मसा की बीमारी क्यों होती है? - masa kee beemaaree kyon hotee hai?

मसा की बीमारी क्यों होती है? - masa kee beemaaree kyon hotee hai?

बढ़ते संसांधन के कारण आलस्यपन और अव्यवस्थित खानपान बवासीर रोगियों की संख्या बढ़ाने में लगातार मदद कर रहे हैं। यही वजह है कि वयस्कों के साथ आज की युवा पीढ़ी भी इस दर्दनाक रोग की ओर खिंची चली आ रही है।

बवासीर में गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन के कारण मस्सों का निर्माण हो जाता है। ये मस्से सूजे हुए प्रतीत होते हैं, जिनमें रक्त अथवा पस भरा होता है। वक्त ढलने के साथ मस्सों का आकार भी बढ़ जाता है। यूं कहे तो बवासीर के ग्रेड में निरंतर वृद्धि होती रहती है। 

कई लोग बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के लिए घरेलू उपचार आजमाते हैं, उनमें से कुछ लोगों में (ग्रेड 1 या उससे निचले स्तर का बवासीर होने पर) बवासीर के लक्षणों में कमी दिखाई देती है और कुछ लोगों को बिल्कुल भी लाभ नहीं होता है। कारण स्पष्ट है, घरेलू नुस्खे मस्से को हमेशा के लिए खत्म नहीं कर सकते हैं।

पढ़ें- एक दिन में बवासीर के मस्से का जड़ से इलाज

  • बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय क्या है?
    • दवाइयाँ
    • सर्जरी
  • लेजर सर्जरी है पाइल्स के मस्से को जड़ से समाप्त करने का उपाय
  • हमसे कराएं निदान और उपचार
  • निष्कर्ष

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय क्या है?

दवाइयाँ

अगर बात की जाए बवासीर को जड़ से खत्म करने की तो सर्जरी ही इसका सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी देखे गए हैं कि यदि बवासीर का ग्रेड कम है तो डॉक्टर निदान के बाद दवाइयों की सलाह देते हैं जो मस्सों के आकार को कम करते हैं और बवासीर को खत्म कर देते हैं।

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सर्जरी

सर्जरी ही एकमात्र उपाय है जो बवासीर के मस्सों को जड़ से ख़त्म कर सकता है। लेकिन बवासीर की सर्जरी का चयन करते समय आपको अपनी चतुरता का इस्तेमाल करना चाहिए।

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आधुनिक तकनीक के कारण आज बवासीर का इलाज करने के लिए कई एडवांस तकनीकें उपलब्ध हैं। बवासीर का सर्जिकल उपचार विकल्प निम्नलिखित है:

  • ओपन सर्जरी
  • लेजर सर्जरी
  • स्टेपलर सर्जरी
  • रबर बैंड लिगेशन
  • क्षार सूत्र सर्जरी

उपचार के लिए आपको लेजर सर्जरी का चयन करना चाहिए।

लेजर सर्जरी है पाइल्स के मस्से को जड़ से समाप्त करने का उपाय

बवासीर के दर्द भरे मस्से का गुदा क्षेत्र से परमानेंट सफाया करने के लिए लेजर सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है। घरेलू नुस्खे इसका परमानेंट इलाज नहीं कर सकते हैं।

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आइये जानते हैं आखिर लेजर सर्जरी बवासीर का परमानेंट इलाज करने की सबसे अच्छी तकनीक क्यों है:

  • आधा घंटा में जड़ से उपचार हो जाता है
  • उपचार के दौरान गुदा क्षेत्र में कोई कट नहीं होता है और न ही कोई ब्लीडिंग होती है
  • अस्पताल में हफ्ते भर रुकने की कोई जरूरत नहीं होती है (24 घंटे के भीतर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया जाता है)
  • रिकवरी में अधिक समय नहीं लगता है (2 दिन में पार्शियल रिकवरी और 10 दिन में फुल रिकवरी)
  • रिकवरी के समय दर्द, ब्लीडिंग, सूजन जैसी कोई समस्याएं नहीं होती हैं, आमतौर पर 2 दिन में रोगी आराम से चलने-फिरने लगता है और ऑफिस भी जा सकता है (कुछ केसेस में अधिक समय लग सकता है)
  • दोबारा से बवासीर होने की संभावना लगभग न के बराबर होती है

हमसे कराएं निदान और उपचार

यदि आपके बवासीर का ग्रेड अधिक नहीं है तो हमारे डॉक्टर कुछ दवाइयों की सलाह दे सकते हैं जो मस्सों को सुखाने में मदद करेंगे। निदान के लिए हमारे पास एडवांस उपकरण हैं, जिससे बवासीर की गंभीरता का सही मूल्यांकन हो पाता है और उस अनुसार हमारे डॉक्टर सर्जरी या दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं।

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यदि सर्जरी की जरूरत पड़ती है तो हमारे अनुभवी गुदा रोग स्पेशलिस्ट लेजर प्रक्रिया का चयन करते हैं। प्रक्रिया के दौरान नवीनतम एवं एडवांस उपकरण का उपयोग होता है, जिससे प्रक्रिया के बाद दर्द और रिकवरी के दौरान जटिलताएं होने की संभावना बहुत कम अथवा न के बराबर होती है।

बवासीर का उचित निदान और उपचार के लिए हम और हमारे अनुभवी डॉक्टर 30 से अधिक शहरों में विख्यात हैं। आप हमें फोन कर सकते हैं या अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

दवाइयों से बवासीर का उपचार कराने में बहुत समय लगता है और उपचार के दौरान आपको अपने खानपान एवं रहनसहन में काफी संयम बरतने की जरूरत पड़ती है। यदि बवासीर का ग्रेड लेवल 1 से अधिक है तो दवाइयां काम नहीं करेंगी। इसलिए दवाओं का उपयोग करने से पहले आपको बवासीर का निदान (जाँच) के लिए डॉक्टर के पास  जाना चाहिए। गुदा रोग विशेषज्ञ गुदा क्षेत्र की अच्छी तरह से जाँच करेंगे और सही उपचार की सलाह देंगे। बवासीर का जड़ से उपचार करने के लिए लेजर सर्जरी एक सुरक्षित विकल्प है। 

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

पाइल्स क्या है? इस बीमारी के कारणों के साथ जान लें लक्षण भी

मोबाइल फोन का दखल जिंदगी में इतना बढ़ गया है कि हम हर जगह फोन को लेकर पहुंच जाते हैं।रात को सोने के समय भी हम फोन का इस्तेमाल करते रहते हैं।ऐसे में मोबाइल की वजह से हम कई बीमारियों के शिकार हो रहे...

मसा की बीमारी क्यों होती है? - masa kee beemaaree kyon hotee hai?

Pratima Jaiswalलाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Fri, 23 Jul 2021 10:17 AM

मोबाइल फोन का दखल जिंदगी में इतना बढ़ गया है कि हम हर जगह फोन को लेकर पहुंच जाते हैं।रात को सोने के समय भी हम फोन का इस्तेमाल करते रहते हैं।ऐसे में मोबाइल की वजह से हम कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। हम में से कई लोग मोबाइल फोन को टॉयलेट में भी लेकर जाते हैं। वहां टॉयलेट सीट पर बैठकर मोबाइल का इस्तेमाल करने से पाइल्स यानी बवासीर जैसी बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

पाइल्स क्या है? 
पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति एनस के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से एनस अंदरूनी हिस्से या बाहर के हिस्से में स्किन जमाकर होकर मस्से जैसी बन जाती है और इसमें से कई बार खून निकलने के साथ ही दर्द भी होता है। मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ये मस्से बाहर आ जाते हैं। इस समस्या के कारण व्यक्ति को बैठने में भी दिक्कत होती है। चिकित्सकों के अनुसार, कई बार शर्मिंदगी के कारण लोग शुरुआत में इस पर ध्यान नहीं देते जिससे बाद में समस्या बढ़ जाती है।

पाइल्स के कारण
- कब्ज की समस्या। कब्ज के कारण पेट साफ नहीं होता है और मल त्याग में जोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से पाइल्स की समस्या हो जाती है।
- जो लोग ज़्यादा देर तक खड़े होकर काम करते हैं, उन्हें भी बवासीर की समस्या हो जाती है।
- पाइल्स का एक कारण मोटापा भी है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान भी कई महिलाओं को पाइल्स की समस्या हो जाती है।
- डिलीवरी के बाद भी यह समस्या हो सकती है।
- यदि परिवार में किसी को बवासीर है, तो आपको इसे होने का खतरा बढ़ जाता है।

पाइल्स के लक्षण
- मल त्याग के समय दर्द होना और रक्त या म्यूकस आना।
- एनस के आसपास सूजन या गांठ जैसे होना।
- एनस के आसपास खुजली होना। 
- मल त्याग के बाद भी ऐसा लगना कि पेट साफ नहीं हुआ है।
- पाइल्स के मस्सों से सिर्फ खून आना।
 

ये सावधानियां भी जरूरी 
अपने घर के टॉइलट को भले ही हम अपने हिसाब से पूरी तरह साफ रखते हों लेकिन घर के बाहर ऑफिस में, मॉल में, ट्रेन में या फिर कहीं और पब्लिक टॉइलट यूज करते वक्त ज्यादातर लोगों के मन में जर्म्स, गंदगी और कीटाणु का डर रहता है। पब्लिक टॉइलट दिखने में भले ही साफ लेकिन हर तरह के लोग इसका इस्तेमाल करते हैं इसलिए गंदे पब्लिक टॉइलट यूज करने पर इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा रहता ही है। हेपेटाइटिस ए संक्रमण गंदे शौचालयों से होने वाला मुख्य संक्रमण है।

बुखार, उल्टी और पेट में ऐंठन आदि इसके लक्षण हैं। ये संक्रमित लोगों के मल से फैलता है। एक ही बाल्टी या मग इस्तेमाल करने से भी ये फैलता है। वहीं, मोबाइल फोन का इस्तेमाल टॉयलेट में करने से न सिर्फ आपका समय भी खराब होता है बल्कि आपके मोबाइल में भी कई तरह के वायरस आ जाते हैं, जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है।

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मसा की बीमारी क्यों होती है? - masa kee beemaaree kyon hotee hai?

मस्से को जड़ से खत्म कैसे करें?

मस्से हटाने के लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा में कुछ बूंदें कैस्टर ऑयल मिलाकर उसक पेस्ट तेयार कर लें। अब इस पेस्ट को मस्से पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करेंमस्से वाली जगह को एक घंटे बाद पानी से धो लें। एक महीने में आपको मस्सों की परेशानी से निजात मिल जाएगी।

मस्से किसकी कमी से होते हैं?

मस्से त्वचा पर होने वाली वृद्धि है जो ह्यूमन पैपिलोमावायरस के कारण होती है। आमतौर पर, यह फटी हुई त्वचा पर होता है क्योंकि वायरस त्वचा की ऊपरी परत के माध्यम से आसानी से प्रवेश कर सकता है। संक्रमण के परिणामस्वरूप, त्वचा की ऊपरी परत तेजी से विकास का अनुभव करती है जिसके परिणामस्वरूप मस्सा कहा जाता है।

शरीर में मसा होने का कारण क्या है?

मस्से विषाणु संक्रमण से पैदा होते हैं। प्रायः 'मानव पेपिल्लोमैविरस' नामक विषाणु की कोई प्रजाति इसका कारण होती है। लगभग दस प्रकार के मस्से होते हैं। मस्से संक्रमण (छुआछूत) से हो सकते हैं और शरीर में वहाँ प्रवेश करते हैं जहाँ त्वचा कटी-फटी हो।

मस्से दिखने में कैसे होते हैं?

मस्से विभिन्न आकार-प्रकार या रंगों के हो सकते हैं। यह खुरदुरा या मुलायम भी हो सकता है। इसका रंग त्वचा के रंग का भूरा, गुलाबी या सफेद भी हो सकता है। हालांकि मस्से में दर्द नहीं होता लेकिन यदि ये ऐसे हिस्से में है जहां अक्सर दबाव पड़ता हो या वह हिस्सा मूवमेंट में रहता हो जैसे; पैर के तलुए, तो यह पीड़ायुक्त भी हो सकता है।