इसे सुनेंरोकेंभाषा के मुख्यतः 3 रूप होते है मौखिक भाषा, लिखित भाषा और सांकेतिक भाषा । सामान्य तौर पर भाषा के केवल 2 रूप होते हैं मौखिक भाषा और लिखित भाषा। Show
भाषा के मौखिक और लिखित रूप में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकें(क) मौखिक भाषा – भाषा का वह रूप जिसके द्वारा हम बोलकर अपने मन के विचारों को दुसरो के सामने प्रकट करते हैं। (ख) लिखित भाषा – भाषा का वह रुप जिसके द्वारा हम अपने मन के विचारों को लिखकर दुसरों के सामने प्रकट करते हैं। भाषा के लिखित रूप को क्या कहते है?इसे सुनेंरोकेंभाषा के लिखित रूप को लिखित भाषा कहते है। – भाषा के दो रूप होते है लिखित रूप व मौखिक रूप। भाषा का वह रूप जिसमें अपने मन के भाव कहकर प्रकट किए जाते है , भाषा का मौखिक रूप कहलाता है। लिखित रूप भाषा का वह रूप है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी भावनाएं लिखकर व्यक्त करता है। पढ़ना: 1 महीने का बच्चा उल्टी क्यों करता है? भाषा का लिखित रूप क्या है? इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार भाषा का वह रूप जिसमें एक व्यक्ति अपने विचार या मन के भाव लिखकर प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है, लिखित भाषा कहलाती है। दूसरे शब्दों में- जिन अक्षरों या चिन्हों की सहायता से हम अपने मन के विचारो को लिखकर प्रकट करते है, उसे लिखित भाषा कहते है। भाषा के कौन से दो रूप होते हैं?इसे सुनेंरोकेंभाषा के दो रूप हैं लिखित और मौखिक। मौखिक भाषा कितने प्रकार के होते हैं? भाषा कितने प्रकार का होता है :
भाषा मौखिक है और उसका लिखित रूप क्या?इसे सुनेंरोकें- आमने-सामने बैठे व्यक्ति परस्पर बातचीत करते हैं अथवा कोई व्यक्ति भाषण आदि द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तो उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं। – जब व्यक्ति किसी दूर बैठे व्यक्ति को पत्र द्वारा अथवा पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में लेख द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तब उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं। पढ़ना: प्रोटीन सिंथेसिस क्या है इन हिंदी? भाषा का लिखित रूऩ क्या कहलाता है? इसे सुनेंरोकेंभाषा का क्षेत्रीम रूप ही बोली या उपभाषा- कहलाता है। अमिपि किसे कहते ४. उभाषा को लिखनेकादेग ही लिपि है। भाषा किसे कहते हैं और इसके कितने रूप हैं?इसे सुनेंरोकेंभाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर या पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों को दूसरो के समक्ष प्रकट करता है। अथवा जिस माध्यम से हम अपने भावों या विचारो को दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है। जैसे-हिंदी, अंग्रेजी आदि। भाषा सार्थक ध्वनियों के मेल से बनती है। लिखित व मौखिक भाषा में क्या अंतर है? लिखित और मौखिक भाषा क्या है?इसे सुनेंरोकें· मौखिक भाषा ही भाषा का मूल रूप है। लिखित द्वारा उसका अनुकरण किया जाता है। · लिखित और मौखिक दोनों रूपों में शब्द और वाक्य सीमाओं की पहचान की जा सकती है। · प्रायः लिपियों में संबंधित भाषा के सभी ध्वनि प्रतीकों के लिए लिपि चिह्न देने का प्रयास किया जाता है। इसे सुनेंरोकेंजब व्यक्ति आमने-सामने बैठकर परस्पर बातचीत करते हैं अथवा कोई व्यक्ति दूरभाष, भाषण आदि द्वारा बोलकर अपने विचार प्रकट करता है तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं। लिखित और मौखिक भाषा क्या है?इसे सुनेंरोकें· मौखिक भाषा ही भाषा का मूल रूप है। लिखित द्वारा उसका अनुकरण किया जाता है। · लिखित और मौखिक दोनों रूपों में शब्द और वाक्य सीमाओं की पहचान की जा सकती है। · प्रायः लिपियों में संबंधित भाषा के सभी ध्वनि प्रतीकों के लिए लिपि चिह्न देने का प्रयास किया जाता है। मौखिक भाषा के कितने रूप हैं?इसे सुनेंरोकेंभाषा के मुख्यतः 3 रूप होते है मौखिक भाषा, लिखित भाषा और सांकेतिक भाषा । सामान्य तौर पर भाषा के केवल 2 रूप होते हैं मौखिक भाषा और लिखित भाषा। पढ़ना: चरित्र प्रमाण पत्र के लिए क्या क्या चाहिए? मौखिक भाषा के उदाहरण क्या है? इसे सुनेंरोकेंउदाहरण- आज राम के विद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। जिसमे वक्ताओं ने बोलकर तथा श्रोताओं ने सुनकर आनंद उठाया। उपर्युक्त उदाहरण में वक्ता के बोलने पर जब श्रोता उसे समझता है, तो इन दोनों के बीच अपनी भावनाओं को समझने का जो माध्यम है, वह मौखिक भाषा है। लिखित भाषा को क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंलिखित भाषा (Written Language) – जब व्यक्ति अपने विचारों को लिखकर प्रकट करता है तो भाषा के इस रूप को लिखित भाषा कहते हैं। भाषा के विकासक्रम में मौखिक रूप के बाद भाषा के लिखित रूप का विकास हुआ। किसी तथ्य या विचार को वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए लिखित भाषा का ही प्रयोग किया जाता हैं। मौखिक भाषा के उद्देश्य क्या है?इसे सुनेंरोकेंमौखिक भाषा के द्वारा विचारों के आदान-प्रदान से नई-नई जानकारियाँ मिलती हैं। अशिक्षित व्यक्ति बोलचाल के द्वारा ही ज्ञान अर्जित करता है। रोजमर्रा के कार्य-कलापों में मौखिक भाषा प्रयुक्त होती है। सामाजिक संबंधों के सुदृढ़ बनाने में एवं सामाजिक जीवन में सामंजस्य स्थापित करने में मौखिक भाषा की प्रमुख भूमिका होती है। पढ़ना: शिशु उल्टी क्यों करता है? लिखित भाषा की क्या विशेषताएं हैं?इसे सुनेंरोकेंलिखित भाषा की विशेषताएँ – (1) यह भाषा का स्थायी रूप है। (2) इस रूप में हम अपने भावों और विचारों को अनंत काल के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। (3) यह रूप यह अपेक्षा नहीं करता कि वक्ता और श्रोता आमने-सामने हों। (4) इस रूप की आधारभूत इकाई ‘वर्ण’ हैं जो उच्चरित ध्वनियों को अभिव्यक्त (represent) करते हैं। भाषा एवं बोली में क्या अंतर है?इसे सुनेंरोकेंबोली और भाषा में सामान्य अंतर भाषा में व्याकरण होता है किंतु बोली में नहीं होता। भाषा की लिपि होती है किंतु बोली कि नहीं होती। भाषा विस्तृत होती है किंतु बोली क्षेत्रीय होती है। भाषा नियमों की मोहताज होती है किंतु बोली नहीं होती। मौखिक भाषा का कौन सा रूप है?आमने-सामने बैठे व्यक्ति परस्पर बातचीत करते हैं अथवा कोई व्यक्ति भाषण आदि द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तो उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं। जब व्यक्ति किसी दूर बैठे व्यक्ति को पत्र द्वारा अथवा पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में लेख द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तब उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं।
भाषा के लिखित रूप को क्या?Answer: भाषा के लिखित रूप को लिपि या फिर लिखित भाषा भी कहते हैं। भाषा हम बोलते हैं मौखिक रूप से जब उसे लिखने की श्रेणी में है या लिखित तौर पर पेश किया जाता है तो उसे लिपि कहते हैं।
मौखिक भाषा और लिखित भाषा क्या है?हम सभी अपनी मन की बातों, विचारों और भावों को व्यक्त करने के लिए मौखिक और लिखित भाषा का प्रयोग करते हैं. अधिकांशत अपनी मन की बातों को दूसरों तक पहुंचाने के लिए हम सभी मौखिक भाषा का प्रयोग करते हैं. लेकिन कुछके स्थितियों में विचारों, भावों को व्यक्त करने के लिए लिखित भाषा का भी प्रयोग करते हैं.
लिखित एवं मौखिक भाषा का क्या महत्व है?मौखिक भाषा भावों को व्यक्त करने का मुख्य साधन है। यदि हम अपने प्रतिदिन के व्यवहार पर नजर डालें, तो पाएँगे कि असंख्य बार मौखिक भाषा के प्रयोग द्वारा अक्षरों का महत्त्व ही अपनी बात हम दूसरों तक पहुँचाते हैं। मौखिक भाषा द्वारा बोलकर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात दूसरों को बताई जा सकती है।
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