CBSE Class 6 Hindi Chapter 10 Jhansi Ki Rani Poem Solutionसुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय: प्रस्तुत कविता हिंदी भाषा और साहित्य की प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखी गई है। इनका जन्म उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था। इन्हें बचपन से ही कविता लिखने का शौक़ था तथा इनकी अधिकतर रचनाएं देश-प्रेम से ओत-प्रोत रहती थीं। वह एक रचनाकार होने के साथ-साथ स्वाधीनता संग्राम में सेनानी भी थीं। उन्होने गाँधीजी के साथ असहयोग आंदोलन में भाग लिया तथा दो बार जेल भी गईं। इसीलिए उनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता की झलक देखने को मिलती है। Show झांसी की रानी कविता का सार- Jhansi Ki Rani Poem Summary: प्रस्तुत कविता में कवयित्री ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई द्वारा दिखाए गए अदम्य शौर्य का उल्लेख किया है। उस युद्ध में लक्ष्मीबाई ने अपनी अद्भुत युद्ध कौशल और साहस का परिचय देकर बड़े-बड़े वीर योद्धाओं को भी हैरान कर दिया था। उनकी वीरता और पराक्रम से उनके दुश्मन भी प्रभावित थे। उन्हें बचपन से ही तलवारबाज़ी, घुड़सवारी, तीरंदाजी और निशानेबाज़ी का शौक था। वह बहुत छोटी उम्र में ही युद्ध-विद्या में पारंगत हो गई थीं। अपने पति की असमय मृत्यु के बाद उन्होंने एक कुशल शासक की तरह झांसी का राजपाट संभाला तथा अपनी अंतिम सांस तक अपने राज्य को बचाने के लिए अंग्रेजों से अत्यंत वीरता से लड़ती रहीं। उनके पराक्रम की प्रशंसा उनके शत्रु भी करते थे। Ncert Solution for Class 6 Hindi Vasant All ChaptersChapter 01. वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल) झांसी की रानी कविता अर्थ सहित- Jhansi Ki Rani Poem in Hindi Summaryसिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, कानपुर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी, लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार, हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में, उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजियाली छाई, बुझा दीप झाँसी का तब डलहौज़ी मन में हरषाया, अनुनय विनय नहीं सुनती है, विकट शासकों की माया, छिनी राजधानी दिल्ली की, लखनऊ छीना बातों-बात, रानी रोयीं रनिवासों में, बेगम ग़म से थीं बेज़ार, कुटियों में भी विषम वेदना, महलों में आहत अपमान, महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी, इस स्वतंत्रता महायज्ञ में कई वीरवर आए काम, इनकी गाथा छोड़, चले हम झाँसी के मैदानों में, रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार, विजय मिली, पर अंग्रेज़ों की फिर सेना घिर आई थी, तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार, रानी गई सिधार चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी, जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी, Ncert solution for class 6 hindi vasant Chapter 10 Jhansi Ki Rani Poemझाँसी की रानी कविता प्रश्न – उत्तर : प्र . 1.1 ‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई’ 1.2 ‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई’ प्र .2.
कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को ‘बूढा’ कहकर और उसमें ‘नई जवानी’ आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं? प्र .3. झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था? उनका बचपन हमारे बचपन से इसलिए भिन्न था क्योंकि हम हमारे बचपन में खिलौनों, गुड्डे-गुड़ियों तथा बच्चों वाले खेल खेलते थे, परन्तु लक्ष्मीबाई बचपन से ही तलवारबाज़ी, घुड़सवारी, निशानेबाजी, दुर्ग तोड़ना, सैन्य-व्यूह रचना आदि वीरों जैसे खेल खेलती थीं। वे खिलौनों से नहीं बल्कि हथियारों से खेलती थीं। अतः उनका बचपन बाकी बच्चाें से काफी अलग था। प्र . 4. सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को ‘मर्दानी’ क्यों कहती हैं? प्र . 5. ‘बरछी’, ‘कृपाण’, ‘कटारी’ उस ज़माने के हथियार थे। |