विषयसूची अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं से क्या आशय है?इसे सुनेंरोकेंक्या उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में?: प्रत्येक समाज को यह निर्णय करना होता है कि किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में। निर्णायक सिद्धांत है कि ऐसे संयोजन का उत्पादन करें जिससे कुल समाप्त उपयोगिता अधिकतम हो। … * आर्थिक समस्याओं का मुख्या कारण क्या है?* 1⃣ सुविधा 2⃣ प्रचुरता 3⃣ कमी 4⃣ इनमें से कोई नहीं?इसे सुनेंरोकेंआर्थिक समस्या का कथन है कि किसी भी अर्थव्यवस्था के सीमित संसाधन मानव की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते। इसका मानना है कि मानव की आवश्यकताएँ असीमीत हैं, जबकि उनको पूरा करने के साधन कम होते हैं। ‘आर्थिक समस्या’ को ही ‘मूलभूत आर्थिक समस्या’ भी कहते हैं। समष्टि अर्थशास्त्र में किसकी अपेक्षा की जाती है? इसे सुनेंरोकेंआर्थिक विकास का अध्ययन: समष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास के संसाधनों एवं क्षमताओं का मूल्यांकन किया जाता है। निम्नलिखित में से कौन अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्या है? इसे सुनेंरोकेंअर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएं उत्पन्न होती हैं, क्योंकि : I. बाजार में अनेक वस्तुओं का विक्रय होता है। अर्थशास्त्र की केंद्रीय समस्या कौन कौन सी हैं?अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याएँ (Central problems of economy in hindi)
आर्थिक विकास से आप क्या समझते हैं इसकी प्रमुख विशेषताओं को समझाइए?इसे सुनेंरोकेंआर्थिक विकास से आशय अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि के अतिरिक्त कुछ अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन से है । दूसरे शब्दों में आर्थिक विकास का अर्थ आर्थिक वृद्धि तथा साथ ही साथ राष्ट्रीय आय के वितरण में वांछित परिवर्तन से तथा अन्य तकनीक व संस्थागत परिवर्तन होता है । समस्या का क्या कारण है? इसे सुनेंरोकेंकभी-कभी समस्याओं का अस्तित्व भी है, यह ही नहीं मानते। समस्याओं से कतराने, उनमें छिपी भावनात्मक व्यथा से बचकर निकल जाने की यह प्रवृत्ति ही मनुष्य की तमाम मानसिक रुग्णता का मूल कारण है। ऐसी प्रवृत्ति हम सभी में न्यूनाधिक रूप में विद्यमान है और हम सभी मानसिक रुग्णता के शिकार हैं। कभी कम, कभी अधिक। अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंसांख्यिकी का अर्थशास्त्र में महत्व XI”Economics Page 6 PAN – यह अर्थशास्त्री को आर्थिक तथ्यों को यथातथ्य रूप में प्रस्तुत करने योग्य बनाता है। ऑकड़ों के समूह को कुछ संख्यात्मक मापों के रूप में संक्षिप्त करने में सहायता करती है। सांख्यिकी का प्रयोग विभिन्न आर्थिक कारकों के बीच संबंधों को ज्ञात करने के लिये किया जाता है। इसे सुनेंरोकेंइसीलिए इन समस्याओं को अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्यायें कहा जाता है। सीमितता से उत्पन्न इस आर्थिक समस्या का जब गहन अध्ययन किया जाता है तब इसके कई रूप सामने आते हैं। जैसे- भूमि, श्रम, पूँजी व साहस आदि की सीमित मात्रा से आय, उत्पादन, रोज़गार आदि अनेक समस्याओं को हल करने की चुनौती होती है। भारत में कौन सी अर्थव्यवस्था पाई जाती है?इसे सुनेंरोकेंभारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है। अर्थव्यवस्था की तीन केंद्रीय समस्या क्या है?इसे सुनेंरोकें1. क्या उत्पादन किया जाए – प्रत्येक अर्थव्यवस्था में असीमित मानव इच्छाओं तथा सीमित संसाधनों के कार यह निर्णय लेना पड़ता है कि क्या उत्पादन करें तथा कितनी मात्रा में उत्पादन करें। यदि एक अर्थव्यवस्था उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन अधिक करे तो वह पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन कम कर पायेगी। अर्थशास्त्र की मूलभूत केंद्रीय समस्याएं कौन सी हैं? अर्थव्यवस्था की मूलभूत समस्याएं
भारतीय अर्थव्यवस्था का क्या अर्थ है? इसे सुनेंरोकेंवर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। अर्थव्यवस्था कितने प्रकार की पाई जाती हैं?इसे सुनेंरोकेंइस आधार पर विश्व के सारे देशों की अर्थव्यवस्था को तीन भागों में बांटा जा सकता है। पहली, पूंजीवादी अर्थव्यवस्था, दूसरी समाजवादी अर्थव्यवस्था और तीसरी मिश्रित अर्थव्यवस्था। |