औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं वर्णन कीजिए? - audyogeekaran se aap kya samajhate hain varnan keejie?

औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं वर्णन कीजिए? - audyogeekaran se aap kya samajhate hain varnan keejie?

सन् १८६० के आस-पास जर्मनी के एक औद्योगिक कारखाने का दृष्य

औद्योगीकरण एक सामाजिक तथा आर्थिक प्रक्रिया का नाम है। इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है। वस्तुत: यह आधुनीकीकरण का एक अंग है। बड़े-पैमाने की उर्जा-खपत, बड़े पैमाने पर उत्पादन, धातुकर्म की अधिकता आदि औद्योगीकरण के लक्षण हैं। एक प्रकार से यह निर्माण कार्यों को बढ़ावा देने के हिसाब से अर्थप्रणाली का बड़े पैमाने पर संगठन है।

औद्योगीकरण [1] तथा नगरीकरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये दोनों ही एक दूसरे सें सम्बन्धित प्रक्रियाएं करते हैं। जहां नगरों के विकास में औद्योगीकरण एक महत्वपूर्ण साधन हैं वहीं नगरों में औद्योगीकरण के प्रसार हेतु अनुकूल परिस्थियां पायी जाती है।

में इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • औद्योगिक क्रांति
  • विऔद्योगीकरण
  • शहरीकरण (Urbanization)
  • कार्य का विभाजन (Division of labour)

पठनीय सामग्री[संपादित करें]

  • Hobsbawm, Eric (1962): The Age of Revolution. Abacus.
  • Pomeranz, Ken (2001)The Great Divergence: China, Europe and the Making of the Modern World Economy (Princeton Economic History of the Western World) by (Princeton University Press; New Ed edition, 2001)
  • Hewitt, T., Johnson, H. and Wield, D. (Eds) (1992) Industrialization and Development, Oxford University Press: Oxford.
  • Kiely, R (1998) Industrialization and Development: A comparative analysis, UCL Press:London.™

औद्योगीकरण का अर्थ (audyogikaran ka arth)

संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिर्पोट के अनुसार "औद्योगीकरण से तात्पर्य बड़े-बड़े उद्योगों के विकास तथा छोटे और कुटीर उद्योगों-धंधों के स्थानों पर बड़े पैमाने की मशीनों की व्यवस्था से है।
औधोगिकरण क्या है?

औद्योगीकरण एक प्रकार की प्रक्रिया है। जिसके अन्तर्गत लोग पुरानी पध्दतियों को त्याग देते है और उसके स्थान पर आधुनिक अधिक सरल, अधिक उत्पादक तकनीकी साधनों का प्रयोग करते हैं।


औद्योगीकरण का अर्थ जानने के बाद अब हम औद्योगीकरण के सामाजिक प्रभाव और आर्थिक प्रभाव जानेंगे।

औधोगिकरण क्या है?

औधोगिकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है और जिसका उद्देश्य उत्पादन के साधनों मे वृद्धि करना, मनुष्यों के श्रम की जगह मशीनों पर निर्भर करना और कम से कम मेहनत मे जीवन स्तर को ऊपर उठाना होता है। इसके माध्यम से मनुष्यों की मशीन पर निर्भरता बढ़ती है और प्रकृति पर मनुष्यों के नियंत्रण मे वृद्धि होती है। औधोगिकरण कोई ऐसी प्रक्रिया नही है जो कल-कारखानों तक ही सीमित रहती है बल्कि यह मूलतः एक आर्थिक प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मशीनों के माध्यम से उत्पादन मे वृद्धि की जाती है।

औद्योगीकरण और नागरीकरण एक सिक्के के पहलू हैं अर्थात् औद्योगीकरण और नगरीकरण से उत्पन्न सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभावों में कोई भिन्नता नही है। औद्योगीकरण की प्रक्रिया से नगरों का विकास तेजी से होता है। जिस स्थान पर औद्योगीकरण होता है वहा लोग रोजगार के लिए आने लगते है और जनसंख्या में बढ़ोतरी होने गलती है।

औद्योगीकरण के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

औद्योगीकरण के सामाजिक प्रभाव 

1. अपराधों में वृध्दि
औद्योगीकरण के प्रभाव स्वरूप अपरोधों मे वृध्दि होती है। क्योंकि ग्रामीण सामाज के लोग रोजगार के लिए  औद्योगीक क्षेत्र मे आने लगते है। यहां पर उन्हें जो वातावरण मिलता है उससे वह अनिविज्ञ होते है।  जिसकी वजह से वह तनाव और चिंता से घिर जाते है। यहां पर उन्हें अनौपचारिक सम्बन्धों का अभाव मिलता है। इसलिए वह व्यसनों शराब जैसी आदि लतों से घिर जाते है।


2. आधुनिकीकरण में वृध्दि
औद्योगीकरण से आधुनिकीकरण में वृध्दि होती है। क्योकि औद्योगीकरण में उत्पादन मे नई तकनीक का प्रयोग, नया बजार, यातायाता के साधन आदि आधुनिकीकरण की पृष्ठभूमि तैयार करते है।

3. स्त्रियों की स्थित में परिवर्तन
नागरीकरण की तरह ही औद्योगीकरण से भी स्त्रियों की स्थित में परिवर्तन होता है। औद्योगीकरण में स्त्रियों को शिक्षा और रोजगार के समान अवसर प्रदान किए हैं। जिससें स्त्रियां सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो रही है।


4. जाति व्यवस्था में शिथिलता
औद्योगीकरण के कारण विभिन्न व्यवसायों में एक साथ काम करने के कारण जातिगत दूरियां कम हुई है। उद्योगों में सभी जातियों के व्यक्ति एक साथ मिलकर कार्य करते हैं। यहां पर उनमें जातिगत भावना का अभाव पाया जाता है। विविध व्यवसायों के विकास के साथ होटल, यातायात के साधनों का विकास, शिक्षा दर में वृध्दि आदि ऐसे कारण से जिनसें जाति प्रथा में शिथिलता आ रही है।

5. संयुक्त परिवारों का विघटन
औद्योगीकरण के प्रभाव से संयुक्त परिवार का विघटन हो रहा है। लोग रोजगार की तलाश में औद्योगीक क्षेत्रों मे आ रहें हैं जिससे नगरो का विकास हो रहा है। फलस्वरूप संयुक्त परिवार एकल परिवारों मे परिवर्तित हो रहे है।

औद्योगीकरण के आर्थिक प्रभाव 

1. औद्योगीकरण के फलस्वरूप पूँजीवाद में वृध्दि हो रही है। क्योंकि बड़े-बड़े कारखानों को पूंजीपति ही चला सकते है।

2. औद्योगीकरण के श्रम विभाजन और विशेषीकरण का महत्व समाज में बढ़ रहा है।

3.  औद्योगीकरण ने बेरोजगारी की समस्या को भी जन्म दिया है।

4. बड़े-बड़े कारखानों में श्रमिकों के कार्य करने की दशाएं अभी भी असंतोषजनक हैं। जिससे विभिन्न प्रकार के रोग और शारीरिक दुर्घटनाएं होती रहती है।

5. औद्योगीकरण से लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आया है।

6. औद्योगीकरण से कुटीर उद्योगों का पतन हो रहा है।
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औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं वर्णन करें?

औद्योगीकरण एक सामाजिक तथा आर्थिक प्रक्रिया का नाम है। इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है। वस्तुत: यह आधुनीकीकरण का एक अंग है। बड़े-पैमाने की उर्जा-खपत, बड़े पैमाने पर उत्पादन, धातुकर्म की अधिकता आदि औद्योगीकरण के लक्षण हैं

औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?

औद्योगीकरण के फलस्वरूप प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है, जो आर्थिक विकास की परिचायक है। औद्योगीकरण राष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक ढाँचे में आमूल-चूल परिवर्तन करता है। औद्योगीकरण के कारण वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होने से प्राचीन मान्यताएँ ध्वस्त हो जाती हैंऔद्योगीकरण पूँजीवाद का जनक है।

औद्योगीकरण की मुख्य विशेषताएं क्या है?

औद्योगीकरण की प्रमुख विशेषता श्रम-विभाजन और विशिष्टीकरण है। ⦁ औद्योगीकरण तीव्र गति से सस्ते और बड़े पैमाने के उत्पादन पर बल देता है। ⦁ औद्योगीकरण की प्रमुख विशेषता नवीनतम वैज्ञानिक विधियों तथा उत्पादन की नवीनतम तकनीक के प्रयोग पर बल देना है। ⦁ औद्योगीकरण प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम तथा योजनाबद्ध दोहन पर बल देता है।

औद्योगीकरण के क्या कारण है?

औद्योगीकरण के कारण शहरीकरण को बढावा मिलता है एवं मानव समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है । कह सकते है कि यह आधुनिकीकरण का एक अंग है । इसके कारण वस्तुओं के उत्पादन में तेजी से बुद्धि होती है, किन्तु इसके लिए अत्यधिक ऊर्जा की खपत करनी पड़ती है