बिहार के स्कूली शिक्षा में कंप्यूटर कैसे सहायक हो सकती है ?वर्णन करें | - bihaar ke skoolee shiksha mein kampyootar kaise sahaayak ho sakatee hai ?varnan karen |

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बिहार के स्कूली शिक्षा में कंप्यूटर कैसे सहायक हो सकती है ?वर्णन करें | - bihaar ke skoolee shiksha mein kampyootar kaise sahaayak ho sakatee hai ?varnan karen |

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पटना.    राज्य के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा अधर में है। पहले तो 2007 से राज्य में कंप्यूटर शिक्षा देने की योजना पांच साल बाद यानी 5 सितंबर 2012 से शुरू हुई थी। पांच साल की यह योजना 5 सितंबर 2017 में बंद हो गई । 734 नए उच्च व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू होना है। लेकिन कंप्यूटर शिक्षा शुरू होने पर ही प्रश्नचिह्न लग गया है। आईसीटी@स्कूल योजना के तहत कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को बेसिक कंप्यूटर के साथ ही इससे जुड़े स्कूल स्तर की कंप्यूटर शिक्षा का दिया जाता है। तीन एजेंसियों का अभी भी लगभग 30 करोड़ रुपए बकाया है।

इस योजना के लिए 14 लाख रुपए एजेंसी को देने का प्रावधान किया गया था। 126 करोड़ की योजना में केंद्र ने 60 प्रतिशत राशि दे दी थी। योजना में केंद्र सरकार 60 और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि का प्रावधान है। पिछली योजना का बकाया राशि की व्यवस्था शिक्षा विभाग को करना है। पिछले दो साल पहले ही तय किया गया था कि 834 के बाद 734 नए स्कूलों में आईसीटी@स्कूल योजना के तहत कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को बेसिक कंप्यूटर का ज्ञान देना है।

पांच साल तक जिन स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई हो रही थी, योजना बंद होने के बाद यहां के शिक्षक भी बेरोजगार हो चुके हैं। 734 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए तत्काल 56 करोड़ की राशि की व्यवस्था करनी होगी, जिससे पिछली बकाया का भुगतान किया जा सके। आईसीटी@स्कूल योजना पांच साल देर शुरू करने के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उच्च अधिकारियों ने टिप्पणी की थी कि बिहार में योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं होता। अब एक बार फिर 734 हाईस्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा देने की योजना पर फिर ग्रहण लगता दिख रहा है। 

राज्य के एक हजार हाईस्कूलों में नहीं शुरू हुई वर्चुअल क्लास
2016 में सरकार ने दावा किया था कि हर हाल में 2017-18 सत्र से एक हजार स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू करा दिया जाएगा। अभी तक यह योजना फाइलों में ही है। चालू सत्र के 11 माह बाद भी अभी तक वर्चुअल क्लास के लिए स्कूलों का चयन भी नहीं हो पाया है। इसके लिए चयनित स्कूलों में 10-10 कंप्यूटर लगाना है। वर्चुअल क्लास रूम तैयार करने के लिए प्रत्येक स्कूल को लगभग 60-60 लाख रुपए खर्च होंगे।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत शुरू होनी है नई व्यवस्था
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत वर्चुअल क्लास शुरू करना है। इसके तहत स्कूलों में पर्याप्त आधारभूत संरचना व इंटरनेट की सुविधा दिया जाना है। इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे क्लासरूम ट्रांजेक्शन से भी जोड़ा जाना है। एक क्लास की रिकार्डिंग कर दूसरे स्कूलों में पढ़ाया जा सकता है। समीक्षा बैठक में अधिकारियों को शिक्षा मंत्री ने 15 अगस्त तक वर्चुअल क्लास हर हाल में शुरू करने के लिए कहा था। राज्य के उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी है।  

क्या है वर्चुअल क्लास

वीडियो और साउंड माध्यम से कक्षा के बच्चे राज्य या राज्य के बाहर के योग्य शिक्षकों से पढ़ सकेंगे। ऑनलाइन पढ़ाई होगी। क्लास रूम में कंप्यूटर के माध्यम से प्रोजेक्टर पर बच्चे शिक्षक से पढ़ने के साथ ही सवाल भी पूछ सकते हैं।

वर्चुअल क्लास के फायदे 

- शिक्षकों की कमी के बाद भी बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिल सकती है

- अन्य राज्यों के शिक्षकों से भी बच्चे पढ़ सकेंगे

- अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय में बच्चों की रूचि बढ़ाई जा सकेगी

- बच्चे तकनीकी रूप से भी समृद्ध होंगे

नहीं ले सकी है योजना मूर्त रूप

राज्य प्रमुख आईएलएफएस अभिषेक कुमार ने बताया कि 834 में से 339 स्कूलों में आईएलएफएस ने कंप्यूटर लगाने और शिक्षकों की बहाली की थी। कंप्यूटर शिक्षक को 8 हजार प्रतिमाह मानदेय दिया जाता था। इन शिक्षकों को पीएफ भी दिया जा रहा था। आईएलएफएस सहित तीन एजेंसियों का 30 करोड़ से अधिक राशि बकाया है। कंप्यूटर शिक्षा के लिए 734 स्कूलों का चयन दो साल पहले ही हो चुका है। 

स्कूली शिक्षा के लिए कंप्यूटर की आवश्यकता क्यों है?

कंप्यूटर पर छात्रों को शिक्षा देने से छात्रों को विषय आसानी से समझ आ जाता है। कंप्यूटर की वजह से आज के दिन बहुत से कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध है, जिनको बच्चे घर से ही पढ़ सकते है, या बहुत सी ऐसी वेबसाइट हैं जो विभिन्न विषयों की शिक्षा ऑनलाइन अच्छे ट्यूटर द्वारा उपलब्ध करवाती है।

कंप्यूटर शिक्षा क्या है शिक्षा में कंप्यूटर की क्या भूमिका है?

शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर एक महासंगणक के रूप में कार्य करता है क्योंकि यह बड़ी गणनाओं को कुछ ही सेकेंड में हल कर देता है। यह सूचनाओं का संग्रह बड़ी मात्रा में करता है जिससे बड़ी मात्रा में शैक्षिक सूचनाओं का संग्रह आसानी से किया जा सकता है। इसका प्रयोग शिक्षण व अनुदेशन में किया जाता है।

विद्यालय में कंप्यूटर का क्या उपयोग है?

विद्यालय में कंप्यूटर का उपयोग स्कूलों में कम्प्यूटर फीस Collection के लिये, छात्रों का रिकॉर्ड रखने, परीक्षा से सम्बन्धित प्रश्न-पत्र बनाने व टाइम टेबिल बनाने के लिये प्रयोग किये जाते हैं। छात्रों की फीस का हिसाब रखने के लिए छात्र से सम्बन्धित सभी सूचनाएँ कम्प्यूटर में स्टोर कर दी जाती हैं।

कंप्यूटर शिक्षक के लिए कैसे उपयोगी है?

शिक्षण परिस्थितियों में (Computer in Teaching Situation)-.
छात्र के पंजीकरण के लिए पूर्व परीक्षण की व्यवस्था करना।.
वैयक्तिक कार्यक्रमों का नियोजन एवं मुद्रण करना।.
छात्रों के विकास के लिए निर्देशन करना।.
प्राप्तांकों एवं परीक्षणों को प्रयोग में लाना।.
नये पाठ्यक्रम के विकास के लिए।.