डूबना शब्द का अर्थ क्या होता है? - doobana shabd ka arth kya hota hai?

साँस डूबना

रुक : सांस टूओटना

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चाँद डूबना

चांद ग़ुरूब होना

पंथ डूबना

दीन या मज़हब में ख़लल आना, कुन्बे या ख़ानदान का बदचलन होना, आवे का आवा बिगड़ना

आफ़ताब डूबना

सूरज का ग़ुरूब होना, शाम होना

बग़ली डूबना

हरीफ़ की बग़ल में से निकल कर क्षति का पेच करना

रक़म डूबना

व्यपार: नष्ट हो जाना, हानि होना

नब्ज़ डूबना

۔नब्ज़ की रफ़्तार मफ़क़ूद होना।मिसाल के लिए देखो नब्ज़ उभरना

बहर-ए-फ़ना में डूबना

बहर-ए-नदामत में डूबना

पतंग डूबना

पतंग का फ़िज़ा ही में बहुत दूर तक चला जाना

जहाज़ डूबना

नब्जें डूबना

रुक : नब्ज़ डूबना, नज़ा की कैफ़ीयत तारी होना

वर्ता-ए-हैरत में डूबना

बहुत मुतअज्जिब होना, निहायत हैरान होना

'अरक़-ए-शर्म में डूबना

लज्जा से पसीने-पसीने होना, बहुत लज्जित होना, लज्जा के मारे पसीने पसीने हो जाना, शर्म से पानी-पानी हो जाना

बेड़ा डूबना

रुक : बेड़ा डुबोना जिस का ये लाज़िम है

कुँवें में डूबना

ज़ाए हो जाना, तबाह-ओ-बर्बाद हो जाना, मादूम हो जाना

'अर्क़ में डूबना

पसीने से तर-ब-तर होना, पसीने में शराबोर होना

ख़यालात में डूबना

ख़्याल में ग़र्क़ होना, रुक : ख़्याल में पड़ना

सोच में डूबना

रुक : सोच में पड़ना

पसीने में डूबना

۔ पसीने में तर होना।

हैरत में डूबना

मतही्यर होना, बहुत हैरान होना, दंग रह जाना

ख़ून में डूबना

ख़ून में भीगना, ख़ून में तरबतर होना

मन में डूबना

ख़ुद में महव होना , नफ़स को पहचानना, ख़ुद एहतिसाबी (अपने के साथ मुस्तामल)

आँख ख़ून में डूबना

रुक : आंखों में ख़ून उतर आना

आँखें ख़ून में डूबना

अत्यधिक क्रोध में आँखें लाल हो जाना

'अरक़ के बीच डूबना

पसीने से तरबतर होना, लज्जा से पानी-पानी होना

पसीनों में डूबना

बहुत पसीना आना, पसीने में शराबोर हो जाना

लहू में डूबना

۱. ख़ून में ग़र्क़ होना, लहूलुहान होना

फूलों में डूबना

रुक : फूलों से लदना

बादल में डूबना

याद में डूबना

याद महव होना, किसी के ख़याल में महमो होना

फ़िक्र में डूबना

ख़्याल में मुनहमिक होना, बहर फ़िक्र में ग़र्क़ होना, निहायत फ़िक्रमंद होना

दुनिया में डूबना

सांसारिक मुआमलों में पड़ना, सांसारिक बनना, लालची हो जाना

नशे में डूबना

मख़मूर होना, सरशार होना, कमाल दर्जा नशा होना

शर्म में डूबना

बहुत अधिक लज्जित होना, लज्जा से गड़ जाना

रंग में डूबना

दिव्य प्रेम और ज्ञान के साथ नशे में चूर होना, साधक होना, ऐक्य का मतवाला होना

खारी कुँवें में डूबना

ज़ाए होना, बर्बाद हो जाना

जवाहिर में डूबना

बहुत ज़्यादा जवाहरात टिके होना

नशा में डूबना

नींद में डूबना

गहिरी नींद में होना , सख़्त ग़नूदगी में होना

नाकों-नाक दौलत में डूबना

अत्यधिक धनी हो जाना, बहुत ज़्यादा अमीर हो जाना, दौलत की रेल पेल होना

ज़िरह में डूबना

आमादा-ए-जंग होना, हमले और कड़ाई के लिए तैयारीयां करना

नाव भँवर में डूबना

चुल्लू भर पानी में डूबना

ग़ैरत और श्रम महसूस करना, शर्मिंदा होना

दिन डूबना

सूरज का अस्त हो जाना, दिन का विदा होना, रात का आरांभ होना

डूबना तैरना

मुसीबत झेलना, तकलीफ़ उठाना

सितारा डूबना

सितारा अस्त होना, सितारे छुप जाना, सुबह होना, (संकेतात्मक) अंत होना

रूपया डूबना

रुपया का हानि होना, घाटा पड़ना, रुपया मारा जाना

पैसा डूबना

व्यापार में नुकसान उठाना, किसी दुर्घटना या तबाही के कारण धन की हानि होना, रुपया बर्बाद होना, हानि होना, ख़सारा होना, धन की प्राप्ति न होना, रुपया बेकार खर्च किया जाना

नाव डूबना

नाव डुबोना (रुक) का लाज़िम, कुशी ग़र्क़ होना

घर डूबना

घर नष्ट होना, घर उजड़ना, घर तबाह होना

नोक डूबना

सुहाग-रात मनाई जाना, मुजामअत होना

सूरज डूबना

सूर्य का अस्त होना, सूरज का छुपना

दिल डूबना

जा डूबना

फँस जाना, नुक़्सान उठाना

लुटिया डूबना

ले डूबना

अपने साथ दूसरे को भी तबाह कर देना या नुक़्सान पहुँचा देना

मन डूबना

दिल डूबना, ज़ोफ़ या नातवानी से दिल की हालत ग़ैर होना

जाते

जाते-जाते

प्रस्थान के समय

दुनिया जाते देखना

जी में समाना, ख़्याल आना

राह जाते

भागे थोड़ी जाते हैं

निश्चिंत रहें, यह खो नहीं जाएगा, खो जाने का कोई ख़तरा नहीं है

कान उड़े जाते हैं

'अक़्ल-ओ-होश जाते रहना

होश ठिकाने पर न रहना, समझ और होश लुप्त हो जाना

क्या दिन जाते देखे

कोई बहुत समय के बाद आए तो कहते हैं

होश-ओ-हवास जाते रहना

होश-ओ-हवास ठिकाने न रहना, हवास बाक़ी न रहना, अक़्ल जाती रहना

बड़े कड़ाही में तले जाते हैं

बड़े लोगों को ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है

हाए हाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाते

महिज़ हाय हाय करने से या निरी ख़ुशामद से काम नहीं चलता

दिन जाते देर नहीं लगती

समय बहुत जल्दी बीत जाता है, वक़्त बहुत जल्द गुज़र जाता है

थूक में पकोड़े नहीं तले जाते

मुफ़्त काम नहीं हो सकता

ज़्यादा मिठास में कीड़े पड़ जाते हैं

हद से ज़्यादा ख़ुशअख़लाक़ी मुज़िर होती है, हद से ज़्यादा मेल जोल से ताल्लुक़ात बिगड़ जाते हैं

होश जाते रहना

रुक : होश उड़ जाना

हवास जाते रहना

पूछते पूछते दिल्ली पहुँच जाते हैं

जुस्तजू से मक़सद हासिल होता है

हाथ पाँव राँगा राँगा हुए जाते हैं

आसमान ज़मीन क्यों नहीं शक़ हो जाते

किस सख़्त सदमे या गुनाह अज़ीम के होने के मौक़ा पर बोलते हैं कि आसमान ज़मीन क्यों नहीं फट जाते मतलब ये होता है कि क़ियामत क्यों नहीं आजाती(इस लिए कि ये उमूर क़ियामत के दिन होंगे

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

आसमान ज़मीन क्यों नहीं फट जाते

किस सख़्त सदमे या गुनाह अज़ीम के होने के मौक़ा पर बोलते हैं कि आसमान ज़मीन क्यों नहीं फट जाते मतलब ये होता है कि क़ियामत क्यों नहीं आजाती(इस लिए कि ये उमूर क़ियामत के दिन होंगे

चोर जाते रहे कि अंधियारी

यह कहावत उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ किसी बुरी बात का किसी न किसी समय होना निश्चित हो, बुरे स्वभाव वाला अवसर पाते ही बुरे काम करता ही है, जगत के नियम नहीं बदलते

हिरन धूप में काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

बाक़ी हवास भी जाते रहना

कच्चे बाँस जिधर झुकाओ झुक जाते हैं

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

होनहार लड़के के मुताल्लिक़ बोलते हैं , मुआमले का अंजाम इबतिदा ही से मालूम होजाता है

जाते रहना

हगासे लड़के के नथने पहचाने जाते हैं

सूरत से पतली हालत या बुज़दिली ज़ाहिर हो जाती है

पूत कपूत पंगोड़ों में ही पहचाने जाते हैं

बच्चे में शुरू से अच्छे या बुरे होने के आसार पाए जाते हैं

आते-जाते

आना-जाना, संयोगवश, अनौपचारिक रूप से

ऊँघते को सो जाते कुछ देर नहीं

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

आगे जाते घुटने टूटें पीछे देखते आँखें फूटें

उस अवसर पर प्रयुक्त जहाँ करने में भी नुक़्सान हो और न करने में भी

हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते

रुक : हाथी के निकले हुए दाँत (भी कहीं बैठे हैं) बैठने मुश्किल हैं

मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते

सर मुंडे मोय जोगी की शक्ल-ओ-सूरत से मालूम नहीं होता कि इस का बातिन कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है

क्यों मरे जाते हो

कान फटे जाते हैं

बैठे बैठे कुँवें ख़ाली हो जाते हैं

बेकारी में सारी जमा पून ख़त्म होजाती है

हिरन धूप से काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो ख़ूब आने दो जावे तो बला से

सोना चाँदी आग ही में परखे जाते हैं

इंसान के औसाफ़-ओ-ख़ूओबयां आफ़त मुसीबत में ज़ाहिर होती हैं

कान के पर्दे फूटे जाते हैं

जैसे पीठ दिखाए जाते हो, ख़ुदा तुम्हारा मुँह दिखाए

दुआइया फ़िक़रा, रुख़स्त होते वक़्त जाने वाले से कहते हैं, ख़ुदा तुम्हें फिर यहां लाए

ऊँघते को सो जाते क्या देर

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

जिस तरह पीठ दिखाए जाते हो, उसी तरह मुँह दिखाना

ज़बान से बेटा बेटी पराए हो जाते हैं

इंसान को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बिअतों से आदमी औलाद को भी अपना मुख़ालिफ़ बनालेता है इस लिए ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से किया बात निकलती है

बे बुलाए ख़दा के घर भी नहीं जाते

भले दिन जाते देर नहीं लगती , बुरी घड़ियाँ काटे नहीं कटती

अच्छे दिन पलक झपकते गुज़र जाते हैं और तकलीफ़ का ज़माना दराज़ हो जाता है

पूत के पाँव पालने में ही पहचाने जाते हैं

(किसी किये) बुराई भलाई शुरू ही में आसार से दरयाफ़त करली जाती है, नेक बुख़ती बदबख़ती का हाल बचपन या आग़ाज़ ही में हरकात-ओ-सकनात से खुल जाता है

घुटने पेट को जाते हैं

हर आदमी अपनों की हिमायत, तरफ़-दारी करता है

आते का मुँह देखती थी जाते की पीठ

प्रतीक्षा की बेताबी ज़ाहिर करने के अवसर पर प्रयुक्त

औसान जाते रहना

ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

नाई नाई बाल कितने , जजमान जी आगे आए जाते हैं

जो बात ख़ुद पेश आने वाली है इस का बयान अबस है, जब कोई ऐसी बात के लिए पूछे जो जल्द ज़ाहिर होने वाली है तो उस वक़्त ये बोलते हैं

सख़ी सूम साल भर में बराबर हो जाते हैं

फ़ी्याज़ और दरिया दिल आदमी का बख़शिश-ओ-सख़ावत के ज़रीये और बख़ील आदमी का बेजा सिर्फ़ के बाइस साल भर में हिसाब बराबर हो जाता है, फ़ी्याज़ आदमी का माल सही जगह सिर्फ़ होता है और बख़ील का ग़लत जगह

आते भले न जाते

आना जाना बराबर है, न आने से फ़ायदा न जाने से

आप से जाते रहना

अपने होश-ओ-हवास खो बैठना, आपे से बाहर हो जाना

दिन अछे होते हैं तो कंकर जवाहर बन जाते हैं

जब भाग्य अच्छा होता है तो नेक काम स्वयं बन जाता है

बरस भर में सख़ी और सूम बराबर हो जाते हैं

कंजूसी करने से कोई फ़ायदा नहीं होता, अंजाम कार सखी और जंजूस का हिसाब बराबर बराबर हो जाता है

बराती तो खा पी कर अलग हो जाते हैं , काम दूल्हा दुल्हन से पड़ता है

डूबना क्या मतलब है?

डूबना के हिंदी अर्थ जल या तरल पदार्थ में व्यक्ति अथका किसी चीज का इस प्रकार स्थित होना कि उसका कोई अंग या अंश उससे बाहर न निकला रहे। जल में पूरी तरह से समाना। जैसे-समुद्र में जहाज डूबना, नदी की बाढ़ से खेत डूबना

डूबना को इंग्लिश में क्या बोलेंगे?

डूबना {intransitive verb} dip {v.i.} founder {v.i.} merge {v.i.}