क्या आप जानते हैं कि कनेर का पौधा शुभ या अशुभ ?कनेर का पेड़ घर में शुभ या अशुभ और इसके फायदे व नुकसान के बारे मे चर्चा करेंगे।आपको बतादें कि कनेर का फूल बहुत अधिक प्रसिद्ध है और इसका वैज्ञानिक नाम Nerium indicum होता है।कनेर के पत्ते की लंबाई 4 से 6 इंच तक होती है।कनेर के पौधे वन और उपवन के अंदर आसानी से मिल जाते हैं।फलियां चपटी, गोलाकार 5 से 6 इंच लंबी होती है । इसके अलावा इसके फूलों और जड़ों के अंदर भी जहर होता है।इसकी 4 प्रजातियां मौजूद हैं जो इस प्रकार से हैं।सफेद, लाल व गुलाबी और पीला । Show
कनेर के पौधे को आप अक्सर मंदिरों के आस पास और बगीचों मे देख सकते हैं।यह पूजा पाठ के लिए भी प्रयोग मे लाया जाता है।इसके अलावा इसका प्रयोग दवा बनाने के लिए भी बहुत अधिक किया जाता है।पीला कनेर कई रोगों के उपचार मे प्रयोग मे लाया जाता है।
कनेर का पौधा शुभ या अशुभ kaner ka ped ghar mein laganaकनेर का पौधा लगाना घर के अंदर काफी अच्छा होता है। खास कर पीले कनेर का पौधा घर के अंदर लगाना काफी शुभ होता है। कनेर का पौधा शुभ या अशुभ होता है। बहुत से लोग कनेर के पौधे को अपने घर के अंदर लगाना पसंद करते हैं। कनेर के पौधे के घर मे लगाने के कई सारे फायदे होते हैं। लेकिन कुछ सावधानियां भी रखनी होती हैं।
घर में कनेर का पौधा शुभ या अशुभ कनेर के पौधे के फायदेआपके घर में अमरूद का पेड़ शुभ या अशुभ Guava tree in house गेम खेलने के फायदे और नुकसान के बारे मे जानकारी घर में आम का पेड़ शुभ या अशुभ mango tree in house नींबू का पौधा शुभ या अशुभ घर मे नींबू का पौधा कैसा होता है ? अदरक के पौधे को लगाने का तरीका adrak ka ped kaise ugay नींबू का पौधा लगाने का सही तरीका क्या है जानें दोस्तों हम यहां पर पीले कनेर के पौधे के फायदे की बात कर रहे हैं। आपको बतादें कि पीले कनेर के अनेक फायदे होते हैं। कनेर आमतौर पर कुष्ठ रोग ,सूजन ,घाव ,हर्ट आदि की बीमारियों के अंदर दवा बनाने मे काम आता है। पीला कनेर सिरदर्द को दूर करता हैदोस्तों पीला कनेर सिरदर्द को दूर करने का कार्य करता है।इसके लिए सरल तरीका यह है कि पीले कनेर का एक फूल लेकर आएं और आंवले की कांजी के अंदर पीस लें उसके बाद जहां पर सिरदर्द हो रहा है वहां पर इसका लेप करें । और यदि आपके पास सफेद कनेर उपलब्ध है तो उसके पत्तों को सूखा लें और उनको सूंख लें । ऐसा करने से सिरदर्द अपने आप ही ठीक हो जाएगा । बालों को सफेद होने से बचाता है कनेरआजकल आप देख रहे हैं कि हर किसी के बाल आपको सफेद ही मिलेंगे । कनेर को बालों मे लगाने से बालों को सफेद होने से बचाया जा सकता है। कनेर आपके दांतों को मजबूत करता हैदोस्तों यदि आपको किसी भी प्रकार की दांतों की समस्या है तो आप सफेद कनेर की डाली लें और उससे दांतुन करें । ऐसा करने से दांतों की समस्याओं से आराम मिलता है।इसके अलावा यदि दांत के अंदर दर्द की समस्या है तो वह भी ठीक हो जाएगी । हर्ट के दर्द को ठीक करता है कनेरदोस्तों यदि किसी के हर्ट के अंदर दर्द होता है तो 100 मिलीग्राम कनेर की जड़ लें और उसके बाद छाल का सेवन भोजन के साथ करना चाहिए । ऐसा करने से हर्ट के अंदर होने वाला दर्द ठीक हो जाता है। सिफलिस का इलाज करने मे कनेर के फायदेसिफलिस का इलाज करने के लिए भी कनेर का प्रयोग किया जा सकता है।इसके लिए सफेद कनेर के पत्तों के काढ़े को बनाएं और उसके बाद उससे घावों को धोएं । ऐसा कई बार करने से सिफलिस मे आराम मिलता है। जोड़ों के दर्द को दूर करता है कनेरआजकल आप देख सकते हैं कि कई लोगों को जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है। जोड़ों मे बहुत अधिक दर्द होता है।इसके लिए सरल इलाज यह है कि कनेर के पत्तों को पीस लें और उसके बाद जहां पर भी दर्द होता है वहां लगालें । ऐसा करने से जोड़ों का दर्द कम हो जाता है। इसके अलावा जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए कनेर के पत्तों को मीठे तेल के अंदर पीसें और उसके बाद दर्द वाले स्थान पर मालिस करने से भी दर्द से आराम मिलता है। लिंग के टेढेपन को सही करने का कार्य करता हैदोस्तों कुछ लोंगों की यह समस्या होती है कि उनका लिंग काफी टेढ़ा होता है। इसके लिए एक सरल उपाय यह है कि 10 ग्राम कनेर के पत्तों को पीस लें और उसके अंदर डबल मात्रा मे घी मिलाकर मालिस करें । इससे कुछ दिन करने से समस्या अपने आप ही दूर हो जाएगी। सांप काटने पर कनेर के पत्तों की मदद से उपचारयदि किसी को सांप ने काट लिया है तो कनेर के पत्तों की मदद से विष को उतारा जा सकता है। कनेर के पत्तों को 1 से 2 की संख्या मे रोगी को दें । जिससे उल्टी होगी और जहर उतर जाएगा । अफीम की लत को दूर करने मे कनेर का प्रयोगकुछ लोग गलत संगति का शिकार होने की वजह से अफीम जैसी बुरी लत के अंदर फंस जाते हैं।लकिन अफीम की लत को दूर करने मे कनेर का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए 50 मिलीग्राम कनेर की जड़ का चूर्ण बनाएं और उसके बाद रोगी को कुछ दिन तक लगातार खिलाते रहें । ऐसा करने से नशे की लत अपने आप ही दूर हो जाती है। लकवाग्रस्त लोगों के इलाज के लिए पीले कनेर के फायदेयदि किसी को लकवा की समस्या है तो कनेर काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए सफेद कनेर की जड़ की छाल, सफेद गुंजा की छाल और धतूरे के पत्तों का आप प्रयोग कर सकते हैं।अब सबसे पहले इन सभी को कूट लें और धीमी आंच पर पकाएं उसके बाद जब कुछ जल शेष रह जाए तो लकवा से ग्रस्ति रोगी की इससे मालिश करें । बस उसके बाद रोगी को काफी आराम मिलेगा । घाव के इलाज मे उपयोगी होता है कनेरसबसे पहले कनेर के पत्तों को पीस लें यानि तेल के अंदर पत्तों को पीसें और उसके बाद इनको पकाएं और फिर इसको घावों के उपर लगादें । ऐसा करने से घांवों के अंदर मौजूद कीड़ों को खत्म किया जा सकता है। जहरीले कीड़े के इलाज के लिएदोस्तों कई बार जब हम खेतों के अंदर काम करते हैं तो हमको जहरीले कीड़े काट लेते हैं। जिसकी वजह से सूजन और खुजली जैसी समस्याएं होने लग जाती हैं।यदि इस प्रकार की समस्या है तो सबसे पहले कनेर के पत्तों को तेल के अंदर पकाएं और उसके बाद कीड़े के काटे जाने वाले स्थान पर मालिस करें । इससे काफी फायदा मिलेगा । चेहरे की सुंदरता को बढ़ाता है कनेरदोस्तों कनेर चेहरे की सुंदरता को बढ़ाने का कार्य करता है।इसके लिए आपको सबसे पहले चाहिए होंगे सफेद कनेर के फूल और उनको पीस लेना है। उसके बाद उनको अपने चेहरे पर लगाना है। फिर कुछ समय के लिए ऐसे ही रहने देना है। और बाद मे अपने चेहरे को जल से अच्छी तरह से धो लेना है। ऐसा करने से चेहरा चमकदार बनता है। दाद को दूर करने मे कनेर के फायदेदोस्तों कई लोगों को दाद एक बहुत ही बड़ी समस्या होती है।एक बार यदि दाद हो जाता है तो यह पूरे शरीर मे फैल सकता है। इसके लिए सफेद कनेर की जड़ को तेल के अंदर पकाएं और छान कर जहां पर भी दाद हो वहां लगादें । ऐसा करने से दाद एकदम से ठीक हो जाएगा । इसके अलावा कनेर के पत्तों को भी तेल की मदद से पकाकर दाद वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है। कुष्ठ रोग के अंदर कनेर काफी फायदे मंद होता हैदोस्तों कुष्ठ रोग के अंदर भी कनेर काफी फायदेमंद होता है। कनेर के पत्तों का काढ़ा बनाकर रोगी के नहाने वाले जल के अंदर मिलादें । ऐसा करने से रोगी को काफी फायदा मिलता है।इसके अलावा सफेद कनेर की छाल को कूट लें और महिन पीस कर लेप करने से भी रोगी को काफी लाभ मिलता है। पीले कनरे की जड़ों को तेल मे पकाकर रोगी को लगाएं । ऐसा करने से रोगी को काफी राहत मिलती है। पीला कनेर क्या है ?पीला कनेर एक झाड़ी या छोटा पौधा होता है जोकि सदाबाहर होता है।एवेटिया पेरुवियाना, पीला ओलियंडर, एवेटेरिया नेरीफ़ोलिया आदि अन्य नामों से इसको जाना जाता है।सेंट्रल अमेरिका और भारत के अंदर यह आसानी से देखने को मिलता है। पीले कनेर के फूल चमकिले और सुराही आकार के होते हैं।इन फूलों की लंबाई 7cm व चौड़ाई 2.5–4cm तक होती है और फूल गुच्छे के रूप में होते हैं। दिल के लिए पीले कनेर का प्रयोगआजकल दिल से संबंधित बीमारियां बहुत अधिक बढ़ गई हैं पीले कनेर का प्रयोग दिल से संबंधित बीमारियों के लिए किया जाता है।हार्ट फैलियर की स्थिति मे पीले कनेर का प्रयोग किया जाता है। चीन और अमेरीका के अंदर भी इसका प्रयोग होता आ रहा है। कब्ज से नीजात दिलाने मे असरदार है कनेरदोस्तों कब्ज से नीजात दिलाने मे पीला कनेर असर दार होता है। यदि किसी को कब्ज की बहुत अधिक समस्या रहती है तो पीला कनेर काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए करना यह है कि कनेर के पत्तों का काढ़ा बनाएं और उसके बाद इसका सेवन करने से पेट मे मौजूद कब्ज को सही किया जा सकता है। बुखार को दूर करने मे कनेर के फायदेयदि बार बार बुखार आ रहा है तो कनेर के पत्तों से बने काढ़े का सेवन किया जा सकता है। यह काफी फायदेमंद होता है। नेत्र रोग को दूर करने मे उपयोगी है कनेरयदि आंखों की समस्याएं हैं तो कनेर के पौधे की जड़ और सौंफ व करंज को अच्छी तरीके से पीसें और उसके बाद आंखों पर लेप करें । ऐसा करने से आंखों को काफी आराम पहुंचता है। यह प्रयोग काफी फायदेमंद होता है। इस प्रयोग से आंखों का किसी भी प्रकार का रोग दूर नहीं होता है लेकिन यह आंखों को आराम दिलाने मे काफी सहायक होती हैं। सिरदर्द को दूर करता है कनेरयदि किसी को सामान्य सिरदर्द हो रहा है तो कनेर के फूल और आंवले को पीसें और उसके बाद उनको ठंडे पानी के अंदर मिलाएं । फिर सिर के उपर अच्छी तरह से मलें । ऐसा करने से सिरदर्द से आराम मिलता है। बिच्छू के विष को दूर करने मे कनेर का प्रयोगकई बार जब हम काम करते हैं तो गलती से कोई बिच्छू हमको डंक मार देता है। जिसकी वजह से काफी दर्द का अनुभव होता है।इसके लिए कनेर की छाल और पत्तों को मिक्स करके पीसें और फिर जहां पर भी बिच्छू ने काटा है वहां पर इनका लेप करें। ऐसा करने से दर्द से राहत मिलेगी । खुजली को दूर करता है कनेरदोस्तों यदि किसी को खुजली की समस्या है तो उसके अंदर कनेर काफी फायदेमंद हो सकता है।इसके लिए कनेर के पत्तों के तेल को खुजली वाले स्थान पर लेप करें । ऐसा करने से खुजली बहुत ही जल्दी दूर हो जाएगी । पीले कनेर के पत्तों को जैतून के तेल के अंदर मिलाकर मलहम बनाएं और उसके बाद उनको खुजली वाले स्थान पर लगाने से काफी आराम मिलता है। बवासीर मे कनेर का उपयोगयदि किसी को बवासीर की समस्या है तो कनेर की जड़ लें और ठंडे पानी मे पीसें टॉयलेट जाते समय जों अंश बाहर निकल जाता है उसके उपर लेप करें । इससे काफी आराम मिलेगा । कनेर पेट के कीड़ों को मारती हैकनेर के फूल का काढ़ा बनाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।लेकिन इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए नहीं तो नुकसान हो सकता है। कनेर के उपर जो भी प्रयोग दिये गए हैं। उनको कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए ।यदि आप उनको बिना डॉक्टर की सलाह के करते हैं तो नुकसान हो सकता है। क्योंकि कनेर एक जहरीला पौधा होता है। क्या कनेर का पौधा घर में लगा सकते हैं?कहा जाता है कि जिस तरह कनेर का पेड़ पूरे साल फूलों से भरा रहता है उसी प्रकार इसे घर में लगाए जाने से पूरे साल घर में धन का आगमन रहता है। कनेर का पौधा मन को शांत रखता है और वातावरण में सकारात्मकता लाता है। सफेद कनेर के फूलों को मां लक्ष्मी जी की पूजा में रखा जाए तो लक्ष्मी मां प्रसन्न होकर जातके के घर ठहर जाती है।
कनेर का पौधा कब लगाना चाहिए?कनेर के पौधे को किसी शुभ नक्षत्र और वार में घर के आंगन में लगाना चाहिए। वहीं वास्तु के अनुसार कनेर के पौधे को उचित दिशा में लगाने से घर में धन समृद्धि बनी रहती है और आमदानी बढ़ती जाती है।
धन देने वाला पौधा कौन सा है?मनी प्लांट- घर में धन-सृमद्धि के प्रतीक के रूप में मनी प्लांट का पौधा सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. यह पौधा जितनी तेजी से बढ़ता है, घर में उनती ही तेजी से धन आता है. घर में मनी प्लांट लगाते समय ख्याल रखें कि इसे आग्नेय दिशा यानी दक्षिण पूर्व दिशा में ही लगाएं.
कौन सा पौधा लगाने से घर में लक्ष्मी आती है?तुलसी का पौधा
तुलसी को माता लक्ष्मी का दूसरा रूप माना गया है। घर में तुलसी का पौधा पूर्व दिशा या ईशान कोण में लगाएं। तुलसी सभी तरह के रोगाणु को घर में आने से पहले ही नष्ट कर देती है। यह घर में सुख, शांति और समृद्धि का विकास करती है।
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