कवि परिचय कविता का सारांश इस कविता में घर के मर्म का उद्घघाटन है। कवि को जेल-प्रवास के दौरान घर से विस्थापन की पीड़ा सालती है। कवि के स्मृति-संसार में उसके परिजन एक-एक कर शामिल होते चले जाते हैं। घर की अवधारणा की सार्थक और मार्मिक याद कविता की केंद्रीय संवेदना है। सावन के बादलों को देखकर कवि को घर की याद आती है। वह घर के सभी सदस्यों को याद करता है। उसे
अपने भाइयों व बहनों की याद आती है। उसकी बहन भी मायके आई होगी। कवि को अपनी अनपढ़, पुत्र के दुख से व्याकुल, परंतु स्नेहमयी माँ की याद आती है। वह पत्र भी नहीं लिख सकती। कवि को अपने पिता की याद आती है जो बुढ़ापे से दूर हैं। वे दौड़ सकते हैं, खिलखिलाते हैं। वो मौत या शेर से नहीं डरते। उनकी वाणी में जोश है। आज वे गीता का पाठ करके, दंड लगाकर जब नीचे परिवार के बीच आए होंगे, तो अपने पाँचवें बेटे को न पाकर रो पड़े होंगे। माँ ने उन्हें समझाया होगा। कवि सावन से निवेदन करता है कि तुम खूब बरसो, किंतु
मेरे माता-पिता को मेरे लिए दुखी न होने देना। उन्हें मेरा संदेश देना कि मैं जेल में खुश हूँ। मुझे खाने-पीने की दिक्कत नहीं है। मैं स्वस्थ हूँ। उन्हें मेरी सच्चाई मत बताना कि मैं निराश, दुखी व असमंजस में हूँ। हे सावन! तुम मेरा संदेश उन्हें देकर धैर्य बँधाना। इस प्रकार कवि ने घर की अवधारणा का चित्र प्रस्तुत किया है। व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. आज पानी गिर रहा है, घर कि घर में चार भाई, शब्दार्थ– विशेष- अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न उत्तर – 2. और माँ बिन-पढ़ी मोरी,
पिता जी जिनको बुढ़ापा, शब्दार्थ– विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
3. आज गीता पाठ करके, चार भाई चार बहिनें शब्दार्थ– विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
4. पाँचवाँ मैं हूँ अभागा, आज उनके स्वर्ण बेटे, शब्दार्थ– विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
5. और माँ ने कहा होगा, गया है सो ठीक ही है, शब्दार्थ– विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
6. पिता जी ने कहा होगा, तुम बरस लो वे न बरसें शब्दार्थ– विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
7. किंतु उनसे यह न कहना, और कहना मस्त हूँ मैं, शब्दार्थ– विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
8. हाय रे, ऐसा न कहना, देखना कुछ बक न देना, शब्दार्थ– विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
काव्य-सौंदर्य संबंधी प्रश्न 1. पिता जी जिनको बुढ़ापा, मौत के आगे न हिचकें, प्रश्न
उत्तर –
पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न कविता के साथ प्रश्न 2: प्रश्न 3:
प्रश्न 4: मैं मजे में हूँ सही है उत्तर – प्रश्न 5: कविता के आसपास प्रश्न 2: अन्य हल प्रश्न लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 2: प्रश्न 3: प्रश्न 4: NCERT SolutionsHindiEnglishHumanitiesCommerceScience घर की याद कविता कब लिखी गई थी?यह कविता जेल प्रवास के दौरान लिखी गई। एक रात लगातार बारिश हो रही थी तो कवि को घर की याद आती है तो वह अपनी पीड़ा व्यक्त करता है। इस काव्यांश में पिता व माँ के बारे में बताया गया है। व्याख्या-सावन की बरसात में कवि को घर के सभी सदस्यों की याद आती है।
घर की याद कविता के कवि का क्या नाम है?घर की याद / भवानीप्रसाद मिश्र - कविता कोश
घर की याद कविता में कवि ने घर को परिताप का घर क्यों कहा है?भाई जेल में यातना झेल रहा है, वह उन सबसे दूर है। इसलिए भुजाओं के समान सहयोग देनेवाले चारों भाई और प्यार का प्रतीक बहनें और माता-पिता सभी दुखी हैं। यह बात दूर जेल में बैठा कवि जानता है। इसीलिए वह घर को परिताप (दुख) का घर कह रहा है।
घर की याद कविता का प्रतिपाद्य क्या है?'घर की याद' के अंतर्गत कवि को सावन की बरसात की झड़ी में जेल में पिता जी की याद आती है। अब कवि को बरसते पानी के साथ-साथ अपना घर स्मृति-पटल पर दिखाई देता है। पिता के प्रति सच्चे पितृ-प्रेम का प्रदर्शन इस 'पिता' कविता का मुख्य लक्ष्य है। इस कविता में कवि सावन द्वारा पिताजी को संदेश भेजता है।
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