कवि ने चाहत चलन ये संदेशों ले सुजान को क्यों कहा है - kavi ne chaahat chalan ye sandeshon le sujaan ko kyon kaha hai

कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?

इस पंक्ति में कवि की अपनी प्रेमिका से मिलने की व्यग्रता दिखाई देती है। वह रह-रहकर अपनी प्रेमिका से मिलने की प्रार्थना कर रहा है। परन्तु उसकी प्रार्थना तथा संताप का प्रेमिका पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। वे इस कारण दुखी हो जाते हैं। बस वे उससे मिलना चाहते हैं। उन्हें प्रतीत हो रहा है कि उनका अंत समय आ गया है। अतः वे कह उठते हैं कि बहुत लंबे समय से मैं तुम्हारे आने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ परन्तु तुम्हारा कुछ पता नहीं है। तुमसे मिलने की आस में मेरे प्राण अटक रखे हैं। यदि एक बार तुम्हारा संदेश आ जाए, तो मैं उन्हें लेकर ही मृत्यु को प्राप्त हो जाऊँ। कवि इन पंक्तियों में अपने जीवन का आधार प्रेमिका का संदेश बताते हैं, जिसे पाने के लिए वे व्यग्र हैं। यदि एक बार उन्हें संदेशा मिल जाए, तो वह आराम से प्राण त्याग दे।

कवि ने चाहत चलन जा संदेशो ले सुजान को क्यों कहा है?

यदि एक बार तुम्हारा संदेश आ जाए, तो मैं उन्हें लेकर ही मृत्यु को प्राप्त हो जाऊँ। कवि इन पंक्तियों में अपने जीवन का आधार प्रेमिका का संदेश बताते हैं, जिसे पाने के लिए वे व्यग्र हैं। यदि एक बार उन्हें संदेशा मिल जाए, तो वह आराम से प्राण त्याग दे।

कभी मौन होकर प्रेमिका के कौन से पालन को देखना चाहता है?

कवि के अनुसार उसकी प्रेमिका उसकी ओर से कठोर बनी हुई है। वह न उससे मिलने आती है और न उसे कोई संदेशा भेजती है। कवि कहता है कि वह मौन होकर देखना चाहता है कि उसकी प्रेमिका कब तक उसकी ओर कठोर रहती है। वह बार-बार उसे पुकार रहा है।

कवि ने अपने आने को उल्लास और जाने को आँसू बनकर बह जाने को क्यों कहा है?

'आँसू बनकर बह जाना' क्यों कहा है? उत्तर:- कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहता है क्योंकि जहाँ भी वह जाता है मस्ती का आलम लेकर जाता है। वहाँ लोगों के मन प्रसन्न हो जाते हैं। पर जब वह उस स्थान को छोड़ कर आगे जाता है तब उसे तथा वहाँ के लोगों को दुःख होता है।

कवि ने हृदय के टुकड़ों से क्या कहा है?

Solution. मॉरिशस की पावन धरती पर सभी देशवासियों का स्वागत करते हुए कवि कहता है कि हे मेरे हृदय के टुकड़ो, उस पुरानी कथा को भूल जाओ। भूल जाओ कि किस प्रकार आप लोगों को अपने परिजनों से अलग कर दिया गया। इस प्रकार अपनी मातृभूमि से अलग होना ही आपकी किस्मत में था।