इस सत्र में पढ़ी गई किस कविता में फागुन के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया गया है? उसे अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए। Show
इस सत्र की पढ़ी गई कविता 'अट नहीं रहीं है' में फागुन के प्राकृति सौंदर्य का वर्णन किया गया है। इस कविता में कवी ने अपने अंतर्मन के भावों को व्यक्त करते हुए फागुन के अनूठे सौंदर्य का वर्णन किया है। फागुन में प्रकृति ने फिर अपना नए सिरे से शृंगार किया है। बालक, वृद्ध सभी फागुन की मस्ती में लीन होकर झूमने - नाचने लग जाते हैं। चारों ओर सुगंधित फूल खिले होते हैं। आम के पेड़ों पर बौर आने लगती है। उनकी सुगंध से मस्त होकर कोयल कूकने लगती है। फागुन की शोभा जगह - जगह छा जाती है। स्वयं कवी भी फागुन के सौंदर्य में डूब जाते हैं। फागुन की सुंदरता ऐसी है जिसे शब्दबद्ध भी नहीं किया जा सकता। ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर फागुन में उमड़े प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। Solutionफागुन का सौंदर्य अन्य ऋतुओं और महीनों से बढ़कर होता है। इस समय चारों ओर हरियाली छा जाती है। खेतों में कुछ फसलें पकने को तैयार होती हैं। सरसों के पीले फूलों की चादर बिछ जाती है। लताएँ और डालियाँ रंग-बिरंगे फूलों से सज जाती हैं। प्राणियों का मन उल्लासमय हुआ जाता है। ऐसा लगता है कि इस महीने में प्राकृतिक सौंदर्य छलक उठा है। Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? APPEARS INNCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 5 उत्साह और अट नहीं रही is part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 5 उत्साह और अट नहीं रही.
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2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. अन्य पाठेतर हल प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5.
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9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. `( घ इस सत्र में पढ़ी गई किस कविता की अंतिम पंक्तियों आपको प्रभावित करती हैं और क्यों तर्क सहित स्पष्ट कीजिए?(घ) इस सत्र में पढ़ी गई किस कविता की अंतिम पंक्तियाँ आपको प्रभावित करती हैं और क्यों? तर्क सहित स्पष्ट कीजिए। मुझे ऋतुराज जी द्वारा रचित 'कन्यादान' की अंतिम 2 पंक्तियाँ काफी प्रभावित करती हैं “माँ ने कहा लड़की होना, पर लड़की जैसी दिखाई मत देना”- ये दो पंक्तियाँ अपने आप में काफी प्रभावशाली हैं।
अट नहीं रही है कविता में कौन से महीने के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन निराला जी द्वारा किया गया है?सट नहीं रही है। इस कविता में कवि ने वसंत ऋतु की सुंदरता का बखान किया है। वसंत ऋतु का आगमन हिंदी के फागुन महीने में होता है।
मानव के मन पर फागुन के सौन्दर्य का क्या प्रभाव पड़ता है अट नहीं रहीं है कविता के आधार पर लिखिए?खेतों में कुछ फसलें पकने को तैयार होती हैं। सरसों के पीले फूलों की चादर बिछ जाती है। लताएँ और डालियाँ रंग-बिरंगे फूलों से सज जाती हैं। प्राणियों का मन उल्लासमय हुआ जाता है।
प्रकृति की शोभा श्री फागुन में कैसे अपना रंग रूप बदलती है अट नहीं रही हैं कविता के आधार पर लिखिए?Answer. Answer: जब मौसम बदलते हैं जो कवियों के मन भी बदलने लगते हैं और स्वाभाविक रूप से प्रकृति के निकट होने के कारण कवि बदलते मौसम में कई रचनाएं भी करते हैं। फागुन एक ऐसी ही ख़ूबसूरत ऋतु है जिसमें प्रकृति के साथ-साथ मन में भी उल्लास आ जाता है।
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