सड़क हादसों में महायुद्धों से अधिक मौतें, चौंकाते हैं भारत के आंकड़े
भारत में अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं। - फोटो : SELF Show
भारत के आज तक के युद्धों में जितने सैनिक शहीद नहीं हुए, उससे ज्यादा लोग सड़कों पर दुर्घटना में एक साल में मारे जाते हैं, इसलिए चिंतित सुप्रीम कोर्ट को यहां तक कहना पड़ा कि देश में इतने लोग सीमा पर या आतंकी हमले में नहीं मरते जितने सडकों पर गड्ढों की वजह से मर जाते हैं। पिछले एक दशक में ही भारत में लगभग 14 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं। इन मौतों का दुष्प्रभाव तो मृतकों के परिवार पर पड़ना स्वाभाविक ही है साथ ही देश की प्रगति भी इन हादसों से प्रभावित होती है। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार भी वर्ष 2018 में वर्ष 2017 की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई। विश्व सड़क सुरक्षा से संबंधित ब्रासिलिया घोषणा-पत्र में भारत ने सड़क दुर्घटनाओं में 2020 तक 50 प्रतिशत तक कमी लाने का संकल्प जताया था। जबकि सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मौतों में भी 2.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हो गई। सड़कों पर लाशों का अम्बार वर्ष 2017 में हुई 4,64,910 की तुलना में इस वर्ष 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं देखने को मिली हैं। इसी अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी लगभग 2.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2018 में 1,51,471 लोग मारे गए, जबकि 2017 में 1,47,913 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए थे। सड़क दुर्घटनाओं में लगने वाली चोटों में 2017 के मुकाबले 2018 में 0.33 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई। मंत्रालय की यह रिपोर्ट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभाग द्वारा उपलब्ध की गई जानकारी के आधार तैयार की गई है। सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मौतों में भी 2.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई। कुल दुर्घटनाओं का 30.2 प्रतिशत दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर दर्ज की गईं। विश्व स्वाथ्य संगठन का अनुमान अधिक इसी तरह ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ के आंकड़ों के अनुसार भारत में सड़क दुर्घटना में पिछले 10 सालों में 13,81,314 लोगों की मौत और 50,30,707 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। देश में हर 3.5 मिनट में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है। सड़क दुर्घटना में कितने लोग मरते हैं?ओवर स्पीडिंग के कारण 2021 में 87 हजार से ज्यादा हुई मौतें
एनसीआरबी के रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरस्पीडिंग के कारण वर्ष 2021 में 87,050 लोगों की जान गई। जबकि लापरवाही से वाहन चलाने के कारण 42,853 लोगों की मृत्यु हो गई। इस तरह बीते साल कुल 1,55,622 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई।
भारत में 1 दिन में कितना एक्सीडेंट होता है?साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई इस साल 3,66,138 रोड एक्सीडेंट हुए. वहीं, साल 2019 से तुलना की जाए तो साल 2020 में 18.46% कम एक्सीडेंट हुए. गडकरी ने बताया कि साल 2020 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 1,31,714 लोगों ने अपनी जान गंवाई. ये आंकड़ा साल साल 2019 के आंकड़े से 22.84% कम है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष सड़क हादसे में कितने व्यक्तियों की मौत हो जाती है?विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार पूरी दुनिया में हर साल सड़क हादसों में 13 लाख लोग मारे जाते हैं। इस आधार पर दुनिया में हर एक मिनट में दो से अधिक मौतें होती हैं।
विश्व की कुल सड़क दुर्घटना में से कितने प्रतिशत हादसे भारत में होते हैं?11 प्रतिशत मृत्यु भारत में होती है सड़क दुर्घटना में होनेवाली कुल मृत्यु का और कुल सड़क हादसों के छह प्रतिशत का गवाह भारत बनता है, जबकि दुनिया के वाहन का महज एक प्रतिशत ही हमारे यहां है (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय 2018). 13 लाख लोग मारे गये और 50 लाख घायल हुए भारत में, सड़क हादसों में केवल बीते दशक में.
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