पुरातत्व को कैसे ज्ञात हुआ कि हड़प्पा सभ्यता के दौरान कपड़े का उपयोग होता था? - puraatatv ko kaise gyaat hua ki hadappa sabhyata ke dauraan kapade ka upayog hota tha?

Add Review

  1. Home
  2. Class 6
  3. Social Science History
  4. हमारे अतीत
  5. आरंभिक नगर
  6. आओ याद करें

Search More Ncert Solutions

Report

Please Report Your Issue

Q1. पुरातत्वविदों को कैसे ज्ञात हुआ कि हड़प्पा सभ्यता के दौरान कपड़े का उपयोग होता था?


Answer. पुरातत्व विभाग के लोगों को कपड़े के कुछ अवशेष मिले जिससे उन्हें ज्ञात हुआ की हड्डपा सभ्यता के दौरान कपड़े का उपयोग होता था जैसे- * चांदी के फूलदान के ढक्कन पर,तांबे से बनी वस्तुओं पर कुछ कपड़ों के टुकड़े चिपके हुए मिले। * मोहन जोदाड़ो से एक व्यक्ति की मूर्ति मिली जिस पर भी कपड़े के अवशेष है।

पुरातत्वविद कैसे जानते हैं कि हड़प्पा सभ्यता में कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था?

NCERT Solutions. प्रश्न 1: पुरातत्वविदों को कैसे ज्ञात हुआ कि हड़प्पा सभ्यता के दौरान कपड़े का उपयोग होता था? उत्तर: पुरातत्वविदों को मोहनजोदड़ो की खुदाई से कपड़ों के टुकड़े और फेयंस(फेयॉन्स) से बनी तकलियाँ मिली है। जिससे पता चलता है कि हड़प्पा सभ्यता के दौरान कपड़े का उपयोग होता था

पुरातत्वविदों को कैसे ज्ञात हुआ कि हडप्पा सभ्यता के दौरान कपड़े का उपयोग होता था 3?

Solution : पुरातत्त्वविदों को मोहनजोदड़ो से कपड़े के टुकड़ों के अवशेष चाँदी के एक फूलदान के ढक्कन तथा कुछ अन्य" ताँबे की वस्तुओं से चिपके हुए मिले हैं। पकी मिट्टी तथा फ़ेयन्स से बनी तकलियाँ सूत कताई का संकेत देती हैं। वहाँ कपास की खेती भी की जाती थी जिससे बाद में कताई-बुनाई करके कपड़ा बनाया जाता था

पुरातत्व को कैसे ज्ञात हुआ?

Answer. पुरातत्व विभाग के लोगों को कपड़े के कुछ अवशेष मिले जिससे उन्हें ज्ञात हुआ की हड्डपा सभ्यता के दौरान कपड़े का उपयोग होता था जैसे- * चांदी के फूलदान के ढक्कन पर,तांबे से बनी वस्तुओं पर कुछ कपड़ों के टुकड़े चिपके हुए मिले। * मोहन जोदाड़ो से एक व्यक्ति की मूर्ति मिली जिस पर भी कपड़े के अवशेष है।

हड़प्पा के लोगों के लिए धातुएँ लेखन पहिया और हल क्यों महत्त्वपूर्ण थे?

हड़प्पा के लोगों के लिए धातुएँ, लेखन, पहिया और हल क्यों महत्त्वपूर्ण थे? उत्तर: धातुएँ-पुरातत्त्वविदों को धातु की बनी हुई बहुत-सी वस्तुएँ मिली हैं, ताँबे और काँसे से औजार, हथियार, गहने और बर्तन बनाए जाते थे। सोने और चाँदी से गहने और बर्तन बनाए जाते थेलेखन-लेखन का कार्य लिपिक करते थे