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लेखिका के बचपन में कोक पेप्सी की जगह क्या प्रयोग किया जाता था?इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखिका के अनुसार आज और कल के समय में जो दूरी है वो इस प्रकार है − उस समय मनोरंजन का साधन ग्रामोफ़ोन था; परन्तु आज उसका स्थान रेडियो और टेलीविजन ने ले लिया है। उस समय खाने में केवल कचौड़ी-समोसे होते थे, आज उनकी जगह पैटीज़ ने ले ली है। शहतूत, फ़ालसे और खसखस के शरबत का स्थान आजकल पेप्सी और कोक ने ले लिया है। बचपन पाठ की लेखिका का नाम क्या है? इसे सुनेंरोकेंप्रश्न १- बचपन पाठ की लेखिका कौन है? उत्तर – बचपन पाठ की लेखिका कृष्णा सोबती जी हैं। लेखिका का क्या नहीं उतरा? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: चश्मा लगाते समय डॉक्टर ने आश्वासन दिया था कि कुछ दिन पहनने पर ऐनक उतर जाएगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। लेखिका इसके लिए खुद को जिम्मेदार मानती है। दिन की रोशनी छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण उसका चश्मा कभी नहीं उतरा, बस नंबर कम होता रहा। लेखिका को शिमला का कौन सा फल बहुत याद आता है *?इसे सुनेंरोकेंलेखिका रात में सोते समय चॉकलेट मजा ले-लेकर खाती थी। इसके अतिरिक्त उसे चेस्टनट, चनाजोर गरम और अनारदाने का चूर्ण भी बहुत पसंद था। फलों में शिमला के खट्टे-मीठे का काफल, रसभरी, कसमल भी उसे खूब पसंद थे। लेखिका को ऑलिव ऑयल कब पीना पड़ता था? इसे सुनेंरोकेंहर शनिवार को लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था। बचपन पाठ में लेखिका को बचपन में चश्मा क्यों लगा था? इसे सुनेंरोकेंउत्तर 2-2: लेखिका के अनुसार बचपन की दिलचस्पियाँ भी बदल गई हैं। उन दिनों कुछ घरों में ग्रामोफोन थे, रेडियो और टेलीविजन नहीं थे। बचपन की कुल्फी आइसक्रीम हो गई है। उत्तर 2-3: दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण लेखिका को चश्मा लगाना पड़ा। पुडिया बनाने में किसका कमाल था?इसे सुनेंरोकेंवहाँ से एक उतराई उतरते और माल पर। कन्फेक्शनरी काउंटर पर तरह-तरह की पेस्ट्री और चॉकलेट की खुशबू मनभावनी! वह अब भी नज़र आती है। पुराने कागज़ों से बनाई हुई इस पुड़िया में निरा हाथ का कमाल है। पाठ और लेखिका का क्या नाम है? इसे सुनेंरोकें(क) रामचन्द्र शुक्ल महान कवि के रूप में प्रसिद्ध है। (ख) ‘संस्कृत के चार अध्याय’ के लेखक ‘रामधारी सिंह दिनकर’ हैं। (ग) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र रीतिकाल के रचनाकर हैं। (घ) ‘स्कन्दगुप्त’ धर्मवीर भारती की रचना है। चेस्तनत क्या है पाठ बचपन? इसे सुनेंरोकेंलेखिका ने इस पाठ में अपने बचपन के बारे में बताया है। बचपन मे वह रंग बिरंगे कपड़े पहनती थीं जैसे नीला ,जामुनी, ग्रे, काला, चॉकलेटी परन्तु अब वह सफ़ेद रंग के कपड़े पहनती हैं। पहले वे फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे पहनती थीं लेकिन अब चूड़ीदार और घेर दार कुर्ते पहनती हैं। लेखिका को शनिवार की सुबह अच्छी क्यों नहीं लगती थी?इसे सुनेंरोकेंAnswer: बचपन में इतवार की सुबह लेखिका अपनी जुराबें धोती थी और जूतों पर पॉलिश करके चमकाती थी। Answer: लेखिका को आज भी बूट पॉलिश करना अच्छा लगता है। लेखिका को हफ्ते में क्या चीज खरीदने की छूट थी? इसे सुनेंरोकेंलेखिका को हफ्ते मे एक बार ही चॉकलेट खरीदने की छूट थी और सबसे ज़्यादा चॉकलेट लेखिका के पास रहता था। लेखिका को हफ्ते मे एक बार ही चॉकलेट खरीदने की छूट थी और सबसे ज़्यादा चॉकलेट लेखिका के पास रहता था। इसे सुनेंरोकेंकचौड़ी-समोसा पैटीज़ में बदल गया है। फाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक और पेप्सी जैसे शीतल पेयों ने ले लिया है। लेखिका के बचपन में कोक और पेप्सी के स्थान पर लैम्नेड, विमटो मिलती थी। लेखिका को शिमला का कौन सा फल बहुत याद आता है? लेखिका बिपन िे कौन कौन सी िीजे िज़ा लेकर िाती थी उनके बारे िे ववस्तार से बताइए?इसे सुनेंरोकेंSolution. लेखिका बचपन में कुल्फ़ी, शहतूत, फ़ाल्से के शरबत, चॉकलेट, पेस्ट्री तथा फले मजे ले-लेकर खाती थी। लेखिका को कहाँ की टोपियाँ सहज और सुभीते वाली लगाती है? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: लेखिका इन दिनों शिमला में सिर पर टोपी लगाना पसंद करती है। उनके पास कई रंगों की टोपियाँ है उनका कहना है कि सर पर दुप्पटा ओढना अलग बात है और सहज सुभीते वाली हिमाचली टोपियाँ पहनना अलग बात। बचपन 6th Class NCERT CBSE Hindi वसंत – I Chapter 02प्रश्न: इस कहानी में अपने बचपन की बातें कौन बता रहा है?उत्तर: लेखिका कृष्णा सोबती स्वयं इस कहानी में अपने बचपन की बातें बता रही है। प्रश्न: लेखिका का जन्म कब हुआ था? उनकी उम्र कितनी है?उत्तर: लेखिका का जन्म पिछली शताब्दी में हुआ था। उनकी उम्र दादी या नानी जितनी है। प्रश्न: बचपन में उन्हें मोज़े खुद क्यों धोने पड़ते थे?उत्तर: बचपन में नौकर या नौकरानी से मोज़े धुलवाने की मनाही थी. इसलिए उन्हें खुद ही धोना पड़ता था। प्रश्न: हर शनिचर को लेखिका को क्या पीना पड़ता था?उत्तर: हर शनिवार को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था। प्रश्न: शिमला और दिल्ली के बच्चों को कहाँ की चॉकलेट और पेस्ट्री मजा देती थी?उत्तर: शिमला और दिल्ली के बच्चों को बेंगर्स और डेविको रेस्तराँ की चॉकलेट और पेस्ट्री मजा देती थी। प्रश्न: उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखो।उत्तर: उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में भी काफी बदलाव आए। पहले वे रंग-बिरंगे कपडे पहनती रही नीला-जामुनी-ग्रे-काला-चॉकलेटी। अब गहरे नहीं, हलके रंग पहनने लगी। पहले वे फॉक, फिर निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे परंतु अब चूडीदार और घेरदार कुर्ते पहनने लगी। उम्र बढ़ने के साथ खाने में भी काफ़ी बदलाव आए। प्रश्न: लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?उत्तर: लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे धोती थी। उसके बाद अपने जूते पॉलिश करके चमकाती थी। इतवार की सुबह इसी काम में लगाती थी। प्रश्न: ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ – यह कहकर लेखिका क्या-क्या बताती हैं?उत्तर: ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ – यह कहकर लेखिका बताती है कि उन दिनों मनोरंजन के लिए कुछ घरों में ग्रामोफोन थे परंतु उसके स्थान पर आज हर घर में रेडियो और टेलीविजन देखने मिलता है। कुलफ़ी की जगह आइसक्रीम ने ले ली है। कचौड़ी-समोसा पैटीज में बदल गया है। शहतूत और फ़ाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक-पेप्सी ने ले लिया है। प्रश्न: पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे।उत्तर: लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें छेड़ते थे क्योंकि पहली बार चश्मा लगाने के कारण वह कुछ अजीब सी लग रही थीं। उनके चचेरे भाई उन्हें छेडते थे कि: आँख पर चश्मा लगाया प्रश्न: लेखिका बचपन में कौन-कौन सी चीज़े मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।उत्तर: लेखिका बचपन में चाकलेट और चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण मज़ा ले-लेकर खाती थीं। रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे। प्रश्न: लेखिका की तरह तुम्हारी उम्र बढ़ने से तुम्हारे पहनने-ओढ़ने में क्या-क्या बदलाव आए हैं? उन्हें याद कर लिखो।उत्तर: लेखिका की तरह में भी में पहले फ्रॉक पहनती थी परंतु अब चूडीदार और कुर्ते पहनती हूँ। प्रश्न: लेखिका के बचपन में ग्रामोफ़ोन, घुड़सवारी, शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल और हवाई जहाज़ की आवाज़ें ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें तुम्हें आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़े तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।उत्तर: आज मोबाइल, किन्डल, मेट्रो ट्रेन जैसी आधुनिक चीज़े मुझे आकर्षित करती हैं। प्रश्न: क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़पआदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँट कर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।उत्तर: क्रिया भाववाचक संज्ञा प्रश्न: संस्मरण में आए अंग्रेज़ी के शब्दों को छाँटकर लिखो और उनके हिंदी अर्थ जानो।उत्तर: अंग्रेजी शब्द: फ्रॉक: हिन्दी अर्थ लड़कियों के पहनने का घेरदार झबला प्रश्न: चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित सख्या संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो:
उत्तर:
प्रश्न: कपडों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं। इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।उत्तर:
प्रश्न: लेखिका बचपन में कैसी पोशाक पहना करती थी? वर्णन करें।उत्तर: लेखिका ने बचपन में पहनी गई फ्रॉक में से तीन का वर्णन किया है एक नीली, पिली धारी वाला फ्रॉक था, जिसका कॉलर गोल था। और बाजू पर भी गोल कफ था। दूसरा हल्के गुलाबी रंग का बारीक चुन्नटों वाला घनेदार फ्रॉक था, जिसमें गुलाबी फ्रिक लगी हुई थी। लेमन कलर के बड़े प्लेटों वाले गर्म फ्रॉक का भी वह जिक्र करती है, जिसके नीचे फर टैंकी थी। उन्हें बचपंन में पहने गए दो ट्यूनिक भी याद है एक चॉकलेट रंग का अंदर का कोटी प्याजी और दूसरा ग्रे और उसके साथ सफेदी कोटि। प्रश्न: लेखिका को शिमला रिज की याद क्यों आती है?उत्तर: बचपन में लेखिका ने शिमला रिज पर बहुत मजे किए हैं इसीलिए इसकी याद उनके जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय है। वहाँ उन्होंने घोड़ों की सवारी की है उन घोड़ों को देखकर वह हँसा करती थी क्योंकि उनकी ननिहाल के घोड़े बड़े हष्ट-पुष्ट और खूबसूरत थे। शाम को रंग-बिरंगे गुब्बारे और जाखू के पहाड़ पर गूँजती चर्च की घंटियाँ सबको आकर्षित करती। अँधेरा होने के बाद बत्तियों की रोशनी में रिज की रौनक देखते ही बनती है। प्रश्न: चश्मा लगाते समय डॉक्टर ने क्या भरोसा दिलाया था? क्या उनकी बात सही थी?उत्तर: चश्मा लगाते समय डॉक्टर ने आश्वासन दिया था कि कुछ दिन पहनने पर ऐनक उतर जाएगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। लेखिका इसके लिए खुद को जिम्मेदार मानती है। दिन की रोशनी छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण उसका चश्मा कभी नहीं उतरा, बस नंबर कम होता रहा। प्रश्न: टोपी के विषय में लेखिका के विचार क्या हैं?उत्तर: लेखिका इन दिनों शिमला में सिर पर टोपी लगाना पसंद करती है। उनके पास कई रंगों की टोपियाँ है उनका कहना है कि सर पर दुप्पटा ओढना अलग बात है और सहज सुभीते वाली हिमाचली टोपियाँ पहनना अलग बात। बहुविकल्पीय प्रश्न:नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर दीजिए:प्रश्न: इस संस्मरण में लिखिका किसकी चर्चा कर रही हैं?
प्रश्न: लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ होगा?
प्रश्न: बचपन में लेखिका ने इनमें से क्या नहीं पहना था?
प्रश्न: हर शनिवार लेखिका को क्या पीना पड़ता था?
प्रश्न: चश्मा लगाने पर लेखिका को चिढाते हुए भाई ने क्या कहा?
प्रश्न: परिवार के लोग लेखिका को क्या कहा करते थे?
प्रश्न: लेखिका ने इनमें से कौन-सी पौशाक नहीं पहनी है?
प्रश्न: उन दिनों घरों में मनोरंजन का क्या साधन था?
इनमें से कौन-सी ड्रिंक लेखिका के बचपन में नहीं थी?
प्रश्न: दुकान में किस ट्रेन का मॉडल था?
प्रश्न: ऐनक के कारण लोग लेखिका को क्या पीने की सलाह दिया करते थे?
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