महिला थाने में शिकायत कैसे करें - mahila thaane mein shikaayat kaise karen

शिकायत और अन्वेषण प्रकोष्ठ

मौखिक रूप से, लिखित में अथवा ऑन लाइन वाया कार्यालयी वेबसाइट राष्‍ट्रीय महिला आयोग से प्राप्‍त शिकायतों को संसाधित करता है।

महिलाओं के अधिकारों के हनन तथा महिलाओं के साथ अन्‍याय सहित पूरे देश से प्राप्‍त शिकायतों को निपटाता है। तथा राष्‍ट्रीय आयोग अधिनियम, 1990 की धारा 10 के अन्‍तर्गत महिलाओं के साथ जघन्‍य अपराधों से संबंधित घटनाओं का स्‍वत: संज्ञान लेता है।

शिकायतों की संवीक्षा 

  • प्राप्त  की गई शिकायतों की आयोग के अधिदेश तथा शिकायतों को निपटाने की अगींकृत प्रक्रिया के अनुसार संवीक्षा की जाती है।
  • आयोग के अधिदेश तथा शिकायतों को निपटाने की अगींकृत प्रक्रिया के अन्तर्गत आने वाली शिकायतें 19 अभिनिर्धारित श्रेणियों के अन्तर्गत पंजीकृत की जाती हैं।

निम्‍नालिखित प्रकृति की शिकायतों को तुरंत खारिज किया जाता है :

  • अपठनीय अथवा अस्पशस्ट , अज्ञात अथवा छद्मनामी शिकायतें;
  • पक्षों के मध्य सिविल विवादों से संबंधित उठाए गए मुद्दे 
  • सेवा मामलों से संबंधित उठाए गए मुद्दे न्यांयालय/अधिकरण के समक्ष विचारधीन मामले 
  • वे शिकायतें जो किसी राज्य आयोग अथवा किसी अन्य आयोग के समक्ष पहले से लम्बित है। 
  • आयोग को भेजी गई शिकायतें

वे शिकायतें जहां महिला अधिकारों के हनन का कोई मामला शामिल नहीं है।

  • शीर्ष जिसके अन्‍तर्गत शिकायतें पंजीकृत हैं।
  • महिलाओं के साथ हिंसा
  • एसिड प्रहार
  • बलात्‍कार का प्रयास
  • बलात्‍कार
  • यौन उत्‍पीड़न
  • लिंग चयनात्‍मक गर्भपात;  मादा भ्रूण हत्‍या/उल्‍ववेधन
  • यौन उत्‍पीडन जिसमें कार्यस्‍थल पर यौन उत्‍पीडन शामिल है
  • महिला अधिकारों के लिए अपमानजनक सती प्रथा, देवदासी प्रथा और डायन के शिकार जैसी परंपरागत प्रथाएं
  • स्‍त्री अशिष्‍ट निरूपण
  • दहेज उत्‍पीडन/दहेज मृत्‍यु
  • महिलाओं का अवैध देह व्‍यापार/वेश्‍यावृत्ति
  • महिलाओं का शील भंग
  • लुक-छिपकर पीछा करना/दृश्‍यरतिकता
  • महिलाओं के साथ साइबर अपराध
  • द्विविवाह/बहुविवाह
  • विवाह के लिए वरणाधिकार
  • गरिमा के साथ रहने का अधिकार(घरेलू हिंसा/क्रूरता तथा उत्‍पीड़न)
  • महिला-पुरूष भेदभाव
  • तलाक के मामले में बच्‍चों की अभिरक्षा का अधिकार
  • महिलाओं के लिए नि:शुल्‍क कानूनी सहायता
  • महिलाओं की निजता तथा इससे संबंधित अधिकार
  • महिलाओं के विरूद्ध पुलिस उदासीनता
  • महिलाओं का प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य अधिकार

शिकायतों की प्रोसेसिंग

शिकायतकर्ता को पर्याप्‍त राहत प्रदान करना तथा उसकी शिकायतों का उपयुक्‍त निराकरण सुनिश्‍चित करना। शिकायतें निम्‍नलिखित ढंग से की जाती हैं :

  • पुलिस द्वारा अन्वेषण शीघ्र पूरा तथा इसकी निगरानी की जाती है।
  • आयोग के समक्ष परामर्श करके अथवा सुनवाई के माध्‍यम से पारिवारिक विवादों का समाधान अथवा समझौता किया जाता है, गंभीर अपराधों के लिए, आयोग जांच समिति का गठन करता है, जो स्‍पॅाट जांच, विभिन्‍न गवाहों की जांच, साक्ष्‍यों को एकत्र करती है तथा सिफारिशों के साथ रिपोर्ट प्रस्‍तुत करती है। ऐसे अन्‍वेषण हिंसा तथा अत्‍याचारों के पीड़ितों को तुरंत राहत और न्‍याय प्रदान करने में सहायता करती हैं। रिपोर्ट के कार्यान्‍वयन की राष्‍ट्रीय महिला आयोग द्वारा निगरानी की जाती है। इन समितियों में विशेषज्ञ/अधिवक्‍ताओं को रखने का प्रावधान है।
  • अंत में, शिकायतों के निपटारे के लिए कुछ शिकायतें संबंधित राज्‍य महिला आयोग तथा राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग आदि जैसे अन्‍य मंचों को भी अग्रेषित की जाती हैं।
  • महिलाओं को उनके कार्यस्‍थलों पर यौन उत्‍पीड़न संबंधी शिकायतों के मामले में, संबंधित संगठनों अथवा विभागों से ऐसी शिकायतों की जांच करने के उद्देश्‍य से कार्यस्थल पर महिला यौन उत्‍पीड़न (रोकथाम, निषिद्ध तथा निवारण) अधिनियम, 2013 के अनिवार्य उपबंधों के अनुसार आन्‍तरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन करने का आग्रह किया जाता है।

आयोग नियमित रूप से निगरानी करता है तथा निम्‍नलिखित सांविधिक प्रावधानों द्वारा शिकायतों के निपटारे को शीघ्र पूरा करने के लिए संबंधित संगठनों/विभागों के साथ इन शिकायतों को उठाता है।

शिकायतों का विश्‍लेषण

  • प्राप्‍त शिकायतें महिलाओं के साथ अपराधों के रूझान को दर्शाती हैं तथा अपराधों में कमी के लिए आवश्‍यक प्रणालीबद्ध परिवर्तनों का सुझाव देती हैं ।
  • महिलाओं के साथ हिंसा से निपटने में सरकार के रूटीन कार्यकरण में अंतरालों को समझने तथा सुधारात्‍मक उपायों को सुझाने के लिए शिकायतों का विश्‍लेषण किया जाता है ।
  • शिकायतों का पुलिस, न्‍यायपालिका, अभियोक्‍ता, न्‍यायिक वैज्ञानिकों, रक्षा अधिवक्‍ताओं तथा अन्‍य प्राथमिक कार्यकर्ताओं को संचेतना कार्यक्रमों के लिए केस अध्‍ययनों के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराएं

राष्ट्रीय महिला आयोग के पास अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराएं। शिकायत दर्ज कराने के लिए आपको एक प्रपत्र भरना होगा, जिसमें नाम, पता, संपर्क सूत्र, जन्म तिथि और प्रतिवादी की विस्तार से जानकारी देनी होगी। आपको अपने शिकायत का विवरण यहाँ उपलब्ध कराए गए स्थान पर ही देना होगा।

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राष्ट्रीय महिला आयोग में दर्ज कराई गई शिकायत की स्थिति की जानकारी लें

राष्ट्रीय महिला आयोग के पास दर्ज कराई गई शिकायत की अद्यतन स्थिति की जानकारी हासिल करें। आयोग के पास दर्ज शिकायत की स्थिति की जांच करने के लिए आपको शिकायत क्रमांक या इस्तेमालकर्ता आईडी नंबर और कूटशब्द के माध्यम से लॉगइन करना होगा। इसके बाद आप अपने आवेदन की स्थिति का पता लगा सकते हैं। लॉगइन करने संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।

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राजस्थान महिला हेल्पलाइन के नंबर क्या है?

Rajasthan News: देश की महिलाओं के लिए इमरजेंसी रिलीफ के लिए एक हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 18002030589 जारी किया गया है. इस हेल्पलाइन नंबर को 'स्त्री' नाम से जाना जाएगा.

यूपी महिला हेल्पलाइन नंबर कितना है?

वूमेन पावर हेल्पलाइन नंबर 1090 की ताकत कोई भी पीड़ित महिला या उसकी महिला रिश्तेदार अपनी शिकायत इस नंबर पर नि:शुल्क दर्ज करवा सकती है। शिकायत करने वाली महिला की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

एसपी के पास शिकायत कैसे करें?

घर बैठे एसपी से शिकायत कैसे करें? (How to complaint sp from home?).
* सबसे पहले एक कागज पर अपनी शिकायत को विस्तार से लिखें।.
* इसमें घटना के बारे में तिथि, आरोपी का नाम, पदनाम, पता आदि लिखते हुए विस्तार से ब्योरा दें।.
* अपनी शिकायत में घटना का कारण भी बताएं। ... .
* शिकायती पत्र में अपना नाम, पता एवं मोबाइल नंबर लिखें।.

थाना प्रभारी को पत्र कैसे लिखें?

पत्र के मुख्य पैराग्राफ में घटना / समस्या का विवरण होना चाहिए। जिसके खिलाफ आप ये पत्र लिख रहे है उसका भी विवरण होना चाहिए। आप अपने पत्र में थाना प्रभारी का अच्छी तरह संबोधन कर। अंत में आप अपना मोबाइल नंबर और नीचे दिनांक डालकर हस्ताक्षर करे।