधनों की मात्रा स्थिर है परन्तु सीमित मात्रा में उन्हें एक प्रयोग से दूसरे प्रयोग में हस्तान्तरित किया जा सकता है।

प्रमुख आर्थिक समस्या क्या है?

आर्थिक समस्या का कथन है कि किसी भी अर्थव्यवस्था के सीमित संसाधन मानव की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते। इसका मानना है कि मानव की आवश्यकताएँ असीमीत हैं, जबकि उनको पूरा करने के साधन कम होते हैं। 'आर्थिक समस्या' को ही 'मूलभूत आर्थिक समस्या' भी कहते हैं।

आर्थिक समस्या का मुख्य कारण क्या है?

आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के तीन मुख्य कारण हैं असीमित मानवीय आवश्यकता, सीमित साधन और संसाधनों के चुनाव की समस्या| अलग-अलग आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सीमित संसाधनों का होना और उनमे चयन करने की समस्या को ही आर्थिक समस्या कहते हैं

आर्थिक समस्याओं से आप क्या समझते हैं आर्थिक समस्याओं की प्रकृति और कारणों की व्याख्या कीजिए?

यह ध्यान रखना चाहिए कि आर्थिक समस्या केवल वर्तमान साधनों के वितरण की समस्या ही नहीं वरन् भविष्य में उनके विकास की समस्या (Problem of Growth and Distribution of Resources) भी है। अतएव आर्थिक समस्या वह समस्या है जिसका सम्बन्ध वर्तमान साधनों के उचित बंटवारे तथा भविष्य के साधनों की वृद्धि और उनके वितरण से है।