पर्वत के हृदय से उठकर ऊंचे ऊंचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वह किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं? - parvat ke hrday se uthakar oonche oonche vrksh aakaash kee or kyon dekh rahe the aur vah kis baat ko pratibimbit karate hain?

Short Note

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए 
पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की और क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?

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Solution

ऊँचे-ऊँचे पर्वत पर उगे वृक्ष आकाश की ओर देखते चिंतामग्न प्रतीत हो रहे हैं। जैसे वे आसमान की ऊचाइयों को छूना चाहते हैं। इससे मानवीय भावनाओं को बताया गया है कि मनुष्य सदा आगे बढ़ने का भाव अपने मन में रखता है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B)

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Chapter 1.5: पर्वत प्रदेश में पावस - प्रश्न-अभ्यास (क) [Page 28]

Q 5Q 4Q 6

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2

Chapter 1.5 पर्वत प्रदेश में पावस
प्रश्न-अभ्यास (क) | Q 5 | Page 28

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पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे ऊँचे आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?

1 Answer. पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर अपनी उच्चाकांक्षाओं को प्रकट करने के लिए देख रहे हैं, अर्थात् आकाश को पाना चाहते हैं। ये वृक्ष इस बात को प्रतिबिंबित करते हैं कि मानों ये गंभीर चिंतन में लीन हों और अपलक देखते हुए अपनी उच्चाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए निहार रहे हों।

वृक्ष शांत आकाश की ओर क्यों देख रहे हैं?

Answer : पर्वत के हृदय से पेड़ उठकर खड़े हुए हैं और शांत आकाश को अपलक और अचल होकर किसी गहरी चिंता में मग्न होकर बड़ी महत्वाकांक्षा से देख रहे हैं

वृक्ष आकाश की ओर कैसे देख रहे हैं?

स्पष्टीकरण: वृक्ष आकाश की ओर शांत भाव से देख रहे हैं। वे आाकाश की ओर स्थिर व एकटक दृष्टि से देखते हुए यह जताने करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह आकाश की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं अर्थात उनमें आकाश की ऊँचाईयों को छू लेने की आकांक्षा है।