जन्मदिन को उर्दू में क्या बोलेंगे? - janmadin ko urdoo mein kya bolenge?

इस बारे में एक एनसाइक्लोपीडिया कहती है: “क्रिस्चन चर्च शुरू होने के बाद, कई सदियों तक मसीही यह त्योहार नहीं मनाते थे, क्योंकि मसीहियों में, बड़ी-बड़ी हस्तियों के जन्मदिन के बजाय मौत का स्मारक मनाने का चलन था।”

ایک انسائیکلوپیڈیا اس کی بابت کہتا ہے: ”ابتدائی مسیحی کلیسیا میں ایسی کوئی تقریب نہیں منائی جاتی تھی کیونکہ مسیحی عام طور پر ممتاز اشخاص کی پیدائش کے برعکس اُنکی موت کی یادگار مناتے تھے۔“

इसलिए पहली सदी में यीशु के चेले “मानते थे कि जन्मदिन मनाना झूठे धर्मों से निकला एक रिवाज़ है।”—द वर्ल्ड बुक इनसाइक्लोपीडिया।

اِسی لیے یسوع مسیح کے اِبتدائی پیروکار ”سالگرہ کو بُتپرستوں کا تہوار سمجھتے تھے۔“—دی ورلڈ بُک اِنسائیکلوپیڈیا۔

मैं अपने बच्चों की मदद कैसे करूँ ताकि त्योहार या जन्मदिन न मनाने की वजह से वे दुखी न हो जाएँ?

مَیں کیا کر سکتا ہوں تاکہ میرے بچے اِس بات پر دُکھی نہ ہوں کہ ہم اُن کی سالگرہ یا تہوار نہیں مناتے؟“

ये दोनों पार्टियाँ उन आदमियों का जन्मदिन मनाने के लिए रखी गयी थीं, जो यहोवा की सेवा नहीं करते थे।

اِن موقعوں پر یسوع مسیح کی سالگرہ نہیں منائی گئی بلکہ دو ایسے آدمیوں کی سالگرہ منائی گئی جو یہوواہ خدا کی عبادت نہیں کرتے تھے۔

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे प्रिय अटल जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।

وزیر اعظم نے کہا کہ ‘‘ ہمارے پیارے اٹل جی کو یوم پیدائش کی مبارکباد۔

एक विश्वकोश बताता है कि रोम के लोग, जो झूठे देवी-देवताओं को पूजते थे, 25 दिसंबर को सूर्य देवता का जन्मदिन मनाते थे।

ایک اِنسائیکلوپیڈیا کے مطابق روم میں رہنے والے بُتپرست لوگ 25 دسمبر کو سورج دیوتا کا جنم دن مناتے تھے۔

यीशु का जन्मदिन मनाने के लिए 25 दिसंबर की तारीख क्यों चुनी गयी थी?

یسوع مسیح کی سالگرہ 25 دسمبر کو کیوں منائی جانے لگی؟

9 यीशु के पैदा होने और मरने के सैकड़ों साल बाद जाकर कहीं लोगों ने दिसंबर 25 को उसका जन्मदिन मनाना शुरू किया था।

۹ لوگوں نے یسوع کی موت کے سینکڑوں سال بعد ہی ۲۵ دسمبر کو اُس کا جنمدِن منانا شروع کِیا۔

(ख) यीशु के चेलों के ज़माने में, जन्मदिन मनाने का रिवाज़ किससे जुड़ा हुआ था?

(ب) پہلی صدی کے مسیحی سالگرہ کو منانے کو کیسا خیال کرتے تھے؟

इसलिए उनके हिसाब से अपना जन्मदिन मनाना, एक ईश्वर का जन्मदिन मनाना है।

لہٰذا جب وہ اپنی سالگرہ مناتے ہیں تو اُن کے خیال میں وہ ایک خدا کا جنمدن منا رہے ہیں۔

7 अगर यीशु के चेलों को उसके जन्म की सही-सही तारीख मालूम होती, तब भी वे उसका जन्मदिन नहीं मनाते।

۷ اگر یسوع کے شاگرد اُس کا جنمدِن جانتے توبھی وہ اسے نہ مناتے۔

जन्मदिन और शैतान-पूजा” नाम का बक्स देखिए।

صفحہ ۱۵۰ پر بکس ”شیطان کے پرستاروں کے تہوار“ کو دیکھیں۔

पहली सदी में यीशु के चेले क्यों जन्मदिन नहीं मनाते थे?

یسوع مسیح کے اِبتدائی پیروکار سالگرہ کیوں نہیں مناتے تھے؟

ऐसे जश्न जो परमेश्वर को नाराज़ करते हैं (§ जन्मदिन मनाने के बारे में बाइबल क्या कहती है) परमेश्वर का प्यार, अध्या.

تہواروں اور رسم و رواج کے بارے میں خدا کا نظریہ (§ کیا سچے مسیحیوں کو سالگرہ منانی چاہئے؟)

समझाइए कि जन्मदिन और अंधविश्वास के बीच क्या नाता है।

جنمدن منانا دیویدیوتاؤں کی پوجا سے کیسے وابستہ ہے؟

बाइबल में सिर्फ ऐसे दो राजाओं के जन्मदिन का ज़िक्र है जो झूठे धर्म को मानते थे।

پاک صحائف میں صرف دو اشخاص کا ذکر ہے جن کا جنمدِن منایا گیا تھا اور وہ دونوں یہوواہ خدا کے خادم نہیں تھے۔

इतना ही नहीं, बाइबल में जन्मदिन मनाने का ताल्लुक मूर्तिपूजा करनेवाले लोगों के साथ किया गया है, परमेश्वर के सच्चे उपासकों के साथ नहीं।—मत्ती 14:6-10.

بائبل جنم دن کی تقریبات کو خدا کے سچے پرستاروں کی بجائے بُتپرست لوگوں سے منسلک کرتی ہے۔—متی ۱۴:۶-۱۰۔

मसीह का पैदा होना हमारे लिए क्या मायने रखता है, इस पर ज़ोर देने के बजाय उसका जन्मदिन मनाने पर ज़्यादा अहमियत दी जा रही है।

لوگ یسوع کی پیدائش کا تہوار منانے کو بہت اہمیت دیتے ہیں لیکن اُسکی پیدائش کی اہمیت کو نہیں سمجھتے۔

एनसीक्लोपेड्या ईस्पानीका कहती है: “पच्चीस दिसंबर को यीशु का जन्मदिन इसलिए नहीं चुना गया कि लोग सही-सही पता लगाकर इस तारीख पर पहुँचे हैं, बल्कि यह इसलिए मनाया जाता है क्योंकि . . . सर्दियों के मौसम में (दक्षिण अयनांत) जब दिन लंबे होने लगते थे, तो इस खुशी में जो त्योहार मनाया जाता था, उसी को आगे चलकर ईसाई रूप दे दिया गया और क्रिसमस के तौर पर मनाया जाने लगा।”

ایک انسائیکلوپیڈیا کا کہنا ہے کہ ”جب دسمبر کی ۲۵ تاریخ کو کرسمس کے تہوار کیلئے مقرر کِیا گیا تو یہ نہیں دیکھا گیا کہ کیا یہ واقعی یسوع کا جنمدن ہے۔ دراصل روم میں اس تاریخ کو سورج کا جنمدن منایا جاتا تھا اور چرچ نے اسی تہوار کو مسیحی شکل دے دی۔“

जन्मदिन की कथा (अँग्रेज़ी) किताब कहती है कि “इस आत्मा का उस देवता के साथ एक रहस्यमयी रिश्ता होता है, जिसके जन्मदिन पर वह इंसान पैदा हुआ है।”

کتاب جنمدن کی تاریخ* کے مطابق یہ روح ”اُس دیوی یا دیوتا کے ساتھ پُراسرار بندش رکھتی تھی جس کے جنمدن پر بچہ پیدا ہوتا۔“

इसकी वजह एक दूसरी किताब (द वर्ल्ड बुक इनसाइक्लोपीडिया) में बतायी गयी है। उसमें लिखा है, “रोम के लोग इस तारीख को शनि देवता का त्योहार यानी सूरज का जन्मदिन मनाते थे।”

ایک کتاب کے مطابق لوگ اِس لئے ۲۵ دسمبر کو یسوع مسیح کی سالگرہ منانے لگے کیونکہ ”اُس دن روم کے لوگ پہلے سے ہی سورج دیوتا کی سالگرہ مناتے تھے۔“

1:4—क्या अय्यूब के बच्चे जन्मदिन मनाते थे?

۱:۴—کیا ایوب کے بچے سالگرہ منایا کرتے تھے؟

क्योंकि जैसे द वर्ल्ड बुक इनसाइक्लोपीडिया कहती है, शुरू के मसीही “मानते थे कि जन्मदिन चाहे किसी का भी हो, इसे मनाने का रिवाज़ झूठे धर्मों से निकला है।”

اِس لئے کہ ایک انسائیکلوپیڈیا کے مطابق پہلی صدی کے مسیحی ”جنمدِن منانے کو بُتپرستوں کا رواج خیال کرتے تھے۔“

जन्मदिन की कथा (अँग्रेज़ी) किताब कहती है कि “इस आत्मा का उस देवता के साथ पहले से एक रहस्यमयी रिश्ता होता है, जिसके जन्मदिन पर वह शख्स पैदा हुआ था।”

جنمدِن کی تاریخ بیان کرنے والی ایک کتاب کے مطابق ”یہ روح اُس دیوی یا دیوتا کے ساتھ پُراسرار بندش رکھتی تھی جس کے جنمدِن پر بچہ پیدا ہوتا۔“

जन्मदिन को उर्दू में क्या कहा जाता है?

उर्दू में जन्मदिन का अर्थ है: سالگرہ (हमें 1 अनुवाद मिले हैं)।

जन्मदिन को मुस्लिम भाषा में क्या कहते हैं?

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ईद ए मिलाद उन नबी को रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। इस बार 9 अक्टूबर 2022 को ईद ए मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जा रहा है। नाम से ही इस पर्व को मनाए जाने का कारण स्पष्ट होता है। अरबी भाषा में इसका अर्थ है 'जन्म' और मौलिद उन नबी का अर्थ है 'हजरत मुहम्मद साहब का जन्म'।

यौमे पैदाइश की मुबारकबाद रेख़्ता?

इन्सान के अपने यौम-ए-पैदाइश से ज़्यादा अहम दिन उस के लिए और कौन सा हो सकता है। ये दिन बार बार आता है और इन्सान को ख़ुशी और दुख से मिले जुले जज़्बात से भर जाता है। हर साल लौट कर आने वाली सालगिरा ज़िंदगी के गुज़रने और मौत से क़रीब होने के एहसास को भी शदीद करती है और ज़िंदगी के नए पड़ाव की तरफ़ बढ़ने की ख़ुशी को भी।

किसी के जन्मदिन पर क्या लिखें?

जन्मदिन की शायरी | Janamdin Badhai Shayari.
हो रातें दुगनी, चौगने दिन जीवन हँसता जाए, प्रति दिन ... .
खुशियां करे अभिनन्दन आज तुम्हारा हुआ जनम ... .
खुशियों की बहार छाये मान सम्मान में वृद्धि आये ... .
जीवन का हर लम्हा हो रोशन ... .
तारों से चमके आपके दिन ... .
जीवन में मिले खुशियाँ अपार ... .
हो लबों पर सदा मुस्कान ... .
हर सपना हो आपका पूरा.