Last Updated on August 23, 2022 by Show
बिहार गेहूं का रेट 2022 | gehu price in bihar 2022 | बिहार में गेहूं का रेट क्या है | बिहार न्यूनतम समर्थन मूल्य | बिहार मे गेहूं की msp | गेहूं का रेट आज का 2022 bihar | बिहार में गेहूं का समर्थन मूल्य क्या है इस बार बिहार कृषि विभाग को सरकारी रेट पर गेहूं की अच्छी खरीदी हुई है | बिहार में रबी और खरीफ सीजन फसल की खेती बड़े पैमाने पर होती है | बढती महगाई और गेहूं निर्यात के चलते इस बार बिहार में गेहूं को आचे दाम मिले है, और आगे भी अच्छे बने रहने की उमीद है | 23 अगस्त 2022 बिहार में गेहूं का रेट क्या है ?
बिहार के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है कि बिहार सरकार ने पहली बार राज्य में सरकारी रेट पर गेहूं की खरीदी करने जा रही है तो आइए जानते हैं गेहूं का पंजीयन कैसे करवाना है, आवेदन कैसे होगा, कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए – बिहार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा गेहूं खरीदी को लेकर महत्वपूर्ण सूचना भी जारी की गई है इसमें किसान को सरकार दिशा निर्देशों का पालन करना होगा | बता दे किसान भाइयों इस बार ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं | गेहूं को MSP पर बेचने के लिए किसान को ऑफलाइन आवेदन करना होगा | पैक्स या व्यापार मण्डल के केंद्र से किसान को स्वअभिप्रमाणित प्रमाण पत्र को भरकर जमा कराना होगा | रबी विपणन वर्ष 2022-23 मे बिहार किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिए 20 अप्रैल से 2022 से लेकर 31 मई 2022 तक फसल की बेच सकते हैं | बिहार सरकार द्वारा यह की जाने वाली खरीदी रबी विपणन मौसम 2022 प्राइस के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है |
बता दें कि गेहूं एव दलहनी फसल की खरीदी और व्यापार मंडलों के खरीदी केंद्र के माध्यम से की जाएगी यानी कि व्यापार मंडल के द्वारा जो खरीदी केंद्र शॉप बनाए गए हैं वहां से किसान को बेचना है और कई से आवेदन और जाने की जरूरत नहीं है | पैक्स और व्यापार मंडल के अध्यक्ष एमएसपी पर बेचने वाले इच्छुक किसानों का विवरण /डेटा कृषि विभाग के पोर्टल पर लोड करेंगे | बिहार की समर्थन मूल्य की खरीदी मे किसानों को दो प्रकार में बांटा गया है- रैयत किसान और गैर-रैयत किसान | बिहार गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य हेतु दस्तावेज ?कोई भी किसान यदि अपनी फसल को सरकारी कीमत पर बेचना चाहता है तो वह किसी भी व्यापार मंडल /पैक्स के पास जाना होगा | किसान को केवल अपना किसान रजिस्ट्रेशन / किसान पंजीयन संख्या ही लेकर जानी है | गैर-रैयत किसान को अपना आवासीय पहचान-पत्र देना अनिवार्य है | किसान पंजीयन के दौरान किसान के सभी प्रकार की जानकारी उसमें जुड़ी हुई रहती है | यदि किसान किसान पंजीयन के दौरान दी गई जानकारी में किसी भी प्रकार की कोई परिवर्तन/ चेंजिंग करना चाहता है तो इसके लिए वह dbt की जो वेबसाइट है उस पर किसान पंजीयन का रजिस्टर होता है वहीं से उसका संशोधन किया जाएगा | बिहार मे गेहूं की सरकारी भाव मे बेचने की मात्रा ?किसान के लिए बिहार गेहूं की सरकारी खरीद के लिए बेचने की मात्रा निर्धारित की गई है इसके लिए गैर-रैयत किसान और रैयत किसान
बिहार गेहूं की सरकारी खरीदी का भुगतान ?भुगतान के बारे में बात करें तो खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से आदेश मे दिया गया है कि किसान भाइयों को केंद्रों पर गेहूं की मात्रा के संबंध में 48 अंदर अंदर भुगतान कर दिया जाएगा | माननीय मुख्यमंत्री श्री नितेश कुमार सरकार के कुशल नेतृत्व में लागू नीतियों से राज्य में प्रमुख फसलों का उत्पादन और उत्पादकता काफी बढ़ी है, और आगे भी बढ़ने की भारी संभावनए है | बिहार में गेहूं का रेट कितना है?बिहार मे सरकारी खरीदी से पहले किसानों को अच्छे भाव नहीं मिलता था, लेकिन इस बार गहूँ की अच्छी मांग ने msp से भी ज्यादा भाव खुले बाजार मे मिल रहे है – वर्तमान मे बिहार मे गहूँ 1600 से लेकर 2500 रु / क्विंटल तक के भाव देखने को मिल रहे है | बिहार में गेहूं का समर्थन मूल्य क्या है?बिहार सरकार द्वारा यह की जाने वाली खरीदी रबी विपणन वर्ष 2022 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है | यह भी जरुर पढ़े – बिहार में सबसे ज्यादा कौन सी फसल उगाई जाती है?Notes: बिहार में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल धान है।
बिहार की मुख्य फसल क्या है?मुख्य फसलें धान, जूट, मखाना, केले, गेहूं, मक्का और दलहन हैं।
बिहार में सबसे ज्यादा उत्पादन किसका होता है?बिहार में सर्वाधिक क्षेत्र पर धान की फसल की उत्पादन जाती है। धान की कृषि हेतु बिहार का मैदानी भाग सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है। राज्य के कुल सकल बुवाई क्षेत्र के 43.20% भाग पर धान की फसल की खेती किया जाता है।
बिहार में क्या उत्पादन होता है?बिहार में देश के सब्जी का 9% तथा फलों का 8% उत्पादन होता है। लीची, मधु तथा मखाना उत्पादन में तो राज्य अव्वल है। यहाँ देश के कुल उत्पादन का 88% लीची, 83% मखाना तथा 50% मधु पैदा किया जाता है। कृषि आधारित तथा खाद्य-प्रसंस्करण उद्योगों के विकास की यहाँ अच्छी संभावना है।
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