बादलों के बारे में आप क्या जानते हैं? - baadalon ke baare mein aap kya jaanate hain?

बादलों में कभी घोड़ा तो कभी हाथी दिखते हैं लेकिन यह जानना वाकई दिलचस्प है कि अलग-अलग तरह के बादलों को कैसे पहचाना जाए, उनका नाम क्या है और प्रत्येक से किस तरह के मौसम की उम्मीद की जा सकती है।

आसमान में आपने तरह – तरह के बादल देखें होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं। हरेक बादल का अपना नाम है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के ‘इंटरनैशनल क्लाऊड एटलस‘ के अनुसार आसमान में 100 से अधिक प्रकार के बादल मौजूद हैं। हालांकि, उनक सामान्य आकार और आकाश में ऊंचाई के आधार पर 10 खास प्रकार में बादलों को बांटा जा सकता है:-

  • निम्न-स्तर के बादल (क्यूमुलस, स्ट्राटस, स्ट्राटोक्यूमुलस) जो 6,500 फुट से नीचे होते हैं।
  • मध्य बादल (आल्टोक्यूमुलस, निम्बोस्ट्राटस, आल्टोस्ट्राटस) 6,500 और 20,000 फुट के बीच होते हैं।
  • उच्च बादल (सिरस, सिरोक्यूमु लस, सिरोस्ट्राटस) 20,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर।
  • क्यूमुलोनिम्बसजोनिम्न, मध्य और ऊपरी तीनों ऊंचाई में जमा होते हैं।

बादलों के बारे में आप क्या जानते हैं? - baadalon ke baare mein aap kya jaanate hain?
बादलों के बारे में आप क्या जानते हैं? - baadalon ke baare mein aap kya jaanate hain?

क्यूमुलस

ये बादल आकाश में रूई की सफेद गेंदों की तरह नजर आते हैं। सूर्योदय के समय ये बहुत सुंदर दिखते हैं।

मौसम का अनुमान : अच्छे मौसम का संकेत।

स्ट्राटस

स्ट्राटस यानि फैले हुए बादल आकाश में एक फ्लैट, एकसमान भूरे रंग के बादल की परत के रूप में दिखते हैं।

मौसम का अनुमान : इन्हें शुष्क दिनों में देखा जाता है, हल्की धुंध या रिमझिम बारिश हो सकती है।

स्ट्राटोक्यूमुलस

जैसे किसी ने हाथ में एक चाकू लेकर आकाश में इन्हें छितराते हुए फैला दिया हो। ये नीले आकाश में दिखाई देने वाले भूरे या सफेद रंग के बादल होते हैं।

मौसम का अनुमान : आने वाले तूफान का संकेत हो सकते हैं।

आल्टोक्यूमुलस

वे भेड़ की ऊन की तरह दिखते हैं इसलिए उनका एक उपनाम ‘भेड़ की पीठ’ भी है। अपना हाथ आकाश की ओर बादल की दिशा में रखें। यदि बादल आपके अंगूठे के आकार का है तो यह आल्टोक्यूम्यलस है।

मौसम का अनुमान: वे गरज के साथ बारिश का संकेत दे सकते हैं।

निम्बोस्ट्राटस

ये गहरे भूरे रंग की परत में आकाश को ढंकते हैं और सूरज को छिपाने के लिए प्रयाप्त घने होते हैं।

मौसम का अनुमान : ये बारिश वाले बादल हैं। जब भी लगातार बारिश हो रही है या बर्फ गिर रही है।

आल्टोस्ट्राटस

ये एक चादर के रूप में दिखाई देते हैं जो आंशिक रूप से या पूरी तरह आकाश को ढंक लेते हैं।

मौसम का अनुमान: ये गर्म या ठंडे मौसम से पहले निकलते हैं।

सिरस

ये पतले, सफेद, बादल हैं जो आकाश में लकीर खींचते हैं। इनमें कम जल वाष्प मौजूद होते हैं, ऐसे में वे पानी की बूंदों के बजाय छोटे बर्फ के क्रिस्टल से बने होते हैं।

मौसम का अनुमान : ये आमतौर पर उचित मौसम में बनते हैं। वे तफानों तथा उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के आगे भी बन सकते हैं।

सिरोक्यूमुलस

इन्हें कपासी बादल भी कह सकते है जो छोटे होते हैं। बादलों के सफेद पैच अक्सर कतार में होते हैं। ये बर्फ के क्रिस्टल से बने होते हैं।

मौसम का अनुमान: आमतौर पर ये सर्दियों का संकेत देते हैं।

सिरोस्ट्राटस

ये पारदर्शी, सफेदीवाले बादल होते हैं जो पूरे आकाश को ढंकते हैं।

मौसम का अनुमान : ये ऊपरी वायुमंडल में नमी का संकेत देते हैं।

क्यूमुलोनिम्बस

ये हर ऊंचाई पर मिलते हैं जो बड़ी फूलगोभी की तरह दिखते हैं।

मौसम का अनुमान: ये गरजने वाले बादल हैं जो भारी वर्षा, ओलावृष्टि और तूफान आने की भी सम्भावना पेश करते हैं।

पंजाब केसरी से साभार

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    बादल कैसे बनते हैं और बारिश कैसे होती है? बादल का बनना प्रकृति की एक ख़ूबसूरत प्रक्रिया है. श्रृष्टि के आरंभ से ही बादल वर्षा के रूप में मनुष्यों एंव जीव-जंतुओं तक पानी पहुंचाते रहे हैं और इसी पानी के कारण पेड़-पौधे और जीव-जंतु जीवीत रहते हैं.

    लेकिन क्या आप जानते हैं ये बादल कैसे बनते हैं? बादल कितने प्रकार के होते हैं? और बादलों में पानी कहाँ से आता है? अगर नहीं तो आज के इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े. क्योंकि आज के इस आर्टिकल में मैं आपके साथ बादल से जुड़ी जानकारियां शेयर करूंगा.

    साथ ही आप बादलों में बिजली कैसे चमकती है, बादल कैसे फटता है और बादल कैसे गरजता है? इत्यादि के बारे में भी जानेंगे. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बादल के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में.

    बादल क्या होते हैं? – What is Cloud in Sky in Hindi

    बादल वातावरण में स्थिर पानी की बूंदों या आइस क्रिस्टल के बने होते हैं जो आकार में काफी छोटे और हल्के होते हैं, ये हवा में ठहर सकते हैं. बादल आसमान में जलवाष्प के संघनन (गैस से लिक्विड बनने की प्रक्रिया) से बनते हैं. संघनन की वजह से ही हम जलवाष्प को देख सकते हैं. बादल कई तरह के होते हैं, जो पृथ्वी के मौसम और जलवायु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं.

    बादल कैसे बनते हैं? – How Clouds are formed in Hindi

    बादलों के बारे में आप क्या जानते हैं? - baadalon ke baare mein aap kya jaanate hain?
    बादलों के बारे में आप क्या जानते हैं? - baadalon ke baare mein aap kya jaanate hain?

    बादल आसमान में मौजूद पानी से बनते हैं. यह पानी जमीन से वाष्पित होकर या अन्य क्षेत्र से आ सकता है. आसमान में हमेशा भाप की कुछ मात्रा मौजूद रहती है जो हमें दिखाई नहीं देती. बादल तब बनते हैं जब हवा का कोई क्षेत्र ठंडा होकर भाप को द्रव में बदल देता है. वो हवा जहाँ बादल बनते हैं, जलवाष्प को संघनित (गैस से द्रव में परिवर्तन) करने के लिए पर्याप्त ठंडी होनी चाहिए. पानी हवा में मौजूद डस्ट, बर्फ या समुद्री नमक, जिन्हें संघनन नाभिक (Condensation nuclei) कहा जाता है, के साथ संघनित होता है. बादल किस प्रकार का बनेगा यह बादल बनने वाले स्थान के तापमान, हवा और अन्य परिस्थितियों पर निर्भर करता है. 

    बादल के प्रकार

    प्रमुख तौर पर बादलों को दो कारकों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है; आकार और स्थान.

    • उच्च स्तर (High Level) – ऊँचे बादल आसमान में कुछ किलोमीटर ऊंचाई पर बनते हैं, जिनकी सटीक ऊंचाई उस तापमान पर निर्भर करती है जहाँ वे बनते हैं. ये बादल 5 से 13 किलोमीटर की ऊंचाई पर होते हैं.
    • निम्न स्तर (Low Level) – नीचे बादल धरती की सतह से एक या दो किलोमीटर की ऊंचाई पर बनते हैं. हालांकि, ये बादल भूमि को छूते हुए भी बन सकते हैं जिन्हें फोग्ग कहा जाता है. 
    • मध्य स्तर (Middle Level) – मध्य स्तर के बादल निम्न स्तर और उच्च स्तर के बादलों के बीच में बनते हैं. इनकी ऊंचाई धरती की सतह से 2 से 7 किलोमीटर के बीच होती है.
    • सिरस बादल (Cirrus Clouds) – ये बादल पतले और धुंधले होते हैं, और हवा के साथ मुड़े हुए होते हैं. दिखने में ये छोटे और बिखरे हुए होते हैं जो बालों की तरह दिखाई देते हैं और काफी ऊंचाई पर होते हैं. दिन के समय में ये दूसरे बादलों की अपेक्षा अधिक सफ़ेद दिखाई देते हैं. सूरज उगते समय या छिपते समय ये सूर्यास्त के रंग की तरह दिखाई देते हैं.
    • कुमुलस बादल (Cumulus Clouds) – इन्हें कपासी बादल भी कहा जाता है. ये आकार में बड़े और फुले हुए होते हैं. ये बादल आसमान में किसी विशाल रुई के गोले या दूसरे आकार में दिखाई देते हैं. मध्य स्तर के बादलों की तरह ये बादलों की समानांतर धारियां भी बना सकते हैं.  
    • स्ट्रेटस बादल (Stratus Clouds) – इन्हें फैले हुए बादल कहा जाता है. ये बादलों की चादर बनाते हैं जो आसमान को ढक लेते हैं. इस तरह के बादल हल्की बूंदा-बांदी या थोड़ी बर्फ गिरा सकते हैं. ये बादल जमीन के ऊपर कोहरा होते हैं जो सुबह का कोहरा उठने या किसी क्षेत्र में कम ऊंचाई पर ठंडी हवा के बहने से बनते हैं.
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    बारिश कैसे होती है?

    बादल कैसे बनते हैं यह तो आपने जान लिया. अब बात करते हैं बारिश कैसे होती है के बारे में. बादल ठंडे होने पर इसमें मौजूद भाप द्रव में बदल जाती है. इसे हम संघनन प्रक्रिया कहते हैं. लेकिन बारिश होने के लिए यह काफी नहीं है. पहले तरल बूंदे जमा होती हैं और फिर बड़ी बूंदों में बदलती हैं. जब ये बूंदे भारी हो जाती हैं तो बादल इन्हें होल्ड नहीं कर पाते हैं और ये बूंदे जमीन पर बारिश के रूप में गिरने लगती हैं. पानी के आसमान से नीचे गिरने की प्रक्रिया को वर्षण (precipitation) कहा जाता है.

    यह वर्षण अनेक रूप में हो सकता है, यह बारिश (rainfall), ओले गिरना, हिमपात इत्यादि के रूप में हो सकता है. जब पानी तरल के रूप में गिरने की बजाय बर्फ के टुकड़ों के रूप में गिरता है तो उसे ओले कहते हैं. जब पानी किसी ठोस के रूप में गिरता है तो उसे हिमपात कहते हैं. इसके अलावा सर्दियों के मौसम में पानी बिल्कुल छोटी-छोटी बूंदों के रूप में बरसता है जिसे हम ओस (dew) कहते हैं.

    बादल कैसे फटता है?

    बादलों के बारे में आप क्या जानते हैं? - baadalon ke baare mein aap kya jaanate hain?
    बादलों के बारे में आप क्या जानते हैं? - baadalon ke baare mein aap kya jaanate hain?

    एक जगह पर एक साथ अचानक बारिश होने को बादल फटना कहा जाता है. यह ठीक वैसे ही होता है जैसे किसी पानी से भरे गुब्बारे को फोड़ने पर पानी नीचे गिरता है. अगर किसी 10 km x 10 km साइज वाले स्थान पर 100 mm (10cm) प्रति घंटे या इससे अधिक रफ़्तार से बारिश होती है तो उसे बादल फटना कहा जाता है.

    अगर देखा जाए तो पुरे भारत में एक सामान्य वर्ष के दौरान 116 cm प्रति घंटे के हिसाब से बारिश होती है. यानि की भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पूरे वर्ष के दौरान औसतन यह वैल्यू दर्ज की जाती है. अगर किसी स्थान पर बादल फटता है तो वह साल में उस स्थान पर होने वाली बारिश का 10 से 12 प्रतिशत सिर्फ एक घंटे में बारिश कर देगा.

    बादल किसी भी स्थान पर फट सकता है लेकिन ज्यादातर ऐसी घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में ही देखने को मिलती हैं. बादल तब फटते हैं जब नम बादल अधिक गर्म हवा के उपरी प्रवाह से बारिश करने में असमर्थ होते हैं. बारिश की बूंदे नीचे गिरने की बजाय हवा के प्रवाह से ऊपर की तरफ बढ़ने लगती हैं. नई बूंदे बनती हैं और मौजूदा बूंदो का आकार बढ़ता जाता है. अब एक वक्त ऐसा आता है कि बारिश की बूंदे काफी भारी हो जाती हैं और बादल इन्हें रोककर रखने में असमर्थ हो जाता है, इसके बाद ये बूंदे काफी तेजी के साथ नीचे गिरना शुरू हो जाती हैं.

    अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर बादल पहाड़ी इलाकों में ही फटते हैं. ऐसा इसलिए क्यूंकि पहाड़ी इलाके ऊँचे होने की वजह से बादल को एक जगह रोक लेते हैं और गर्म हवा के प्रवाह को ऊपर उठने में मदद मिल जाती है, जिससे बादल फटने की घटनाएं शुरू हो जाती हैं.

    बिजली कैसे चमकती है?

    बादल के अंदर हलचल चलती रहती है. बारिश के बादल में बिजली स्थिर चार्ज के रूप में मौजूद रहती है और बादल के अंदर की हवा काफी अशांत होती है. बादल के निचले भाग में मौजूद पानी की बूंदे updraft (गर्म हवा का ऊपर उठना) के साथ ऊपर की तरफ उस ऊंचाई तक पहुंचती हैं जहाँ अत्यंत ठंडा वातावरण उन्हें जमा देता है. इस दौरान बादल में downdraft (ठंडी हवा का नीचे आना) बर्फ और ओलों को बादल के टॉप से नीचे धकेलता है. जहाँ नीचे जाती हुई बर्फ और ऊपर उठता हुआ पानी टकराते हैं और इलेक्ट्रॉन्स आपस में अलग होना शुरू हो जाते हैं.

    यह सब बादल के धनात्मक (Positive +) और ऋणात्मक (Negative –) आवेश को अलग कर देता है. जिससे बादल का उपरी भाग धनावेशित (positively charged) और नीचला भाग ऋणावेशित (negatively charged) हो जाता है. जब धनात्मक और ऋणात्मक आवेश काफी बड़े हो जाते हैं तब बादलों के अंदर इन दो आवेशों के बीच एक विशाल चिंगारी उत्पन्न होती है जिसे बिजली चमकना कहा जाता है.

    बिजली कैसे और क्यों गिरती है?

    जब बादल के निचले भाग पर ऋणात्मक आवेश अत्यंत बढ़ जाता है तब यह धरती पर मौजूद धनात्मक आवेश की तरफ जाना चाहता है, क्योंकि विरोधी आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं. ऐसे में ऋणात्मक आवेश का एक बहाव जिसे stepped leader कहा जाता है, धरती की तरफ बढ़ता है.

    धरती पर मौजूद धनात्मक आवेश इस stepped leader की तरफ आकर्षित होता है, इसलिए धनात्मक आवेश जमीन से ऊपर की तरफ बढ़ता है, इसके लिए यह किसी पेड़, लाइटनिंग कंडक्टर और यहाँ तक कि किसी इंसान का सहारा भी ले सकता है. जब stepped leader और धनात्मक आवेश मिलते हैं तो एक मजबूत इलेक्ट्रिक करंट पॉजिटिव चार्ज को बादलों में ले जाता है. इस इलेक्ट्रिक करंट को रिटर्न स्ट्रोक कहा जाता है. जिसे हम बिजली की एक तेज चमक के रूप में देखते हैं. 

    बादल कैसे गरजता है?

    बिजली चमकने के बाद जो जोरदार आवाज सुनाई देती है उसे ही बादल का गरजना कहा जाता है. बिजली चमकने के साथ ही बिजली के आवेश और चुम्बकीय प्रभाव के कारण जल, बर्फ और हवा के कण आपस में टकराते हैं. इनके टकराने के साथ ही एक जोरदार ध्वनि उत्पन्न होती है. ये सभी ध्वनियाँ आपस में मिलकर बादलों की गर्जना का रूप ले लेती हैं. इसके साथ ही बिजली के बहुत गर्म होने के कारण उसके इर्द-गिर्द की हवा भी तेजी से गर्म होकर धमाके जैसी आवाज के साथ फैलती है.

    अगर बिजली हमारे कानो के आसपास कड़कती है तो हमे एक तेज टकराहट जैसी आवाज सुनाई देती है, लेकिन जब यही बिजली कहीं दूर कड़कती तो हमे बादलों की तेज और गहरी गर्जन सुनाई देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि दूर हुई आवाज कई चीजों से टकराती हुई हम तक पहुंचती है और उस दौरान हम एक नहीं बल्कि एक ही आवाज की अलग-अलग कोणों से आई प्रतिध्वनी या गूंज (Echo) को सुनते हैं. और नजदीक आते ही यह आवाज तीखी और ऊँची हो जाती है.

    बादल का गर्जना और बिजली का चमकना दोनों एक ही साथ होते हैं लेकिन गर्जन की आवाज हमे देर से सुनाई देती है क्योंकि प्रकाश की गति, ध्वनि की गति से अधिक होती है.

    Conclusion

    मैं उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “बादल कैसे बनते हैं और बारिश कैसे होती है?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है बादल से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने कि ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

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    बादल के बारे में आप क्या जानते हैं?

    वायुमण्डल में मौज़ूद जलवाष्प के संघनन से बने जलकणों या हिमकणों की दृश्यमान राशि बादल कहलाती है। मौसम विज्ञान में बादल को उस जल अथवा अन्य रासायनिक तत्वों के मिश्रित द्रव्यमान के रूप में परिभाषित किया जाता है जो द्रव रूप में बूंदों अथवा ठोस रवों के रूप में किसी ब्रह्माण्डीय पिण्ड के वायुमण्डल में दृश्यमान हो।

    बादल कितने प्रकार के होते हैं?

    बादलों के प्रकार / Types of clouds आकार, आकृति और रंग के अनुसार बादल कई प्रकार के होते हैं जैसे- गोलाकार, बेलनाकार, ऊन के आकार के, कोमल रेशेदार, भूसे के ढेर के समान, काले, धूसर, सफेद आदि जो कि वायुमंडल के विभिन्न स्तरों पर पाए जाते हैं

    बादलों का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

    हमारे जीवन में बादलों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यदि बादल न हो, तो हमें जल की आपूर्ति न हो। गर्मी के कारण पूरी पृथ्वी त्राहि-त्राहि कर उठती है, ऐसे में बादल अपने शीतल जल से ठंडक प्रदान करते हैं। किसानों के लिए तो बादल नवजीवन हैं।

    बादल कैसे बनते हैं Class 4?

    Solution : गर्म वायु के साथ जलवाष्प ऊपर उठकर संघनित हो जाते हैं और हवा में उपस्थित कणों के चारों ओर जमा होकर बूंदों में बदलकर बादलों का रूप ले लेते हैं