मोती की खेती का प्रशिक्षण केंद्र Delhi - motee kee khetee ka prashikshan kendr dailhi

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मोती का नाम सुनते है हमारे मन में सिर्फ उससे बने गहनों की आ जाती है. इससे बहुत खूबसूत आभूषण बनाए जाते हैं, जिसकी वजह से बाजार में इसकी कीमत बहुत हाई है. क्या कभी आपके दिमाग में मोती की खेती करने का विचार आया है? अगर नहीं आया है तो ये लेख पढ़कर आ जाएगा.

थोड़ी सी ट्रेनिंग लेकर कोई भी मोती की खेती के जरिए अपनी किस्मत चमका सकता है. पीएम मोदी (PM Modi) ने भी अपने रेडियो पर अपने कार्यक्रम 'मन की बात' (Mann Ki Baat) में इसका जिक्र किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ प्रोग्राम के 67वां संस्करण में मोती की खेती करने वाले की तारीफ की थी. जिसमें उन्होंने बिहार के कुछ युवाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि कुछ युवा सामान्य नौकरी छोड़कर मोती की खेती कर रहे हैं,  और वे अच्छी कमाई के साथ साथ प्रवासियों को भी इसी जानकारी दे रहे हैं.

अगर परंपरागत खेती से लागत के मुताबिक अच्छी कमाई नहीं हो रही है तो कुछ अलग सोचना होगा, और मोती की खेती भी उनमें से एक विकल्प है. अगर आपको अच्छी कमाई चाहिए तो मोती की खेती में किस्मत आजमा सकते हैं. करीब 2 लाख रुपए का निवेश करके इसकी खेती आरंभ की जा सकती है. कई लोग मोती की खेती करके अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं, इस तरह की खेती या काम शुरू करने के लिए सरकार भी आर्थिक मदद करती है.

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मोती की खेती में कितनी जगह और लागत चाहिए?

वैसे तो कोई भी काम शुरू करने के लिए लागत इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी जगह का इस्तेमाल कर रहें है. आप मोती की खेती लगभग 500 वर्गफीट के एक तालाब से भी शुरू कर सकते हैं. बहुत लोग घरों में गड्ढे खुदवाकर मोती की खेती कर रहे हैं. अगर 500 वर्गफीट का तालाब है तो उसमें 100 सीप डालकर मोती की खेती शुरू कर सकते हैं.

  • बाजार में सीप की कीमत - 15 से 25 रुपए

  • ताबाल में स्‍ट्रक्‍चर सेट करने का खर्च- 10000 से 12000 रुपए

  • वाटर ट्रीटमेंट पर खर्च लगभग 1000 रुपए

  • इसमें 1000 रुपए के उन्य उपकरण लग जाएंगे

मोती कितने प्रकार के होते हैं?

नोगट- इसमें एक चमकदार गोल आकार का सुंदर मोती होती है. इसके आकार और चमक के आधार पर इसकी कीमत 1 हजार से 50 हजार तक के बीच होती है.

केवीटी- इसमें सीप के अंदर फारेन बॉडी डालकर मोती तैयार किया जाता है. जो चमक के आधार पर हजारों रुपए की कीमत में बिकता है.

मेंटलटीसू- इसमें सीप के भीतर सीप की बॉडी का हिस्सा डाला जाता है. इस मोती का उपयोग खाने के पदार्थों में होता है.

ऐसे बनता है मोती

सबसे पहले सीप को 2 से 3 दिन के लिए खुले पानी में डाला जाता है ताकि सीप के ऊपर का कवच और उसकी मांसपेशियां नरम हो जाए. ध्यान रहे कि अगर सीपों को ज्‍यादा समय के लिए पानी से बाहर रखा गया तो ये खराब हो सकती हैं. सीपों की मांशपेशियों में नरमी आने के बाद मामूली सर्जरी के माध्यम से उसकी सतह पर 2 से 3 एमएम के छेद करते हैं. अब छेद में से रेत का एक छोटा सा कण डालते हैं. इसके बाद 2 से 3 सीप को एक नायलॉन के जालीदार बैग में रखकर तालाब में बांस या किसी पाइप के सहारे पानी में लटका दिया जाता है. लगभग 14 महीने के बाद मोती तैयार हो जाते हैं. अब कवच को तोड़कर मोती निकाल सकते हैं.

Training: ट्रेनिंग की होगी जरूरत

मोती की खेती करने के लिए ट्रेनिंग जरूरी है, इसके प्रशिक्षण के लिए आप इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्‍चर रिसर्च के तहत एक नया विंग बनाया गया है. इस विंग का नाम सीफा यानी सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्‍वाकल्‍चर है. यहां मोती की खेती के लिए 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है.

सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्‍वाकल्‍चर, भुवनेश्‍वर, ओडिशा या Central Institute of Freshwater Aquaculture की वेबसाइट पर विजिट करें

इसके अलावा आप भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी Indian Council of Agricultural Research में भी संपर्क कर सकते हैं, यहां सपर्क करने के लिए 91-11-25843301 पर डायल करें

मोती की मांग घरेलू बाज़ार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी बढ़ती जा रही है। मोती की खेती से लाभ होता देख, किसान इसकी खेती में दिलचस्पी दिखाने लगे हैं। अगर वैज्ञानिक तरीके से और ट्रेनिंग लेकर अगर मोती की खेती करते हैं तो अच्छी गुणवत्ता वाले मोती की खेती की जा सकती है। इसे बाज़ार में बेचकर किसान अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। आइये जानते हैं, कैसे करें मोती की खेती और किन बातों का रखें ध्यान।

कैसे शुरू करें मोती की खेती?

मोती की खेती शुरू करने के लिए तालाब की ज़रूरत होती है। बाहरी कणों के सीप के अंदर जाने से मोती पैदा होता है। इसे तैयार होने में लगभग 15 से 20 महीने का वक्त लगता है। कैल्शियम कार्बोनेट से मोती का क्रिस्टल तैयार होता है। मोती की खेती के लिए अनुकूल समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच माना जाता है।

मोती की खेती का प्रशिक्षण केंद्र Delhi - motee kee khetee ka prashikshan kendr dailhi
तस्वीर साभार : KrishiJagran

मोती की खेती का प्रशिक्षण केंद्र Delhi - motee kee khetee ka prashikshan kendr dailhi

कैसे करें सीप को तैयार?

  • सबसे पहले सीप को खुले पानी में डालें
  • फिर 2 से 3 दिन बाद इन्हें निकालें
  • ऐसा करने से सीप का ऊपरी हिस्सा (कवच) और उसकी मांसपेशियां नरम हो जाती हैं
  • सीप की सतह पर 2 से 3 एमएम का छेद करें
  • इस छेद में रेत का एक छोटा सा कण डालें
  • 2 से 3 सीप को एक नायलॉन के बैग में रखकर, तालाब में बांस या किसी पाइप के सहारे छोड़ दें
  • सीप से मोती तैयार होने में 15 से 20 महीने का समय लगता है, इसके बाद कवच को तोड़कर मोती को निकालें

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क्या है मोती की खेती से कमाई का गणित?

मोती की बाज़ार में कीमत 300 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक है। अगर आपका तैयार किया गया मोती अच्छी गुणवत्ता वाला है तो इस डिज़ाइनर मोती के लिए आपको दस हज़ार रुपये तक भी मिल सकते हैं। एक सीप की लागत 15 से 30 रूपये के आस-पास आती है।

मान लीजिए आपका 500 फ़ीट का तालाब है। इसमें 100 सीप आपने डाले हैं। अगर प्रति मोती औसतन हज़ार रुपये में बिकता है, तो कुल मिलाकर 100 मोतियों से एक लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है। आप चाहें तो सीप की संख्या को बढ़ाकर अपनी कमाई भी बढ़ा सकते हैं।

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तस्वीर साभार: Indian Council of Agricultural Research

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कैसे लें फ़्री ट्रेनिंग ?

इंडियन काउंसिल फ़ॉर एग्रीकल्‍चर रिसर्च के तहत एक नया विंग बनाया गया है। इस विंग का नाम CIFA यानी सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्‍वाकल्‍चर है। ये फ़्री में मोती की खेती की ट्रेनिंग देता है। इसका मुख्यालय उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्‍वर में है। यहां पर कोई भी 15 दिन की ट्रेनिंग ले सकता है। आप चाहें तो इनके रीज़नल सेंटर्स भटिंडा, बेंगलुरू, रहारा और विजयवाड़ा से भी ट्रेनिंग ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए इनकी वेबसाइट पर संपर्क करें। मोती की खेती के लिए जितना ज़रूरी प्रशिक्षण है, उतना ही ज़रूरी उसका सही तरीके से रखरखाव करना भी है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

मोती की खेती की ट्रेनिंग कितने दिन की होती है?

इस विंग का नाम CIFA यानी सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्‍वाकल्‍चर है। ये फ़्री में मोती की खेती की ट्रेनिंग देता है। इसका मुख्यालय उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्‍वर में है। यहां पर कोई भी 15 दिन की ट्रेनिंग ले सकता है।

घर में मोती की खेती कैसे करें?

मोती की खेती कैसे शुरू करें (how to start pearl farming) सीप को खरीद भी सकते हैं। सीप का आकार लगभग 8-10 सेंटीमीटर का होना चाहिए। इनका चयन बेहद सावधानी से करना है ध्यान रखें कि कोई भी सीप मृत न हो और सभी वयस्क ही हों। जिस आकर का मोती चाहिए उस हिसाब से बीज का चुनाव करना होता है।

एक मोती की कीमत क्या है?

एक मोती की कीमत आकार व चमक के अनुसार 1 हजार से 50 हजार तक होती है।

मोती की खेती की शुरुआत कैसे करें?

कैसे शुरू करें मोती की खेती (Moti ki kheti) इसके लिए आपको चाहिए की आप खेत में तालाब का निर्माण करवाएं। बता दें कि खेत में तालाब निर्माण कराने का फायदा ये हैं कि खेत की मिट्टी मोती पालन के लिए काफी अच्छी रहती है। खेत में बने तालाब में प्राकृतिक वातावरण मिल जाता है जो मोती की खेती के लिए काफी अच्छा रहता है।