ज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु कौन है? - gyaan ka sabase bada shatru kaun hai?

What is knowledge ?, Who is the enemy of wisdom? ज्ञान क्या है ?, कौन है ज्ञान का शत्रु?

Konwledge (ज्ञान) शब्द का अर्थ बोलना और पढ़ना जितना सरल है, उसको सही तरीके से सीखना और समझना उतना ही जटिल हैं, आज हम "जो बहुत सी बाते जानता है" उसे ही ज्ञानी समझ लेते है या तो जो हर परीक्षा में अच्छे number लाने वाला व्यक्ति ज्ञानी समझा जाता है वास्तव में ये ज्ञान कि परिभाषा में है ही नहीं |

ज्ञान कि श्रेणी इस सब से काफी उच्च है | परन्तु आज के समय में कुछ विशेष वर्ग को ज्ञानी का जाने लगा है जैसे एक विद्यार्थी जिसने 99% Marks अपनी class में ले आया तो हम उसको ज्ञानी कहते है और 55% वाले को अज्ञानी ये ज्ञान का माप दण्ड नहीं हैं|

ज्ञान को बहुमूल्य रत्नों से भी अधिक मूल्यवान कहा गया है|
ज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु कौन है? - gyaan ka sabase bada shatru kaun hai?
Knowledge Is Power.

ज्ञान का अर्थ क्या है ?

दुनिया की सबसे बड़ी Power Knowledge है ज्ञान का शाब्दिक अर्थ कहे या सामान्य अर्थ किसी विषय वस्तु या वर्ग आदि को जानना समझना और उसका अनुभव करना है परन्तु यह अर्थ पूर्ण नहीं है ज्ञान का अर्थ किसी भी विषय को पूर्ण रूप से समझना उसका पूरा अनुभव करना तथा समय आने पर उसका उचित तरीके से प्रयोग करना है |

वास्तविक ज्ञान क्या है ?

बड़ी बड़ी किताबो पोथी आदि से घिरा व्यक्ति ज्ञानी है ये कभी नहीं कहा जा सकता, इसी प्रकार किसी के ज्ञान का अंदाजा उसकी उम्र से भी नहीं लगया जा सकता

कोई सिर के बाल श्वेत होने से वृद्ध नहीं होता। बालक होकर भी यदि कोई ज्ञान सम्पन्न है तो वही वृद्ध माना जाता है।”   ~ (महर्षि व्यास)

अगर एक पंक्ति में ज्ञानी व्यक्ति के बारे में कहना हो तो कहा जा सकता है जो व्यक्ति सही समय पर सही फैसले बिना किसी भेदभाव के पूर्ण निष्पक्षता के साथ लेता है वो ही ज्ञानी है ऐसे व्यक्ति पढ़े हुए ज्ञान को जीवन में उतारते है|

ज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु कौन है? - gyaan ka sabase bada shatru kaun hai?

Real knowledge क्या होती है इसको हमे समझाने के लिए हमारे Grand Father एक Story सुनाया करते थे वो मैं बताता हूँ |

एक पंडित जी थे जिनके पास कई झोला भर कर किताबे थी और उनकी बदोलत वे बहुत ज्ञानी माने जाते थे पूरे गांव में किसी को भी समस्या होती वह पंडित से के पास आता और अपनी समस्या बताता पंडित जी भी उसकी समस्या सुनते और किताबो को देखते और उसकी समस्या का हल बता देते व्यक्ति ख़ुशी ख़ुशी अपने घर को चला जाता इसलिए  सभी पंडित जी को बहुत ज्ञानी मानते थे एक दिन पंडित जी अपनी किताबो के साथ दूसरे राज्य में जा रहे थे रस्ते में उन्हें डाकू का काफिला मिल गया डाकुओ ने पंडित जी को घेर लिया और बोले जो कुछ सब हम को दे दे तब आगे जा वरना जान से हाथ धोना पडेगा 

पंडित से सहम गये और धीरे से बोले मेरे पास तो कुछ नहीं है "झोले में बस किताबे है"

डाकुओ ने बोला, "ठीक है, वो ही दो हम उन्हें बेच के पैसे कमा लेंगे"

और डाकुओ ने झोला छीन लिया ये देख कर पंडित जी रोने लगे और रोते हुए बोले "इन्ही किताबो के सहारे मेरी जिन्दगी चलती है जब भी कोई अपनी समस्या लाता है तो मैं किताबो से देख कर ही उन्हें समाधान दे पाता हूँ|"

डाकुओ को सरदार हंसा और झोला फेकते हुए बोला "तेरे ऐसे ज्ञान का क्या फायदा जो किताबे ना होने पर किसी काम का नहीं | किताबो के सहारे जी रहां है और खुद को ज्ञानी समझता है"

पंडित जी को वास्तविक ज्ञान की शिक्षा आज एक डाकू से मिली थी |

अत: ऐसे ज्ञान का क्या मतलब जो किसी पर निर्भर रह कर रहे | Real Knowledge तो वही हुई ना जो हमको स्वयं पर निर्भर बनाये हम अपनी समस्यों का समाधान अपने विवेक से कर सके|

knowledge के बारे में कई महान लोगो ने अपने मत रखे और इसको सही तरह से समझने को कहा|

बेकन ने कहा है - “ज्ञान ही शक्ति है।
ज्ञान ख़ुद में वर्तमान है, इन्सान सिर्फ़ उसका अविष्कार करता है।

ज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु कौन है? - gyaan ka sabase bada shatru kaun hai?
source: Google Image (Gyaan Kya hai)

कहते है "ज्ञान के समान कोई आँखे नहीं" क्योकि इसी से हम अच्छे बुरे का फैसला लेते है 

मनुष्य का शत्रु अज्ञान है |

जिन्दगी विकृतियो, सुख में दुःख के अनुभव उलझनों आदि का सबसे मुख्य कारण वास्तविक ज्ञान का ना होना है |

चाणक्य ने कहा है अज्ञान के समान मनुष्य का और कोई दूसरा शत्रु नहीं हैं।

सभी ने अज्ञान को उस व्यक्ति के साथ साथ समाज के लिए भी बुरा बताया है कहते है अज्ञानी लोग अज्ञानवश थोडा सा काम करते है और बहुत अधिक व्यकुल हो जाते है

शेक्सपीयर ने लिखा है- 

अज्ञान ही अन्धकार है।” 

प्रसिद्ध दार्शनिक प्लेटो ने कहा है 

अज्ञानी रहने से जन्म न लेना ही अच्छा हैक्योंकि अज्ञान ही समस्त विपत्तियों का मूल है।

क्योंकि विना knowledge के हम एक अपाहिज की भाती है

जिस प्रकार एक पेड़ बिना जड़ के खड़ा नहीं रह सकता उसका जीवन व्यर्थ होने लगता है  उसी तरह संसार में बिना ज्ञान के जीवन जीना अभिश्राप है|    ~अंशुल गुप्ता 

अज्ञान से बड़ा शत्रु है ज्ञान का भ्रम

कहते है दुनिया में सबसे बड़ी बीमारी है किसी प्रकार का भ्रम इसी प्रकार किसी विषय वस्तु आदि का ज्ञान ना होना उतना बुरा नहीं है जितना बुरा उसका होने का भ्रम होना है

ज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु अज्ञानता नहीं, बल्कि ज्ञान होने का भ्रम होना है।                          -स्टीफन हाकिंग

एक पुरानी कहावत है "थोथा चना, बाजे घना |"

इसी प्रकार कम ज्ञान वाला व्यक्ति बहुत अधिक आडम्बर करता है और ज्ञानी होने का ढोंग करता है | एस प्रकार के लोग अज्ञानी व्यक्ति की अपेक्षा बहुत अधिक हानिकारक सिद्ध होते है|

कहा जाता है किसी विषय के बारे में आपको जानकारी नहीं है तो ये पता होना कि आपको इसकी जानकारी नहीं है , पता होने के भ्रम से लाख गुना अच्छा है |

ज्ञान और अज्ञान के Topic पर लिखा जाये तो Life कम पड़ जायेगी, क्योकि Knowledge अनंत सागर के समान है जिसको मटकी में नहीं बंद किया जा सकता है |

ज्ञान का एक गुण है कि यह जितना बांटा जाता है उतना अधिक बढ़ता है , अपने एकत्र किये हुए ज्ञान को बाँटना आवश्यक भी है जिस प्रकार लोहे में उपयोग न होने पर जंग लग जाती है उसी प्रकार ज्ञान भी क्षीण(Loss) पड़ जाता इसलिए ज्ञान को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचना भी आवश्यक है |

लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद् ||

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मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कौन सा है?

भय मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। विश्वास और विकास दोनों ही इससे कुंठित हो जाते हैं। भय मानसिक कमजोरी है। मन दुर्बल हो जाए तो शरीर भी दुर्बल हो जाता है।

मनुष्य का दुर्गा शत्रु कौन है?

मेरे हिसाब से मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार है। जो आदमी के उत्तरोत्तर आध्यात्मिक एवं भौतिक विकास के मार्ग में सबसे बड़ा बाधक है। मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु मनुष्य खुद है।

इंसान का सबसे बड़ा मित्र कौन है?

मनुष्य का सबसे बड़ा दोस्त उसकी अंतरात्मा होती है । यह वह चिज है जो इन्सान को हर स्थिति में सजग, तथा सन्मार्ग पर ही रखाता है ।

मनुष्य का मित्र कौन है?

विचार करें तो मनुष्य का सच्चा मित्र धर्म ही है। मनुष्य के पंचभौतिक शरीर छोड़ने पर उसका धन भूमि में या तिजोरी में पड़ा रह जाता है। भवन खड़ा रह जाता है व पशु बंधे रह जाते हैं। प्यारी स्त्री शोक विह्वल भवन के दरवाजे तक साथ देती है।