बैंकों का राष्ट्रीयकरण से क्या मतलब है? - bainkon ka raashtreeyakaran se kya matalab hai?

बैंक का राष्ट्रीयकरण से आप क्या समझते हैं?

बैंकों का राष्ट्रीयकरण क्या है? बैंकों के राष्ट्रीयकरण को एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में व्यक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा राष्ट्रीय (केंद्र) अथवा राज्य सरकार को किसी भी विधान के माध्यम से निजी उद्योग, संगठन या यहां तक ​​कि परिसंपत्ति को अपने हाथों में लेने का अधिकार है, जिसे प्रायः सार्वजनिक स्वामित्व कहा जाता है।

बैंकों का निजीकरण क्या होता है?

सरकार ने 1969 में 14 सबसे बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र को तत्कालीन सरकार के समाजवादी दृष्टिकोण के साथ समायोजित करना था। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का 1955 में ही राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था और 1956 में बीमा क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण किया गया था।

राष्ट्रीयकृत क्या होता है?

राष्ट्रीयकृत बैंक उन बैंकों को कहा जाता है जिसमें 50% से अधिक की हिस्सेदारी सरकार का होता है एवं इस प्रकार के बैंकों को सरकार द्वारा ही नियंत्रण और संचालित किया जाता है ।

भारत में कुल कितने राष्ट्रीयकृत बैंक हैं 2022?

भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर वर्तमान में 11 राष्ट्रीयकृत बैंक हैं। इंदिरा गांधी वह प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। इंदिरा गांधी सरकार ने 1969 में 14 बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया।