गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया - gurutvaakarshan ka saarvatrik niyam kis vaigyaanik ne prastut kiya

  • न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम
    • सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक
    • गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मात्रक
      • गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान
      • गुरुत्वाकर्षण संबंधित प्रश्न उत्तर
        • 1. गुरुत्वाकर्षण क्या है?
        • 2. गुरुत्वाकर्षण का नियम किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया?
        • 3. गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान कितना होता है?

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम

न्यूटन ने केप्लर के ग्रहों की गति संबंधी नियम से प्राप्त निष्कर्ष की व्याख्या करते हुए बताया कि ब्रह्मांड का प्रत्येक पिंड, किसी दूसरे पिंड को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस आकर्षण के गुण को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं।
न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण संबंधी एक नियम प्रस्तुत किया जिसे न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton’s law of gravitation in Hindi) कहते हैं।
इस नियम के अनुसार, किन्ही दो पिंडों (कणों) के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल दोनों कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है। एवं उनके कणों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

माना दो कण जिनके द्रव्यमान m1 व m2 हैं। एक दूसरे से r दूरी पर हैं। यदि इनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल F है।
तो इस नियमानुसार

F ∝ m1 m2
तथा   F ∝ \large \frac{1}{r^2}
अतः   F ∝ \large \frac{m_1 m_2}{r^2}
या   \footnotesize \boxed { F = G \frac{m_1m_1}{r^2} }

जहां एक G अनुक्रमानुपाती नियतांक है जिसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं।
गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा दोनों कणों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक

यदि गुरुत्वाकर्षण की प्रक्रिया में भाग लेने वाले दोनों कणों के द्रव्यमान समान तथा एकांक हों एवं उनके बीच की दूरी भी एकांक हो तो
m1 = m2 = 1 एवं r = 1
तब   F = G \large \frac{m_1 m_2}{r^2}
\footnotesize \boxed { F = G }
अतः एकांक दूरी पर रखे दो एकांक द्रव्यमानों के कणों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल उसके सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक के बराबर होता है।

गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मात्रक

सूत्र F = G \large \frac{m_1 m_2}{r^2} से
G = F \large \frac{r^2}{m_1 m_2}

यदि दूरी मीटर में, द्रव्यमान किग्रा में, तथा बल न्यूटन में हो तो सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक का एस आई मात्रक न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 होता है।

गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का विमीय सूत्र
G = \frac{न्यूटन-मीटर^2}{किग्रा^2} से
G = \frac{[MLT^{-2}]\,[L^2]}{[M^2]} से
G = [M-1L3T-2]
अतः गुरुत्वाकर्षण नियतांक का विमीय सूत्र [M-1L3T-2] होता है।

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गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान

G का मान कणों की प्रकृति, द्रव्यमान, माध्यम तथा ताप एवं समय आदि पर निर्भर नहीं करता है। इसी कारण से इसे सार्वत्रिक नियतांक G कहते हैं।
प्रयोग द्वारा गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान 6.67 × 10-11 न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 प्राप्त किया गया है। यह एक अदिश राशि है।

G के मान से इसका अर्थ निकलता है।
कि 1 मीटर की दूरी पर रखे दो 1-1 किग्रा द्रव्यमान के पिंड के बीच 6.67 × 10-11 न्यूटन का आकर्षण बल लगता है।

आशा करते हैं कि न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम संबंधी एवं सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक से संबंधित यह अध्याय आपको पसंद आया होगा। अगर आपको कोई परेशानी हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।

गुरुत्वाकर्षण संबंधित प्रश्न उत्तर

1. गुरुत्वाकर्षण क्या है?

Ans. एक आकर्षण बल

2. गुरुत्वाकर्षण का नियम किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया?

Ans. न्यूटन

3. गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान कितना होता है?

Ans. 6.67 × 10-11 न्यूटन-मीटर2/किग्रा2

गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम किसने दिया?

(A) गैलिलियो
(B) न्यूटन
(C) कोपरनिकस
(D) आइंन्स्टीन

Question Asked : [RRB बिलासपुर रेलवे ग्रुप 'डी' परीक्षा, 08-12-2013]

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम न्यूटन ने दिया था। इटली के वैज्ञानिक, गैलिलीयो गैलिलीआई ने सर्वप्रथम इस तथ्य पर प्रकाश डाला था कि कोई भी पिंड जब ऊपर से गिरता है तब वह एक नियत त्वरण से पृथ्वी की ओर आता है। त्वरण का यह मान सभी वस्तुओं के लिए एक सा रहता है। अपने इस निष्कर्ष की पुष्टि उसने प्रयोगों और गणितीय विवेचनों द्वारा की है। इसके बाद सर आइज़क न्यूटन ने अपनी मौलिक खोजों के आधार पर बताया कि केवल पृथ्वी ही नहीं, अपितु विश्व का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। दो कणों के बीच कार्य करनेवाला आकर्षण बल उन कणों की संहतियों के गुणनफल का (प्रत्यक्ष) समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) तथा उससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) कहा जाता है। न्यूटन द्वारा प्रतिपादित उपर्युक्त नियम को न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम (Law of Gravitation) कहते हैं। कभी-कभी इस नियम को "गुरुत्वाकर्षण का प्रतिलोम वर्ग नियम" (Inverse Square Law) भी कहा जाता है।....अगला सवाल पढ़े

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सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम का प्रस्तुतकर्ता कौन है?

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम न्यूटन (Newton) के द्वारा दिया गया। अतः सही उत्तर विकल्प (C) होगा। किसी दो वस्तुओं के बीच कार्य करने वाला आकर्षण बल वस्तुओं के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

गुरुत्वाकर्षण नियम को सार्वत्रिक नियम क्या कहा जाता है?

आइजक न्यूटन इस तथ्य को समझ गए थे कि इन सभी के लिए एक ही बल उत्तरदायी है। इस बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं। पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव के अंतर्गत वस्तुओं की गति पर विचार करेंगे। हम अध्ययन करेंगे कि किसी वस्तु का भार एक स्थान से दूसरे स्थान पर किस प्रकार परिवर्तित होता है।

गुरुत्वाकर्षण के नियम ने क्या प्रस्तुत किया?

दो कणों के बीच कार्य करनेवाला आकर्षण बल उन कणों की संहतियों के गुणनफल का (प्रत्यक्ष) समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) तथा उससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) कहा जाता है।

गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियतांक क्यों कहा जाता है?

चूंकि G का मान कणों की प्रकृति, उनके द्रव्यमान, उनके बीच की दूरी, माध्यम, समय, ताप इत्यादि पर निर्भर नहीं करता तथा ब्रह्मांड के सभी कणों के लिये एक ही होता है, अतः इसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक भी कहा जाता है।