कहानी में बैलों के माध्यम से कौन कौन सी नीति उभर कर आए हैं? - kahaanee mein bailon ke maadhyam se kaun kaun see neeti ubhar kar aae hain?

छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?


छोटी बच्ची का बैलों के प्रति प्रेम उमड़ने के निम्नलिखित कारण हैं -
1. छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। वह माँ के बिछुड़ने का दर्द जानती थी। उसे लगा कि वे भी उसी की तरह अभागे हैं और अपने मालिक से दूर हैं।
2. छोटी बच्ची को उसकी सौतेली माँ सताती थी, यहाँ हीरा-मोती पर अत्याचार कर रहा था ।

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रचना के आधार पर वाक्य के भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए -
सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थी और मुद्रा अत्यन्त कठोर, आया।


यहाँ मिश्र वाक्य है, विशेषण उपवाक्य है।

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रचना के आधार पर वाक्य के भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए -
दीवार का गिरना था कि अधमरे-से-पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।


यहाँ संयुक्त वाक्य है तथा संज्ञा उपवाक्य है।

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प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ 'मूर्ख' का प्रयोग न कर किसी नए अर्थ की ओर संकेत किया है?


इस कहानी में लेखक ने गधे की सरलता और सहनशीलता की ओर हमारा ध्यान खींचा है। गधे को स्वभाव के कारण मूर्खता का पर्याय समझा जाता है। आमतौर पर हम गधे के लिए मूर्ख शब्द का प्रयोग करते हैं परन्तु उसके स्वभाव में सरलता और सहनशीलता भी देखने को मिलती है। गधा ही एक एक मात्र ऐसा प्राणी है जो सब अत्याचार चुपचाप सेहन कर लेता है। फिर भी कभी उसके चेहरे पर अन्याय के प्रति असंतोष नज़र नही आता। प्रेमचंद ने स्वयं कहा है - सदगुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा। कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है। कहानी में भी उन्हों ने सीधेपन की दुर्दशा दिखलाई है, मूर्खता की नहीं।

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कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभरकर आए हैं?


इस कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं :
1 विपत्ति के समय हमेशा मित्र की सहायता करनी चाहिए।
2. सच्चे मित्र मुसीबत के समय एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ता है ।
3. आजादी के लिए हमेशा सजग एवं संघर्षशील रहना चाहिए।
4. समाज के सुखी-संपन्न लोगों को भी आज़ादी की लड़ाई में योगदान देना चाहिए।
5. अपने समुदाय के लिए अपने हितो का त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
6. आज़ादी बहुत बड़ा मूल्य है। इसे पाने के लिए मनुष्य को बड़े-से-बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए।

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कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?

Solution

  1. " दो बैलों की कथा" के माध्यम से लेखक ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है।
  2. इस कहानी में स्वतंत्रता के मूल्य की बात कही गई है। स्वतंत्र रहना किसी भी प्राणी का जन्मसिद्ध अधिकार है फिर चाहे वो मनुष्य हो या पशु। स्वतंत्रता कभी सहजता से नहीं मिलती। हमें इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है।
  3. इस कहानी में बार-बार बैलों के माध्यम से प्रेमचंद ने यह नीति-विषयक मूल्य हमारे सामने रखा है कि समाज में नारी का स्थान सर्वोपरि है तथा हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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पृष्ठ संख्या: 19

प्रश्न अभ्यास

1. कांजीहौस में क़ैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर
कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी इसलिए ली जाती होगी ताकि कैद पशुओ की संख्या का पता चल सके और पता लगाया जा सके की उनमे से कोई भाग या मर गया तो नही है।

2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया ?
उत्तर
छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। वह माँ के बिछुड़ने का दर्द जानती थी। इसलिए जब उसने हीरा-मोती की व्यथा देखी तो उसके मन में उनके प्रति प्रेम उमड़ आया। उसे लगा की वे भी उसी की तरह अभागे हैं और अपने मालिक से दूर हैं।

3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभरकर आए हैं ?
उत्तर
इस कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं :
1 विपत्ति के समय हमेशा मित्र की सहायता करनी चाहिए।
2 आजादी के लिए हमेशा सजग एवं संघर्षशील रहना चाहिए।
3 अपने समुदाय के लिए अपने हितो का त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
4 आज़ादी बहुत बड़ा मूल्य है। इसे पाने के लिए मनुष्य को बड़े-से-बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए।

4. प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ 'मूर्ख' का प्रयोग न कर किसी नए अर्थ की ओर संकेत किया है ?
उत्तर
प्रेमचंद ने गधे की सहनशीलता, सीधेपन, क्रोध न करने, हानि लाभ सुख दुःख सामान रहने आदि गुणों के आधार पर उसे बेवकूफ के स्थान पर संत स्वाभाव का प्राणी करार दिया है जो बहुत अधिक सीधेपन के कारण सामान के पत्र नही समझा जाता।

5. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर
हीरा और मोती दोनों बैलों में गहरी दोस्ती थी। कहानी के कुछ प्रसंगों के माध्यम से यह बात स्पष्ट होती है - 1 दोनों एक दूसरे को चाटकर और सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे।
2 जब ये दोनों बैल हल या गाड़ी में जोत दिए जाते तो दोनों ज़्यादा से ज़्यादा बोझ स्वयं झेलकर दूसरे को कम बोझ देने की चेष्टा करते।
3 नाद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ ही नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे। एक के मुँह हटा लेने पर दूसरा भी हटा लेता था।
4 जब कुछ लोगों ने खेत से पकड़कर ले जाने के लिए दोनों को घेर लिया तब हीरा निकल गया परन्तु मोती के पकड़े जाना पर वह भी बंधक बनने के लिए स्वयं ही लौट आया।
5 कांजीहौस की दीवार के टूटने पर जब हीरा ने भागने से मना कर दिया तो अवसर होने के बावजूद भी मोती उसे छोड़कर नहीं भागा।

6. "लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।" - हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर
हीरा के इस कथन से यह ज्ञात होता है कि समाज में स्त्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। उन्हें शारीरिक यातनाएँ दी जाती थीं। इसलिए समाज में ये नियम बनाए जाते थे कि उन्हें पुरुष समाज शारीरिक दंड न दे। हीरा और मोती भले इंसानों के प्रतीक हैं। इसलिए उनके कथन सभ्य समाज पर लागू होते हैं। असभ्य समाज में स्त्रियों की प्रताड़ना होती रहती थी।

पृष्ठ संख्या: 20

7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर
प्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पशु भी स्नेह का भूखा होता है। प्रेम पाने से वे भी प्रेम व्यक्त करते हैं और क्रोध तथा अपमान पाकर वे भी असंतोष व्यक्त करते हैं।

8. इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे ' - मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
मोती के इस कथन से उसकी निम्नलिखित विशेषताएँ उभर कर सामने आती हैं - 1 वह आशावादी है क्योंकि उसे अभी भी यह विश्वास है कि वह इस कैद से मुक्त हो सकता है।
2 वह स्वार्थी नहीं है। स्वयं भागने के बजाए उसने अन्य सभी जानवरों को सबसे पहले भागने का मौका दिया।

9.आशय स्पष्ट कीजिए -
(क ) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के ह्रदय को मानो भोजन मिल गया।
उत्तर
(क) हीरा और मोती बिना कोई वचन कहे एक-दूसरे के मन की बात समझ जाते थे। प्रायः वे एक दूसरे से स्नेह की बातें सोचते थे। यद्दपि मनुष्य स्वयं को सब प्राणियों से श्रेष्ठ मानता है किंतु उसमें भी ये शक्ति नहीं होती।
(ख) हीरा और मोती गया के घर बंधे हुए थे। गया ने उनके साथ अपमान पूर्ण व्यवहार किया था। इसलियी वे क्षुब्ध थे। परन्तु तभी एक नन्हीं लड़की ने आकर उन्हें एक रोटी ला दी। उस रोटी से उनका पेट तो नहीं भर सकता था। परन्तु उसे खाकर उनका ह्रदय ज़रूर तृप्त हो गया। उन्हों ने बालिका के प्रेम का अनुभव कर लिया और प्रसन्न हो उठे।

10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि -
क. गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
ख. गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
ग. वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
घ. उसे खली आदि सामग्री की जानकारी नहीं थी।
उत्तर
ग. वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
रचना और अभिव्यक्ति

11. हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर
हीरा और मोती शोषण के विरुद्ध हैं वे हर शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाते रहे हैं। उन्होंने झूरी के साले गया का विरोध किया तो सूखी रोटियाँ और डंडे खाए फिर काँजीहौस में अन्याय का विरोध किया और बंधन में पड़े। मेरे विचार से उन्होंने शोषण का विरोध करके ठीक किया क्योंकि शोषित होकर जीने का क्या लाभ। शोषित को भय और यातना के सिवा कुछ प्राप्त नहीं होता।

12. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की कहानी की ओर भी संकेत करती है ?
उत्तर
प्रेमचंद स्वतंत्रता पूर्व लेखक हैं। इनकी रचनाओं में भी इसका प्रभाव देखा गया है। "दो बैलों की कथा" नामक कहानी भी इससे अछूती नहीं है।
मनुष्य हो या पशु पराधीनता किसी को भी स्वीकार नहीं है। सभी स्वतंत्र होना चाहते हैं। प्रस्तुत कहानी की कथावस्तु भी इन्हीं मनोविचार पर आधारित है। प्रेमचंद ने अंग्रेज़ों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचारों को मनुष्य तथा पशु के माध्यम से व्यक्त किया है। इस कहानी में उन्होंने यह भी कहा है कि स्वतंत्रता सहज ही नहीं मिलती, इसके लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। जिस प्रकार अंग्रेज़ों के अत्याचार से पीड़ित जनता ने अपना क्षोभ विद्रोह के रुप में व्यक्त किया, उसी प्रकार बैलों का गया के प्रति आक्रोश भी संघर्ष के रुप में भड़क उठा। इस प्रकार अप्रत्यक्ष रुप से यह कहानी आज़ादी की भावना से जुड़ी है।

भाषा अध्यन
13. बस इतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी जोर लगाता हूँ।
'' ' ही ' , ' भी ' वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर
' ही ' निपात 1. एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।
2. अवश्य ही उनमे कोई ऐसी गुप्त शक्ति था, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करनेवाला मनुष्य वंचित हैं।
3. नाँद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ ही उठते, साथ नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे।
4. एक मूँह हटा लेता, तो दूसरा भी हटा लेता।
5. अभी चार ही ग्रास खाये थे दो आदमी लाठियाँ लिये दौड़ पडे, और दोनो मित्रों को घेर लिया।

' भी ' निपात
1. कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर हैं
2. उसके चहरे पर एक स्थायी विषाद स्थायी रूप से छाया रहता हैं। सुख-दुःख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में बदलते नहीं देखा।
3. चार बातें सुनकर गम खा जाते हैं फिर भी बदनाम हैं।
4. गाँव के इतिहास में यह घटना अभूतपूर्व न होने पर भी महत्वपूर्ण थी।
5. झूरी इन्हें फूल की छड़ी से भी न छूता था। उसकी टिटकार पर दोनों उड़ने लगते थे। यहाँ मार पड़ी।

पृष्ठ संख्या: 26

14. रचना के आधार पर वाक्य के भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए - (क) दीवार का गिरना था कि अधमरे से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
(ख) सहसा एक दढियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थी और मुद्रा अत्यन्त कठोर, आया।
(ग) हीरा ने कहा -गया के घर से नाहक भागे।
(घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
(ड़ ) अगर वह मुझे पकड़ता, तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
उत्तर
(क) यहाँ संयुक्त वाक्य है तथा संज्ञा उपवाक्य है। (ख) यहाँ मिश्र वाक्य है, विशेषण उपवाक्य है।
(ग) यहाँ मिश्र वाक्य है, संज्ञा उपवाक्य है।
(घ) यहाँ संयुक्त वाक्य है, क्रिया विशेषण उपवाक्य है।
(ङ) यहाँ संयुक्त वाक्य है, क्रिया विशेषण उपवाक्य है।

15. कहानी में जगह - जगह पर मुहावरों का प्रयोग हुआ है कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर
(1) हिम्मत हारना - (निराश होना) इस असफलता के बाद राहुल हिम्मत हार गया है।
(2) टकटकी लगाना - (निरंतर देखना) वह दरवाजें पर टकटकी लगाए देखता रहा।
(3) जान से हाथ धोना - (मर जाना) यह काम बहुत खतरनाक है। थोड़ी भी गलती होने पर जान से हाथ धोना पड़ सकता है।
(4) ईंट का जवाब पत्थर से देना - (कड़ी प्रतिक्रिया) युद्ध के मैदान में भारतीय सैनिकों ने दुश्मन की ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
(5) दाँतों पसीना आना - (कठिन परिश्रम करना) इतना भारी सामान उठाने से राकेश के दाँतों पसीने आ गए।

कहानी में बैलों के माध्यम से कौन कौन से नीति?

इस कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं :.
विपत्ति के समय हमेशा मित्र की सहायता करनी चाहिए।.
आजादी के लिए हमेशा सजग एवं संघर्षशील रहना चाहिए।.
अपने समुदाय के लिए अपने हितो का त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए।.
आज़ादी बहुत बड़ा मूल्य है।.

दो बैलों की कथा से कौन से नैतिक मूल्य उभर कर आए हैं?

1 विपत्ति के समय हमेशा मित्र की सहायता करनी चाहिए। 2. सच्चे मित्र मुसीबत के समय एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ता है ।

दो बैलों की कथा पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। जैसे हीरा और मोती ने अपनी आज़ादी को पाने के लिए हर कष्ट सहे।

दो बैलों की कथा के अनुसार गाँव के इतिहास में कौन सी घटना महत्वपूर्ण थी?

दो बैलों की कथा पाठ में तब दोनों बैल हीरा और मोती सब तरह की बाधाओं मुसीबतों को पार करते हुए पुनः अपने मूल मालिक झूरी के घर आ पहुंचे तो गाँव के इतिहास में यह अभूतपूर्व घटना मानी गयी। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। पशुओं के आपसी प्रेम और अपने मालिक के प्रति वफादारी की अद्भुत मिसाल थी ये घटना