कवि ने बादलों को नवजीवन देने वाला क्यों बताया है? - kavi ne baadalon ko navajeevan dene vaala kyon bataaya hai?


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वार्षिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्न उनके आदर्श उतर

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'उत्साह' कविता में 'नवजीवन वा...

लिखित उत्तर

Solution : उत्साह. कविता में .नवजीवन वाले. विशेषण दो शब्दों के साथ लगा हैं-बादलों के साथ तथा कवि के साथ । बादलों को नवजीवन वाले इसलिए कहा गया है क्योकि वे वर्षा करके मुरझाई-सी धरती में नया जीवन फूंक देते हैं। वे धरती को उपजाऊ बना देते हैं और गर्मी से मुक्ति दिलाते हैं। कवि को .नवजीवन वाले. इसलिए कहा गया है क्योंकि वह उत्साह का संचार करके निराश-हताश लोगों के जीवन में नई उमंग भरता है।

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कवि ने बादलों को नवजीवन देने वाला क्यों बताया है? - kavi ne baadalon ko navajeevan dene vaala kyon bataaya hai?

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One Line Answer

कवि ने ‘नवजीवन’ का प्रयोग बादलों के लिए भी किया है। स्पष्ट कीजिए।

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Solution

कवि बादलों को कल्याणकारी मानता है। बादल विविध रूपों में जनकल्याण करते हैं। वे अपनी वर्षा से लोगों की बेचैनी दूर करते हैं और तपती धरती का ताप शीतल करके मुरझाई-सी धरती में नया जीवन फेंक देते हैं। वे धरती को फ़सल उगाने योग्य बनाकर लोगों में नवजीवन का संचार करते हैं।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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Chapter 5: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है - अतिरिक्त प्रश्न

Q 3Q 2Q 4

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NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 5 सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है
अतिरिक्त प्रश्न | Q 3

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लघु-उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. उत्साह कविता में बादल के माध्यम से कवि निराला के जीवन की झलक मिलती है। इस कथन से आप कितने सहमत/असहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: स्वाभिमानी निराला वज्र तुल्य कठोर थे तो भिक्षुओं, मजदूरों, निर्धनों के प्रति उनके मन में करुणा का सागर भी लहराता था।

कवि ने बादलों को नवजीवन देने वाला क्यों बताया है? - kavi ne baadalon ko navajeevan dene vaala kyon bataaya hai?
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

प्रश्न 2.‘उत्साह’ कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है ? 
उत्तर: बादल प्यासे लोगों को तृप्त करने, नई कल्पना व नई चेतना को जगाने, ललित कल्पनाओं और क्रान्ति को लाने वाले, निडरता, बिजली जैसी ओजस्विता और शीतलता की ओर संकेत करने वाले तथा नवजीवन और नूतन कविता के अर्थों की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 3. ‘बादल गरजो’ में कवि बादल से क्या अपेक्षा करता है ?
उत्तर:
‘बादल गरजो’ में कवि बादल से अपेक्षा करता है कि वह पौरुष-मयी भीषण गर्जना-तर्जना करे और सम्पूर्ण आकाश को उस शोर से भर दें।

प्रश्न 4. कवि ने ‘उत्साह’ कविता बादलों को क्यों सम्बोधित की है ?
उत्तर:
बादल कवि का प्रिय विषय है। कवि बादल को क्रान्ति का प्रतीक मानता है। यह जन आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम है।

प्रश्न 5. कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ क्यों रखा गया है ?
उत्तर:
कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिए रखा गया है, क्योंकि कवि ने बादलों की गर्जना को उत्साह का प्रतीक माना है । प्रस्तुत कविता में ओज गुण विद्यमान है। बादलों की गर्जना नवजीवन का प्रतीक है। मनुष्य में उत्साह होना ही उसकी उन्नति का कारण है, जिसमें उत्साह है, उसी में जीवन है।

प्रश्न 6. ‘बाल कल्पना के से पाले’ पंक्ति का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 
पंक्ति का भाव यह है कि जिस प्रकार बच्चे अनेक कल्पनाएँ करते तथा मिटाते हैं, उसी प्रकार बादल अचानक थोड़े समय के लिए छा गए हैं और तिरोहित भी होने लग जाते हैं।

प्रश्न 7. ”घेर घेर घोर गगन तथा काले घुँघराले“ शब्द चित्र को ‘उत्साह’ कविता के आधार पर अपने शब्दों में स्पष्ट कर समझाइए। 
उत्तर: बादल जो काले-काले घुँघराले हैं तथा वायु के साथ घोर करते हुए चारों ओर से घिर आए हैं।
व्याख्यात्मक हल:
बादल आकाश को घेरकर, भयानक गर्जना करते हुए बरसते हैं तथा वे सुन्दर और काले-घुँघराले बालों के समान लग रहे हैं।

प्रश्न 8. निराला जी बादलों से फुहारों, रिमझिम तथा अन्य प्रकार से बरसने की न कहकर ‘गरजते हुए’ बरसने की याचना क्यों करते हैं? बताइए।
अथवा
कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है, क्यों?
उत्तर:
कवि निराला बादल को क्रांतिदूत मानते हैं। अतः वे गर्जना करते हुए बरसने की याचना करते हैं, दुःखी लोगों के दुःख दूर करने के लिए वे क्रांति के समर्थक हैं, चुपके से परिवर्तन की बात न वे सोचते हैं और न उन्हें संभव प्रतीत होता है।

प्रश्न 9. कवि ने ‘उत्साह’ गीत में बादलों को किस आकांक्षा को पूरा करने वाला बताया है ?
उत्तर:
बादल पीड़ित-प्यासे जन की आकांक्षा को पूरा करने वाले हैं। क्रान्ति चेतना को सम्भव करने वाले हैं।

प्रश्न 10. कवि ने बादलों को ‘मानव मन को सुख से भर देने वाले’ क्यों कहा है ? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बताइए।
उत्तर: जब बादल अपने हृदय में बिजली की चमक लेकर आते हैं और वर्षा करते हैं तो धरती पर रहने वाला हर प्राणी स्वयं को प्रसन्न और सुखी महसूस करता है।

प्रश्न 11. कवि निराला के अनुसार बादल में क्या संभावनाएँ छिपी हैं ?
उत्तर:
कवि निराला के अनुसार बादल गरजकर मानव में चेतना भर देते हैं। जिस प्रकार बादलों में असीम शक्ति छिपी होती है, उसी प्रकार से मानव में भी असीम शक्ति है वह बादल से गरज कर मानव को उत्तेजित करने को कहते हैं।

प्रश्न 12. “आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!” पंक्ति का भाव ‘उत्साह’ कविता के आधार पर समझाकर लिखिए।
उत्तर:
बादल की प्राकृतिक रूप से यकायक छा जाने वाली स्थिति का वर्णन कि किस अनंत अज्ञात स्थल से आकर यकायक आसमान में छा जाते हैं। वे अज्ञात दिशा तथा स्थल से आ गरजते, आच्छादित हो जाते हैं।
व्याख्यात्मक हल:
प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने बादल की प्राकृतिक रूप से छा जाने वाली स्थिति का वर्णन किया है कि बादल किसी अनंत अज्ञात स्थल से आकर यकायक आसमान में छा जाते हैं। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि गर्मी से तपती धरती को राहत प्रदान करने के लिए बादल अनजानी दिशा से आकर आकाश में छा गये थे।

प्रश्न 13. ‘उत्साह’ कविता में ‘नवजीवन वाले’ किसके लिए प्रयुक्त किया गया है और क्यों ?
उत्तर: बादलों के लिए, क्योंकि गर्मी से संतप्त धरती के ताप को शान्त कर नवजीवन व चेतना प्रदान करना। प्रकृति का प्रफुल्ल वातावरण पशु-पक्षी तथा मानव में उत्साह और जोश का संचार करता है। कवि भी बादलों की गर्जना से उत्साहित होकर अपने जीवन में निराशा में आशा का संचार देखता है और वह समाज में क्रान्ति का सूत्रपात करने में सक्षम है। अतः नवजीवन वाले कहना सार्थक है।

प्रश्न 14. निराला की कविता ‘उत्साह’ तथा ‘अट नहीं रही है’ कविता में किन ऋतुओं का वर्णन हुआ है उनमें से आपको कौन-सी ऋतु आकर्षक और उपयोगी लगती है? 
उत्तर: निराला जी की कविता ‘उत्साह’ में वर्षा ऋतु तथा ‘अट नहीं रही है’ में बसन्तु ऋतु का वर्णन हुआ है। उन दोनों ऋतुओं में वर्षा ऋतु अधिक आकर्षक व उपयोगी लगती है क्योंकि वर्षा ऋतु आने पर गर्मी से राहत, पानी की कमी दूर होना, हरियाली छा जाना आदि कार्य सुकून देते हैं।

प्रश्न 15. ”कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो“ पंक्ति में किसकी विशिष्टता व्यंजित हुई है? बताइए कि वह उसकी कौन-सी खूबी है जिससे घर-घर भर जाता है? ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
मंद-मंद बहने वाला पवन घर-उपवन, वन सभी को आनंदित कर देता है। बसंत में पवन की विशिष्टता का वर्णन। शीतल मंद पवन, सृष्टि में नयापन, नवीनता आदि विशेषताएँ।
व्याख्यात्मक हल:
इस पंक्ति में बसंत ऋतु में बहने वाली पवन की विशिष्टता का वर्णन हुआ है। बसंत में बहने वाली शीतल मंद सुगंधित पवन से सारा घर महक उठता है। वातावरण में ताजगी व उत्साह का आभास होता है।

प्रश्न 16. कवि निराला की आँख फागुन की सुन्दरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर:
फागुन मास की प्राकृतिक शोभा इतनी विविध और मनोहारी है कि घर-घर को महकाती पवन, आकाश में अठखेलियाँ करते पक्षी, पत्तों से लदी डालियों और मंद सुगंध से परिपूर्ण पुष्प समूह के इन सारे दृश्यों ने मंत्रमुग्ध सा कर दिया।

प्रश्न 17. ‘उड़ने को नभ में तुम, पर-पर कर देते हो’-कथन में कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर: 
फागुन के सौन्दर्य को देखकर भावुक हृदय कल्पनाओं के पंख लगाकर उड़ने लगते हैं। अर्थात् फागुन के सौन्दर्य को देख मन प्रसन्न हो उठता है।

प्रश्न 18. फागुन मास की मादकता का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ? 
उत्तर: फागुन मास की मादकता का व्यक्ति पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है-
(क) फागुन की मादकता व्यक्ति को कल्पना लोक में ले जाती है।
(ख) कल्पना के पंख लगाकर आकाश में उड़ना।
(ग) फागुन की शोभा सर्वव्यापक होना।
(घ) सारा वातावरण पुष्पित एवं सुगंधित होना।
(ङ) मन में उल्लास भरना, सर्वत्र फागुन का सौन्दर्य झलकना।

प्रश्न 19. ‘पाट-पाट शोभा-श्री पट नहीं रही है।’-पंक्ति किस सन्दर्भ में लिखी गई है ?
अथवा
‘पट नहीं रही’-पंक्ति द्वारा कवि क्या कहना चाहता है? ‘अट नहीं रही’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
फागुन में प्रकृति सौन्दर्यशालिनी नजर आती है, कण-कण में सौन्दर्य बिखरा नजर आता है, यह सुन्दरता इतनी अधिक है कि भीतर समा नहीं पा रही है। प्रकृति के माध्यम से प्रकट हो रही है।

प्रश्न 20: ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि क्या संदेश देना चाहता है ?
उत्तर:
फागुन का सौन्दर्य चारों दिशाओं में व्याप्त है। प्रकृति में आनन्द की अनुभूति के साथ उन्माद है, थके लोगों में नवजीवन प्रफुल्लता का सन्देश है, खुशियों की अनंतता है, यही सन्देश देना चाहता है।

प्रश्न 21. कवि बादलों से बरसने की प्रार्थना क्यों करता है? 
उत्तर: कवि बादलों से प्रार्थना करता है क्योंकि उसे धरती की तपन बुझानी है। कवि के अनुसार धरती पर रहने वाले लोगों ने अत्यधिक कष्टों का सामना किया है, वे गर्मी के प्यासे हैं। वह बादलों के बरसने से धरती की प्यास बुझाकर उसे शीतल करना चाहता है।

उत्साह और अट नहीं रही: पठन सामग्री और सार को यहाँ पढ़ें। 
उत्साह और अट नहीं रही पाठ के NCERT Solutions को यहाँ देखें। 

कवि ने बादलों को नवजीवन देने वाला क्यों कहा है?

बादलों को नवजीवन वाले इसलिए कहा गया है क्योकि वे वर्षा करके मुरझाई-सी धरती में नया जीवन फूंक देते हैं। वे धरती को उपजाऊ बना देते हैं और गर्मी से मुक्ति दिलाते हैं। कवि को .

बादल नवजीवन कैसे प्रदान करते हैं?

उत्तर: बादलों के लिए, क्योंकि गर्मी से संतप्त धरती के ताप को शान्त कर नवजीवन व चेतना प्रदान करना। प्रकृति का प्रफुल्ल वातावरण पशु-पक्षी तथा मानव में उत्साह और जोश का संचार करता है।

उत्साह कविता में कवि ने बादलों को नवजीवन वाले क्यों कहा है उन्होंने अपने हृदय में क्या छिपाया हुआ है?

उत्साह कविता में बादलों को नवजीवन वाला इसलिए कहा गया है कयोंकि बादल क्रांति और उत्साह का प्रतीक माना जाता है । यह हमें जल प्रदान करते है । बादल ही तो नवजीवन के जनक है। अपनी वर्षा की फुहारों से प्रकृति में पेड़ पौधों के अंकुरण का साधन मात्र वर्षा ही तो है ।

उत्साह कवि ता में कवि ने नवजीवन वाले शब्द का प्रयोग कि सके लि ए कि या हैऔर क्यों?

कवि को 'नवजीवन वाले' इसलिए कहा गया है क्योंकि वह उत्साह का संचार करके निराश-हताश लोगों के जीवन में नई उमंग भरता है।