भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जा रहा है? - bhaarat mein raashtreey shiksha divas kab manaaya ja raha hai?

Rashtriya Shiksha Diwas 2022: प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी की जयंती (बर्थडे) को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में कई सराहनीय कार्य किए।

इस साल हम 15वां एजुकेशन दिवस और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी की 135वीं जयंती मना रहे है। भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे, उनका जन्म 11 नवंबर, 1888 को हुआ था। वर्तमान 2022 में श्री धर्मेंद्र प्रधान जी माननीय शिक्षा मंत्री है।

भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जा रहा है? - bhaarat mein raashtreey shiksha divas kab manaaya ja raha hai?
Rashtriya Shiksha Diwas 2022 Maulana Azad Jayanti National Education Day के बारे में:
नाम: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
स्मृति दिवस: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती
शुरूआत: वर्ष 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) भारत सरकार द्वारा
तिथि: 11 नवम्बर (वार्षिक)
उद्देश्य: राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने एवं प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने हेतु।

विषय सूची

  • कब मनाते है?
  • इतिहास (शुरूआत)
  • क्यों (उद्देश्य)
  • मौलाना आज़ाद बायोग्राफी
  • शिक्षा में उनका योगदान
  • विचार (कोट्स)

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरूआत कब और कैसे हुई? (इतिहास)

देश के पहले शिक्षा मंत्री और उनके शिक्षा क्षेत्र में किए योगदानों को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने 11 सितंबर, 2008 को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिन के दिन यानि 11 नवंबर को हर साल ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस‘ (National Education Day) के रूप में मनाने का फैसला किया था। तभी से हर साल 11 नवम्बर को नेशनल एजुकेशन डे मनाया जाने लगा।

आपको बता दें कि हर साल विश्व स्तर पर शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने के लिए 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।

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नेशनल एजुकेशन डे क्यों और कैसे मनाया जाता है?

इस दिन, शिक्षा के महत्व को बताने और एजुकेशन को लेकर जागरूकता फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा का प्रकाश पहुचाने तथा सबको साक्षर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों का आयोजन किया जाता है। देशभर में मौलाना आज़ाद (Maulana Azaad Birthday) जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और उन्हें याद करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है।

इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों में तरह-तरह के प्रोग्रामों, सेमिनारों तथा निबंध लेखन और चित्रकला जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

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Maulana Abul Kalam Azad Quotes in Hindi

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मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जीवन परिचय (About Maulana Azad In Hindi)

मौलाना आज़ाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का, साउदी अरब में हुआ, उनका पूरा नाम ‘मौलाना सैय्यद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल-हुसैनी आज़ाद‘ था। वे महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद और भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे।

उन्होंने 1947 से 1958 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री के रूप में देश की सेवा की।

पढ़ाई लिखाई

अपने शिक्षा के शुरूआती दिनों में वे अपने पिता से घर में ही इस्लामी शिक्षा लेते रहे, लेकिन बाद में इस्लामी शिक्षा के अलावा आज़ाद ने दर्शनशास्त्र, ज्यामिति, गणित और बीजगणित का भी अध्ययन किया। उन्होंने Self Study करके अंग्रेजी भाषा, दुनिया का इतिहास एवं राजनीति विज्ञान सीखा।

उन्होंने अरबी और फ़ारसी भी सीखी, और 16 साल में ही वो सभी शिक्षा ग्रहण कर ली जिसे आमतौर पर लोग 25 साल में करते है।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी उनका अहम योगदान रहा उन्होने 1905 में बंगाल के विभाजन का विरोध किया और बंगाल के दो प्रमुख क्रांतिकारियों अरविंद घोष और श्री श्याम सुंदर चक्रवर्ती के सहयोग से ब्रिटिश शासन के क्रांतिकारी आंदोलन में शामिल हुए।

साथ ही दो साल के भीतर पूरे उत्तर भारत और बॉम्बे में गुप्त क्रांतिकारी केंद्र स्थापित किए। जिसके बाद उन्होंने 1912 में मुसलमान युवकों को क्रांतिकारी आन्दोलनों के प्रति उत्साहित करने और हिन्दू-मुस्लिम एकता को बढ़ाने के लिए ‘अल-हिलाल‘ नामक एक साप्ताहिक उर्दू अखबार शुरू किया।

वे जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोधी नेताओं में से एक और खिलाफ़त आन्दोलन के प्रमुख थे।

मृत्यु और सम्मान

22 फरवरी 1958 को दिल का दौरा पड़ने से उनका नई दिल्ली (भारत) में निधन हो गया। स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् के तौर पर उनके योगदानों के लिए 1992 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

वे उर्दू में कविताएँ लिखते थे और लोग उन्हें ‘कलम के योद्धा‘ के रूप में भी जानते हैं।

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Maulana Abul Kalam Azad Ke Anmol Vichar

मौलाना अबुल कलाम का शिक्षा में योगदान और शैक्षणिक संस्थान:

Maulana Azad ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत से स्कूलों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना करवाई, उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना की और देश में मुफ्त शिक्षा के लिए काम किया। जिसमें से कुछ योगदान निम्नलिखित है:

  • Maulana Abul Kalaam Azad ने 28 दिसंबर 1953 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की स्थापना की।

  • शिक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने नि:शुल्क शिक्षा एवं भारतीय शिक्षा पद्धति में अहम योगदान दिया।

  • उन्होंने IISc और School of Architecture and Planning की भी स्थापना की थी।

  • आधुनिक समय के IIT मुलाना अबुल कलाम के दिमाग की उपज थे।

  • उन्होंने देश में शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संगीत नाटक अकादमी (1953), साहित्य अकादमी (1954) और ललित कला अकादमी (1954) की स्थापना की।

शिक्षा के प्रति उनकी विचारधारा:

वे महिलाओं की शिक्षा पर ख़ासा जोर दिया करते थे उनका मानना था कि शिक्षा का तब तक कोई महत्व नहीं जब तक इसका संचार महिलाओं तक न हो। इसके साथ ही वे व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा के सहयोगी थे और आधुनिक विज्ञान पर विशेष जोर देते थे।

तथा उनका पक्ष मातृभाषा में ही प्राथमिक शिक्षा देने पर था उनके अनुसार प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए। उन्होंने 14 साल की आयु तक सभी बच्चों के लिए ‘निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा‘ की वकालत की।

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मौलाना अबुल कलाम आजाद के अनमोल वचन और सुविचार (Quotes)

  1. लोकतंत्र का जीवित रहना बहुत जरूरी है। यह देश की ऐसी विशेषता है जो आधुनिक भारत को दूसरों से अलग बनाती है।

    -मौलाना अबुल कलाम आजाद

  2. मुझे भारतीय होने पर गर्व है मैं भारतीय राष्ट्रीयता का हिस्सा हूँ और मैं हर पल भारत के निर्माण के लिए खड़ा रहूँगा।

    -मौलाना अबुल कलाम आजाद

  3. सभी धर्म समान है, हमे सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।

    -मौलाना अबुल कलाम आजाद

  4. हमें जिंदगी में कभी हताश नहीं होना चाहिए, हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए।

  5. भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जा रहा है? - bhaarat mein raashtreey shiksha divas kab manaaya ja raha hai?
    Maulana Abul Kalam Azad Thoughts in Hindi
  6. राष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रमों का तब तक कोई महत्व नहीं, जब तक शिक्षा का संचार महिलाओं तक न हो।

  7. बच्चे की प्राथमिक शिक्षा उसकी मातृभाषा में होनी चाहिए।

  8. पेड़ लगाने वाले सभी लोगों में से कुछ को ही उनका फल मिलता है।

  9. दिल से दी गयी शिक्षा समाज में क्रांति ला सकती है।

  10. गुलामी बहुत बुरी होती है भले ही इसका नाम कितना ही ख़ूबसूरत क्यों न हो।

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स्वतंत्रता सेनानी अबुल कलाम आजाद ने कौन सी किताब लिखी?

अपने जीवन काल में मौलाना आज़ाद ने कई किताबे लिखी परन्तु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर लिखी उनकी किताब ‘इंडिया विंस फ्रीडम’ को काफी पसंद किया गया, जो सन 1957 में प्रकाशित हुई थी।

भारत में शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्य कौन से है?

भारत में शिक्षा के प्रसार हेतु कई अभियान चलाए जा रहे हैं जिनमें ‘सर्व शिक्षा अभियान‘ से लेकर ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ एवं ‘सब पढ़े सब बढ़े‘ जैसे अभियान और नारे शामिल है। साथ ही सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में मुफ्त शिक्षा भी दी जा रही है, और बीते दिनों शिक्षा पद्धति में भी बदलाव देखने को मिला है।

भारत में शिक्षा का अधिकार (राइट टू एजुकेशन) के तहत 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा उनका मौलिक अधिकार है।

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब शुरू हुआ?

शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को देखते हुए प्रतिवर्ष मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिन (11 नवंबर) की स्मृति में ही 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' मनाया जाता है। वैधानिक रूप से 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' का प्रारंभ 11 नवंबर, 2008 से किया गया। प्रत्येक वर्ष शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम तय की जाती है।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस प्रतिवर्ष किसकी याद में मनाया जाता है?

National Education Day: हर साल की तरह इस बार भी पूरे देश में नेशनल एजुकेशन डे (National Education Day 2022) मनाया जा रहा है। यह खास दिन प्रतिवर्ष 11 नवंबर को देश के पहले एजुकेशन मिनिस्टर मौलाना अबुल कलाम आजाद की बर्थ एनिवर्सरी को दर्शाने के लिए मनाया जाता है।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम क्या है?

इस बार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 की थीम विषय "पाठ्यक्रम बदलना और शिक्षा को बदलना" हैशिक्षा मंत्रालय हर साल एक अलग फोकस क्षेत्र निर्धारित करता है

शिक्षा दिवस क्यों मनाते हैं?

डीएनए हिंदी: भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम (maulana abul kalam azad ) की जयंती के उपलक्ष्य में भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (national education day) मनाया जाता है. उन्होंने साल 1947 से 1958 के बीच पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार के दौरान पहले शिक्षा मंत्री के रूप में देश की सेवा की.