लोग आपकी कदर तभी करेंगे जब आप उन्हें उन्ही की तरह अनदेखा करना सीख जाओगे - log aapakee kadar tabhee karenge jab aap unhen unhee kee tarah anadekha karana seekh jaoge

वो इंसान कभी आपकी कदर नहीं करेगा,
जिसके आगे आप हमेशा झुकोगे।

मत बहा आंसू बेकद्रो के लिए,
जिनको कदर होती है वह रोने नहीं देते।

सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना,
कहीं कोई थक ना जाए तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते।

माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर कुछ भी नही,
तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही।

ना तोड़ो रिश्तें थोड़ा सबर करो,
हर प्यार भरे रिश्तें की कदर करो।

कदर करो उसकी जो तुम्हे दिल से चाहता है,
हसीन चेहरे पर तो हर जवाँ दिल फ़िदा होता है।

जो अपने माँ-बाप की कदर करते है,
दुनिया उनकी कदर करती है।

प्यार इतना ही रखो कि दिल संभल जाए,
इस कदर भी ना चाहो कि दम निकल जाए।

ना कर झूठी तारीफ़ अपने शहर की इस क़दर,
के मैं भी गाँव छोड़ आऊँ और भटकूँ दर बदर।

ऑनलाइन तो सब होते हैं इगो को साइड पर रखकर,
मैसेज वही करता है जिसे रिश्ते की कदर होती है।

जो लोग मोहब्बत की कदर करते हैं,
अक्सर मोहब्बत उन्हें रुला देती है।

जो मुफ्त में मिलता है,
उसकी कदर कौन करता है।

जो अपनी परिश्रम से गदर करते है,
दुनिया वाले उन्हीं की कदर करते है।


वक्त रहते वक्त की कदर करना सीख गये,
तो तुम बहुत कुछ पाओगे
वरना बहुत कुछ खोओगे,
और बहुत कुछ अपने हाथों से गँवाओगे।

यही तो फितरत है इंसान की,
मोहब्बत ना मिले तो सब्र नहीं कर पाते,
और मिल जाए तो,
उसकी कदर नहीं कर पाते।

वो इंसान कभी आपकी कदर नहीं करेगा,
जिसके आगे आप हमेशा झुकोगे।

पहले मेहमान घर आते थे तो कदर होती थी,
अब मेहमान घर आते है तो गदर होती है।

रिश्तों की कदर पैसों की तरह करनी चाहिए,
क्योंकि दोनों को कमाना कठिन और गवाना आसन है।

कदर करनी है तो जीते जी करो,
वरना मरने पर तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं।

रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह कीजिए जनाब,
दोनों का गवाना आसान है कमाना मुश्किल।

जिसे कदर होती है वो छोड़ कर जाते नही,
छोड़ कर जाने वाले कभी लौट कर आते नही।

वक़्त निकल जाने के बाद कदर की जाए,
तो वो कदर नही अफ़सोस कहलाता है।

अगर आप चाहते हो की आपके बच्चे कदर करे,
तो अपने बच्चों के जीवन में संस्कार को भरे।

शिकायतें कितनी भी हो उन्हें दिल में नही रखनी चाहिए,
माँ-बाप की सेवा और कदर पूरी जिन्दगी करनी चाहिए।

गरीब हो या अमीर, सबकी कदर करते है,
इंसानियत को हम अपनी नजर में रखते है।


ये दिल उसी इंसान पर मरता है,
जो हमारी कदर नही करता है।

अपनो से रिश्ता कभी नही तोड़ना चाहिए,
पर कदर ना हो तो निभाना भी नही चाहिए।

कदर करना सीखो उस प्यार की,
जो बिना मतलब के चाहत रखते है,
दुनिया में ऐसे लोग कम मिलते है जो,
प्यार का इजहार खुलेआम करते है।

कदर किरदार की होती है,
वरना कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है।

जिस कदर उसकी कदर की हमनें,
उस कदर बे कदर हुए हम।

कदर मैंने की उसके प्यार, चाहत और जज्बात की,
मगर उसने ऐसे मुँह फेरा कि एक बार बात ना की।