इफ्फन टोपी की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा कैसे था?

विषयसूची

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  • 1 इफ्फ़न को टोपी शुक्ला कहानी का महत्त्वपूर्ण पात्र कैसे माना जा सकता है?
  • 2 टोपी शुक्ला पाठ के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश देना चाहा है अपने शब्दों में लिखिए?
  • 3 टोपी जैसे बच्चों के विषय में आपकी क्या राय है?
  • 4 रामदुलारी की मार से टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर स्पष्ट करें?
  • 5 इफ्फन के पिता क्या थे?
  • 6 इफ्फन की दादी का जन्म कहाँ हुआ था?
  • 7 डॉ भृगु नारायण का क्या काम था और उनके परिवार का माहौल कैसा था?
  • 8 टोपी शुक्ला पाठ के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश देना चाहा है?
  • 9 मरते समय इफ्फन दादी को अपना मायका क्यों याद आ रहा था?
  • 10 टोपी शुक्ला कहानी के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?

इफ्फ़न को टोपी शुक्ला कहानी का महत्त्वपूर्ण पात्र कैसे माना जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंइफ्फुन ‘टोपी शुक्ला’ कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि टोपी शुक्ला की पहली दोस्ती इफ्फुन के साथ ही हुई थी। इफ्फ़न के बिना टोपी शुक्ला का जीवन अधूरा है। इफ्फ़न के बिना टोपी की कहानी को समझा नहीं जा सकता। दोनों अलग-अलग मज़हब के होते हुए भी एक-दूसरे से अटूट रूप से जुड़े हुए हैं।

टोपी शुक्ला पाठ के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश देना चाहा है अपने शब्दों में लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: टोपी शुक्ला पाठ समाज को सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देता है। इस पाठ मैं टोपी और इफ़्फ़न अलग-अलग धर्म और जाति से संबंध रखते हैं लेकिन फिर भी दोनों के बीच एक अटूट संबंध है। हिंदुस्तान में हिंदू और मुसलमानों के बीच प्रेम और भाईचारे से भरे एक वातावरण की चाह रखने वालों के लिए है एक प्रेरणा पद है।

इफ्फन टोपी की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा कैसे था स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंइफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है? इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला दोनों गहरे दोस्त थे। एक दूसरे के बिना अधूरे थे परन्तु दोनों की आत्मा में प्यार की प्यास थी। इफ़्फ़न तो अपने मन की बात दादी को या टोपी को कह कर हल्का कर लेता था परन्तु टोपी के लिए इफ़्फ़न और उसकी दादी के अलावा कोई नहीं था।

टोपी जैसे बच्चों के विषय में आपकी क्या राय है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखक कहता है कि इफ़्फ़न की दादी टोपी से हमेशा एक ही सवाल पूछ कर बात आगे बढ़ती थी कि उसकी अम्माँ क्या कर रही है। पहले-पहले तो टोपी को समझ में नहीं आया कि ये अम्माँ क्या होता है परन्तु बाद-बाद में उसे समझ में आ गया कि माता जी को ही अम्माँ कहा जाता है। जब टोपी ने अम्माँ शब्द सुना तो उसे यह शब्द बहुत अच्छा लगा।

रामदुलारी की मार से टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर स्पष्ट करें?

इसे सुनेंरोकेंराम दुलारी की मार का टोपी शुक्ला पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। उसका अंग-अंग दुखने लगा था। उसे अपनी दादी से घृणा हो गई थी, क्योंकि उसकी दादी ने ही उसकी माँ रामदुलारी को भड़काया था और उसकी माँ रामदुलारी ने उसकी पिटाई कर दी। बाल बुद्धि होने के कारण एक बार उसके मन में विचार आया कि वह अपनी दादी बदल ले।

टोपी शुक्ला कहानी हमें क्या संदेश देती है?

इसे सुनेंरोकेंSolution : टोपी शुक्ला कहानी हमें हमारी परम्परा सभ्यता के अनुसार भारत की विविधता में एकता को और जोड़ने का संदेश देती है। जाति और धर्म से ऊपर उठकर एक साथ रहने का संदेश देती है। इन्सान में इन्सानियत होनी चाहिए धर्म जाति भगवान ने नहीं बनाई यह हमने बनाई है। हमें परस्पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखना चाहिए।

इफ्फन के पिता क्या थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: इफ़्फ़न की दादी मौलवी की बेटी न होकर ज़मीदार की बेटी थीं। वह वहाँ दूध, घी, दही खाती थीं।

इफ्फन की दादी का जन्म कहाँ हुआ था?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (c) वे सदा मौलवी ही बने रहते हैं। इफ्फन की दादी का जन्म कहाँ हुआ था? (d) कराची में ।

टोपी पूरे घर में खुद को अकेला क्यों समझता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: टोपी खुद को भरे पूरे घर में अकेला समझता है क्योकी उसको कोई भी उसके बारे मे विरुद्ध बोलता है।

डॉ भृगु नारायण का क्या काम था और उनके परिवार का माहौल कैसा था?

इसे सुनेंरोकेंडॉक्टर भृगु नारायण शुक्ला नीले तेल वाले (टोपी के पिता) के घर में भी बीसवीं सदी प्रवेश कर चुकी थी। कहने का अर्थ है कि अब टोपी के घर में भी खाना मेज़-कुरसी पर खाया जाता था। लगती तो थालियाँ ही थीं परन्तु जैसे पहले जमीन पर पालथी मार कर खाना खाया जाता था, उसकी जगह पर मेज़-कुरसी का प्रयोग किया जाने लगा था।

टोपी शुक्ला पाठ के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश देना चाहा है?

टोपी शुक्ला के मुंह से कौन सा शब्द सुनकर घरवालों के होश उड़ गए?

इसे सुनेंरोकें’अम्मी’ शब्द मुसलमानों के घर में इस्तेमाल होता है किंतु जब टोपी शुक्ला के मुख से “अम्मी” शब्द सुना गया तब घरवालों के होश उड़ गए। उनकी परंपराओं की दीवार डोलने लगी। उनका धर्म संकट में पड़ गया। सभी की आँखें टोपी के चेहरे पर जम गईं कि उनकी संस्कृति के विपरीत यह शब्द घर में कैसे आ गया।

मरते समय इफ्फन दादी को अपना मायका क्यों याद आ रहा था?

इसे सुनेंरोकेंइफ़्फ़न की दादी को मरते समय अपने मायके का घर याद आने लगा था। इफ़्फ़न की दादी के मायके वाली कराची चले गए थे। वह लोग वहीं रहने लगे थे। इसलिए उनके मायके का घर कस्टोडियन में चला गया था क्योंकि उस संपत्ति पर किसी का भी अधिकार नहीं था।

टोपी शुक्ला कहानी के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?

इफ्फन टोपी की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा कैसे था स्पष्ट कीजिए?

टोपी को भी स्नेह व अपनत्व की जरूरत थी। टोपी जब भी इफ्फन के घर जाता था, वह अधिकतर उसकी दादी के पास बैठने की कोशिश करता था क्योंकि उस घर में वही उसे सबसे अच्छी लगती थीं। दादी के देहांत के बाद टोपी के लिए वहाँ कोई न थाटोपी को वह घर खाली लगने लगा क्योंकि इफ्फ़न के घर का केवल एक आकर्षण था जो टोपी के लिए खत्म हो चुका था

इफ़्फ़न को टोपी शुक्ला कहानी का महत्वपूर्ण पात्र कैसे माना जा सकता है?

इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला दोनों गहरे दोस्त थे। एक दूसरे के बिना अधूरे थे परन्तु दोनों की आत्मा में प्यार की प्यास थी। इफ़्फ़न तो अपने मन की बात दादी को या टोपी को कह कर हल्का कर लेता था परन्तु टोपी के लिए इफ़्फ़न और उसकी दादी के अलावा कोई नहीं था। अत: इफ़्फ़न वास्तव में टोपी की कहानी का अटूट हिस्सा है

टोपी शुक्ला पाठ के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश दिया है लेखक ने मानवीय संबंधों की कौन सी सच्चाई उजागर की है?

टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर बच्चों की मनोवृत्ति पर किस प्रकार प्रकाश डाला गया है?

टोपी इफ्फन से क्या करने को कहता था?

टोपी की इस बात का जवाब देते हुए इफ़्फ़न कहता है कि टोपी की यह इच्छा पूरी नहीं हो सकती। उसके अब्बू यह बात नहीं मानेंगे। क्योंकि उसकी दादी उसके अब्बू की अम्माँ भी तो हैं। जब टोपी और इफ़्फ़न बात कर रहे थे उसी समय इफ़्फ़न का नौकर आया और खबर दी कि इफ़्फ़न की दादी का देहांत हो गया है।