गंगा दशहरा का क्या है महत्व? - ganga dashahara ka kya hai mahatv?

गंगा दशहरा का पर्व महापर्व माना जाता है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. माना जाता है कि गंगा स्नान मात्र से व्यक्ति के 10 तरह के पाप धुल जाते हैं. इसके अलावा भी ऐसी तमाम काम हैं जिन्हें 10 बार करने की बात कही गई है. जानिए गंगा दशहरा पर 10 अंक का क्या महत्व है !

गंगा दशहरा का क्या है महत्व? - ganga dashahara ka kya hai mahatv?

गंगा दशहरा

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हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन भागीरथ की तपस्या सफल हुई थी और मां गंगा शिव की जटाओं में से होकर जमीन पर उतरी थीं. इस दिन को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) कहा जाता है. लोक भाषा में इसे ज्येष्ठ दशहरा या जेठ दशहरा भी कहा जाता है. इस बार गंगा दशहरा का पर्व 9 जून को गुरुवार के दिन है. गंगा दशहरा के दिन 10 अंक का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से व्यक्ति के 10 तरह के पाप कटते हैं, वहीं 10 तरह की चीजों को दान करना शुभ माना गया है.

10 बार लगानी चाहिए गंगा जल में डुबकी

वैसे तो गंगा स्नान हमेशा ही शुभ माना गया है क्योंकि गंगा मैया को मोक्षदायिनी कहा जाता है. लेकिन गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का खास महत्व माना गया है. इस दिन गंगा में 10 बार डुबकी लगाने की बात कही गई है. इसके अलावा गंगा मैया के मंत्र का कम से कम 10 बार जाप करना चाहिए. अगर आप गंगा स्तोत्र पढ़ रहे हैं तो इसे गंगा जल में खड़े होकर 10 बार पढ़ें. माना जाता है कि इससे आपके पाप तो कटते ही हैं, साथ ही व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

इन 10 चीजों का करें दान

गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान और गंगा पूजन के बाद 10 चीजों का दान करने की बात कही गई है. माना जाता है कि इस दिन दान करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा ग्रहों से जुड़ी तकलीफें दूर होती हैं. गंगा दशहरा के दिन 10 चीजों को दान करने की बात कही गई है. ये चीजें हैं- जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन या सुहाग सामग्री, घी, नमक, तेल, शक्कर और स्वर्ण.

गंगा स्नान से धुलते हैं 10 तरह के पाप

गंगा मैय्या को बहुत ही पवित्र माना गया है. मान्यता है कि गंगा स्नान मात्र से व्यक्ति के तमाम पाप धुल जाते हैं. शास्त्रों में गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का महत्व बताते हुए 10 तरह के पाप मिटने की बात कही गई हैं. इन 10 तरह के पापों को तीन तरह के वर्गों में बांटा गया है.

दैहिक पाप : किसी की वस्तु को बिना अनुमति के रखना, निषिद्ध हिंसा, परस्त्री संगम, इन तीन तरह के पापों को दैहिक पाप माना गया है.

वाणी पाप : किसी को कटु वचन कहना, झूठ बोलना, चुगली करना और वाणी द्वारा मन को दुखाना. ये चार तरह के पाप वाणी से होने वाले पाप हैं.

मानसिक पाप : दूसरे के धन को लेने का विचार करना, मन से किसी का बुरा सोचना और असत्य वस्तुओं में आग्रह रखना. ये तीन गलत विचार मानसिक पाप माने गए हैं. मान्यता है कि गंगा स्नान से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं.

Ganga Dussehra 2022 हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का काफी महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने के साथ दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। जानिए किस दिन है गंगा दशहरा साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि और महत्व

नई दिल्ली, Ganga Dussehra 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि राजा भागीरथ के पूर्वजों का उद्धार करने के लिए गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से हर पाप से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। जानिए गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

गंगा दशहरा 2022 तिथि और मुहूर्त

गंगा दशहरा की तिथि- 9 जून 2022, गुरुवार

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ- 09 जून, गुरुवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से शुरू

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का समापन- 10 जून को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर

हस्त नक्षत्र का प्रारंभ- 09 जून को प्रातः: 04 बजकर 31 से शुरू होकर 10 जून को सुबह 04 बजकर 26 मिनट तक

गंगा दशहरा का महत्व

गंगा दशहरा का दिन काफी शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा मां पृथ्वी में अवतरित हुई थी। इसलिए इसे गंगा जयंती के नाम से जाना जाता है। गंगा दशहरा के दिन स्नान दान का काफी महत्व है। मान्यता है कि गंगा स्नान करने से कई महायज्ञों के बराबर फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन सत्तू, घड़ा, पंखा आदि का दान करना शुभ होगा।

गंगा दशहरा पूजा विधि

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों होकर गंगा स्नान कर लें।
  • अगर आप गंगा नदी स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें।
  • स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य को अर्घ्य दें।
  • इसके साथ ही गंगा मां को फूल, सिंदूर आदि अर्पित करने के साथ दीपदान करें।
  • अंत में गंगा जी के मंत्रों का जाप कर लें।

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Edited By: Shivani Singh

गंगा दशहरे का महत्व क्या है?

Number 10 In Ganga Dussehra Puja 2022: हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि राजा भागीरथ के पूर्वजों का उद्धार करने के लिए गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी।

गंगा दशहरा का मतलब क्या होता है?

Ganga Dussehra 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में जन-जन के हृदय में बसी मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। अत:इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है ,जो इस बार 10 जून को है। इस दिन गंगा में स्नान एवं दान करने से प्राणी के सब दुःख दूर हो जाते हैं।

गंगा दशहरा पर हमें क्या करना चाहिए?

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधि पूर्वक मां गंगा की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करना और इसके बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।

गंगा दशहरा कब मनाया जाता है?

Ganga Dussehra 2022: 9 जून को यानी आज गंगा दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाए जाने का विधान है.