किसी भी देश के संविधान निर्माण निर्माण की मांग और स्वयं उसी देश के लोगों के द्वारा संविधान का निर्माण करना आत्मनिर्णय और देश की स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है । सविधान आधुनिक लोकतांत्रिक देशों में शासन विधान का आधार होता है और हर देश की अपनी राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुसार संविधान निर्माण का प्रयास किया जाता है । स्वतंत्रता संग्राम, त्याग और लंबे संघर्ष के बाद जब ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के द्वारा ही भारतीय संविधान के निर्माण
की मांग को स्वीकार कर लिया गया और इसी उद्देश्य को मध्य नजर 24 मार्च 1946 को लार्ड पैट्रिक लॉरेंस की अध्यक्षता में तीन सदस्य कैबिनेट मिशन भारत आया। जिसने अपनी योजना प्रस्तुत की 16 मई 1946 को प्रस्तुत की । इसी के तहत जुलाई-अगस्त 1946 में संविधान सभा के चुनाव हुये और संविधान सभा का गठन हुआ। टीम वर्क और कार्य विशेषीकरण का प्रतीक है समितियों का गठन कौन – कौन थे प्रारूप समिति के सदस्य – 1.
डॉ भीमराव अंबेडकर (सभापति) निर्वाचित सदस्य– 2 .अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, 3 . एन. गोपालस्वामी आयंगर , 4 . के .एम .मुंशी 5. मोहम्मद सादुल्ला नामजद सदस्य 6 . एन.माधवराव ( बी.एल. मित्तर की जगह नामजद किये गये थे ) 7. टी .टी. कृष्णमाचारी (डी .पी. खेतान की जगह नामजद किए गए थे । डी.पी खेतान की
1948 में मृत्यु हो गई थी । ध्यातव्य 1 आपको यह जानकर आश्चर्य होगा प्रारूप समिति ने प्रारूप तैयार नही किया था जैसा उसके नाम से ही भ्रम हो जाता है । लेकिंन उसका कार्य संविधान का प्रारूप तैयार करना नहीं था बल्कि संवैधानिक सलाहकार बी. एन. राव के द्वारा तैयार किए गए संविधान के प्रारूप पर विचार विमर्श करना था । ध्यातव्य 2 – भारतीय संविधान का प्रारूप डॉ. अम्बेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने तैयार नहीं किया बल्कि बी.एन . राव के द्वारा ही संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया था। 2 कार्य संचालन नियम निर्माण समिति यह संविधान सभा की दूसरी और महत्वपूर्ण समिति थी। जिसमें सभापति डॉ राजेंद्र प्रसाद सहित कुल16 सदस्य थे ।इस समिति में जी. दुर्गाबाई एकमात्र महिला सदस्य थी । 3 राज्य समिति पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में गठित इस समिति में कुल सदस्यों की संख्या 6 थी । इस समिति का गठन तत्कालीन समय में देशी राज्यों से वार्ता करने के लिए की गई थी । जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 4 संचालन समिति संविधान सभा के पहले अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद सहित इस समिति में कुल 12 सदस्य थे। संविधान सभा के कार्य संचालन व्यवस्था बनाए रखने, संचालन से संबंधित नियमों के निर्माण करने हेतु संचालन से संबंधित कार्य व्यवस्था के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में ही इस समिति का गठन किया गया था । आपको यह बता दें कि संविधान सभा के अध्यक्ष ही इस समिति के सभापति हुआ करते थे। 5 परिचय पत्र समिति अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर के सभापतित्व में 7 सदस्यों वाली इस समिति का गठन किया गया सविधान सभा ने किया था । जिसमें 5 निर्वाचित सदस्य तथा 2 सहव्रत सदस्य थे। 6 संघ संविधान समिति इस समिति के सभापति पंडित जवाहरलाल नेहरु थे तथा इस समिति में कुल सदस्यों की संख्या 15 थी । संघ संविधान समिति को तीन उप समितियों में विभाजित किया गया था जिसमें .. . (१) राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल और निर्वाचन पद्धति पर विचार हेतु उप समिति भी थी जिसमें 3 सदस्य थे – गोपाल स्वामी आयंगर, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और के. एम .मुंशी । (२) केंद्रीय विधान मंडल (संसद) के उच्च सदन राज्यसभा के गठन पर उप समिति इसमें भी सदस्यों की संख्या 4 थी सदस्य- गोपाल स्वामी आयंगर , के. एम . मुंशी , डॉक्टर भीमराव अंबेडकर , तथा के. पणिकर थे। साथ ही (३) संविधान संशोधन पर उप समिति जिसके सभापति डॉ भीमराव अंबेडकर थे इनके अतिरिक्त इसमें 4 सदस्य थे । 7 संघ शक्ति समिति इस समिति के सभापति पंडित जवाहरलाल नेहरू थे तथा इसमें सदस्यों की कुल संख्या 22 थी कुल सदस्यों में से 12 सदस्य संविधान सभा से और अधिकतम 10 सदस्य विधान सभा तथा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किए जाने का प्रावधान था। 8 प्रांतीय संविधान समिति सरदार वल्लभभाई पटेल इस समिति के सभापति थे ।सभापति सहित सदस्यों की कुल संख्या 25 थी साथ ही सदस्यों के बारे में यह प्रावधान था कि उनका मनोनयन संविधान सभा के अध्यक्ष द्वारा ही किया जाएगा । 9 भाषायी प्रान्तों पर समिति एस. के. दर की सभापतित्व में गठित होने वाली इस समिति मे एक सभापति के अतिरिक्त 2 सदस्य तथा तीन अतिरिक्त सहव्रत सदस्य थे । इस आयोग/समिति की नियुक्ति संविधान सभा अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा प्रारूप समिति के सभापति डॉ भीमराव अंबेडकर की सिफारिश पर की गई थी । इसके सदस्यों में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ,चमनलाल, गुरुमुख सिंह ,किंदवई, आनंतसयनम आयगर थे । 10 झंडा समिति डॉ राजेंद्र प्रसाद की
अध्यक्षता वाली इस समिति का गठन 23 जून 1947 को किया गया। इसमें कुल 10 सदस्य थे और इस समिति का गठन संविधान सभा अध्यक्ष द्वारा किए जाने का प्रावधान था । कौन कौन थे सदस्य- मौलाना आजाद, सी.राजगोपालाचारी, सरोजिनी नायडू ,डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, के. एम. मुंशी ,फ्रैंक एंथोनी, सरदार उज्जवल सिंह और एस. एस. गुप्ता थे। 11 सदन समिति यह संविधान सभा की प्रमुख समितियों में गिनी जाती थी और 11 तथा कुछ अन्य सदस्यों वाली इस समिति का गठन पट्टाभिसिताराया के सभापति में किया गया था । 12 वित्त एवं स्टाफ समिति संविधान सभा की प्रमुख समितियों में गिने जाने वाली इस समिति का गठन डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सभापतित्व में किया गया । जहाँ तक सदस्य संख्या की बात है तो अध्यक्ष सहित सदस्यों की कुल संख्या 10 थी । 13 प्रेस दीर्घा समिति उषा नाथ सेन के सभापतित्व में गठित यह समिति भी संविधान सभा की प्रमुख समिति में गिनी जाती थी । इसमें सभापति सहित सदस्यों की कुल संख्या 11 थी ।आपको यह बता दें कि इस समिति के सभापति उषा नाथ सेन संविधान सभा के सदस्य नहीं थे। सदस्य-
दुर्गादास, पी.डी शर्मा, रामगोपाल, के.गोपालास्वामी, बाल कृष्ण ,श्री कृष्ण, मंजूर उलहक, चारु सरकार ,मोहम्मद जफरी, जे. एम.साहनी । 14 सलाहकार समिति इस समिति की गिनती भी संविधान सभा की प्रमुख समितियों में होती थी जिसका गठन सरदार वल्लभ भाई पटेल के सभापतित्व में किया गया था । 15 मौलिक अधिकार उप समिति यह सलाहकार समिति की एक उप समिति थी । सभापति सहित 12 सदस्यों वाली इस समिति के सभापति आचार्य जे.बी. कृपलानी थे । 16 अल्पसंख्यक अधिकार उप समिति सलाहकार समिति की यह दूसरी उपसमिति थी जिसके सभापति एचसी मुखर्जी थे।
18 अपवर्जित एवं आंशिक रूप से अपवर्जित क्षेत्र (असम को छोड़कर) से संबंधित उप समिति सभापति सहित सात सदस्यों
वाली इस समिति के सभापति ए.वी. ठक्कर थे और यह भी सलाहकार समिति की एक उप समिति थी । 19 आंग्ल भारतीय जाति की नौकरियों एवं शिक्षा में स्थिति और कतिपय नौकरियों में उनके आरक्षण संबंधी विशेष उप समिति – इस समिति में सभापति सहित कुल 5 सदस्य थे जिसके सभापति के. एम. मुंशी थे। 20 . पूर्वी पंजाब एवं पश्चिमी बंगाल के अल्पसंख्यक समस्याओं पर रिपोर्ट हेतु विशेष उपसमिति इसका संबंध भी सलाहकार समिति के उप समिति के रूप में था जिसमें सभापति सहित सदस्यों की कुल संख्या 6 थी । सरदार वल्लभभाई पटेल के सभापति ने गठित इस समिति के बारे में यह कहा जा सकता है कि यह एकमात्र ऐसी समिति थी जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल , डॉ राजेंद्र प्रसाद पंडित, जवाहरलाल नेहरू के.एम. मुंशी तथा डॉ. अंबेडकर साथ साथ सदस्य के रूप में थे ।
24 . संविधान सभा के कार्यों के लिए समिति – कुल 7 सदस्यों वाली इस समिति के सभापति जी. वी.मावलंकर थे। 25 कुछ अन्य समितियों * नागरिकता पर तदर्थ समिति सभापति – एस.वरदाचारी(अध्यक्ष )तथा इसमें
सदस्य की कुल संख्या 07, उपरोक्त महत्वपूर्ण समितियों तथा कुछ अन्य समितियों के परामर्श के पश्चात ही इसका प्रारूप, प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर ने फरवरी 1948 को संविधान सभा अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंपा गया। जिस पर संविधान सभा में प्रस्तुत किया विचार- विमर्श, बहस हुई और इन पर कुछ सुझाव प्राप्त हुए उन सुझावो पर प्रारूप समिति ने फिर से विचार किया । इसकी सिफारिशों पर फिर से विचार विमर्श किया । इन्हीं सब के परिणामस्वरूप 26 नवंबर 1949 को कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ । निष्कर्षतया यही कहा जा सकता है कि भारतीय संविधान निर्माण में संविधान सभा की विभिन्न समितियों का बड़ा ही महत्वपूर्ण और अहम योगदान रहा है । मुख्यतः प्रारूप समिति का इसीलिए प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है । Post navigationमसौदा समिति के अध्यक्ष कौन है?29 अगस्त 1947: मसौदा समिति बनी, जिसके अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर बनाए गए। इसके अन्य सदस्य ये थे: कन्हैयालाल मुंशी, मोहम्मद सादुल्लाह, अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर, गोपाळ स्वामी अय्यंगार, एन. माधव राव puna rao sa, टी.टी.
मसौदा समिति में कुल कितने सदस्य थे?GK Trick – नमस्कार दोस्तो, आप सभी जानते है कि हमारे संविधान का निर्माण प्रारूप समिति (Draft Committee) द्वारा किया गया था , जिसके अध्यक्ष डा. भीमराव अंबेडकर थे ! डा. भीमराव अंबेडकर के अलावा इस समिति में 6 सदस्य और थे , मतलब कि प्रारुप समिति के कुल सदस्यों की संख्या 7 थी !
मसौदा समिति का दूसरा नाम क्या है?तीसरा चरण - 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) का गठन किया, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीम राव आंबेडकर बनाए गए.
मसौदा समिति के सदस्य कौन नहीं थे?सरदार पटेल मसौदा समिति के सदस्य नहीं थे।
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