कथावस्तु के आधार पर आप कैसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों? - kathaavastu ke aadhaar par aap kaise ekaankee ka mukhy paatr maanate hain aur kyon?

कथा वस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?


इस कहानी में कई पात्र है परन्तु सबसे सशक्त पात्र बनकर जो उभरता है वह उमा ही है। क्योंकि पूरी एकांकी  इसके ही इर्द-गिर्द घूमती है।उमा की उपस्थिति भले थोड़े समय के लिए थी परन्तु उसके विचारों से प्रभावित हुए बिना हम नहीं रह पाते हैं । वह हमें बहुत कुछ सोचने के लिए मजबूर करती है । उसकी उपस्थिति नारी-समाज को एक नई सोच और दिशा प्रदान करती है। समाज की मानसिकता पर व्यंग्य करने का जो प्रयास लेखक ने किया है उसका माध्यम उमा ही है।

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'...आपके लाड़ले बेटे के की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं ....', उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती  है?


उमा गोपाल प्रसाद जी के विचारों से पहले से ही खिन्न थी। परन्तु उनके द्वारा अनगिनत सवालों ने उसे क्रोधित कर दिया था। आखिर उसे अपनी चुप्पी को तोड़कर गोपाल प्रसाद को उनके पुत्र के विषय में अवगत करना पड़ा।
(1) शंकर एक चरित्रहीन व्यक्ति था जो हमेशा लड़कियों का पीछा करते हुए होस्टल तक पहुँच जाता था। इस कारण उसे शर्मिंदा भी होना पड़ा था।
(2) दूसरी तरफ़ उसकी पीठ की तरफ़ इशारा कर वह गोपाल जी को उनके लड़के के स्वास्थ्य की ओर संकेत करती है जिसके कारण वह बीमार रहता है और सीधी तरह बैठ भी नहीं पाता।
(3) शंकर अपने पिता पर पूरी तरह आश्रित है। उसकी रीढ़ की हड्डी नहीं है अर्थात् उसकी अपनी कोई मर्ज़ी नहीं है।

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गोपाल प्रसाद विवाह को 'बिजनेस' मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं? अपने विचार लिखिए।


मेरे विचार से दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं - गोपाल प्रसाद विवाह जैसे पवित्र बंधन में भी बिजनेस खोज रहे हैं, वे इस तरह के आचरण से इस सम्बन्ध की मधुरता, तथा सम्बन्धों की गरिमा को भी कम कर रहे हैं।
रामस्वरूप जहाँ आधुनिक सोच वाले व्यक्ति होने के बावजूद कायरता का परिचय दे रहे हैं ।वे चाहते तो अपनी बेटी के साथ मजबूती से खड़े होते और एक स्वाभिमानी वर की तलाश करते न की मज़बूरी में आकर परिस्तिथि से समझौता करते ।

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अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, उचित क्यों नहीं है?


अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, सरासर गलत है। एक तो वे अपनी पढ़ी-लिखी लड़की को कम पढ़ा- लिखा साबित कर रहे हैं और उसे सुन्दरता को और बढाने के लिए नकली प्रसाधन सामग्री का उपयोग करने के लिए कहते हैं जो अनुचित है। साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि उमा वैसा ही आचरण करे जैसा लड़के वाले चाहते हैं। परन्तु वे यह क्यों भूल रहे हैं कि जिस प्रकार लड़के की अपेक्षाएँ होती ठीक उसी प्रकार लड़की की पसंद-नापसंद का भी ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि आज समाज में लड़का तथा लड़की को समान दर्जा प्राप्त है।

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रामस्वरूप और रामगोपाल प्रसाद बात-बात पर 'एक हमारा जमाना था ....' कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं । इस प्रकार की तुलना कहाँ तक तर्कसंगत है?


इस तरह की तुलना करना बिल्कुल तर्कसंगत नहीं होता यह मनुष्य का स्वाभाविक गुण है कि वह अपने बीते हुए समय को याद करता है, तथा उसे ही सही ठहराता है। समय के साथ समाज में, जलवायु में, खान-पान में सब में परिवर्तन होता रहता है। हर समय परिस्थितियां एक सी नही होतीं हैं। हर ज़माने की अपनी स्थितियाँ होती हैं, जमाना बदलता है तो कुछ कमियों के साथ सुधार भी आते हैं।

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रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?


आधुनिक समाज में सभ्य नागरिक होने के बावजूद उन्हें अपनी बेटी के भविष्य की खातिर रूढ़िवादी लोगों के दवाब में झुकाना पड़ रहा था। उपर्युक्त बात उनकी इसी विवशता को उजागर करता है।

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कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों short answer?

कथावस्तु के आधार पर तो हमें उमा ही इस एकांकी की मुख्य पात्र लगती है। पूरी एकांकी ही उमा के इर्द-गिर्द घूमती है। लेखक समाज की सड़ी गली मानसिकता को उमा के माध्यम से व्यक्त करना चाहता है। उसका सशक्त व्यक्तित्व सारे पात्रों पर भारी पड़ता हुआ दिखाई देता है।

एकांकी का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Answer: इस एकांकी का उद्देश्य समाज में औरतों की दशा को सुधारना व उनको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कराना है। यह एकांकी उन लोगों की तरफ़ अँगुली उठाती है जो समाज में स्त्रियों को जानवरों या सामान से ज़्यादा कुछ नहीं समझते।

रीड की हदी सिरसाक एकांकी में कथा वास्तु के आधार पर आप किस मुख्य पत्र मंटे हैं और क्यों?

मेरे विचार से दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं - गोपाल प्रसाद विवाह जैसे पवित्र बंधन में भी बिजनेस खोज रहे हैं, वे इस तरह के आचरण से इस सम्बन्ध की मधुरता, तथा सम्बन्धों की गरिमा को भी कम कर रहे हैं। रामस्वरूप जहाँ आधुनिक सोच वाले व्यक्ति होने के बावजूद कायरता का परिचय दे रहे हैं

रीड की हड्डी का प्रमुख पात्र कौन है?

रीढ़ की हड्डी' एकांकी का प्रमुख पात्र कौन है? उमा इस एकांकी की प्रमुख पात्र है।