भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?July 30, 2021 Show
(A) मौसमी बेरोजगारी Answer : A और B दोनोंExplanation : भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी और प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है। प्रच्छन्न बेरोजगारी, अर्थात् छुपी हुई बेरोजगारी, यह वह स्थिति है, जब एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है, लेकिन उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में एक श्रमिक किसी खास काम में इसलिये लगा रहता है, क्योंकि उसके पास उससे बेहतर करने को कुछ भी नहीं होता। इस स्थिति में श्रमिक के पास कोई विकल्प नहीं होता बल्कि किसी खास काम को करने की मजबूरी होती है। उदाहरण के तौर पर देखे तो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र में अक्सर देखने को मिलता है, कि जिस खेत पर काम करने के लिए एक-दो लोग काफी होते हैं। उसी खेत पर कई लोग काम करते रहते हैं। इसलिए, यहां तक कि अगर हम कुछ लोगों को (कृषि व्यवसाय से) बाहर ले जाते हैं, तो उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। (ii) शहरी क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र में हजारों अनियत कर्मचारी हैं, जहाँ वे पूरे दिन काम करते हैं, परन्तु बहुत कम कमा पाते हैं, एक ही दुकान पर आपको कई भाई काम करते मिल जाएँगे। उनको अलग-अलग दुकान चलानी चाहिए, लेकिन सही अवसर के अभाव में उन्हें एक ही दुकान पर काम करने को बाध्य होना पड़ता है।....अगला सवाल पढ़े Tags : समाजशास्त्र प्रश्नोत्तरी Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams Latest QuestionsI’m a freelance professional with over 10 years' experience writing and editing, as well as graphic design for print and web. Dileep Vishwakarma6 months ago ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में बेरोजगारी के स्वरूप भारत के सन्दर्भ में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में बेरोजगारी की प्रकृति में अन्तर है । ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी एवं प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है जबकि नगरीय क्षेत्रों में अधिकांशत : शिक्षित बेरोजगारी पाई जाती है । विषयसूची
चक्रीय तथा संरचनात्मक बेरोजगारी क्या है?इसे सुनेंरोकेंसंरचनात्मक बेरोजगारी : सरचनात्मक बेरोजगारी वह बेरोजगारी है जो अर्थव्यवस्था मे होने वाले संरचनात्मक बदलाव के कारण उत्पन्न होती है। दृष्य अल्प रोजगार: इस स्थिति में, लोगो को सामान्य घन्टों से कम घन्टे काम मिलता है। भारत के नगरीय क्षेत्रों में अधिकांश कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?इसे सुनेंरोकेंकामकाजी पुरुष जनसंख्या का कम से कम ७५% अकृषि कार्यों में संलग्न। जनसंख्या घनत्व कम से कम ४०० व्यक्ति प्रति वर्ग किमी। ग्रामीण क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है? इसे सुनेंरोकें➤ ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाने वाली बेरोजगारी ‘प्रच्छन्न बेरोजगारी’ पायी जाती है। प्रच्छन्न बेरोजगारी वो बेरोजगारी होती है, इसमें एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है, लेकिन उसकी उस कार्य में अधिक आवश्यकता नही होती है। समग्र मांग की कमी से कौन सी बेरोजगारी पैदा होती है? इसे सुनेंरोकेंअनैच्छिक बेरोजगारी को आगे चक्रीय बेरोजगारी, मौसमी बेरोजगारी, संरचनात्मक बेरोजगारी, संघर्षात्मक बेरोजगारी तथा प्रच्छन्न बेरोजगारी में विभाजित किया जा सकता है। विश्व में बहुत से श्रमिकों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा। इस प्रकार की बेरोजगारी वर्ष में एक विशेष समय में अथवा मौसम में होती है और यह मौसमी बेरोजगारी कहलाती है। अदृश्य बेरोजगारी से क्या आशय है बताइए?इसे सुनेंरोकेंअदृश्य बेरोजगारी(Disguised Unemployment) अदृश्य बेरोजगारी में किसी कार्य को करने के लिए जितने श्रमिकों की आवश्यकता होती है, उससे अधिक श्रमिक कार्य में लगे हुए होते हैं। यदि काम में लगे हुए अतिरिक्त श्रमिकों को उत्पादन क्रिया से अलग कर दिया जाये तो कुल उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। चक्रीय बेरोजगारी क्या है?इसे सुनेंरोकेंचक्रीय बेरोजगारी : ऐसी बेरोजगारी तब उत्पन्न होती है जब अर्थव्यवस्था में चक्रीय ऊंच नीच आती है। तेजी, आर्थिक सुस्ती, आर्थिक मंदी तथा पुनरुत्थान चार अवस्थाएं या चक्र है जो एक पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं हैं। जब अर्थव्यवस्था मैं कुल ज़रुरत के घटने की प्रवृत्ति पाई जाती है। भारत में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है? इसे सुनेंरोकें1. मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment): इस प्रकार की बेरोजगारी कृषि क्षेत्र में पाई जाती है. कृषि में लगे लोगों को कृषि की जुताई, बोवाई, कटाई आदि कार्यों के समय तो रोजगार मिलता है लेकिन जैसे ही कृषि कार्य ख़त्म हो जाता है तो कृषि में लगे लोग बेरोजगार हो जाते हैं. बेरोजगारी का मुख्य कारण क्या है? इसे सुनेंरोकेंबेरोजगारी का मुख्य कारण वृद्धि की धीमी गति है । रोजगार का आकार, प्रायः बहुत सीमा तक, विकास के स्तर पर निर्भर करता है । आयोजन काल के दौरान हमारे देश ने सभी क्षेत्रों में बहुत उन्नति की है । परन्तु वृद्धि की दर, लक्षित दर की तुलना में बहुत नीची है । बिहार के ग्रामीण छेत्र में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?इसे सुनेंरोकेंBerojgari Kya Hai Gramin Nagarik Berozgar Kis. बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में कैसे बेरोजगार पाई जाती है?इसे सुनेंरोकें(iv) कृषि पर जनसंख्या का अत्यधिक बोझ-बिहार में कृषि पर अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा जनसंख्या का अत्यधिक बोझ है। इस कारण भी ग्रामीण बेरोजगारी बढ़ती है। प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए? इसे सुनेंरोकेंउत्तर : प्रच्छन्न बेरोजगारी से अभिप्राय उस स्थिति से है जिसमें लोग प्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे होते हैं, लेकिन सभी अपनी क्षमता से काम काम करते हैं। वास्तव में एक अल्प बेरोज़गार की स्थिति है। उदाहरण के लिए शहरी क्षेत्रों में सेवा क्षेत्रक में हज़ारों अनियमित श्रमिक है जो दैनिक रोज़गार की तलाश करते हैं। इसे सुनेंरोकेंसंरचनात्मक बेरोजगारी (Structural Unemployment): संरचनात्मक बेरोजगारी तब प्रकट होती है जब बाजार में दीर्घकालिक स्थितियों में बदलाव आता है. उदाहरण के लिए: भारत में स्कूटर का उत्पादन बंद हो गया है और कार का उत्पादन बढ़ रहा है. चक्रीय बेरोजगारी क्या होती है? इसे सुनेंरोकेंऐसी बेरोजगारी जो मांग के चक्र के कारण उत्पन्न होती है को चक्रीय बेरोजगारी कहा जाता है। जैसे यदि किसी क्षेत्र विशेष में अचानक से किसी वस्तु की मांग घट जाती है तो ऐसी स्थिति में उस वस्तु की सप्लाई को भी कम करना पड़ता है और साथ ही उस वस्तु का उत्पादन भी घटाया जाता है। संरचनात्मक बेरोजगारी का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंजब किसी राष्ट्र में भौतिक, वित्तीय और मानवीय संरचना कमजोर होने के कारण रोजगारों का अभाव होता है तब उस बेरोजगारी को संरचनात्मक बेरोजगारी कहते है। चक्रीय बेरोजगारी क्या होता है?बेरोजगारी के कितने प्रकार है? भारत में बेरोजगारी के प्रकार | Types of unemployment in India in Hindi
घर्षणात्मक बेरोजगारी क्या है? इसे सुनेंरोकेंघर्षणात्मक बेरोजगारी क्या है – Gharshanatmk Berojgari Kya Hai. जब कोई व्यक्ति एक रोजगार को छोङकर अपनी इच्छा से दूसरे रोजगार की ओर जाता है तो इस समय तक वह व्यक्ति बेरोजगार होता है यानी वह व्यक्ति कुछ दिनों, कुछ सप्ताहों, कुछ महीनों तक बेरोजगार रहेगा तो इस तरह की बेरोजगारी घर्षणात्मक बेरोजगारी कहलाती है। मौसमी बेरोजगारी क्या है?इसे सुनेंरोकेंमौसमी बेरोजगारी वह स्थिति है जिसमें साल के कुछ विशिष्ट महीनों में बेरोजगारी का स्तर बढ़ने की उम्मीद होती है। उदाहरण के लिए, वॉटर पार्क या मनोरंजन पार्क में सर्दियों के मौसम में उच्च बेरोजगारी की स्थिति हो सकती है क्योंकि सर्दियों में लोग इन स्थानों पर कम ही जाते हैं। रोजगार का अर्थ क्या है?इसे सुनेंरोकेंकोई व्यक्ति जीवन के विभिन्न कालावधियों में जिस क्षेत्र में काम करता है या जो काम करता है, उसी को उसकी आजीविका या ‘वृत्ति’ या रोजगार या करिअर (Career) कहते हैं। आजीविका प्रायः ऐसे कार्यों को कहते हैं जिससे जीविकोपार्जन होता है। कौन सी बेरोजगारी ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है?ग्रामीण भारत में मौसमी और प्रच्छन्न दोनों बेरोजगारी प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं। यह उस रोजगार को संदर्भित करता है जो केवल व्यस्ततम अवधि में होता है। कृषि आधारित उद्योग और पर्यटन उद्योग बेरोजगारी के इस रूप के उदाहरण हैं।
बिहार में पाई जाने वाली बेरोजगारी है क्या?उन्होंने कहा कि दूसरे सर्वेक्षण से यह साफ हुआ कि भारत की बेरोजगारी दर 3.8 प्रतिशत है, वहीं बिहार की बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी है।
भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में कौन सी बेरोजगारी सबसे अधिक पाई जाती है?सही उत्तर प्रच्छन्न बेरोजगारी है। प्रच्छन्न बेरोजगारी भारत के कृषि क्षेत्र में पाई जाती है।
बिहार में ग्रामीण बेरोजगारी कितना प्रतिशत है?शहरों की बोरोजगारी दर (24.6 प्रतिशत) गांवों (10.9 प्रतिशत) की तुलना में लगभग आधी है। यह जानकारी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा इस महीने जारी आंकड़े से मिली। सीएमआईई के अनुसार बिहार में पिछले दस माह के बाद बेरोजगारी दर घटी है। जुलाई में बेरोजगारी दर 18.8 प्रतिशत थी, जो अगस्त में 12.8 प्रतिशत हो गई।
|