गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री कौन है? - gujaraat kee pahalee mahila mukhyamantree kaun hai?

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।

खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?

खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?

खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?

खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।

खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?

खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?

खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?

खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?

सुचेता कृपलानी (मूल नाम: सुचेता मजूमदार) (२५ जून,१९०८[1] - १ दिसम्बर, १९७४[2][3]) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। ये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री बनीं और भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थीं। वे प्रसिद्ध गांधीवादी नेता आचार्य कृपलानी की पत्नी थीं।

सुचेता कृपलानी का जन्म हरियाणा के अंबाला शहर में सम्पन्न बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता सरकारी चिकित्सक थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कई स्कूलों में पूरी हुई क्योंकि हर दो-तीन वर्ष में पिता का तबादला होता रहता था। आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें दिल्ली भेज दिया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से उन्होंने इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की।

कॉलेज से निकलने के बाद, 21 वर्ष की उम्र में ही ये स्वतंत्रता संग्राम में कूदना चाहती थीं पर दुर्भाग्यवश वह ऐसा कर नहीं पायीं क्योंकि 1929 में उनके पिता और बहन की मृत्यु हो गयी और परिवार को संभालने की जिम्मदारी सुचेता के कंधो पर आ गयी। इसके बाद, वे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संवैधानिक इतिहास की व्याख्याता बन गईं।

सन १९३६ में अठाइस साल की उम्र में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य नेता जेबी कृपलानी से विवाह किया। सुचेता के इस कदम का उनके घर वालों के साथ महात्मा गांधी ने भी विरोध किया था। जेबी कृपलानी सिन्धी थे और उम्र में सुचेता कृपलानी से बीस साल बड़े थे। इसके अलावा गाँधीजी को डर था कि इस विवाह के कारण आचार्य जो उनके “दाहिने हाथ” थे, कहीं स्वतंत्रता संग्राम से पीछे न हट जाँय। आचार्य कृपलानी का साथ पाकर सुचेता पूरी तरह से राजनीति में कूद पड़ीं। 1940 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की महिला शाखा – ‘अखिल भारतीय महिला काँग्रेस’ की स्थापना की। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय होने के कारण उन्हें एक साल के लिए जेल जाना पड़ा। १९४६ में वह संविधान सभा की सदस्य चुनी गई। 1949 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था।

भारत के स्वतंत्र होने के बाद वह भारतीय राजनीति में सक्रिय हो गयीं। जब उनके पति व्यक्तिगत व राजनीतिक मतभेदों के कारण जवाहरलाल नेहरू से अलग हो गए और अपनी खुद की पार्टी किसान मजदूर प्रजा पार्टी बनाई तब सुचेता भी इनके साथ हो लीं। 1952 में सुचेता किसान मजदूर पार्टी की ओर से न्यू दिल्ली से चुनाव लड़ी और जीतीं भी। पर शीघ्र ही राजनैतिक मतभेदों के कारण वह काँग्रेस में लौट आयीं। 1957 में काँग्रेस के टिकिट पर इसी सीट से वह दुबारा चुनाव जीतीं और राज्यमंत्री बनायीं गयीं। १९५८ से १९६० तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव थी।

1962 में सुचेता कृपलानी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा। वे कानपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गयीं और उन्हें श्रम, सामुदायिक विकास और उद्योग विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। १९६३ ई में उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया। १९६३ से १९६७ तक वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। 1967 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से चौथी बार लोकसभा चुनाव लड़ कर जीत हासिल की।

सुचेता कृपलानी, अन्य वैश्विक नेत्रियों के साथ ; बाएँ से दाएं- उल्ला लैंडस्ट्रोम, बार्बरा कैसिल, कैराइन विल्सन, एलीनोर रूसवेल्ट (सन १९४९ में)

सन १९७१ में उन्होने राजनीति से संन्यास ले लिया। राजनीति से सन्यास लेने के बाद वे अपने पति के साथ दिल्ली में बस गयीं। निःसन्तान होने के कारण उन्होंने अपना सारा धन और संसाधन लोक कल्याण समिति को दान कर दिया। इसी समय, उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘एन अनफिनिश्ड ऑटोबायोग्राफी’ लिखनी शुरू की, जो तीन भागों में में प्रकाशित हुई। धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य गिरता गया और 1 दिसम्बर 1974 को हृदय गति रूक जाने से उनका निधन हो गया।

सुचेता कृपलानी भारत के किसी प्रदेश की पहली महिला मुख्य मंत्री थीं। ये बंटवारे की त्रासदी में महात्मा गांधी के बेहद करीब रहीं। वे उन चंद महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने बापू के करीब रहकर देश की आजादी की नींव रखी। वह नोवाखली यात्रा में बापू के साथ थीं। वे दिल की कोमल तो थीं, लेकिन प्रशासनिक फैसले लेते समय वह दिल की नहीं, दिमाग की सुनती थीं। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य के कर्मचारियों ने लगातार 62 दिनों तक हड़ताल जारी रखी, लेकिन वह कर्मचारी नेताओं से सुलह को तभी तैयार हुईं, जब उनके रुख में नरमी आई।

लखनऊ. गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकीं आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल पद की शपथ ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेस्टिस गोविंद माथुर ने उन्हें शपथ ग्रहण कराया। वह प्रदेश की 34वीं राज्यपाल तथा उत्तर प्रदेश का गठन होने के बाद 25वीं राज्यपाल हैं। खास बात यह रही कि उनके शपथ ग्रहण में निवर्तमान राज्यपाल रामनाईक भी उपस्थित थे। शपथ ग्रहण के बाद नाईक ने उनसे कुर्सी का हस्तांतरण किया। 

गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री कौन है? - gujaraat kee pahalee mahila mukhyamantree kaun hai?

गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री कौन है? - gujaraat kee pahalee mahila mukhyamantree kaun hai?

Asianet News Hindi

Lucknow, First Published Jul 29, 2019, 2:18 PM IST

लखनऊ. गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकीं आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल पद की शपथ ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेस्टिस गोविंद माथुर ने उन्हें शपथ ग्रहण कराया। वह प्रदेश की 34वीं राज्यपाल तथा उत्तर प्रदेश का गठन होने के बाद 25वीं राज्यपाल हैं। खास बात यह रही कि उनके शपथ ग्रहण में निवर्तमान राज्यपाल रामनाईक भी उपस्थित थे। शपथ ग्रहण के बाद नाईक ने उनसे कुर्सी का हस्तांतरण किया। 

आनंदीबेन पटेल का जन्म 21 नवंबर 1941 को हुआ था। 1998 में गुजरात की विधायक बनी थीं। भारतीय जनता पार्टी से उनका जुड़ाव 1987 में हुआ था। 2014 के शीर्ष 100 प्रभावशाली भारतीयों में उन्हें सूचीबद्ध किया गया था। 2017 में आनंदीबेन ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद वह 2018 में मध्य प्रदेश में राज्यपाल नियुक्त हुईं। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था। शपथ ग्रहण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के अलावा यूपी सरकार के मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। सेना के मध्य कमान के अधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित रहे।

भारत का पहला मुख्यमंत्री महिला कौन थी?

सुचेता कृपलानी (मूल नाम: सुचेता मजूमदार) (२५ जून,१९०८ - १ दिसम्बर, १९७४) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। ये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री बनीं और भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थीं। वे प्रसिद्ध गांधीवादी नेता आचार्य कृपलानी की पत्नी थीं।

भारत के प्रथम मुख्यमंत्री का नाम क्या है?

चौधरी ब्रह्म प्रकाश.

उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला कौन थी?

प्रथम भारतीय महिलाओं की सूची.

भारत में कुल कितने मुख्यमंत्री होते हैं?

वर्तमान में पदस्थ 30 मुख्यमन्त्रियों में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं। मार्च 2000 से ( 22 वर्ष, 267 दिन ओडिशा के नवीन पटनायक सबसे लम्बे समय से पदस्थ मुख्यमन्त्री हैं। अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू (जन्म 1979) सबसे युवा मुख्यमन्त्री हैं।