विषयसूची कीचड़ के जल की क्या विशेषता है?इसे सुनेंरोकेंकीचड़ का रंग बहुत व्यक्तियों को पसंद आता है जैसे पुस्तक के गत्तों पर, घरों की दीवालों पर, मिटटी के बर्तनो के लिए तथा फोटो लेते समय। कीचड के सौंदर्य का वर्णन करते हुए लेखक ने कहा है की जब ये नदी के किनारे सुख कर टूट जाते हैं, उनमे दरारे पड़ जाती हैं तब वे सुखाये खोपड़े जैसे दिखाई पड़ते हैं। कीचड़ का नाम लेते ही क्या हो जाता है? इसे सुनेंरोकेंकीचड़ का नाम लेते ही सब बिगड़ जाता है। आप कीचड़ के प्रति क्या सोचते हैं आप उसे हेय समझते हैं या श्रद्धेय लिखिए अंक 3?इसे सुनेंरोकेंप्रश्न: आप कीचड़ के प्रति क्या सोचते हैं? आप उसे हेय समझते हैं या श्रद्धेय लिखिए। उत्तर: कीचड़ के संबंध में मेरे विचार काका कालेलकर जैसे ही हैं। मुझे कीचड़ की महत्ता का ज्ञान है। कीचड़ वाले जल की प्रशंसा क्यों की जाती है? इसे सुनेंरोकेंQuestion 3: रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? उत्तर: कीचड़ में जल की अल्प मात्रा होती है फिर भी इस जल से कई जीवों की प्यास बुझती है। लेकिन सागर का जल विशाल मात्रा में होने के बावजूद किसी की प्यास नहीं बुझा पाता। इसलिए रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य कहा है। पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की क्या विशेषता है?इसे सुनेंरोकेंपहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की विशेषता है कि बहुत अधिक कीचड़ का होना। यह कीचड़ जमीन के नीचे बहुत गहराई तक होता है। ऐसा कीचड़ गंगा नदी के किनारे खंभात की खाड़ी सिंधु के किनारे पर होता है। यह दलदली इलाका है और गहरा है । पंकज शब्द सुनते ही किसका मन डोलने और गाने लगता है? इसे सुनेंरोकेंपैक शब्द घृणास्पद लगता है, जबकि पंकज शब्द सुनते ही कवि लोग डोलने और गाने लगते हैं। मन बिलकुल मलिन माना चाता है किंतु कमल शब्द सुनते ही चित्त में प्रसन्नता और आहृदकत्व फूट पड़ते हैं। लिथड़े तथा कीचड़ कैसे शब्द है?इसे सुनेंरोकेंबालगोबिन भगत समूचा शरीर कीचड़ में लिथड़े अपने खेत में रोपनी कर रहे हैं। उनकी अँगुली एक-एक धान के पौधे को, पंक्तिबद्ध, खेत में बिठा रही है। उनका कंठ एक-एक शन को संगीत के जीने पर चढ़ाकर कुछ को ऊपर, स्वर्ग की ओर भेज रहा है और कुछ को इस पृथ्वी की मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों की ओर! विषयसूची कीचड़ वाले जल की क्या विशेषता है?इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- नदी के किनारे कीचड़ जब सूख जाता है तो उसमें आड़ी तिरछी दरारें पड़ जाती हैं। वह देखने में बहुत सुन्दर लगता है जैसे सुखाया हुआ हो। कभी-कभी किनारे पर समतल और चिकना फैला कीचड़ भी सुन्दर लगता है। कीचड़ जैसे रंग की कौन सी वस्तुएं हैं? इसे सुनेंरोकेंकीचड़ का रंग श्रेष्ठ कलाकारों, चित्रकारों, मूर्तिकारों और छायाकारों (फोटोग्राफरों) को खुश करता है। वे भट्टी में पकाए गए बर्तनों पर यही रंग करना पसंद करते हैं। छायाकार भी जब फोटो खींचते हैं तो एकाध जगह पर कीचड़-जैसा रंग देना पसंद करते हैं। रंग की शोभा ने क्या कर दिया?इसे सुनेंरोकेंQuestion 1: रंग की शोभा ने क्या कर दिया? उत्तर: उस सुबह रंगों की सारी शोभा उत्तर दिशा में जमी थी। उत्तर दिशा में लाल रंग ने कमाल कर दिया था। कीचड़ को कीचड़ से साफ नहीं किया जा सकता उक्त कथन किसका है? इसे सुनेंरोकें(d) काका कालेलकर। Answer: (d) काका कालेलकर। कीचड़ वाले जल की प्रशंसा क्यों की जाती है?इसे सुनेंरोकेंQuestion 3: रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? उत्तर: कीचड़ में जल की अल्प मात्रा होती है फिर भी इस जल से कई जीवों की प्यास बुझती है। लेकिन सागर का जल विशाल मात्रा में होने के बावजूद किसी की प्यास नहीं बुझा पाता। इसलिए रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य कहा है। व्यक्ति क्या सोचकर अपनी व्यथा पीड़ा दूसरों को सुनाता है *? इसे सुनेंरोकेंव्यक्ति क्या सोचकर अपनी व्यथा (पीड़ा) दूसरों को सुनाता है? कि लोग उस पर दया दिखाएँगे। 25. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय। आप कीचड़ के प्रति क्या सोचते हैं आप उसे हेय समझते हैं या श्रद्धेय लिखिए?इसे सुनेंरोकेंप्रश्न: आप कीचड़ के प्रति क्या सोचते हैं? आप उसे हेय समझते हैं या श्रद्धेय लिखिए। उत्तर: कीचड़ के संबंध में मेरे विचार काका कालेलकर जैसे ही हैं। कीचड़ सूखकर किसकी तरह दिखाई पड़ता है? इसे सुनेंरोकेंनदी किनारे कीचड़ कब सूखता है और वह कैसा दिखाई देता है? Answer: नदी किनारे कीचड़ वर्षा न होने एवं गर्मी अधिक पड़ने पर सूख जाता है। कीचड़ के सूखने पर उसमें दरारें पड़ जाती हैं। टेढ़ी-मेढ़ी दरारें किसी मानचित्र की लाइन की तरह एवं सूखे खोपरे की तरह दिखाई देती हैं। लेखक ने कीचड़ को सुंदर कहने के पीछे क्या तर्क दिए हैं?इसे सुनेंरोकेंजो अन्न कीचड़ में पैदा होता है उस अन्न की तो कद्र करते हैं पर कीचड़ का तिरस्कार करते हैं जो कि गलत है। सूखे हुए कीचड़ का सौन्दर्य नदी के किनारे पर दिखाई देता है। कीचड़ का पृष्ठ भाग सूखने पर उस पर बगुले और अन्य छोटे-बड़े पक्षी विहार करने लगते हैं। उनका यह विहार बहुत सुन्दर प्रतीत होता है। बादल किसकी तरह सूँड़ उठाए हुए लगते है? इसे सुनेंरोकेंकवि आगे कहता है कि कुछ बादल जोकर-जैसा पेट फुलाए हैं और कुछ हाथी से सँड़ उठाएँ हैं। कुछ बादलों के ऊँट-जैसे कूबड़ हैं और कुछ के परियों जैसे पंख हैं। ये सभी बादल आपस में रह-रहकर टकरा रहे हैं। ये शेरों जैसे मतवाले लगते हैं। कीचड़ मे पत्थर फेकने का परिणाम क्या होता है * a उसे आप जैसे मीठे फल प्राप्त होते है B कीचड़ हमें ही गन्दा कर देता है?इसे सुनेंरोकेंज्ञानी कहते हैं यदि तुम कीचड़ में पत्थर फेंकोगे तो तुम्हारे धवल वस्त्र कीचड़ में लिप्त होकर मलिन हो जाएंगे। रहीम ने सागर के जल को महत्वहीन क्यों कहा है? इसे सुनेंरोकेंरहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि उससे न जाने कितने लघु जीवों की प्यास बुझती है। कवि यह कहना चाहता है कि यदि छोटे लोग भी किसी के काम आते हैं तो वे भी महिमावान हैं। सागर की बड़ाई इसलिए नहीं की क्योंकि उसमें अथाह जल होने पर भी प्यास नहीं बुझती, इसमें परोपकार की भावना नहीं होती। कीचड़ के जल की क्या विशेषता है?कीचड़ का रंग बहुत व्यक्तियों को पसंद आता है जैसे पुस्तक के गत्तों पर, घरों की दीवालों पर, मिटटी के बर्तनो के लिए तथा फोटो लेते समय। कीचड के सौंदर्य का वर्णन करते हुए लेखक ने कहा है की जब ये नदी के किनारे सुख कर टूट जाते हैं, उनमे दरारे पड़ जाती हैं तब वे सुखाये खोपड़े जैसे दिखाई पड़ते हैं।
कीचड़ वाले जल की प्रशंसा क्यों की जाती है?उत्तर: कीचड़ में जल की अल्प मात्रा होती है फिर भी इस जल से कई जीवों की प्यास बुझती है। लेकिन सागर का जल विशाल मात्रा में होने के बावजूद किसी की प्यास नहीं बुझा पाता। इसलिए रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य कहा है।
कीचड़ युक्त जल को सागर की तुलना में श्रेष्ठ क्यों कहा गया है?सागर की अपेक्षा पंक-जल को श्रेष्ठ इसलिए बताया गया है क्योंकि कीचड़ का पानी छोटे जीव-जन्तुओं का प्यास बुझाने की सामर्थ्य रखना है किन्तु सागर का जल खारा होने के कारण व्यर्थ है क्योंकि उसका किसी कार्य में उपयोग नहीं हो सकता।
कीचड़ को कीचड़ से साफ नहीं किया जा सकता है यह कथन किसका है?Answer: (d) काका कालेलकर। निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर किसी एक पर आधरित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। नदी के किनारे जब कीचड़ सूखकर उसके टुकड़े हो जाते हैं, तब वे कितने सुन्दर दिखते हैं।
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