जय श्री राम, जय बजरंगबली....आज के दिन ये नाम जपने से सब मंगल ही मंगल होगा. जानिए मंगल को जन्मे मंगलकारी हनुमान के अद्भुत और चमत्कारी बारह नामों के बारे में जिनके जाप से आपके सारे कष्ट, रोग, पीड़ा और संकट खुद ब खुद नष्ट हो जाएंगे और जीवन में सब मंगलमय होगा. Show शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं हनुमान हर लेते हैं सारे संकट अगर आप अपनी परेशानियों से निजात पाना चाहते हैं तो जानिए कैसे करें महाबली को प्रसन्न.... जैसा कि रामचरित मानस में लिखा हुआ है कि कलयुग केवल नाम अधरा सुमरि-सुमरि नर उतरहीं पारा और यह भी माना जाता है कि कलयुग में हनुमान ही सबसे प्रभावशाली देवता हैं. उनका नाम सुमरने से ही आप सारे काम बन जाएंगे. प्रभु श्री राम के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा से ही हनुमान जी को अष्टसिद्धियों और नवनिधियों का वरदान मिला है. ये वही अष्टसिद्धियां और नव निधियां हैं जो कलयुग में हनुमान उपासकों के कल्याण का काम करती हैं. कलयुग में राम भक्त हनुमान के द्वादश यानि बारह नामों का स्मरण किया जाये तो सारी तकलीफें, समस्याएं, व्याधियों को हर लेते हैं हनुमान. तो आइए जानें हनुमान जी के नामों की महिमा के बारे में... 1. हनुमान महाबली बजरंग के इन नामों का उच्चारण करने से आपकी कई वर्षों से चली आ रही परेशानियां पल भर में छूमंतर हो जाएंगी. आइए अब जानते हैं कि संकटमोचन हनुमान के नामों का किन समस्याओं में कब और कैसे स्मरण करना चाहिए... दीर्घायु पाने के लिए धनवान बने रहने के लिए खत्म कर देते हैं गृह क्लेश भय और शत्रु से करते हैं रक्षा हनुमान जी की उपासना अत्यंत प्रभावशाली क्यों मानी जाती है? कैसे करें इन 12 नामों का प्रयोग और इनके लाभ क्या हैं? श्री हनुमान कलयुग के शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं। मात्र स्मरण करने से ही वे कृपा करते हैं। उग्र भी हैं, प्रमाद व लापरवाही उन्हें बिलकुल अच्छी नहीं लगती अत: सावधानी आवश्यक है। निम्नलिखित मंत्रों के प्रयोग से कष्ट दूर कर हनुमानजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। मंगलवार के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में यथासंभव पूजन करें तथा नैवेद्य लगाएं। घर पर हनुमानजी का कोई भी चित्र लाल कपड़े पर रखकर पूजन करें। पूजन में चंदन, सिन्दूर, अक्षत, कनेर, गुड़हल या गुलाब के पुष्प प्रयोग करें। नैवेद्य में मालपुआ, बेसन के लड्डू आदि लें तब आरती कर संकल्प लेकर अपनी समस्या के अनुसार मंत्र जप करें। यहां जानिए हनुमान जी के 9 चमत्कारी मंत्र- 1. 'ॐ हं हनुमते नम:।' वाद-विवाद, न्यायालय आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है। 2. 'ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।' शत्रु से अधिक भय हो, जान-माल का डर हो, तो यह प्रयोग उचित रहेगा। 3. 'ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।' हनुमानजी के दर्शन सुलभ होते हैं, यदि नित्य यह पाठ किया जाए। 4. 'ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।' शत्रु बलवान होने पर यह जप निश्चित लाभ देता है। 5. 'ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।' असाध्य रोगों के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें। 6. 'ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।' सर्व सुख-शांति के लिए यह मंत्र जपें। 7. 'दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।' कठिन कार्यों की सफलता के लिए। 8. 'और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।' इच्छापूर्ति के लिए। 9. 'अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।' ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए। * पूर्वाभिमुख हो जप करें। * रुद्राक्ष माला, ब्रह्मचर्य व लाल वस्त्रासन का प्रयोग करें। * यथाशक्ति जप कर उपलब्ध साधनों से 1 माला हवन करें, मंत्र सिद्ध हो जाएगा। * उपरांत नित्य 1 माला कार्य होने तक करें, बीच में बंद नहीं करें। हनुमान जी को खुश करने के लिए कौन सा मंत्र है?मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते हैं, वे अपने भक्तों को सुख एवं समृद्धि प्रदान करते हैं। साथ ही अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं और दुखों को दूर करते हैं।
कौन सा हनुमान मंत्र शक्तिशाली है?द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र : ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट। मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए : महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
हनुमान जी का महामंत्र क्या है?हनुमान जी का मूल मंत्र:- ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:. ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा.
हनुमान जी का गुप्त मंत्र कौन सा है?– ओम नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा. – ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा. – हनुमान अष्टदशाक्षर मंत्र: 'नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा. '
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