एलोवेरा को घर में लगाने से क्या होता है? - elovera ko ghar mein lagaane se kya hota hai?

एलोवेरा को घर में लगाने से क्या होता है? - elovera ko ghar mein lagaane se kya hota hai?


एलोवेरा (aloe vera) को ग्वारपाठा, घृत कुमारी या क्वारगंदल कहते हैं। यह पौधा कई तरह के औषधीय गुणों से युक्त है। बहुत से घरों में इसे लगाया जाता है। यह दर्द निवारक, जले घावों पर, चोट में, गठिया में, पुराना बुखार, चर्म रोग, अस्थमा, पेट व आंत के रोगों तथा कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) कम करने और कैंसर जैसे रोग में भी उपयोगी है। ज्योतिष और वास्तु के अनुसार इसे घर में लगाने से क्या होगा?
एलोवेरा को घर में लगाने से क्या होता है |
 घर में एलोवेरा का पौधा लगाना बहुत शुभ होता है। यह पौधा घर पर लगाने से भाग्य में वृद्धि होती है।
 जीवन में या सफलता में आ रही सभी तरह की बाधाओं को दूर करने में यह पौधा सहायक है।
 इस पौधे को वैसे तो किसी भी दिशा में लगा सकते हैं, लेकिन पश्‍चिम में लगाना उत्तम है।
 इसके घर में लगे होने से वातावरण सकारात्मक बनता है।
 यदि सूर्य की किरणों से त्वचा में दाग धब्बे बन रहे हैं तो इस पौधे को पूर्व दिशा में लगाएं।
 एलोवेरा की तासिर गर्म होती है अत: इसका उपयोग सोच समझकर ही करें। 

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एलोवेरा को ग्वारपाठा के नाम से जाना जाता है। ग्वारपाठा के पौधे को आमतौर पर सभी अपने गार्डन में लगाना पसंद करते हैं। शायद ही आप जानते होंगे कि, ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। एलोवेरा का उपयोग ब्लड शुगर कम करने, त्वचा को चमकदार बनाने के साथ-साथ अन्य समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। आप अपने घर में एलोवेरा को आसानी से लगा सकते हैं। इस लेख में आप जानेंगे कि, एलोवेरा घर में कैसे लगाएं, इसे लगाने की विधि क्या है, अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

एलोवेरा उगाने का सही समय – Best time to Grow Aloe vera in Hindi

ग्वारपाठा (एलोवेरा) को आप सालभर किसी भी मौसम में अपने घर पर लगा सकते हैं। लेकिन इसे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगाने का सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और अक्टूबर से नवंबर का महीना होता है। यह गर्म मौसम में अच्छी तरह ग्रो करने वाला पौधा है।

एलोवेरा लगाने के लिए पॉट का साइज – Best Size Pot for Aloe vera Plant in Hindi

ग्वारपाठा के पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए इसे उचित आकार के गमले या ग्रो बैग में लगाएं, आप निम्न साइज के गमले में पौधे लगा सकते हैं:

  • 12 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)
  • 15 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)
  • 15 x 15  इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)
  • 24 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)

नोट – आप अपनी सुविधा के अनुसार  गमले या ग्रो बैग का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें: 10 सब्जियां, जिन्हें ग्रो बैग में उगाना है बेहद आसान…)

एलोवेरा का पौधा घर पर उगाने की टिप्स – How To plant Aloe Vera At Home in Hindi

एलोवेरा को घर में लगाने से क्या होता है? - elovera ko ghar mein lagaane se kya hota hai?

आप अपने घर पर गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में एलोवेरा आसानी से लगा सकते हैं। आइये जानते हैं घर पर ग्वारपाठा (एलोवेरा) लगाने की टिप्स के बारे में:

  • आप पुराने एलोवेरा के पौधे के आस-पास से निकलने वाले छोटे पौधे को तोड़कर साफ कर लें। अब लगभग 1 सप्ताह के लिए इसे छाव में रखा रहने दें, जिससे कि एलोवेरा का कटा हुआ हिस्सा अच्छी तरह से सूख जाए। और मिट्टी में लगाने के बाद सड़ने की संभावना भी न रहे।
  • अब अतिरिक्त जल निकासी वाला उचित आकार का गमला या ग्रो बैग लें।
  • गमले में पॉटिंग मिट्टी (potting soil) भरें।
  • एलोवेरा के छोटे पौधे या बीजों को पॉटिंग मिट्टी (potting soil) में लगाएं और पानी दें।
  • ध्यान रखें कि, गमले में पानी जमा न हो। यदि पानी जमा होगा तो लगाई गई एलोवेरा की पत्ती सड़ जाएगी।
  • गमले को कुछ दिनों तक छाया वाले स्थान पर रखें, तथा 1 सप्ताह के अंतर से पानी दें, जिससे कि जड़ें आसानी से विकसित हो सकें।
  • जब एलोवेरा की जड़ें मिट्टी में विकसित हो जाए तो आप इसे सीधे धूप में रख सकते हैं।
  • जब इसमें से नई पत्तियां निकलने लगे तो इसे बड़े गमले में लगा दें।
  • एलोवेरा के पौधे को नए गमले की नम मिट्टी में लगाने के बाद, उसे कम से कम एक हफ्ते तक पानी न दें। इससे पौधे में सड़न नहीं होगी और पौधो से नई जड़ें निकलने लगेंगी।
  • यदि कोई मोटी, हरी पत्तियाँ मिट्टी में दबी होती हैं तो वो सड़ सकती हैं। अतः जो पत्तियां मिट्टी को छू रही हैं या मिट्टी में दबी हुई हैं उन्हें अलग कर दें।
  • एलोवेरा उगाए गए गमले की मिट्टी में मल्चिंग करें, जिससे कि मिट्टी में नमी बनी रहे।

गमले में एलोवेरा लगाने की विधि – Aloe vera growing method at home in Hindi

एलोवेरा को घर में लगाने से क्या होता है? - elovera ko ghar mein lagaane se kya hota hai?

घर पर एलोवेरा को लगाना और उसे ग्रो करना आसान है, हालाँकि इसे अन्य सकुलेंट और कैक्टस वाले पौधों की तुलना में पत्ती से ग्रो करना मुश्किल होता है। आमतौर पर एलोवेरा की पत्ती लगाने के बाद इससे जड़ निकलने और एक हेल्थी पौधे के रूप में विकसित होने के चांसेस बहुत कम होते हैं। इसीलिए एलोवेरा लगाने की सबसे अच्छी विधि इसे शाखाओं या ऑफसेट (Offsets (Pups)) से उगाना है। घर पर एलोवेरा लगाने की सबसे आसान विधि निम्न हैं:

Table of Contents

  • 1 एलोवेरा को ऑफसेट से कैसे उगाएं – Aloe vera offset Repotting in Hindi
  • 2 एलोवेरा बीज से कैसे उगाएं – How to Grow Aloe Vera From Seed in Hindi
  • 3 एलोवेरा के लिए पानी – Water to Give Aloe Vera plant in Hindi
  • 4 एलोवेरा के लिए धूप – Best Sunlight for Aloe vera plant in Hindi
  • 5 एलोवेरा के पौधे के लिए तापमान – Good Temperature for Aloe vera plant in Hindi
  • 6 एलोवेरा के विकास के लिए बेस्ट खाद – Best Fertilizer For Aloe Vera Plant in Hindi
  • 7 एलोवेरा के पौधे की छटाई – Pruning Aloe Vera in Hindi

एलोवेरा को ऑफसेट से कैसे उगाएं – Aloe vera offset Repotting in Hindi

जब एलोवेरा के पौधे बड़े और पुराने हो जाते हैं तो वे छोट-छोटे एलोवेरा के पौधों का उत्पादन करते हैं। जिन्हें ऑफसेट, प्लांटलेट और पप्स के नाम से जाना जाता है। ऑफसेट आमतौर पर एलोवेरा के पौधे के तने के किनारे से उगते हैं। जिन्हें पूरी तरह से नया पौधा बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

  • आप बड़े पौधे से ऑफसेट या पप्स को अलग कर लें।
  • ध्यान रखें कि, ऑफसेट की लम्बाई कम से कम 1 इंच या इससे अधिक हो।
  • कटे भाग को कुछ समय तक मिट्टी से बाहर छाया में रखें। यह ऑफसेट को कट के ऊपर एक कठोर रूप देता है, जो इसे सड़ने से बचाता है।
  • अब पॉट में मिट्टी को भर लें और इस मिट्टी में ऑफसेट को लगा दें।
  • मिट्टी अतिरक्त जल निकासी वाली होनी चाहिए।
  • इस प्रकार आप पुराने एलोवेरा के पौधे से बहुत सारे पौधे तैयार कर सकते हैं।

(और पढ़ें: गर्मियों में सब्जियों के बीज कैसे उगाएं…)

एलोवेरा बीज से कैसे उगाएं – How to Grow Aloe Vera From Seed in Hindi

आप एलोवेरा के पौधों को बीज से उगा सकते हैं आइये जानते हैं, एलोवेरा को बीज से उगाने के तरीके के बारे में।

  • उचित आकार का गमला या ग्रो बैग चुनें।
  • सुनिश्चित करें कि गमले में उचित जल निकासी छिद्र हो।
  • गमले में पॉटिंग मिट्टी भरें।
  • मिट्टी में बीजों को लगभग 0.5 से 1 इंच की गहराई में लगाएं।
  • मिट्टी में वाटर कैन (watering can) की मदद से पानी का छिड़काव करें।
  • एलोवेरा के बीज अंकुरित होने में लगभग 2 से 4 हफ्ते का समय लग सकता है।

(और पढ़ें: पत्थरचट्टा का पौधा कैसे लगाएं…)

एलोवेरा के पौधे की देखभाल – Aloe Vera Plant Care in Hindi

ग्वारपाठा के अच्छे और स्वस्थ पौधे प्राप्त करने के लिए पौधों की केयर (care) करने की जरूरत होती है। पौधे की देखभाल करने के तरीके निम्न हैं:-

(और पढ़ें: गर्मियों में पौधों की देखभाल कैसे करें…)

एलोवेरा के लिए पानी – Water to Give Aloe Vera plant in Hindi

एलोवेरा को घर में लगाने से क्या होता है? - elovera ko ghar mein lagaane se kya hota hai?

ग्वारपाठा (एलोवेरा) के विकास के लिए पानी बहुत जरूरी होता है लेकिन कभी-कभी अधिक पानी पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है। ध्यान रखें कि, गमले में पानी भरा न रहे क्योंकि इससे पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं और पौधे नष्ट हो सकते हैं। ग्वारपाठा के पौधों को तभी पानी दें, जब मिट्टी की ऊपरी परत सूखी दिखाई दे। क्योंकि बहुत अधिक पानी देने से पौधों में फंगस लगने का खतरा रहता है। आप पौधों को वॉटर केन (water can) की मदद से पानी दे सकते हैं।

(और पढ़ें: पौधों को पानी देने के 10 गोल्डन रूल…)

एलोवेरा के लिए धूप – Best Sunlight for Aloe vera plant in Hindi

ग्वारपाठा लगे गमले या ग्रो बैग को ऐसे स्थान पर रखें, जहां पौधों को रोजाना कम से कम 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके। यदि आप इसे कम धूप में रखेंगे तो एलोवेराकमजोर और लेगी (leggy) हो जायेगी। एलोवेरा के पौधे को धूप में रखने से पहले दो बातों का ध्यान जरूर रखें, अगर पौधे की पत्तियां फ्लैट और नीची दिखें तो धूप बढ़ाएं और अगर पत्तियां ब्राउन हो जाएं तो धूप कम कर दें। ग्वारपाठा के पौधों को गर्मी के मौसम में दोपहर की तेज धूप से बचाएं।

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एलोवेरा के पौधे के लिए तापमान – Good Temperature for Aloe vera plant in Hindi

ग्वारपाठा का पौधा 13 से 27°C के बीच वाले तापमान में तेजी से ग्रो करता हैं। आप जून से सितंबर के महीने में जब धूप अधिक तेज नहीं होती है तो आप पौधों को बाहर रख सकते हैं। लेकिन यदि रातें अधिक ठंडी हों तो शाम को इसे घर के अंदर रख सकते हैं।

एलोवेरा के विकास के लिए बेस्ट खाद – Best Fertilizer For Aloe Vera Plant in Hindi

एलोवेरा को घर में लगाने से क्या होता है? - elovera ko ghar mein lagaane se kya hota hai?

आमतौर पर ग्वारपाठा (एलोवेरा) के पौधों को खाद की जरूरत नहीं होती, इन्हें साधारण मिट्टी में भी आसानी से उगाया जा सकता है। फिर भी आप पौधों के विकास के लिए जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, बोन मील, रॉक फॉस्फेट और नीम केक आदि दे सकते हैं।

(और पढ़ें: गमले की मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं…)

एलोवेरा के पौधे की छटाई – Pruning Aloe Vera in Hindi

एलोवेरा के पौधे के आसपास की मिट्टी में घास और खरपतवार नहीं होनी चाहिए। मिट्टी से खरपतवार सावधानी से निकालें, जिससे एलोवेरा की जड़ों को नुकसान न पहुंचे। इसके अलावा आप पौधे से क्षतिग्रस्त भागों को अलग करने के लिए प्रूनर (pruner) का उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में आपने जाना कि, गार्डन में एलोवेरा कैसे लगाएं, पौधे की देखभाल (care) करने के तरीके क्या हैं, उम्मीद है कि, यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें।

एलोवेरा का पेड़ घर में लगाने से क्या होता है?

- घर में एलोवेरा का पौधा लगाना बहुत शुभ होता है। यह पौधा घर पर लगाने से भाग्य में वृद्धि होती है। - जीवन में या सफलता में आ रही सभी तरह की बाधाओं को दूर करने में यह पौधा सहायक है। - इस पौधे को वैसे तो किसी भी दिशा में लगा सकते हैं, लेकिन पश्‍चिम में लगाना उत्तम है।

क्या एलोवेरा घर के अंदर लगा सकते हैं?

जबकि आपका एलोवेरा का पौधा घर के अंदर उग सकता है, यह सबसे अच्छा है अगर इसे दिन में थोड़ी धूप मिले। आप इसे या तो एक या दो घंटे के लिए बालकनी या आँगन में रख सकते हैं या इसे खिड़की पर रख सकते हैं जहाँ इसे आंशिक धूप मिलती है।

धन देने वाला पौधा कौन सा है?

मनी प्लांट- घर में धन-सृमद्धि के प्रतीक के रूप में मनी प्लांट का पौधा सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. यह पौधा जितनी तेजी से बढ़ता है, घर में उनती ही तेजी से धन आता है. घर में मनी प्लांट लगाते समय ख्याल रखें कि इसे आग्नेय दिशा यानी दक्षिण पूर्व दिशा में ही लगाएं. मनी प्लांट के पौधे को कभी सीधे जमीन पर ना रखें.

एलोवेरा को घर पर कैसे लगाएं?

एलोवेरा बीज से कैसे उगाएं – How to Grow Aloe Vera From Seed in Hindi.
उचित आकार का गमला या ग्रो बैग चुनें।.
सुनिश्चित करें कि गमले में उचित जल निकासी छिद्र हो।.
गमले में पॉटिंग मिट्टी भरें।.
मिट्टी में बीजों को लगभग 0.5 से 1 इंच की गहराई में लगाएं।.
मिट्टी में वाटर कैन (watering can) की मदद से पानी का छिड़काव करें।.