आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के अंतर्गत मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) के बारे में विस्तार से पढेंगे ,इनसे जुड़े परीक्षोपयोगी तथ्य जानेंगे। Show
मैथिलीशरण गुप्त जी का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी के चिरगांव में 3 अगस्त 1886 ई. को एक वैश्य परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सेठ रामचरण निष्ठावान् और माता का नाम श्रीमती काशीबाई था। इनको राम भक्ति व काव्य की प्रतिभा विरासत मे अपने पिताजी से मिली। क्योकि इनके पिताजी रामभक्त थे। मैथिली शरण जी अपनी रचनाएँ अपने पिताजी को लिखकर दिखाया करते थे तो पिताजी इनके छंद को पढ़कर आशीर्वाद दिया कि बेटा तू आगे चलकर इससे भी बहुत अच्छी रचनाएँ लिखेगा। उनकी काव्य प्रतिभा के कारण आगे चलकर मैथिलीशरण गुप्त जी का नाम साहित्य जगत् में दद्दा पड़ा। बचपन में उन्हें स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था तो इनके पिताजी ने घर पर ही पढाई की व्यवस्था कर दी। बाल्यावस्था में इन्होने इंग्लिश ,संस्कृत और बंगाली का अभ्यास किया था। इनके सलाहकार उस समय महावीर प्रसाद द्विवेदी थे ।
मैथिलीशरण गुप्त
प्रमुख रचनाएँ- इनके द्वारा रचित मौलिक काव्य ग्रंथों की संख्या लगभग चालीस मानी जाती है, जिनमें से मुख्य रचनाएँ हैं-
मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt in Hindi)नोटः-1. विषयवस्तु की दृष्टि से गुप्त की इन रचनाओं को निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है- (छ) ’महाभारत’ के पात्रों/प्रसंगों/उपाख्यानों पर आश्रित काव्य- जयद्रथ वध, वक-संहार, वन-वैभव, नहुष, हिडिम्बा, शकुन्तला, तिलोत्तमा,
जय-भारत 2. रचनाशैली की दृष्टि से इनकी रचनाओं को निम्न श्रेण्यिों में विभक्त किया जा सकता है-
मैथिलीशरण गुप्त3. गुप्तजी द्वारा रचित खण्डकाव्यों की कुल संख्या उन्नीस (19) मानी जाती है। महाकाव्य दो है। 8. ’विकटभट’ रचना में
जोधपुर के एक सरदार की तीन पीढ़ियों द्वारा वचन निभाने का वर्णन किया गया है। 16. ’किसान’- भारतीय किसानों की करुण गाथा पर आधारित ’खंडकाव्य’ है। मैथिलीशरण गुप्त26. ’कुणालगीत’- कुणाल के व्यक्तित्व पर आधारित खंडकाव्य, गेयता की दृष्टि से उत्कृष्ट है। ’साकेत’ के संबंध में महत्त्वपूर्ण तथ्य
विशेष(मैथिलीशरण गुप्त)1. यह तुलसी के ’रामचरितमानस’ के बाद हिन्दी का दूसरा बङा रामकाव्य माना जाता है। 3. आचार्य नंद दुलारे वाजपेयी के
अनुसार, ’’ साकेत महाकाव्य ही नहीं आधुनिक हिन्दी का युग प्रवर्तक महाकाव्य है।’’
मैथिलीशरण गुप्त
गुप्तजी द्वारा रचित कुछ प्रमुख पद-’यशोधरा’ से महत्त्वपूर्ण पंक्तियाँ-1. ’’अबला जीवन हाय! तुम्हारी यही कहानी ’पंचवटी’ से महत्त्वपूर्ण पंक्तियाँ-3. चारु चन्द्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में। ’भारत-भारती’ से महत्वपूर्ण पंक्तियाँ-1. भू-लोक का गौरव प्रकृति का पुण्य लीला-स्थल कहाँ ? साकेत से महत्त्वपूर्ण पंक्तियाँ-1. नीलाम्बर परिधान हरित पट पर सुन्दर है, 2. सखि, नील नभस्सर से उतरा, यह हंस अहा! तरता-तरता। 3. राम, तुम मानव हो ? ईश्वर नहीं हो क्या ? 4. भव में नव वैभव व्याप्त कराने आया, नर को ईश्वरता प्राप्त कराने आया। संदेश यहाँ मैं नहीं स्वर्ग का लाया, इस भूतल को ही स्वर्ग बनाने आया।। 5. पहले आँखों में थे, मानस में कूद मगन प्रिय अब थे। 6. घटना हो चाहे घटा, उठ नीचे से नित्य। मैथिलीशरण गुप्त7. वेदने! तू भी भली बनी। 8. हा! मेरे कुंजों का कूजन रोकर, निराश होकर सोया। 9. मेरे चपल यौवन-बाल! 10. सखि, निरख नदी की धारा 11. आ मेे मानस के हास। खिलस सहस्त्रदल, सरस सुवास।। 12. सजनि, रोता है मेरा गान। 13. बस इसी प्रिय-काननकुंज में, मिलन भाषण के स्मृतिपुंज में- विशेष तथ्य(Maithili Sharan Gupt)
मैथिलीशरण गुप्त(Maithili Sharan Gupt Biography in hindi)
1. मैथिलीशरण गुप्त का जन्म उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले के किस गाँव में हुआ था? 2. गुप्त की कवि कर्म में प्रवृति का श्रेय किनको जाता है? 3. किस
कवि को भारतीय संस्कृति का प्रवक्ता और प्रस्तोता कहना उपयुक्त रहेगा? 4. राष्ट्रकवि के रूप के जाने जाते है? 5. मैथिलीशरण गुप्त की कीर्ति का आधार स्तम्भ है? आज के आर्टिकल में हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आप पूरी तरह सहमत होंगे ,ऐसी हमें आशा है … महत्त्वपूर्ण लिंक🔷सूक्ष्म शिक्षण विधि 🔷 पत्र लेखन 🔷कारक 🔹क्रिया 🔷प्रेमचंद कहानी सम्पूर्ण पीडीऍफ़ 🔷प्रयोजना विधि 🔷 सुमित्रानंदन जीवन परिचय 🔷मनोविज्ञान सिद्धांत 🔹रस के भेद 🔷हिंदी साहित्य पीडीऍफ़ 🔷 समास(हिंदी व्याकरण) 🔷शिक्षण कौशल 🔷लिंग (हिंदी व्याकरण)🔷 हिंदी मुहावरे 🔹सूर्यकांत त्रिपाठी निराला 🔷कबीर जीवन परिचय 🔷हिंदी व्याकरण पीडीऍफ़ 🔷 महादेवी वर्मा मातृभूमि कौन सी विधा है?जन्म स्थान या अपने देश को मातृभूमि बोला जाता है। भारत और नेपाल में भूमि को माता के रूप में माना जाता है, जिस जमीन अथवा भूमि का अन्नादि खाते है उसे भी मातृभूमि कहते हैं। जन्म भूमि को भी मातृ भूमि कहते हैं। कुछ यूरोपीय देशों में मातृ भूमि को पितृ भूमि कहते हैं।
मातृभूमि पाठ के लेखक कौन हैं?नीलांबर परिधान हरित तट पर सुन्दर है। सूर्य-चन्द्र युग मुकुट, मेखला रत्नाकर है॥ नदियाँ प्रेम प्रवाह, फूल तारे मंडन हैं।
मातृभूमि से आप क्या समझते हैं इससे संबंधित?Answer: मातृभूमि का मतलब है, हमारी जन्मभूमि और मदरलैंड से है | जहां हम जन्म लेते है और रहते है| जिस देश के हम निवासी होते है| हमारा अपना देश जहां हम रहते है काम करते है | मुझे अपनी मातृभूमि, भारत पर गर्व है। मातृ और मातृ भूमि दुनिया की दो महान चीजें हैं।
मातृभूमि किसका प्रतीक है?माँ का स्नेह असीम है। यहाँ मातृभूमि माँ का प्रतीक है।
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