जुलाई के महीने में सत्यनारायण व्रत कब है? - julaee ke maheene mein satyanaaraayan vrat kab hai?

प्रदोष का व्रत भगवान महादेव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष के व्रत का विधान शास्त्रों में बताया गया है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस व्रत को रखने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और व्रती को पुत्र की प्राप्ति होती है। जिस दिन त्रयोदशी तिथि होती है प्रदोष व्रत को उसी नाम से जाना जाता है जैसे रवि प्रदोष, सोम प्रदोष, भौमप्रदोष आदि। वैसे मुख्यरूप से शिवजी की कृपा प्राप्त करने और पुत्र प्राप्ति की कामना से इस व्रत को किया जाता है।

श्री सत्यनारायण व्रत (13 जुलाई, बुधवार)

जुलाई के महीने में सत्यनारायण व्रत कब है? - julaee ke maheene mein satyanaaraayan vrat kab hai?

सत्यनारायण का व्रत उत्तर भारत के कई घरों में किया जाता है। सनातनी हिंदुओं के यहां कोई भी पुण्यकार्य का अवसर हो, शादी-विवाह जैसा कोई मांगलिक आयोजन हो तो प्राय: घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा करने की परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। सत्य ही भगवान हैं, नारायण हैं और सबसे बड़े आराध्य हैं। जो लोग रामायण पाठ या भागवत कथा जैसे लंबे आयोजन करने में समर्थ नहीं होते हैं वे सत्यनारायण की कथा कर लेते हैं। इस कथा को प्राय़: एकादशी या पूर्णिमा के दिन किया जाता है। इस व्रत के पीछे मूल उद्देश्य सत्य की पूजा करना है। इस व्रत में भगवान शालिग्राम का पूजन किया जाता है।

गुरु पूर्णिमा (13 जुलाई, बुधवार)

जुलाई के महीने में सत्यनारायण व्रत कब है? - julaee ke maheene mein satyanaaraayan vrat kab hai?

आषाण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा अथवा व्यास पूर्णिमा का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन महर्षि वेद व्यास का पूजन और अर्चन किया जाता है। वेद व्यास को महाभारत का रचनाकार और पुराणों का व्याख्याता माना जाता है। महर्षि वेद व्यास भारतीय ज्ञान गरिमा के अक्षय प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उनकी रचनाओं का ही यह प्रतिफल है कि हम आज भी अपनी पुरातन संस्कृति को आत्मसात किए हुए हैं। इस दिन प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर गुरु की सेवा में उपस्थित होकर उनका पूजन-अर्चन करना चाहिए। ऐसा कहा गया है कि इस दिन गुरु का देवताओं की तरह पूजन करना चाहिए और अपने गलत व्यवहार के लिए उनसे क्षमा याचना करनी चाहिए। इस दिन अपनी शक्ति के अनुसार दान भी अवश्य देना चाहिए और गुरु को प्रसन्न कर उनका आशीष ग्रहण करना चाहिए।

कोकिला व्रत (13 जुलाई, बुधवार)

जुलाई के महीने में सत्यनारायण व्रत कब है? - julaee ke maheene mein satyanaaraayan vrat kab hai?

कोकिला अर्थात् कोयल। कोकिला को मां गौरी का रूप माना जाता है। इसीलिए इस व्रत में उनका पूजन और अर्चन किया जाता है। महिलाओं के लिए निर्धारित यह कोकिला व्रत आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से लेकर श्रावण मास की पूर्णिमा (रक्षा बंधन) तक किया जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस व्रत को रखने वाली महिलाओं को सकारत्रय यानी सुत, सौभाग्य और संपदा की प्राप्ति होती है। महिलाओं को इस पूरे एक महीने ब्रह्मचर्य रखते हुए व्रत रखना चाहिए।

श्रावण मास प्रारंभ (14 जुलाई, गुरुवार)

जुलाई के महीने में सत्यनारायण व्रत कब है? - julaee ke maheene mein satyanaaraayan vrat kab hai?

उत्तर भारत के पंचांग के अनुसार, गुरुवार से श्रावण मास प्रारंभ हो जाएगा। यह मास भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस मास में भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए रुद्राभिषेक आदि कराया जाता है। श्रावण मास का प्रारंभ 14 जुलाई से शुरू हो रहा है और 12 अगस्त को समापन होगा। सावन मास का पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा 01 अगस्त और अंतिम सोमवार 08 अगस्त को होगा।

गणेश संकष्टी चतुर्थी (16 जुलाई, शनिवार)

जुलाई के महीने में सत्यनारायण व्रत कब है? - julaee ke maheene mein satyanaaraayan vrat kab hai?

हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को समर्पित गणेश चतुर्थी के व्रत का विधान है। इस दिन सर्वप्रथम प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान गणेश का स्मरण करते हुए ‘मम वर्तमानागामि-सकलानिवारणपूर्वक-सकल-अभीष्टसिद्धये गणेश चतुर्थीव्रतमहं करिष्ये’ इन पंक्तियों के साथ व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद पवित्र स्थान पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करके गंध, पुष्प, अक्षत, रोली आदि से विधि विधान के साथ उनका पूजन, अर्चन और स्तवन करना चाहिए। उसके बाद भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाकर आरती कर पूरा दिन उपवास रखें और शाम को एक बार फिर उनका पूजन करें।

Satyanarayan Vrat July 2022: श्री सत्यनारायण व्रत और पूजा भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। श्री स्तानारायण पूजा हर महीने पूर्णिमा के दिन (Purnima) को की जाती है। सत्यनारायण व्रत केवल पूर्णिमा के दिन को रखा जाता है क्योंकि पूर्णिमा श्री सत्यनारायण का पसंदीदा दिन है। द्रिक पंचांग के अनुसार इस माह श्री सत्यनारायण व्रत आषाढ़ मास में बुधवार 13 जुलाई 2022 को होगा.

Satyanarayan Vrat July 2022: तिथि और समय

  • पूर्णिमा तिथि शुरू बुधवार, 13 जुलाई, 2022 – सुबह 04:00 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त गुरुवार, 14 जुलाई, 2022 – 12:06 पूर्वाह्न
  • सत्यनारायण व्रत बुधवार, 13 जुलाई, 2022

यह भी पढ़ें: Vastu Tips: खुशहाली और समृद्धि के लिए घर की इन दिशाओं में लगाएं तस्वीरें

सत्यनारायण व्रत और पूजा अनुष्ठान :-

  1. पूर्णिमा व्रत सबसे शुभ माना जाता है। जो भक्त पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, उन्हें जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
  2. सत्यनारायण की मूर्ति स्थापित करें, फूल, सिंदूर, कुमकुम चढ़ाएं, जल से भरा कलश रखें और दीया जलाएं।
  3. सत्यनारायण पूजा (Satyanarayan Pooja) कभी भी की जा सकती है।
  4. भक्तों को पंचामृत का भोग लगाना चाहिए जो पांच चीजों (दूध, दही, शहद, चीनी और घी) का मिश्रण है और पंचामृत में तुलसी पत्र डालकर भगवान विष्णु को अर्पित करें।
  5. जो भक्त भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं उन्हें तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए और ऐसा माना जाता है कि तुलसी पत्र के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
  6. भगवान विष्णु को अर्पित किया गया प्रसाद भुने हुए गेहूं के आटे, चीनी, केला से बनाया जाता है और इस मिश्रण में तुलसी पात्र डालें।
  7. सत्यनारायण पूजा के दौरान, पूजा में मौजूद सभी लोगों को कथा सुनाई जाती है।
  8. सत्यनारायण कथा पूरी करने के बाद आरती का पाठ किया जाता है।
  9. भक्तों को देवता का सम्मान करने के लिए चंद्रमा को जल (अर्घ्य) देना चाहिए।
  10. भक्त सात्विक भोजन करके अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि जो भक्त हर पूर्णिमा पर श्री सत्यनारायण व्रत का पालन करते हैं, श्री सत्यनारायण उन्हें सुख, समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भक्तों को अपने जीवन से बाधाओं को दूर करने के लिए श्री हरि स्तोत्र का जाप या सुनना चाहिए।

2022 में सत्यनारायण व्रत कब है?

पूर्णिमा तिथि बुधवार 07 दिसंबर 2022 सुबह 08:11 से शुरू होगी और गुरुवार 08 दिसंबर 2022 को सुबह 09:27 पर समाप्त होगी. भगवान विष्णु के रूप में ही सत्यनायाण भगवान की पूजा होती है.

जुलाई में सत्यनारायण भगवान का व्रत कब है?

श्री सत्यनारायण व्रत (13 जुलाई, बुधवार)

सत्यनारायण व्रत कब रखा जाता है?

प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण व्रत रखा जाता है, लेकिन कभी-कभी यह व्रत चतुर्दशी तिथि में भी रखा जाता है क्योंकि चन्द्रोदय कालिक एवं प्रदोषव्यापिनी पूर्णिमा ही व्रत के लिए ग्रहण करनी चाहिए. सत्यनारायण व्रत में कथा, स्नान-दान आदि का बहुत महत्व माना गया है.

सत्यनारायण व्रत कब है अगस्त में?

स्कन्द पुराण के रेवाखंड में विस्तार पूर्वक बताया गया है कि जो व्यक्ति सत्यनारायण भगवान की पूजा का संकल्प लेते हैं उन्हें दिन भर व्रत रखना चाहिए. ... In 2023 the Dates of this Vrat will be as follows:.