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Who Was The First Woman President Of India in Hindi?: प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने इतिहास रचते हुए 25 जुलाई, 2007 को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया था। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वकील थीं, जो भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। वह भारत की 12वीं राष्ट्रपति थीं और राजस्थान के राज्यपाल के पद पर काबिज होने वाली पहली महिला राज्यपाल थीं। उन्होंने 25 जुलाई, 2007 से जुलाई 2012 तक देश के लिए सेवा प्रदान की। प्रतिभा पाटिल का जन्म 'जलगाँव' के 'नदगाँव' नामक ग्राम में 19 दिसम्बर, 1934 को हुआ था। इनके पिता का नाम 'नारायण राव पाटिल' था, जो पेशे से सरकारी वकील थे। उस समय देश पराधीनता की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। ऐसे में यह कल्पना करना कि देश स्वाधीन होगा और स्वाधीन भारत की महामहिम राष्ट्रपति नदगाँव ग्राम की एक बेटी बनेगी, सर्वथा असम्भव ही था। आज इस लेख में हम भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के बारे में संपूर्ण चर्चा करने जा रहे हैं। भारत की पहली महिला राष्ट्रपति: प्रतिभा पाटिलप्रतिभा देवी सिंह पाटिल भारत की 12वीं राष्ट्रपति थीं। वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला और पहली महाराष्ट्रियन थीं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य थीं, उन्हें सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (United Progressive Alliance - UPA) द्वारा नामित किया गया था। प्रतिभा पाटिल के पिता सरकारी वकील थे, इस कारण परिवार में बेटी की शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल था। प्रतिभा पाटिल ने आरम्भिक शिक्षा नगरपालिका की प्राथमिक कन्या पाठशाला से आरम्भ की थी। कक्षा चार तक की पढ़ाई श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने उसी पाठशाला में की। फिर इन्होंने जलगाँव के नये अंग्रेज़ी स्कूल में कक्षा पाँच में दाखिला ले लिया। वर्तमान में उस स्कूल को 'आर.आर. विद्यालय' के नाम से जाना जाता है। विद्यालय स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए भी प्रतिभा पाटिल ने अपने व्यक्तित्व का विकास अन्य गतिविधियों में लिप्त रहते हुए किया। भाषण, वाद-विवाद एवं खेलकूद की गतिविधियों में भी प्रतिभा पाटिल का वैशिष्ट्य भाव उभरकर सामने आया। वह मात्र शैक्षिक पुस्तकों में ही लिप्त नहीं रहती थीं, वरन् व्यक्तित्व के सभी पहलुओं की ओर उनका ध्यान था। प्रतिभा पाटिल को शास्त्रीय संगीत के प्रति भी गहरा लगाव था। टेबल टेनिस की भी वह निपुण खिलाड़ी थीं। भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मुद्रौपदी मुर्मू को भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है। वह 25 जुलाई, 2022 को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगी। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। 21 जुलाई, 2007 को सुबह 11 बजे शुरू हुई गिनती में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (यूपीए) के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे चरण की गिनती में ही हरा दिया। उन्हें जीत के लिए जरूरी 5 लाख 43 हजार 261 वोट तीसरे राउंड में ही मिल गए। इससे पहले द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रही हैं। वह 18 मई, 2015 से 12 जुलाई, 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं। भारत के सभी राष्ट्रपतियों की सूचीउम्मीदवार नीचे दी गई तालिका में भारत के सभी राष्ट्रपतियों की सूची को देख सकते हैं -
FAQs: Who Was The First Woman President Of India?Q1. भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति कौन थीं? उत्तर: द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति थीं। Q2. भारत की पहली महिला राष्ट्रपति कौन थी? उत्तर: प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। Recent Posts:विश्व की पहली महिला राष्ट्रपति कौन है?Detailed Solution. दुनिया की पहली महिला राष्ट्रपति अर्जेंटीना की मार्मा एस्तेला 'इसाबेल' मार्टिनेज कार्टास डी पेरोन थी। वह 1974 से 1976 तक अर्जेंटीना की राष्ट्रपति थी। उनके पति राष्ट्रपति जुआन पेरोन के कार्यालय में मृत्यु हो जाने के बाद, इसाबेल 1 जुलाई, 1974 से 24 मार्च, 1976 तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा प्रदान की थी।
भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति कौन थी?इससे पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति है। 25 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति का पद रामनाथ कोविंद को प्राप्त हुआ जो भारत के 14वे राष्ट्रपति थे। वर्तमान में द्रौपदी मुर्मू भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति है। 25 जुलाई 2022 को भारत की पन्द्रहवीं राष्ट्रपति बनी है।
भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति कौन सी थी?भारत की पहली महिला राष्ट्रपति: प्रतिभा पाटिल
भारत के प्रथम राष्ट्रपति का नाम क्या है?डॉ राजेंद्र प्रसाद (First President of India: Dr. Rajendra Prasad) भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे, वह भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के मुख्य नेताओं में से एक थे। सम्पूर्ण भारत में डॉ राजेंद्र प्रसाद काफी लोकप्रिय थे जिसके बाद से उन्हें राजेंद्र बाबू एवं देश रत्न कहकर बुलाया जाता था।
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