वायु प्रदूषण के क्या कारण है इससे बचने के लिए आप क्या उपाय करेंगे? - vaayu pradooshan ke kya kaaran hai isase bachane ke lie aap kya upaay karenge?

भारत में गरीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी, आदि जैसी गंभीर समस्याओं की श्रेणी में वायु प्रदूषण की समस्या भी शामिल हो चुकी है जिसका स्तर सालदरसाल बढ़ता ही जा रहा है अख़बारों और टीवी में वायु प्रदूषण और उससे होने वाली मौत से जुड़ी ख़बरें रोज़ देखने को मिल जाती हैं और अक्सर ऐसे आंकड़े सामने आते रहते हैं कि दुनिया में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर भारत में ही हैं। प्रदूषण की समस्या से हमारे पर्यावरण के साथसाथ हमारे स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ रहा है और दूषित हवा में सांस लेने के कारण लोगों को गंभीर बीमारियाँ भी हो रही हैं। भारत में बढ़ती आबादी के कारण लोगों की ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं और उन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नयी इमारतों, उद्योगों, शॉपिंग मॉल, रिहायशी इलाकों आदि का निर्माण हो रहा है। इन इमारतों के निर्माण के लिए भारी मात्रा में जंगलों को काटा जा रहा है हम एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने में व्यस्त हो चुके हैं जहाँ जंगल कम और इमारतें ज़्यादा हैं, जहाँ ताज़ी, स्वच्छ हवा कम और धुएँ के बादल ज़्यादा हैं। हमारी दैनिक गतिविधियों में अनेक काम ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष तौर पर वायु प्रदूषण के कारण बन रहे हैं। 

यहाँ हम वायु प्रदूषण के कारण और निवारण के बारे में आपको बतायेंगे कि कैसे आप वायु प्रदूषण को कम  करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं

वायु प्रदूषण के क्या कारण है इससे बचने के लिए आप क्या उपाय करेंगे? - vaayu pradooshan ke kya kaaran hai isase bachane ke lie aap kya upaay karenge?

वायु प्रदूषण के कारण: 

1. भारत में बहुत सारे उद्योग और पावर प्लांट हैं जहाँ से दूषित धुएँ का उत्सर्जन होता है और यह धुआँ हवा में मिलकर हवा को भी प्रदूषित करता है यही कारण है कि पावर प्लांट और उद्योगों के कारण अत्यधिक मात्रा में वायु प्रदूषण होता है

2. बढ़ती आबादी के साथ साथ हमारी ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं और लोगों के पास निजी वाहन भी बढ़ रहे हैं सार्वजनिक वाहनों की जगह निजी वाहनों का इस्तेमाल करने से गाड़ियों से निकलने वाला दूषित धुंआ हवा में प्रदूषण फैलाता है यही कारण है कि आजकल लोग घरों से बाहर निकलने पर मास्क या कपड़े आदि से नाक और मुँह ढककर निकलते हैं ताकि दूषित हवा में मौजूद प्रदूषण के तत्वों से खुद की सुरक्षा कर सकें 

3. कारख़ानों और फ़ैक्टरियों की चिमनियों से लगातार भारी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्सइड, एवं अन्य रासायनिक धुंए का उत्सर्जन होता है जो वायु प्रदूषण बढ़ाता है।

4. हमारे घरों और ऑफ़िस में लगे एयर कंडीशनर से क्लोरोफ्लोरो कार्बन निकलते हैं जो हमारे वातावरण को गंभीर रूप से दूषित करते हैं और साथ ही ओज़ोन परत को भी नुक्सान पहुँचाती है।

5. मौजूदा हालातों को देखा जाये तो पिछले सालों से देश की राजधानी दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में सर्दियों की शुरुआत और दीवाली की बाद प्रदूषण की मात्रा  में गंभीर वृद्धि देखने को मिलती है ख़बरों और तथ्यों के अनुसार हर साल फसल कटने के बाद किसानों द्वारा पराली जलाई जाती है जिसके कारण अत्यधिक मात्रा में धुएँ का उत्सर्जन होता है यह धुंआ दिल्ली के आसपास के इलाकों को गंभीर रूप से प्रदूषित करता है। दीवाली पर जलाये जाने वाले पटाखों के कारण भी प्रदूषण होता है 

वातावरण पर वायु प्रदूषण का प्रभाव: 

बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण मौसम सम्बन्धी परेशानियां भी सामने आयी हैं. वे समस्याएं हैं: 

1. वायु प्रदूषण के कारण सामान्य तापमान में भी वृद्धि हो गयी है और पिछले १० सालों से सर्दियाँ लगातार घटती ही जा रही हैं।

2. वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के कारण ओज़ोन परत भी घटती जा रही है जिससे तापमान में वृद्धि हो रही है।

3. वातावरण में मौजूद प्रदूषकों के कारण मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है और प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियाँ भी हो रही हैं। दूषित हवा में जाने से सांस लेने में परेशानी, सीने में जकड़न, आँखों में जलन आदि जैसी समस्याएं होती हैं

जाने माने अखबार दि टेलीग्राफ़ के अनुसार दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 9 शहर भारत में ही हैं और यह खबर भारत के लिए बेहद गंभीर है कि हम रोज़ इतनी प्रदूषित हवा में साँस लेते हैं हालाँकि वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय भी हैं जिन्हें हर व्यक्ति निजी स्तर पर अपनाना शुरू करे तो यह प्रदूषण कम किया जा सकता है। 

यह हैं कुछ वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय :

1. निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें क्योंकि सड़क पर जितनी कम गाड़ियाँ रहेंगी उतना कम प्रदूषण भी होगा अपने बच्चों को निजी वाहन से स्कूल छोड़ने की जगह उन्हें स्कूल की बस में जाने के लिए प्रोत्साहित करें जहाँ तक मुमकिन हो, खुद भी ऑफ़िस जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें आप साइकिल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि साईकिल से पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता है और आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

2. हमारी दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली उत्पन्न करने के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है और इससे निकलने वाला धुआँ हमारे वातावरण के लिए बेहद खतरनाक होता है इस तरह के प्रदूषण से बचने के लिए आपको सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे आपके पैसे भी बचेंगे और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा।

3. घरों में सोलर पैनल लगवाने के साथसाथ आप सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमे डीज़ल या पेट्रोल की भी ज़रूरत नहीं होती है सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों से दूषित गैस उत्सर्जन की भी समस्या नहीं होती है और पर्यावरण के लिए साईकिल के बाद सोलर वाहन ही सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद हैं

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4. अगर आप निजी वाहनों का उपयोग करते हैं तो आपको कार पूलिंग करनी चाहिए कार पूलिंग में आप एक ही कार में अन्य लोगों को भी बैठा कर ले जा सकते हैं ताकि सबको अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़े और प्रदूषण भी कम हो सके

5. अपने बगीचे की सूखी पत्तियों को जलाने की जगह उनका खाद बनाकर बगीचे में ही इस्तेमाल करें इससे आपके पेड़पौधों को भी फायदा होगा और पत्तियां जलाने से धुआँ भी नहीं होगा।

6. केंद्र एवं राज्य सरकारों को पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कानून बनाने चाहिए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा जनता प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से ले सके और वायु प्रदूषण का निवारण हो सके। दिल्ली सरकार द्वारा ऑडईवन वाली स्कीम हर साल अपना सकारात्मक प्रभाव दिखती है 

वायु प्रदूषण वैश्विक स्तर पर गंभीर समस्या बन चुका है। वायु प्रदूषण के कारण विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ हो रही हैं और साफ हवा में खुल कर साँस लेना महज़ एक ख़्वाब बनकर रह गया है। हालांकि ऊपर बताये गए सभी उपायों को ध्यान में रखकर आप वायु प्रदूषण रोक सकते हैं और ऐसे भारत का निर्माण कर सकते हैं जहाँ खुली हवा में सांस लेना स्वास्थ्य पर भारी पड़े।

वायु प्रदूषण के क्या कारण है इससे बचने के लिए हम क्या उपाय करेंगे?

यह हैं कुछ वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय : निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें क्योंकि सड़क पर जितनी कम गाड़ियाँ रहेंगी उतना कम प्रदूषण भी होगा। अपने बच्चों को निजी वाहन से स्कूल छोड़ने की जगह उन्हें स्कूल की बस में जाने के लिए प्रोत्साहित करें।

वायु प्रदूषण के कारण क्या है?

बहुत से उद्योग भी वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं। पेट्रोलियम परिष्करणशालाएँ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषकों की प्रमुख स्रोत हैं। विद्युत संयंत्रों में कोयला जैसे ईंधन के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।

क्या वायु प्रदूषण के 10 कारण होते हैं?

Vayu Pradushan par 10 Vakya - Set 1 1) वातावरण की वायु में घुली हानिकारक गैस और अशुद्ध कण वायु प्रदुषण कहलाती हैं। 2) उद्योग, वाहन व ज्वालामुखी से उत्सर्जित गैस वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। 3) मानवजनित गतिविधियां वायु प्रदूषण के कारण होते हैं। 4) जीवाश्म ईंधन का अधिक दोहन और जंगल की आग भी प्रदूषण का कारण है।

वायु प्रदूषण का का सबसे मुख्य कारण कौन है?

वायु प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है ?