ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

ब्रह्मा मुहूर्त में सोना है निषेध, जानें इससे जुड़ी अन्य मान्यताएं

ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

हिंदू धर्म में ब्रह्मा मुहूर्त को अधिक महत्व प्राप्त है, ऐसा माना जाता है  व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जो भी कार्य करता वो कार्य निर्विघ्न पूर्ण होता है। यही कारण है कि विशेष प्रकार का कोई पूजन हो चाहे कोई यज्ञ व हवन आदि इन्हें ब्रह्म मुहूर्त में ही...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में ब्रह्मा मुहूर्त को अधिक महत्व प्राप्त है, ऐसा माना जाता है  व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जो भी कार्य करता वो कार्य निर्विघ्न पूर्ण होता है। यही कारण है कि विशेष प्रकार का कोई पूजन हो चाहे कोई यज्ञ व हवन आदि इन्हें ब्रह्म मुहूर्त में ही संपन्न किया जाता है। मगर क्या आप में से कोई इस बारे में जानकारी रखता है कि आखिर ब्रह्मा मुहूर्त होता क्या है, इसका अर्थ क्या होता, किस समय को ब्रह्मा मुहूर्त कहा जाता है तथा इसके फायदे क्या होते हैं?  तो अगर आप नहीं जानते तो चलिए जानते हैं हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का क्यों खास महत्व प्रदान है-

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के अंतिम पहर को कहा जाता है। अर्थात जब रात्रि समाप्त होने वाली होती है और अगली सुबह शुरू होने वाली होती है। तो वही ब्रह्म का अर्थ होता है परम तत्व यानि कि परमात्मा और मुहूर्त का मतलब समय। इस तरह ब्रह्म मुहूर्त को देवताओं से मिलन का समय माना गया है। 

ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

आगे जानते हैं ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सही समय क्या है। जैसा कि रात्रि के अंतिम प्रहर के बाद और सूर्योदय से ठीक पहले का जो समय होता है उसे ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। तो ऐसे में सुब‍ह के 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार नींद त्यागने का सबसे उत्तम समय होता है। बता दें कि हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को बहुत खास महत्व दिया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पुरातन काल में ऋषि मुनि ईश्वर का ध्यान लगाने के लिए इस समय को सर्वश्रेष्ठ मानते थे। मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।  इस समय में मनुष्य द्वारा किए गए सभी कार्यो में सिद्धि मिलती है। मंदिरों के कपाट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार और पूजन भी इसी समय में किए जाने का विधान है।  शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी जब लंका गए थे, तब उन्होंने ब्रह्म मुहूर्त में ही अशोक वाटिका में जाकर सीता से मुलाकात की थी। तो वही बता दें कि पुराणों के अनुसार इस समय की निंद्रा ब्रह्म मुहूर्त के पुण्यों का नाश करने वाली होती है। हिंदू धर्म में इस समय सोना निषध माना गया है।
 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

और ये भी पढ़े

  • ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

    किस दिन मनाई जाएगी विवाह पंचमी, यहां जानिए सटीक व शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

    Dharmik Katha: जानिए कैसे हुआ इस महात्मा को ज्ञान का दिव्य आलोक प्राप्त?

  • ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

    Bazar ke star: मार्गी होंगे गुरु, मेटल शेयरों पर बनेगा फोकस

यहां जानें ब्रह्म मुहूर्त में उठने के होने वाले फायदे-
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस समय देवता और पितर घर में पधारते हैं जिससे घर की उन्नति होती है।

इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त में जागकर अपने इष्ट देव या भगवान की पूजा, ध्यान करना और पवित्र कर्म करना बहुत शुभ होता है। जैसा कि ब्रह्म मुहूर्त तो परमात्मा से मिलने का समय होता है। इस समय किया गया पूजा-पाठ का शीघ्र फल मिलता है।इतना ही नहीं मान्यता है कि इस समय की गई प्रार्थना भगवान तक सीधे पहुंचती है।

शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति आध्यात्मिक और हमेशा खुश रहता है।

ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

जैसा कि ब्रह्म मुहूर्त में पूरा वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है और यह ऊर्जा हमारे अंदर की ऊर्जा से मिलती है तो हमारे मन में अच्‍छे विचार आते हैं और उमंग व उत्‍साह का संचार होता है।

ब्रह्म मुहूर्त में बहने वाली वायु चन्द्रमा से प्राप्त अमृत कणों से युक्त होने के कारण स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य होती है। इस समय भ्रमण करने से अमृतमयी वायु हमारे शरीर को स्पर्श करती हैं। और शरीर में शक्ति का संचार होता है।

बताते चलें कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने का वैज्ञानिक कारण भी हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त के समय वायुमंडल प्रदूषण रहित होता है।सु बह-सुबह की शुद्ध वायु व्यक्ति के तन-मन को ऊर्जा से भर देती है।य ही वजह है कि इस समय किए गए व्यायाम, योग शरीर को निरोगी रखते हैं। 

ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है - brahm muhoort mein pooja karane se kya hota hai

ब्रह्म मुहूर्त में जाप करने से क्या होता है?

अगर आपने लगातार तीन महीने तक भी ब्रह्म मुहूर्त पर जाप कर लिया तो आप जीवन भर आसानी से इस कार्य को कर पाएगे और जीवन भर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वास्थ्य और प्रसन्न रहेंगे।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले क्या करना चाहिए?

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। * यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है, क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है।

सुबह 4 00 बजे पूजा करने से क्या होता है?

सुबह के समय पूजा पाठ करने से व्यक्ति को अधिक से अधिक फल की प्राप्ति होती है । सुबह के समय वातावरण में शोरगुल और प्रदूषण भी नहीं होता है । जिससे हम एकाग्र होकर के मन लगाकर के पूजा पाठ कर सकते हैं । सुबह जल्दी उठने से हमारा शरीर भी एनर्जी से भरपूर और तरह ताजा बना रहता है ।

ब्रह्म मुहूर्त कितने बजे से प्रारंभ होता है?

ब्रह्म मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक होता है और इसके क्या-क्या लाभ हैं? ब्रह्म मुहूर्त सुबह ३ बजे से ५ बजे सुबह तक होता है ।

ब्रह्म मुहूर्त में कितने बजे उठना चाहिए?

यानी सुब‍ह के 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक का जो समय होता है उसे ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।