लड़ाई में कौन कौन सी धारा लगती है? - ladaee mein kaun kaun see dhaara lagatee hai?

लड़ाई में कौन कौन सी धारा लगती है? - ladaee mein kaun kaun see dhaara lagatee hai?
ladai zagada offonce

Hello दोस्तों तो कैसे है आप आज हम बात करेंगे लड़ाई झगड़ा करने से हमें कौन कौन सी धरा ऐ लग सकती है।मनुष्य संसार का बेस्ट क्रिएशन है। फिर भी मनुष्य अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता।  जब भी देखो हर वक्त कोई न कोई मनुष्य किसी न किसी के साथ लड़ाई झगड़ा करते पाया जाता है। कभी कभी तो लड़ाई इतनी हद तक बढ़ जाती है के जान पे बन आती है। लड़ाई करते वक्त उसे होश नहीं रहता के पुलिस प्रशाशन IPC की धारा ऐ उसका थाने पे इंतज़ार कर रही है।  जब उसे होश आता है तो वो सलाखों के पीछे अपने आप को पाता है।

भारतीय दंड संहिता यानि IPC ACT अंग्रेजो ने हमें भेट में दी थी जो हमें 1862 में ब्रिटिश काल में मिला था। उसके बाद भारत के आज़ाद होने पर समय समय पर इसमें बदलाव किया गया।तो फिर आज हम बात करते है ,के लड़ाई झगड़ा या मारपीट करने से हमें कौन कौन सी धरा ऐ लागू होती है और हमें कौन कौन सी सजा ऐ मिलती है।

Table of Contents

  • IPC 307 की धारा।
    • सजा
  • IPC 308 की धारा।
    • सजा
  • IPC 323 की धारा।
    • सजा
  • IPC 324 की धारा।
    • सजा
  • IPC 325 की धारा।
    • सजा
  • IPC 326 की धारा।
    • सजा
  • सोचिये अगर हम किसी सरकारी कचेरी में जा के लड़ाई झगडा या हंगामा या मारपीट करे तब हम पर कोन सी धारा लागु होगी और हमें सजा क्या मिलेगी ?
    • IPC 352 की धारा।
      • सजा
    • IPC 504 की धारा।
      • सजा
    • IPC 506 की धारा।
      • सजा
    • IPC 332, 333 की धारा।
      • सजा
    • IPC 338, 384, 386  की धारा।
      • सजा
    • IPC 427 की धारा।
      • सजा
    • IPC 378,379 की धारा।
      • सजा
    • IPC 141,143 की धारा।
      • सजा

IPC 307 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 307 के अनुसार लड़ाई झगड़े के दौरान अगर कोई शख्श किसी की हत्या करने के आशय से मारपीट करे और वह शख्श बच जाये या वह हत्या करने में नाकाम रहता है , तब गुन्हेगार शख्श के ऊपर ये धारा लागू होती है। उसपे धारा 307 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आम तौर पर आरोपी के ऊपर 10 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।लड़ाई झगड़े के दौरान जिस आदमी की हत्या करने की कोशिश की गयी हो और उसे गंभी चोटे आयी हो तो आरोपी को उम्र कैद की सजा भी हो सकती है। लेकिन ये दंड भारतीय सेना पर लागु नहीं होता।

IPC 308 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 308 के अनुसार  लड़ाई झगड़े के दौरान अगर कोई शख्श किसी की हत्या करने के आशय से मारपीट करे पर उसका इरादा हत्या करने का न हो  पर दूसरे शख्श को गंभीर  चोंटे लग जाऐ तब उस पर धारा 308 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आम तौर पर आरोपी के ऊपर 3 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।लड़ाई झगड़े के दौरान जिस आदमी की हत्या करने की कोशिश की गयी हो और उसे गंभी चोटे आयी हो तो आरोपी को 7 साल की सजा भी हो सकती है या फिर आर्थिक दंड या दोनों। ये एक गैर जमानती आरोप है।

IPC 323 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 323 के अनुसार  लड़ाई झगड़े के दौरान अगर कोई शख्श को जान बुज कर किसी को चोट पहुंचाता है या थप्पड़ मारता है | तब उस पर धारा 323 लागु होता है |

सजा

आम तौर पर आरोपी के ऊपर 1  साल की सजा और 1000 रूपया जुर्माना हो सकता है। ये एक ज़मानती अपराध है |

IPC 324 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 324 के अनुसार  लड़ाई झगड़े के दौरान अगर कोई शख्श किसी को गोली चलाने या काटने से गंभीर चोंटे पहोंचाये या आग के माध्यम से या फिर कोई गरम पदार्थ या कोई विषैला पदार्थ से जिन का स्वास लेने में तकलीफ हो या रक्त में प्रवेश कराया जाये  तब उस पर धारा  324 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आम तौर पर आरोपी के ऊपर 3 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। ये एक गैर ज़मानती अपराध है |

लड़ाई में कौन कौन सी धारा लगती है? - ladaee mein kaun kaun see dhaara lagatee hai?
ladai jhagada in public place

IPC 325 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 325 के अनुसार  लड़ाई झगड़े के दौरान अगर कोई शख्श किसी को गंभीर चोट पहुंचाए किसी को चाकू से वार करे , एसा ज़ख्म दे जेसे जान का खतरा हो या फिर शारीर का कोई अंग काट दे तब उस पर धारा  325 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आम तौर पर आरोपी के ऊपर 7 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। ये एक ज़मानती अपराध है | इसमें समझौता हो सकता है |

IPC 326 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 326 के अनुसार  लड़ाई झगड़े के दौरान अगर कोई शख्श किसी की शारीर की हड्डिया तोड़ दे उसे पथारी वश करदे तब उस पर धारा  326 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आम तौर पर आरोपी के ऊपर 10 साल की सजा या फिर आजीवन कारावास  और जुर्माना हो सकता है। ये एक गौर ज़मानती अपराध है |

सोचिये अगर हम किसी सरकारी कचेरी में जा के लड़ाई झगडा या हंगामा या मारपीट करे तब हम पर कोन सी धारा लागु होगी और हमें सजा क्या मिलेगी ?

IPC 352 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 352 के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी काम काज में कोई अड़चन रूप साबित हो तब उस पर धारा  352  के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर 2 साल की कारावास की सजा मिलती है |

IPC 504 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 504 के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी  कर्मचारी से गाली गलोच करे या लड़ाई झगडा तब उस पर धारा  504 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर 2 साल की कारावास की सजा मिलती है |

IPC 506 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 506 के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी  कर्मचारी जान से मारने की धमकी दे तब उस पर धारा  506 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर 3 से 7  साल की कारावास की सजा मिलती है |

IPC 332, 333 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 332 , 333 के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी  कर्मचारी को गंभीर रूप से चोट पहुंचाए  तब उस पर धारा  332 , 333 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर  2  से 7  साल की कारावास की सजा मिलती है |

लड़ाई में कौन कौन सी धारा लगती है? - ladaee mein kaun kaun see dhaara lagatee hai?
ladai zagada karne par kon si IPC dhara

IPC 338, 384, 386 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 338, 384, 386 के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी  कर्मचारी को गैर कानूनन Blackmail करे तब उस पर धारा  338, 384, 386 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर  2  से 10  साल की कारावास की सजा मिलती है |

IPC 427 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 427 के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी  कचेरी में जबरदस्ती घुस जाये तब उस पर धारा  427 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर  2  साल की कारावास की सजा मिलती है |

IPC 378,379 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 378, 379  के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी  कचेरी के माल सामान को नुकशान पहोंचाता है या फिर सरकारी दस्तावेजो के चोरी करे | तब उस पर धारा  378, 379 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर  3  साल की कारावास की सजा मिलती है |

IPC 141,143 की धारा।

भारतीय दंड संहिता 141 , 143  के अनुसार अगर कोई शख्श किसी सरकारी  कचेरी में गैर वैधानिक भीड़ इकटठी करे शोरो शराबा करे | तब उस पर धारा  378, 379 के आधीन मुकद्दमा चलता है।

सजा

आरोपी के ऊपर  3  साल की कारावास की सजा मिलती है |

तो आज के लिए बस इतना ही में मिलूँगा आप से अपने नए ARTICLE में तब तक के लिए आप अपना और अपने परिवार का ख्याल रखे। Take Care.

झगड़ा करने पर कौन सी धारा लगती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 159 व 160 के तहत सार्वजनिक स्थान पर झगड़ा करने से समाज की शांति भंग होती है| इसीलिए जब कोई झगड़ा दो या दो से अधिक लोगों में किसी सार्वजनिक स्थान पर होता है तो वह हंगामा करने का अपराध कहलाता है।

सबसे बड़ी धारा कौन सी होती है?

यह गल्फ धारा के समकक्ष या समान है। हालांकि अंटार्कटिक परिध्रुवी धारा पृथ्वी की सबसे बड़ी सागरीय धारा है।

कुल धाराएं कितनी होती है?

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) यानी IPC भारत में होने वाले कुछ अपराधों की परिभाषा और उनके लिए सजा का प्रावधान करती है. आईपीसी में कुल 511 धाराएं हैं. जिन्हें 23 चैप्टर के तहत परिभाषित किया गया है.

अगर किसी से झगड़ा हो जाए तो क्या करना चाहिए?

एक-दूसरे से बात कर समझें आखिर हुआ क्या- झगड़े के बाद जब आपका गुस्सा शांत हो जाए तो आपस में बैठकर बात कीजिए. जानने की कोशिश कीजिए कि आखिर झगड़े की वजह क्या थी. अगर कोई बात है तो उसे सुलझाने का सोचिए, ये सोचिए कि उसे आगे बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है.