खट्टी डकार सीने में जलन क्यों होती है? - khattee dakaar seene mein jalan kyon hotee hai?

स्टोरी हाइलाइट्स

  • शुरुआती लक्षणों का पता चलने से ठीक किया जा सकता है बीमारी का खतरा
  • एसोफेगस हमारे मुंह को पेट से जोड़ने वाली पाइप होती है

कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां आजकल के समय में काफी आम हो चुकी हैं. कैंसर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है . ऐसे में आज हम आपको एसोफेगस कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं. एसोफेगस को ग्रसिका/ ग्रासनाल और फूड पाइप भी कहा जाता है. एसोफेगस हमारे मुंह को पेट से जोड़ने वाली पाइप होती है. इस कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि समय पर इसका पता चले ताकि इस खतरनाक बीमारी से निपटा जा सके. एक्सपर्ट के मुताबिक, एसोफेगस कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देने से इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है. जिन लोगों सीने में जलन की समस्या का सामना करना पड़ता है, उनकी यह समस्या कैंसर का कारण बन सकती है.

हो सकती हैं ये समस्याएं

एसोफेगस कैंसर से पीड़ित लोगों को अक्सर सलाइवा निगलने में दिक्कत, एसोफेगस पाइप में एसिड का वापस आना और सीने में जलन की समस्या का सामना करना पड़ता है. 

अगर आपको सीने में जलन की समस्या का लगातार सामना करना पड़ता है तो इसे गैस्ट्रो एसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GORD) कहा जाता है.  इसमें पेट में बनने वाले एसिड एसोफेगस पाइप के जरिए गले में आ जाते हैं. यह तब होता है जब एसोफेगस के नीच बनी मसल्स डैमेज और कमजोर हो जाती हैं.

मसल्स के डैमेज होने से एसोफेगस कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. ये डैमेज सेल्स एक हार्ड ट्यूमर के रूप में बदल जाते हैं जिससे और भी कई तरह की पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

क्या कहती है रिसर्च

कैंसर रिसर्च यूके के मुताबिक, अगर एसोफेगस कैंसर के शुरूआती लक्षणों का पता लगा लिया जाए तो बचने की संभावना 4 गुना बढ़ सकती है. इसके साथ ही सीने में जलन की समस्या का सामना कर रहे लोगों को भी अपनी स्थिति पर नजर रखने की जरूरत होती है. साथ ही यह भी देखना जरूरी है कि इसके अलावा उन्हें निगलने में दिक्कत या चेस्ट पेन तो नहीं हो रहा?

लगातार सीने में जलन होने के कारण

NHS के मुताबिक, कई कारणों के चलते सीने में जलन का सामना करना पड़ सकता है जैसे- 

- कुछ खास फूड या ड्रिंक जैसे कॉफी, टमाटर, चॉकलेट, स्पाइसी फूड
- वजन ज्यादा होना
- स्मोकिंग
- प्रेग्नेंसी
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी
- कुछ खास दवाईयां

एसोफेगस कैंसर के लक्षण

- सलाइवा निगलने में दिक्कत
- बीमार महसूस करना
- सीने में जलन और एसिड का एसोफेगस में वापस आना
- बहुत ज्यादा डकार आना
- कफ का लंबे सम तक ठीक ना होना.
- आवाज का बदलना
- भूख कम लगना और बिना वजह के वजन कम होना. 
- गले में दर्द और छाती के बीच में दर्द होना खातौर पर कुछ निगलते समय.

किन लोगों को होता है ऐसोफेगस कैंसर का ज्यादा खतरा

एसोफेगस कैंसर किसी को भी हो सकता है. लेकिन कुछ लोगों में इस कैंसर की होने की संभावना ज्यादा होती है जैसे- 

- 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इस कैंसर के होने के संभावना ज्यादा होती है. 

- यह कैंसर अधिकतर पुरुषों को होता है. 

- कई लोग जो किसी लंबी बीमारी से पीड़ित होते हैं उनमें भी ये कैंसर होने की संभावना ज्यादा रहती है. 

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खट्टी डकार सीने में जलन क्यों होती है? - khattee dakaar seene mein jalan kyon hotee hai?

ज्यादा स्पाइसी, ऑयली या मसालेदार तला भुना खाना खाने से या फिर ज्यादा शराब पीने से अक्सर एसिडिटी (Acidity Home Remedies) की समस्या होती है. कई बार हम ज्यादा देर तक खाना नहीं खाते और फिर एकदम से तेल मसाले वाला स्पाइसी खाना खा लेते हैं तो भी एसिडिटी की प्रॉब्लम परेशान करने लगती है. एसिडिटी होती है तो पेट में दर्द, ऐठन की शिकायत (Stomach Cramps Remedy) के साथ ही सीने में जलन महसूस होती है. खट्टी डकार (Khatti Dakar) भी परेशान करती है. वैसे तो एसिडिटी कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है लेकिन अगर इसका इलाज समय से ना किया जाए तो ये आपको परेशान कर सकती है. तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे घरेलू उपचार जो आपको जल्द एसिडिटी से राहत दिला सकते हैं.

सीने में जलन और खट्टी डकार की जलन से राहत पाने के घरेलू उपचार | The Fastest Way To Cure Acidity and Indigestion

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1. अदरक

अदरक में मेडिकल प्रॉपर्टीज मौजूद हैं  यही वजह है कि बरसों से इसका इस्तेमाल होता आया है. पेट और गले में एसिडिटी से जलन होने पर अदरक एक रामबाण इलाज है. अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो आप को सीने में जलन और खट्टी डकार से राहत दिला सकते हैं. एक स्टडी के अनुसार, अदरक फाइलोरी नाम के गैस्ट्रिक के बैक्टीरिया को मार देता है. इस इस्तेमाल करने के लिए आप अदरक का एक छोटा टुकड़ा लेकर उसे थोड़ी देर तक चबाएं फिर पानी के साथ निगल ले.

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2. शहद

शहद कभी ना खराब होने वाला एक खाद्य पदार्थ है जिसमें एक नहीं बल्कि कई सारे गुण मौजूद हैं. शहद में खराब बैक्टीरिया को मारने का पॉवर होता है. शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी क्वालिटी पेट और गले की जलन से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकती है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल करने से आपको खट्टी डकार से भी राहत मिल सकती है. शहद का इस्तेमाल करने के लिए दो चम्मच शहद को आप एक ग्लास पानी में अच्छी तरह से मिलाकर पी लें. अगर आप खाली पेट शहद पानी पीते हैं तो फायदा दुगना हो सकता है.

3. हल्दी

हमारे किचन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली हल्दी भी आपकी एसिडिटी, सीने में जलन और खट्टी डकार से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकती है. हल्दी में करक्यूमिन नाम का तत्व पाया जाता है जिसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. हल्दी का रोजाना सेवन करने से पेट और गले की जलन में काफी राहत मिलती है. इसका इस्तेमाल करने के लिए आप एक चम्मच हल्दी को पानी में मिलाकर इसका पेस्ट बना लें और इसी पेस्ट का सेवन करें. आप चाहें तो पानी की जगह दही या केले का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

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4. नारियलपानी 

नारियल पानी मिनरल्स और विटामिन्स का अच्छा सोर्स माना जाता है. कोकोनट वॉटर में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सीने और गले की जलन से राहत दिलाने में मदद करते हैं. 

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5. जीरा 

पेट और सीने में जलन होने पर आप भुने हुए जीरे का सेवन कर सकते हैं. इससे आपको सीने की जलन में काफी आराम मिलेगा. जीरा बहुत जल्दी असर करता है और हमें एसिडिटी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए आप एक चम्मच जीरा को भूनकर पीस लें. फिर एक ग्लास गर्म पानी में जीरा पाउडर को मिलाकर पिएं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

खट्टा डकार आए तो क्या करना चाहिए?

खट्टी डकार, गैस या बदहजमी होने पर जीरे को भूनकर खाने से आराम मिलता है। भुने जीरे को आप दही में डालकर खा सकते हैं। इसके अलावा भुने जीरे के पाउडर को आप सलाद या बहुत सी ड्रिंक्स जैसे आम पन्ना, शिंकजी में डालकर भी पी सकते हैं। इलायची - खट्टी डकार की समस्या होने पर इलायची का सेवन करने से छुटकारा पाया जा सकता है।

खट्टी डकार आने का क्या कारण हो सकता है?

खट्टी डकार का आना आमतौर पर कोई बीमारी नहीं है इससे यह पता चलता है कि आपके पेट में हवा ज्यादा भर गई है। इसके अलावा यह समस्या ज्यादा खाने या फिर जल्दी-जल्दी खाने से भी होती है। बता दें कि डकारें अपच के कारण पैदा होती हैं और अपच धूम्रपान, तनाव, कोल्ड ड्रिंक, शराब के सेवन आदि से पैदा होता है।

सीने में जलन हो तो क्या खाना चाहिए?

सीने पर तेज जलन हो रही हो और कोई दवाई पास न हो तो सबसे अच्छा तरीका होता है कि आप ठंडा दूध पी लें. हालांकि यदि खाना खाया है तो दो घंटे बाद तक दूध नहीं पीना चाहिए. ऐसे में शहद, अजवाइन या अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन करना चाहिए.

सीने में जलन का क्या कारण है?

हार्ट अटैक होने पर आपको सीने में जलन के साथ थोड़े अलग लक्षण महसूस होते हैं. आपकी हार्टबीट काफी तेज हो जाती है, सीने में तेज दर्द महसूस होता है, त्वचा चिपचिपी होने लगती है, जी मिचलाता है और इनडाइजेशन की समस्या हो जाती है. कई बार मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है, लेटने पर दर्द बढ़ता है और खाने के बाद गला जलने लगता है.