फोर स्ट्रोक इंजन का मतलब क्या होता है? - phor strok injan ka matalab kya hota hai?

ऐसा इंजन जिसमें पिस्टन की गति 4 बार होती है और क्रैंक कुल मिलाकर 720° का चक्कर लगाता है। ऐसे इंजन को 4 स्ट्रोक इंजन (Four Stroke Engine) कहते हैं। इसमें पिस्टन एक पूरी प्रक्रिया में Piston दो बार TDC पर पहुंचता है और दो बार BDC पर पहुंचता है। 


फोर स्ट्रोक इंजन का मतलब क्या होता है? - phor strok injan ka matalab kya hota hai?

4 Stroke Engine


4 स्ट्रोक इंजन में पिस्टन द्वारा चार प्रक्रम किये जाते हैं जो निम्न दिए गए हैं -

1. चूषण स्ट्रोक (Suction Stroke)

2. संपीडन स्ट्रोक (Compression Stroke)

3. शक्ति या कार्यकारी स्ट्रोक (Power or Working Stroke)

4. निकास स्ट्रोक (Exhaust Stroke)


1. चूषण स्ट्रोक (Suction Stroke) -:

इस स्ट्रोक में पिस्टन TDC से BDC पर पहुंचता है और क्रैंक 0° से 180° की दूरी तय करता है। जब यह स्ट्रोक लगता है तो उस समय प्रवेश वाल्व (Inlet Valve) में खुला रहता है और निकास वाल्व (Exhaust Valve) बंद रहता है।


2. संपीडन स्ट्रोक (Compression Stroke) -:

इस स्ट्रोक में पिस्टन BDC से TDC पर पहुंचता है और क्रैंक 540° से 720° की दूरी तय करते हुए घूमता है। जब यह स्ट्रोक लगता है तो उस समय प्रवेश वाल्व (Inlet Valve) में बंद रहता है और निकास वाल्व (Exhaust Valve) खुला रहता है। इस तरह से इंजन का एक चक्र पूर्ण हो जाता है।

इस पेज पर हम समझेंगे कि 4 – स्ट्रोक पेट्रोल इंजन क्या है। यह एक mechanical device है जो power produce करती है और इसमें जो Engine है उसका क्या work है जैसे इंजन का work fuel की chemical energy को mechanical energy में transform करता है और जिससे फिर Automobiles से work प्रोदोषा होता है। आगे हम समझेंगे कि 4 – stroke पेट्रोल इंजन में कौन-कौन से process किये जाते हैं cycle को complete करनें के लिए जैसे four – stroke में एक cycle को complete करनें के लिए चार process होते हैं पहला है Suction दूसरा है Compression तीसरा Expansion और power stroke आखरी और चौथा है Exhaust stroke.

इन सभी stroke में valves का बहुत महत्वपूर्ण कार्य होता है जो हम विस्तार में आगे page पर समझेंगे।

इसके बाद 4 – स्ट्रोक petrol इंजन के उपयोग के बारे में समझेंगे की 4 – stroke पेट्रोल इंजन का उपयोग कहाँ – कहाँ किया जाता है जैसे automobiles , Cars , water sprey system आदि में किया जाता हैं।

इंजन – इंजन एक मैकेनिकल device है जो fuel की  chemical energy को thermal energy में transforms करता है और यह thermal energy का उपयोग करके Mechanical work को produce करते हैं।

इंजन को आमतौर पर heat engines भी कहा जाता है क्योंकि यह fuel की chemical energy को thermal energy में बदलकर mechanical work को produce करता है।

4 – स्ट्रोक पेट्रोल इंजन और 4 – stroke (स्ट्रोक) स्पार्क इग्निशन इंजन (S. I. इंजन)

4 – स्ट्रोक cycle पेट्रोल इंजन को Otto  cycle (constant volume) पर संचालित किया जाता है।

जैसा कि 4 – स्ट्रोक पेट्रोल इंजन को स्पार्क इग्निशन इंजन भी कहा जाता है क्योंकि इसमें जो इग्निशन होता है fuel का वो स्पार्क के कारण ही होता है।

4 – स्ट्रोक cycle पेट्रोल इंजन के चार अलग – अलग स्ट्रोक होते हैं जिससे 4 – स्ट्रोक में पूरी working होती है इंजन की।

यह चार – स्ट्रोक इस प्रकार है।

पहला है – Suction stroke ( सक्शन स्ट्रोक )

दूसरा है – Compression stroke ( कम्प्रेशन स्ट्रोक )

तीसरा है – Working और Power और expansion stroke ( एक्सपेंशन स्ट्रोक )

चौथा है – Exhaust stroke ( एग्जॉस्ट स्ट्रोक )

Construction और वर्किंग

चार – स्ट्रोक पेट्रोल इंजन

स्ट्रोक – पिस्टन का movement top से bottom तक cylinder के जब भी पिस्टन cylinder के भीतर ऊपर से नीचे की ओर आती है एक बार तब हम इसे Piston का एक – स्ट्रोक कहते हैं।

इसमें चारों – स्ट्रोक को पूरा करने के लिए petrol को fuel के तार पर उपयोग में लिया जाता है।

इसमें हर एक cycle में दो – rotations होते हैं। Crankshaft के और चार – स्ट्रोक होते हैं।

पहला – स्ट्रोक इस प्रकार होता है-

Suction stroke ( सक्शन स्ट्रोक )

इस स्ट्रोक में fuel intake होता है मतलब जो petrol को fuel के तौर पर उपयोग किया जाता है वह cylinder में अंदर प्रवेश करता है।

इसमें जैसे ही इंजन start होता है पिस्टन cylinder के bottom कि तरफ नीचे कि ओर जाती है top से जिससे cylinder के भीतर का जो pressure होता है वह reduce और कम हो जाता है। इसके बाद Intake valve opens हो जाती है और जो fuel और air का mixture होता है वह cylinder के भीतर enter करता है।

इसके बाद valve बंद हो जाता है।

दूसरा – स्ट्रोक इस प्रकार work करता है –

Compression stroke ( कम्प्रेशन स्ट्रोक )

इस स्ट्रोक को कम्प्रेशन स्ट्रोक कहा जाता है क्योंकि इसमें fuel mixture का कम्प्रेशन होता है। कम्प्रेशन स्ट्रोक में , पिस्टन Bottom dead centre से Top dead centre कि तरफ मूव करती है। जिससे piston Air petrol mixture को कंप्रेश करती है। इसमें कम्प्रेशन के कारण fuel का pressure और temperature बढ़ता है।

जैसे कि स्ट्रोक end होता है उससे थोड़ा ही पहले spark – plug initiale करती है spark को engine cylinder के भीतर और जिससे Combustion होता है constant volume पर और इस stroke के दौरान दोनों valves inlet और Exhaust बंद रहती है पूरी तरह से।

Expansion Stroke

तीसरा स्ट्रोक है Working और power और एक्सपेंशन स्ट्रोक – इस स्ट्रोक में hot gases का expansion होता है और यह hot gases pressure डालता है piston पर और फिर इस pressure के कारण piston मूव करती है Top dead center से bottom dead center की ओर

जिससे हमें इस स्ट्रोक में work मिलता है। इस स्ट्रोक में inlet और exhaust valves दोनों बंद रहती है।

Exhaust स्ट्रोक

चौथा और आखरी stroke Exhaust स्ट्रोक है –

इस स्ट्रोक में inlet valve बंद रहती है और valve ओपेन रहती हैं। इसमें जो burnt gases होती है वो इस स्ट्रोक में engine cylinders से बहार निकल जाती है इसमें piston move करता है bottom dead centre से top dead centre कि और burnt gases को जो cylinder में बच जाती है उनको बहार निकालती है। जैसे ही piston top dead centre तक पहुंचता है तो exhaust valve बंद हो जाती है और 4 – stroke cycle भी पूरी हो जाती है।

यह सभी operations बार – बार repeat होते हैं जब engine running में होता है।

Four – stroke engine एक working cycle को complete करता है इस दौरान Crank दो rotation पूरे करती है।

4 – स्ट्रोक पेट्रोल इंजन के उपयोग और applications

4 – स्ट्रोक पेट्रोल इंजन की fuel efficiency ज्यादा अच्छी और ज्यादा होती है 2 – स्ट्रोक इंजन कि तुलना में आज के युग में 4 – स्ट्रोक पेट्रोल इंजन का automobile sector में बहुत उपयोग किया जाता है जैसे 4-stroke स्ट्रोक पेट्रोल इंजन का उपयोग पेट्रोल Cars , motorbikes , scooters , small propiller aircrafts , autorickshaw water sprey systems आदि में किया जाता है।

4 स्ट्रोक इंजन की पहचान कैसे हो सकती है?

चार स्ट्रोक इंजन (4 Stroke Engine Definition in Hindi) -: ऐसा इंजन जिसमें पिस्टन की गति 4 बार होती है और क्रैंक कुल मिलाकर 720° का चक्कर लगाता है। ऐसे इंजन को 4 स्ट्रोक इंजन (Four Stroke Engine) कहते हैं। इसमें पिस्टन एक पूरी प्रक्रिया में Piston दो बार TDC पर पहुंचता है और दो बार BDC पर पहुंचता है।

फोर स्ट्रोक का मतलब क्या होता है?

'चार स्ट्रोक' का मतलब है कि ईंधन से यांत्रिक उर्जा में परिवर्तन का चक्र कुल चार चरणों में पूरा होता है। इन चरणों या स्ट्रोकों को क्रमश: इनटेक, संपीडन (कम्प्रेशन), ज्वलन (combustion), एवं उत्सर्जन (exhaust) कहते हैं।

2 स्ट्रोक और 4 स्ट्रोक में क्या अंतर है?

उनके बीच मुख्य अंतर यह है कि 2 स्ट्रोक इंजन में क्रैंकशाफ्ट अपने कार्य चक्र को पूरा करने के लिए दो बार घूमता है जबकि 4 स्ट्रोक में, क्रैंकशाफ्ट अपने कार्य चक्र को पूरा करने के लिए 2 चक्कर लगाता है।

फोर स्ट्रोक इंजन कितने प्रकार का होता है?

सक्शन स्ट्रोक - फोर स्ट्रोक साइकिल इंजन का यह पहला स्ट्रोक होता है। ... .
कम्प्रेशन स्ट्रोक - इंजन साइकिल का यह दूसरा स्ट्रोक होता है। ... .
पावर या फायरिंग स्ट्रोक - इंजन साइकिल का यह तीसरा व सबसे महत्वपूर्ण स्ट्रोक होता है। ... .
एग्जॉस्ट स्ट्रोक - यह इंजन साइकिल का चौथा व अंतिम स्ट्रोक होता है।.