NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 3 अतीत में दबे पाँव are part of NCERT Solutions for Class 12 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 3 अतीत में दबे पाँव. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
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8. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. दूसरी बात, जो सांस्कृतिक धरातल पर सिंधु घाटी सभ्यता को दूसरी सभ्यताओं से अलग ला खड़ा करती है, वह है प्रभुत्व या दिखावे के तेवर का नदारद होना। दूसरी जगहों पर राजतंत्र या धर्मतंत्र की ताकत का प्रदर्शन करने वाले महल, उपासना-स्थल, मूर्तियाँ और पिरामिड आदि मिलते हैं। हड़प्पा संस्कृति में न भव्य राजप्रसाद मिले हैं, न मंदिर। न राजाओं, महंतों की समाधियाँ। यहाँ के मूर्तिशिल्प छोटे हैं और औज़ार भी। मुअनजोदड़ो के नरेश’ के सिर पर जो ‘मुकुट’ है, शायद उससे छोटे सिरपंच की कल्पना भी नहीं की जा सकती। और तो और, उन लोगों की नावें बनावट में मिस्र की नावों जैसी होते हुए भी आकार में छोटी रहीं। आज के मुहावरे में कह सकते हैं वह ‘लो-प्रोफाइल’ सभ्यता थी। प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न
8. कुंड का पानी रिस न सके और बाहर का ‘अशुद्ध पानी कुंड में न आए, इसके लिए कुंड के तल में और दीवारों पर ईंटों के बीच चूने और चिरोड़ी के गारे का इस्तेमाल हुआ है। पाश्र्व की दीवारों के साथ दूसरी दीवार खड़ी की गई है जिसमें सफ़ेद डामर का प्रयोग है। कुंड के पानी के बंदोबस्त के लिए एक तरफ कुआँ है। दोहरे घेरे वाला यह अकेला कुआँ है। इसे भी कुंड के पवित्र या आनुष्ठानिक होने का प्रमाण माना गया है। कुंड से पानी को बाहर बहाने के लिए नालियाँ हैं। इनकी खासियत यह है कि ये भी पक्की ईंटों से बनी हैं और ईंटों से ढकी भी हैं। प्रश्न 9. प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12. निबंधात्मक प्रश्न प्रश्न 13.
प्रश्न 14.
प्रश्न 15. विकसित देश तकनीक, आदि के नाम पर पुराने शहरों की निर्माण पद्धति को पिछड़ापन करार देते हैं। पुराने शहर जल की निकासी, जल प्रबंधन, पर्यावरण व मानवीय संबंधों को देखते हुए विकसित हुए हैं। आज नए तरीके के शहर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के साथ करते हैं। परिणामतः बाढ़, सूखा, तापमान में बढ़ोतरी, प्रदूषण आदि से जूझना पड़ रहा है। We hope the given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 3 अतीत में दबे पाँव will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 3 अतीत में दबे पाँव, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. मुअनजो दड़ो की सभ्यता पूर्ण विकसित सभ्यता थी कैसे पाठ के आधार पर उदाहरण देकर पुष्ट कीजिए?मुअनजो-दड़ो की खुदाई के समय यहाँ नगर-योजना, मकान, खेती, कला, औजार आदि के अवशेष मिले हैं। इनके आधार पर ही एक धारणा बनाई गई कि यह सभ्यता अत्यंत विकसित थी। अनुमान लगाए गए कि यहाँ की नगर-योजना आज की शहरी योजना से अधिक विकसित थी, यहाँ पर मरुभूमि नहीं थी, कृषि उन्नत दशा में थी, पशुपालन व व्यापार भी विकसित था।
पर्यटक मुअनजोदड़ो में क्या क्या देख सकते हैं अतीत में दबे पाँव पाठ के आधार पर बताइए?यहाँ का वातावरण लेखक को राजस्थान के वातावरण से मिलता-जुलता लगता है। वहाँ का सारा आकाश, सूना परिवेश, धूल, बबूल और गरमी सब कुछ राजस्थान जैसा ही था। लेखक के केवल धूप के मामले में दोनों जगह में अंतर लगता है। लेखक को लगता है कि सिंध की धूप चौंधियाती है जबकि राजस्थान की धूप पारदर्शी है।
मोहनजोदड़ो की सभ्यता को लो प्रोफाइल सभ्यता क्यों कहा जाता है?उत्तर: लेखक ने 'मुअन-जो-दड़ो' की सभ्यता को लो-प्रोफाइल सभ्यता इसलिए कहा है क्योंकि संसार के अन्य पुरातात्त्विक महत्त्व के स्थलों की खुदाई करने पर राजतंत्र को प्रदर्शित करने वाले महल, धर्म की ताकत दिखने वाले पूज्य स्थल, मूर्तियाँ तथा पिरामिड मिले हैं किन्तु 'मुअन-जो-दड़ो' की खुदाई में कोई चीज इस प्रकार की नहीं मिली जो ...
लेखक ने सिंधु घाटी की सभ्यता मोहनजोदड़ो के विषय में क्या बताया था?उसने इसके विषय में कहा कि पाँच हजार वर्ष पूर्व निर्मित होने वाली यहाँ की सभ्यता पूर्ण विकसित थी तथा यही भारत की आधुनिक सभ्यता का आधार भी थी। यहाँ की संस्कृति एवं सभ्यता सदैव परिवर्तनशील एवं विकासशील रही है।
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