परशुराम के _ु होने पर ल मण ने धनुष के टूटके िलए कौन कौन से तकh दए? - parashuraam ke _u hone par la man ne dhanush ke tootake ile kaun kaun se takah dae?

परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?

परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए -

  1. हमें तो यह असाधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा।
  2. श्री राम को तो ये धनुष, नए धनुष के समान लगा।
  3. श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत: टूट गया।
  4. इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था।
  5. उन्होंने ऐसे अनेक धनुषों को बालपन में यूँ ही तोड़ दिया था। इसलिए यही सोचकर उनसे यह कार्य हो गया।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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08 परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन कौन से तर्क दिए 05?

परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? धनुष पुराना तथा अत्यंत जीर्ण था। राम ने इसे नया समझकर हाथ लगाया था, पर कमजोर होने के कारण यह छूते ही टूट गया। मेरी (लक्ष्मण की) दृष्टि में सभी धनुष एक समान हैं।

लक्ष्मण ने धनुष टूटने के कौन कौन से तर्क दिए हैं?

उत्तर: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कई तर्क दिए। उन्होंने कहा कि वह तो बड़ा ही पुराना धनुष था जो श्रीराम के छूने से ही टूट गया। उन्होंने कहा कि बचपन में खेल खेल में उन्होंने कई धनुष तोड़े थे इसलिए एक टूटे धनुष के लिए इतना क्रोध करना उचित नहीं है।

लक्ष्मण ने शिव धनुष के टूटने के विषय में परशुराम को क्या सफाई पेश की?

लक्ष्मण ने शिव धनुष के टूटने के विषय में परशुराम को क्या सफाई पेश की? इसे सुनेंरोकेंउन्होंने आगे परशुराम से कहा कि जिस धनुष के टूटने की अभी आप बात कर रहें हैं वह धनुष भी काफी कमजोर था। ऐसा प्रतीत हो ही रहा था कि धनुष एक झटके में टूट जाएगा क्योंकि यह धनुष काफी पुराना लग रहा था और यह काफी जर्जर भी हो चुका था।

परशुराम के क्रोर् करने पर िक्ष्मर् ने र्नुष के टूट िाने के मिए कौन कौन से तकय हदए?

Solution : परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण जी ने धनुष टूट जाने को लेकर निम्न तर्क दिए - <br> श्री राम ने धनुष को नया और बेहद मजबूत समझ कर सिर्फ धनुष को छुआ भर था <br> लेकिन धनुष बहुत पुराना व कमजोर होने के कारण टूट गया। <br> इस धनुष को तोड़ते समय श्री राम ने किसी भी प्रकार की लाभ-हानि के बारे में नहीं <br> सोचा था।