बिहार के राष्ट्रीय जानवर कौन है? - bihaar ke raashtreey jaanavar kaun hai?

क्षेत्रफल की दृष्टि से बिहार हमारे देश का 13वां सबसे बड़ा राज्य है। यह गंगा तथा उसकी सहयोगी नदियों के मैदानी भाग में स्थित है। इस राज्य में लगभग 12 वन्य जीव अभयारण्य हैं, जो कई प्रकार के पशु-पक्षियों के घर हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है Bihar ka rajkiya pashu kya hai? तो बता दे, इस राज्य का राज्य पशु गौर यानी भारतीय बायसन है। इसका जीव वैज्ञानिक नाम बाॅस गाॅरस है। भारतीय डाक विभाग ने कई वर्ष पहले इस पर 10 पैसे का एक शानदार डाक टिकट जारी किया था।

गौर केवल बिहार का ही नहीं बल्कि गोवा का भी राजकीय पशु है। यह गौरवंश का विशालतम प्राणी है। कंधे तक 6 फुट की ऊंचाई वाले वयस्क नर का वजन 650 से 1000 किग्रा. तक होता है। पूंछ को छोड़कर इसकी लंबाई करीब सवा नौ फुट होती है।

बिहार के राष्ट्रीय जानवर कौन है? - bihaar ke raashtreey jaanavar kaun hai?

मादा नर से थोड़ी छोटी होती है। नर का रंग काला एवं मादा ललछौंह भूरे रंग की होती है जो गौर की एक स्पष्ट पहचान है। इसके चारों पैरों का खुर से लेकर घुटने तक का रंग सफेद होता है। घुटने तक सफेद पैर नर एवं मादा दोनों के होते हैं। नर के सिर पर एक जोड़ी मजबूत घुमावदार सींग होते हैं जो लगभग 45 से 46 इंच तक लंबे हो सकते हैं। मादा के सींग अपेक्षाकृत पतले एवं नर से छोटे होते हैं। [जाने- उत्तर प्रदेश का राजकीय पशु कौन-सा है?]

गौर दक्षिण भारत से लेकर मध्य भारत तक तथा बिहार के पूर्वी भाग, झारखंड एवं हिमालय के तराई व असम के जंगलों में पाया जाता है।

गौर झुंड में रहने वाला जन्तु है। औसतन 10 से 15 के झुंड का नेतृत्व युवा एवं शक्तिशाली नर करता है। झुंड में मादायें, बच्चे और एक-दो वयस्क नर होते हैं। कई बार चरते-चरते दो या तीन झुंड एक साथ मिल जाते हैं जिससे यह एक बड़े झुंड का भ्रम पैदा करता है पर वास्तव में एक झुंड अमूमन अपने झुंड के अन्य सदस्यों के साथ ही चरता है और फिर पूरा झुंड अलग हो जाता है।

मुख्यतः घास ही गौर का भोजन है पर यह पेडों की छाल, बांस के पत्ते, पेड़-पौधों के गिरे पत्ते एवं फल-फूल भी खा लेता है। गौर घास के मैदानों, सदाबहार वनों एवं पतझड़ वनों में रहता है। यह सुबह एवं शाम को चरते हैं। दोपहर में यह प्रायः छायादार जगहों पर सुस्ताते हुये जुगाली करते हैं। रात्रि में ये जंगलों की ओर विश्राम करने चले जाते हैं।

इनका प्रजनन काल दिसंबर से जनवरी माह के बीच होता है। मादा 9 माह के गर्भधारण के बाद झुंड से अलग जाकर बच्चे को जन्म देती है। नवजात शिशु जन्म के 10 से 20 मिनट बाद ही अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है और लड़खड़ा कर चलने लगता है। बच्चे के चलने पर मादा झुंड में वापस आ जाती है। झुंड में बच्चे सुरक्षा की दृष्टि से अक्सर बीच में रहते हैं।

बच्चा दो वर्ष तक मां का दूध पीते हुये उसके साथ बना रहता है। चार वर्ष में गौर वयस्क होकर प्रजनन योग्य हो जाते हैं। वैसे तो गौर सांप की तरह शांत एवं शर्मीला प्राणी है पर छेड़े जाने पर खतरे के समय यह काफी आक्रामक हो जाता है। बाघ और तेंदुए इसके मुख्य प्राकृतिक दुश्मन हैं।

बिहार का राजकीय पक्षी क्या है?

बिहार का राज्य पक्षी घरेलू गौरैया है। गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस है।

ओडिशा का राज्य पक्षी क्या है?

ओडिशा का राज्य पक्षी नीलकंठ है। इसे अंग्रेजी में Blue jay या Indian roller कहते है। यह ओडिशा के साथ तीन अन्य प्रान्तों – आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना का भी राजकीय पक्षी है। यह सारे भारत में पाया जाता है। हिमालय के पहाड़ों पर यह समुद्र तल से 4000 फुट की ऊंचाई के ऊपर नहीं पाये जाते हैं।

बिहार के राष्ट्रीय जानवर कौन है? - bihaar ke raashtreey jaanavar kaun hai?

नीलकंठ कबूतर के आकार का 13 इंच लंबा पक्षी है। नीलकंठ में नर और मादा समान होते हैं। इसके सिर के ऊपरी भाग का रंग नीलापन लिये हुये हरा, पीठ और गर्दन का रंग ललछौंह भूरा और ऊपरी परों का रंग भूरा होता है।

इसकी पूंछ पर नीले रंग के धब्बे होते हैं। इसके डैने में नीले और हरे दोनों रंग के पंख होते हैं। डैने पर बादामी नीले रंग की हल्की पट्टी होती है। इसके पैरों का रंग भूरापन लिये हुये पीला होता है।

यह मैदानों, बाग-बगीचों और खेतों में रहना ज्यादा पसंद करता है। कीट-पतंगा और छोटे सरीसृप इसके मुख्य भोजन हैं। मार्च से जून के महीने में मादा अंडे देती हैं। यह अपना घोंसला पेड़ या किसी दीवार के छेद में बनाता है जो घास-फूस एवं अन्य वनस्पतियों से बड़े बेढब तरीके से बना होता है।

मादा एक बार में 4 से 6 अंडे देती है। इसके अंडे का रंग सफेद चीनी मिट्टी के समान होता है। इसका जीव वैज्ञानिक नाम कोरेशियस बेंगालेंसिस है। हिन्दी में यह सबजक, दिवि और कटानास नाम से भी जाना जाता है।

बिहार के राष्ट्रीय जानवर कौन सा है?

जागरण ब्यूरो, पटना : राज्य सरकार ने गौरैया को राजकीय पक्षी, बैल को राजकीय पशु, पीपल को राजकीय वृक्ष व गेंदा को राजकीय फूल घोषित किया है।

बिहार के राजकीय पशु का क्या नाम है *?

बिहार का राजकीय पशु बैल है जिसका वैज्ञानिक नाम – Bos Indicus है।

बिहार के राजकीय फल क्या है?

राजकीय पुष्प : गेंदा बिहार के राजकीय फूल का नाम गेंदे का फूल है. गेंदा का फूल एक ऐसा फूल है जो बिहार का लगभग हर घर मे पाया जाता है. इसकी लोकप्रियता के कारण ही बिहार सरकार ने 2013 में इसे बिहार के राजकीय पुष्प घोषित किया. इससे पहले राजकीय पुष्प कचनार का फूल था.

बिहार का राष्ट्रीय वृक्ष कौन है?

भारतीय राज्य वृक्षों की सूची.